करेंट अफेयर्स मार्च 2021 |Current affairs in Hindi March 2021

 

करेंट अफेयर्स  मार्च  2021 |Current affairs in Hindi March 2021

बीर चिलाराय

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 27 फरवरी, 2021 को 16वीं सदी के महान जनरल बीर चिलाराय को उनकी जयंती पर याद करते हुए कहा कि वे एक उत्कृष्ट योद्धा थे, जिन्होंने आम लोगों तथा अपने सिद्धांतों के लिये संघर्ष किया। 1515 ई. में महाराजा विश्व सिंह ने कोच राजवंश की स्थापना कर असम के इतिहास में एक स्वर्ण युग की शुरुआत की। पूर्णिमा के दिन जन्मे शुक्लाध्वज महाराजा विश्व सिंह के तीसरे पुत्र थे। अपने भाइयों के साथ ही उन्होंने भी युद्ध कला और सैन्य रणनीति के विशिष्ट गुण सीखे। शुक्लाध्वज को चिलाराय की उपाधि प्राप्त हुई, क्योंकि उनके सैन्य हमलों को उनकी चीला (पतंग) जैसी गति के लिये जाना जाता था। उनके साहस और सैन्य कौशल ने उनके बड़े भाई, महाराजा नारा नारायण के साम्राज्य का विस्तार करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। महाराजा नारा नारायण की सेना का प्रधान सेनापति होने के नाते चिलाराय ने कोच राजवंश के विस्तार में अभूतपूर्व कार्य किया और युद्ध के मैदान में उनका सैन्य कौशल असम में जन-जन के बीच प्रसिद्ध हो गया। पश्चिमी भारत में एक अभियान के दौरान चेचक की बीमारी के कारण गंगा नदी के तट पर 1577 ई. में बीर चिलाराय की मृत्यु हो गई। वर्ष 2005 से असम सरकार द्वारा बीर चिलाराय की जयंती को सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जा रहा है। असम सरकार प्रत्येक वर्ष बहादुरी के लिये बीर चिलाराय पुरस्कार को राज्य के सर्वोच्च सम्मान के रूप में प्रदान करती है।


प्रोटीन दिवस

  • प्रत्येक वर्ष 27 फरवरी को आयोजित किये जाने वाले प्रोटीन दिवस का उद्देश्य भारत में आम नागरिकों के बीच प्रोटीन जागरूकता और पर्याप्तता में बढ़ोतरी करना है। इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2020 में राइट टू प्रोटीननामक सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियान द्वारा की गई थी। इस वर्ष की थीम है- पावरिंग विद प्लांट प्रोटीन।इस वर्ष की थीम का उद्देश्य पौधे-आधारित प्रोटीन के स्रोतों को रेखांकित करता है और भारतीय नागरिकों को प्रोटीन के विभिन्न स्रोतों के बारे में अधिक जानने और समझने के लिये प्रोत्साहित करना है। प्रोटीन एक महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्व है  जो शरीर को कोशिकाओं को विकसित करने और उनकी रिकवरी के लिये आवश्यक है। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) की सिफारिश के मुताबिक, एक वयस्क को प्रतिदिन शरीर के वज़न के हिसाब से प्रति किलो लगभग एक ग्राम प्रोटीन का उपभोग करना चाहिये। राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (NSS) के हालिया आँकड़ों की मानें तो भारत में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के बीच प्रति व्यक्ति प्रोटीन की खपत कम है।


शून्य भेदभाव दिवस

  • कानून के समक्ष और आम लोगों के व्यवहार में समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रतिवर्ष विश्व स्तर पर 01 मार्च को शून्य भेदभाव दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिवस आय, आयु, लिंग, स्वास्थ्य स्थिति, रंग, नस्ल, व्यवसाय, यौन अभिविन्यास, धर्म और जातीयता आदि आधारों पर किसी भी प्रकार के भेदभाव को जल्द-से-जल्द खत्म करने के लिये तत्काल कार्यवाही की आवश्यकता पर ज़ोर देता है। इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2013 में विश्व एड्स दिवस के अवसर पर संयुक्त राष्ट्र एड्स कार्यक्रम (UNAIDS) द्वारा की गई थी और इसे पहली बार 01 मार्च, 2014 को मनाया गया था। UNAIDS के अनुसार, कोरोना वायरस महामारी के साथ विश्व की कुल आबादी के 70 प्रतिशत से अधिक हिस्से को किसी-न-किसी रूप में असमानता और भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। शून्य भेदभाव दिवस का लक्ष्य बेहतर  राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक नीतियों के माध्यम से लोगों के अधिकारों की रक्षा कर उनके सम्मान को बनाए रखना है।


लिगिया नोरोन्हा

  • संयुक्त राष्ट्र (UN) प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने प्रमुख भारतीय अर्थशास्त्री लिगिया नोरोन्हा को सहायक महासचिव और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के न्यूयॉर्क स्थित कार्यालय के प्रमुख के रूप में नियुक्त किया है। लिगिया नोरोन्हा, भारतीय अर्थशास्त्री और पूर्व सहायक महासचिव सत्या त्रिपाठी का स्थान लेंगी। लिगिया नोरोन्हा भारतीय अर्थशास्त्री हैं, जिन्हें सतत् विकास के क्षेत्र में कुल 30 वर्षों का अंतर्राष्ट्रीय अनुभव है। इससे पूर्व लिगिया नोरोन्हा संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के अर्थव्यवस्था प्रभाग की निदेशक के तौर पर कार्य कर रही थीं। UNEP में शामिल होने से पूर्व लिगिया नोरोन्हा ने नई दिल्ली में द एनर्जी एंड रिसोर्सेज़ इंस्टीट्यूट’ (TERI) में कार्यकारी निदेशक (अनुसंधान समन्वय) और संसाधन, विनियमन तथा वैश्विक सुरक्षा प्रभाग के निदेशक के रूप में भी कार्य किया है। वर्ष 1972 में स्थापित संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP), एक प्रमुख वैश्विक पर्यावरण प्राधिकरण है, जिसका प्राथमिक कार्य वैश्विक पर्यावरण एजेंडा निर्धारित करना, संयुक्त राष्ट्र प्रणाली के भीतर सतत् विकास को बढ़ावा देना और वैश्विक पर्यावरण संरक्षण हेतु एक आधिकारिक अधिवक्ता के रूप में कार्य करना है।


डॉ. सूर्यबाला

  • मुंबई की वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. सूर्यबाला को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थानके प्रतिष्ठित भारत-भारती पुरस्कार (2019) से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। भारत-भारती पुरस्कार के तहत डॉ. सूर्यबाला को 5 लाख रुपए की नकद राशि और एक प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया जाएगा। भारत-भारती पुरस्कार साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये प्रदान किये जाने वाले सबसे प्रतिष्ठित सम्मानों में से एक है। इसके अतिरिक्त उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान द्वारा कई अन्य श्रेणियों में भी वार्षिक साहित्यिक पुरस्कारों के लिये चयनित नामों की घोषणा की गई है। लखनऊ के दयानंद पांडे को लोहिया साहित्य सम्मानसे सम्मानित किया जाएगा, जबकि दिल्ली के तरुण विजय को हिंदी गौरव सम्मानऔर भोपाल के रामेश्वर प्रसाद मिश्र को महात्मा गांधी साहित्य सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।


जन-औषधि दिवस समारोह, 2021

  • 01 मार्च, 2021 से तीसरे जन-औषधि दिवस, 2021 समारोह की शुरुआत हो गई। सप्ताह भर का यह समारोह 1 मार्च से 7 मार्च, 2021 तक चलेगा। इस दौरान देश भर में जन-औषधि केंद्रों पर स्वास्थ्य जाँच शिविरों का आयोजन किया जाएगा। स्वास्थ्य शिविरों में आम लोगों को जन-औषधि केंद्रों पर बिकने वाली दवाओं की कीमत से जुड़े फायदों और उनकी गुणवत्ता के बारे में जानकारी व शिक्षित किया जाएगा। इस वर्ष तीसरे जन-औषधि दिवस का आयोजन 7 मार्च, 2021 को सेवा भी-रोज़गार भीथीम के साथ किया जाएगा। प्रधानमंत्री द्वारा वर्ष 2019 में घोषणा की गई थी कि प्रत्येक वर्ष 7 मार्च को देश भर में जन-औषधि दिवसके रूप में मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि परियोजनाभारत सरकार के तहत औषध विभाग की एक विशेष पहल है, जिसमें जनता को किफायती कीमत पर गुणवत्तापूर्ण दवाएँ उपलब्ध कराकर लाभान्वित किया जाता है। यह योजना स्थायी और नियमित आय के साथ स्वरोज़गार का एक बेहतर स्रोत भी उपलब्ध करा रही है। वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान प्रधानमंत्री भारतीय जन-औषधि परियोजनाके माध्यम से 433.61 करोड़ रुपए की दवाओं की बिक्री हुई थी। इससे देश के सामान्य नागरिकों को लगभग 2,500 करोड़ रुपए की बचत हुई थी, क्योंकि ये दवाएँ औसत बाज़ार मूल्य की तुलना में 50 से 90 प्रतिशत तक सस्ती होती हैं।


सुगम्य भारत एप

  • सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने हाल ही में वीडियो काॅफ्रेंसिंग के माध्यथम से सुगम्य भारतएप और एक पुस्तिका एक्सेगस- द फोटो डाइजेस्टमका अनावरण किया है। सुगम्य भारत एप का उद्देश्य दिव्यांगों के प्रति लोगों को अधिक संवेदनशील बनाना और उनके लिये सुविधाओं को बढ़ाना है। सुगम्य भारतएप 10 क्षेत्रीय भाषाओं- हिंदी, अंग्रेज़ी, मराठी, तमिल, ओडिया, कन्नड़, तेलुगू, गुजराती, पंजाबी और मलयालम में उपलब्ध है। वहीं एक्से स- द फोटो डाइजेस्टनामक पुस्तिका में चित्रों के माध्यम से विभिन्न हितग्राहियों को दिव्यांगों की 10 बुनियादी आवश्यकताओं के बारे में समझाने के साथ-साथ जागरूक करने का प्रयास किया गया है। इस पुस्तिका का इलेक्ट्रॉनिक संस्करण सुगम्य भारतएप पर उपलब्ध होगा। इस एप और पुस्तिका को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के तहत दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग (DEPwD) द्वारा विकसित किया गया है।


सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन गेमिंग

  • सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बॉम्बे (IIT-B) के सहयोग से गेमिंग तथा अन्य संबंधित क्षेत्रों में सेंटर फॉर एक्सीलेंसकी स्थापना करने का निर्णय लिया है। इसके अलावा भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-बॉम्बे द्वारा VFX, गेमिंग और एनिमेशन के क्षेत्र में एक पाठ्यक्रम की भी शुरुआत की जाएगी। सेंटर फॉर एक्सीलेंस इन गेमिंगके तहत नए ऑनलाइन खेलों के विकास को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाएगा, ताकि भारतीय सांस्कृतिक लोकाचार को बढ़ावा दिया जा सके। यह सेंटर भारत में होने वाले गेम डेवलपमेंटको भी बढ़ावा देगा। इस पहल के कारण भारत के गेमिंग उद्योग के विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। इस सेंटर के माध्यम से भारत की समृद्ध संस्कृति और पारंपरिक मूल्यों को आधुनिक तकनीक के माध्यम से प्रस्तुत करने का प्रयास किया जाएगा तथा अधिक-से-अधिक लोगों तक पहुँचाया जाएगा।


संसद टीवी

  • राज्यजसभा टीवीऔर लोकसभा टीवीका विलय करके संसद टीवीका गठन करने संबंधी प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी गई है। भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) के सेवानिवृत्त अधिकारी रवि कपूर को आगामी एक वर्ष की अवधि के लिये संसद टीवीका मुख्यग कार्यकारी अधिकारी नियुक्तल किया गया है। संसद टीवी लोकसभा और राज्यधसभा की कार्यवाही का प्रत्यक्ष प्रसारण दो अलग-अलग चैनलों के माध्यम से करेगा। दोनों चैनलों के एकीकरण को लेकर प्रसार भारती के पूर्व अध्यक्ष ए. सूर्य प्रकाश की अध्यक्षता में गठित समिति की रिपोर्ट के आधार पर राज्यंसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्याक्ष ओम बिडला ने संयुक्तर रूप से यह निर्णय लिया। इस समिति का गठन दर्शकों को संसद के काम-काज के बारे में और अधिक जानकारी देने के लिये नीति बनाने हेतु सिफारिश करने के लिये किया गया था। समिति ने सुझाव दिया है कि नए चैनल पर दोनों सदनों की कार्यवाही के अलावा सदन की विभिन्न अन्य गतिविधियों से संबंधित जानकारी भी प्रसारित की जाएगी, जिसमें संसदीय समितियों के कामकाज और संसद सदस्यों द्वारा की जाने वाली विकास गतिविधियाँ आदि शामिल हैं। लोकसभा टीवीकी शुरुआत 24 जुलाई, 2006 को पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी के प्रयासों के बाद हुई थी। एक टीवी चैनल के रूप में लोकसभा टीवीकी शुरुआत से पूर्व कुछ विशिष्ट संसदीय गतिविधियों का ही टीवी पर प्रसारण किया जाता था, जैसे- संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति का संबोधन आदि। वहीं राज्यसभा टीवीकी शुरुआत वर्ष 2011 में हुई थी। राज्यसभा में कार्यवाही के प्रत्यक्ष प्रसारण के अलावा राज्यसभा टीवीसंसदीय मामलों का विश्लेषण भी प्रस्तुत करता है और ज्ञान-आधारित विशिष्ट कार्यक्रमों के लिये एक मंच प्रदान करता है। यही कारण है कि आम लोगों के बीच राज्यसभा टीवीअधिक प्रचलित माना जाता है।


विश्व वन्यजीव दिवस

  • 3 मार्च, 2020 को दुनिया भर में विश्व वन्यजीव दिवस मनाया जा रहा है। यह दिवस वन्यलजीवों के संरक्षण के महत्त्व के बारे में जागरूकता के प्रसार हेतु प्रत्येक वर्ष 3 मार्च को मनाया जाता है। 20 दिसंबर, 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 3 मार्च को विश्व वन्य जीव दिवस के रूप में मानने का निर्णय लिया था। संयुक्त राष्ट्र ने अपने रेज़ोल्यूशन में घोषणा की थी कि विश्व वन्यजीव दिवस आम लोगों को विश्व के बदलते स्वरूप तथा मानव गतिविधियों के कारण वनस्पतियों एवं जीवों पर उत्पन्न हो रहे खतरों के बारे में जागरूक करने के प्रति समर्पित होगा। ज्ञात हो कि 3 मार्च, 1973 को ही वन्यजीवों और वनस्पतियों की लुप्तप्राय प्रजातियों के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार पर कन्वेंशन (CITES) को अंगीकृत किया गया था। इस वर्ष विश्व वन्यजीव दिवस की थीम है- फारेस्ट एंड लाइवलीहुड: सस्टेनिंग पीपल एंड प्लानेट।यह दिवस इस तथ्य को रेखांकित करने का अवसर प्रदान करता है कि मानव जीवन के लिये वन एवं पारिस्थितिकी तंत्र कितने महत्त्वपूर्ण हैं। संयुक्त राष्ट्र की मानें तो वैश्विक स्तर पर लगभग 200 से 350 मिलियन लोग या तो जंगलों के भीतर/आसपास रहते हैं या फिर जीवन एवं आजीविका के लिये वन संसाधनों पर प्रत्यक्ष तौर पर निर्भर हैं।


विश्व एनजीओ दिवस

  • प्रत्येक वर्ष 27 फरवरी को वैश्विक स्तर पर समाज के विकास में गैर-सरकारी संगठनों (NGOs) के योगदान को रेखंकित करने के लिये विश्व एनजीओ दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस का उद्देश्य सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्रों में लोगों को गैर-सरकारी संगठनों के साथ सक्रिय रूप से जुड़ने के लिये प्रेरित करना है। यह दिवस आम लोगों को NGO संस्थापकों, कर्मचारियों, स्वयंसेवकों, सदस्यों और समर्थकों को सम्मानित करने और उनके कार्य को समझने का अवसर प्रदान करता है। सर्वप्रथम विश्व एनजीओ दिवस संयुक्त राष्ट्र द्वारा वर्ष 2014 में आयोजित किया गया था। गैर-सरकारी संगठन (NGO) एक निजी संगठन होता है, जो आम लोगों की समस्याओं और चुनौतियों को दूर करने, निर्धनों के हितों का संवर्द्धन, पर्यावरण की रक्षा, बुनियादी सामाजिक सेवाएँ प्रदान करने अथवा सामुदायिक विकास आदि गतिविधियाँ संचालित करता है। ये किसी सार्वजनिक उद्देश्य को लक्षित करते हैं। ये संगठन सरकार का हिस्सा नहीं होते हैं, इन्हें कानूनी दर्जा प्राप्त होता है और ये किसी विशिष्ट अधिनियम के तहत पंजीकृत होते हैं।


प्रेस सूचना ब्यूरो

  • भारतीय सूचना सेवा (IIS) के वरिष्ठी अधिकारी जयदीप भटनागर ने हाल ही में प्रेस सूचना ब्यूरो-पीआईबी के प्रधान महानिदेशक का पदभार संभाल लिया है। जयदीप भटनागर वर्ष 1986 बैच के भारतीय सूचना सेवा के अधिकारी हैं। इससे पहले वे दूरदर्शन में वाणिज्यिक और विपणन प्रभाग के प्रमुख के रूप में कार्य कर चुके हैं। वर्ष 1919 में स्थापित प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) भारत सरकार की एक नोडल एजेंसी है, जो सरकारी नीतियों, कार्यक्रमों, पहलों और उपलब्धियों पर प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में सूचना प्रसारित करती है। यह सरकार और मीडिया के बीच एक इंटरफेस के रूप में कार्य करती है। PIB का मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। सूचना प्रसारित करने के अलावा प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) द्वारा विदेशी मीडिया समेत विभिन्न मीडिया प्रतिनिधियों को मान्यता प्रदान की जाती है। इससे मीडिया प्रतिनिधियों को सरकारी स्रोतों से सूचना प्राप्त करने में सुविधा होती है।


हिमालयन सीरो

  • हाल ही में असम में पहली बार हिमालयन सीरो’ (HImalayan Serow) को देखा गया है। हिमालयन सीरोको असम में 950 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैले मानस टाइगर रिज़र्व में देखा गया है, जो कि टाइगर रिज़र्व के स्वस्थ पर्यावरण एवं पारिस्थितिकी तंत्र का संकेत देता है। हिमालयन सीरो बकरी, गधा, गाय तथा सुअर के समान दिखता है। यह बड़े सिर, मोटी गर्दन, छोटे अंग, खच्चर जैसे कान, और काले बालों वाला एक मध्यम आकार का स्तनपायी है। हिमालयन सीरोया कैपरीकोर्निस सुमात्रेंसिसथार हिमालयी क्षेत्र तक ही सीमित है और इसे मेनलैंड सीरोया कैपरीकोर्निस सुमात्रेंसिसकी उप-प्रजाति माना जाता है। इससे पूर्व दिसंबर 2020 में हिमाचल प्रदेश के स्पीति के पास एक नदी के किनारे स्थानीय लोगों और वन्यजीव अधिकारियों ने हिमालयन सीरो को देखा था। असम और हिमाचल प्रदेश में सीरोको देखा जाना इस लिहाज से काफी महत्त्वपूर्ण है कि ये आमतौर पर समुद्र की सतह से 4,270 मीटर की ऊँचाई पर नहीं पाए जाते हैं। हिमालयन सीरो को IUCN की रेड लिस्ट में 'सुभेद्यके रूप में वर्गीकृत किया गया है। इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची I के तहत सूचीबद्ध किया गया है, जो कि इसे पूर्ण सुरक्षा प्रदान करती है।


राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस

  • राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की स्थापना को चिह्नित करने के लिये प्रतिवर्ष 4 मार्च को राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया जाता है। इस दिवस का प्राथमिक उद्देश्य दुर्घटनाओं और किसी अन्य आपात परिस्थिति को रोकने के लिये आवश्यक सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के स्थापना दिवस पर पहली बार वर्ष 1972 में राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस मनाया गया था। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद, राष्ट्रीय स्तर पर एक गैर-लाभकारी, स्व-वित्तपोषित, त्रिपक्षीय निकाय है। इसे श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय द्वारा 4 मार्च, 1965 को सुरक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण पर एक स्वैच्छिक आंदोलन शुरू करने के लिये स्थापित किया गया था। यह एक स्वायत्त निकाय है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद का उद्देश्य समाज की रक्षा एवं सुरक्षा सुनिश्चित करना और लोगों में एक निवारक संस्कृति तथा वैज्ञानिक मानसिकता को बढ़ावा देना है। राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद आम जनता के बीच सुरक्षा से संबंधित संदेश प्रसारित करने वर्ष सड़क दुर्घटनाओं के कारण देश में 1.50 लाख से अधिक लोगों की मृत्यु होती है और इससे भी अधिक संख्या में लोग शारीरिक रूप से अक्षम हो जाते हैं, जिसके कारण पीड़ित परिवारों के साथ-साथ संपूर्ण देश को भारी क्षति का सामना करना पड़ता है।


विश्व श्रवण दिवस

  • विश्व भर में प्रत्येक वर्ष 03 मार्च को विश्व श्रवण दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस का प्राथमिक लक्ष्य इस संदेश को प्रसारित करना है कि समय पर और प्रभावी देखभाल लोगों को श्रवण बाधिता से मुकाबला करने में मदद कर सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा आयोजित किया  जाने वाला यह दिवस श्रवण तंत्रिकाओं की सुरक्षा और निवारक उपायों को अपनाने के लिये की जाने वाली कार्रवाई के बारे में जागरूकता फैलाने का अवसर प्रदान करता है। विश्व स्तर पर तकरीबन 1.5 बिलियन लोग पूर्ण अथवा आंशिक रूप से श्रवण बाधिता का सामना कर रहे हैं और इसमें से लगभग 430 मिलियन लोगों को जल्द-से-जल्द पुनर्वास सहायता की आवश्यकता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्ष 2050 तक विश्व भर में लगभग 2.5 मिलियन लोग या 4 में से 1 व्यक्ति पूर्ण अथवा आंशिक रूप से श्रवण बाधिता से प्रभावित होगा।


उदयपुर विज्ञान केंद्र

  • त्रिपुरा के राज्यपाल रमेश बैस ने हाल ही में उदयपुर विज्ञान केंद्र (त्रिपुरा) का उद्घाटन किया है। उदयपुर विज्ञान केंद्र 22वाँ विज्ञान केंद्र है, जिसे राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (NCSM) द्वारा विकसित करके राज्य सरकार को सौंपा गया है। संस्कृति मंत्रालय की विज्ञान की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये योजना के तहत राज्य सरकारों को विज्ञान केंद्र सौंपे जा रहे हैं। 6 करोड़ रुपए की लागत से विकसित इस केंद्र को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के साथ-साथ त्रिपुरा के विज्ञान, प्रौद्योगिकी और पर्यावरण विभाग द्वारा संयुक्त रूप से वित्तपोषित किया है। यह विज्ञान केंद्र छात्रों को विज्ञान के बारे में कई अज्ञात तथ्यों को जानने में सक्षम करेगा। राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (NCSM) द्वारा देश के सभी उत्तर-पूर्वी राज्यों में विज्ञान केंद्र स्थापित किये गए हैं। राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद, भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत एक स्वायत्त संस्था है, जिसकी स्थापना 4 अप्रैल, 1978 को की गई थी।


अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्ष: 2023

  • संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से भारत द्वारा प्रायोजित और 70 से अधिक देशों द्वारा समर्थित प्रस्ताव को सर्वसम्मति से अपना लिया है, जिसमें 2023 को अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्षके रूप में घोषित करने की बात कही गई है। इस प्रस्ताव का प्राथमिक उद्देश्य बदलती जलवायु परिस्थितियों में बाजरे के स्वास्थ्य लाभ एवं खेती के लिये उसकी उपयुक्तता के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। ज्ञात हो कि बाजरे की खेती ऐतिहासिक रूप से व्यापक स्तर पर कई देशों में की जाती रही है, किंतु बीते कुछ समय से कई देशों में इसके उत्पादन में कमी आ रही है। इस लिहाज से उत्पादन क्षमता, अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में उच्च निवेश किये जाने की आवश्यकता है ताकि बाजरे के पोषण एवं पारिस्थितिक लाभ से उपभोक्ताओं, उत्पादकों और निर्णय निर्माताओं को लाभान्वित किया जा सके। इस प्रस्ताव के परिणामस्वरूप बाजरे की खेती के लिये अनुसंधान एवं विकास में भी बढ़ोतरी हो सकेगी। अंतर्राष्ट्रीय बाजरा वर्षका आयोजन करने से बाजरे के उत्पादन को लेकर और अधिक जागरूकता बढ़ाई जा सकेगी। यह खाद्य सुरक्षा, पोषण, आजीविका सुनिश्चित करने और किसानों की आय में बढ़ोतरी करने, गरीबी उन्मूलन और सतत् विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में भी योगदान देगा, विशेषकर उन क्षेत्रों में जो जलवायु परिवर्तन से काफी प्रभावित हैं।


मैरी कॉम

  • छह बार विश्व चैंपियन रहीं मैरी कॉम को अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज़ी संघ (AIBA) की चैंपियन एंड वेटरन्स कमेटीके अध्यक्ष के रूप में चुना गया है, इस समिति की स्थापना पिछले वर्ष अंतर्राष्ट्रीय मुक्केबाज़ी संघ द्वारा अपने सुधार कार्यक्रमों के हिस्से के रूप में की गई थी। बीते वर्ष दिसंबर माह में गठित इस समिति में विश्व भर के सबसे सम्मानित बॉक्सिंग दिग्गज और चैंपियन शामिल हैं। 1 मार्च, 1983 को जन्मी मैरी कॉम विश्व प्रसिद्ध भारतीय मुक्केबाज़ हैं, जो कि मूल रूप से मणिपुर से संबंधित हैं। मैरी कॉम ने अपने अंतर्राष्ट्रीय कॅरियर की शुरुआत संयुक्त राज्य अमेरिका में पहली AIBA महिला विश्व मुक्केबाज़ी चैंपियनशिप के साथ की थी, जहाँ उन्होंने 48 किलोग्राम भार वर्ग में रजत पदक जीता था। मैरी कॉम की प्रतिभा के कारण वर्ष 2003 में उन्हें अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा उन्हें वर्ष 2006 में पद्मश्री और वर्ष 2009 में राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। बॉक्सिंग में उनके बेहतरीन कॅरियर को देखते हुए मणिपुर सरकार ने वर्ष 2018 में उन्हें मीथोईलीमाकी उपाधि से भी सम्मानित किया था। मैरी कॉम को अप्रैल 2016 में राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा का सदस्य भी मनोनीत किया गया था।


नाग नदी

  • हाल ही में केंद्र सरकार ने नाग नदी में सीवेज और औद्योगिक कचरे के कारण होने वाले प्रदूषण से निपटने के लिये नाग नदी प्रदूषण न्यूनीकरणपरियोजना को मंज़ूरी दी है। केंद्र सरकार द्वारा नाग नदी प्रदूषण न्यूनीकरणपरियोजना के लिये तकरीबन 2,117.54 करोड़ रुपए की मंज़ूरी दी गई है। इस परियोजना को राष्ट्रीय नदी संरक्षण योजना के तहत मंज़ूरी दी गई है और इसे राष्ट्रीय नदी संरक्षण निदेशालय द्वारा कार्यान्वित किया जाएगा। इस परियोजना के कार्यान्वयन से अनुपचारित सीवेज, ठोस अपशिष्ट और नाग नदी एवं उसकी सहायक नदियों में बहने वाले अन्य प्रदूषक तत्त्वों की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी और इनके स्तर में कमी लाते हुए नदी के स्वास्थ्य एवं पारिस्थितिक तंत्र में सुधार होगा। ध्यातव्य है कि यह नदी महाराष्ट्र में नागपुर शहर से होकर गुज़रती है और महाराष्ट्र के तीसरे सबसे बड़े शहर नागपुर को यह नाम इसी नदी से प्राप्त हुआ है। नाग नदीमूल तौर पर पश्चिमी नागपुर में अंबाझरी झील से निकलती है। नाग नदी सीवेज और औद्योगिक कचरे के कारण काफी अधिक प्रदूषित है तथा बीते वर्ष बॉम्बे उच्च न्यायालय ने भी नदी के प्रदूषण की ओर सरकार का ध्यान आकर्षित किया था।


प्लैटिपस के लिये विश्व का पहला अभयारण्य

  • ऑस्ट्रेलियाई संरक्षणवादियों ने हाल ही में प्लैटिपस के लिये विश्व का पहला अभयारण्य स्थापित करने की योजना बनाई है, ताकि प्लैटिपस के प्रजनन एवं पुनर्वास को बढ़ावा दिया जा सके, क्योंकि जलवायु परिवर्तन के कारण यह लगभग विलुप्त होने की कगार पर है। योजना के मुताबिक, वर्ष 2022 तक सिडनी से 391 किमी. (243 मील) की दूरी पर यह केंद्र स्थापित किया जाएगा, जहाँ कुल 65 प्लैटिपस मौजूद होंगे। यह केंद्र संरक्षणवादियों और वैज्ञानिकों को प्लैटिपस के बारे में और अधिक जानने में मदद करेगा। प्लैटिपस एक ज़हरीला स्तनधारी जीव है, जिसमें इलेक्ट्रोलोकेशन की शक्ति होती है, अर्थात् ये किसी जीव का शिकार उसके पेशी संकुचन द्वारा उत्पन्न विद्युत तरंगों का पता लगाकर करते हैं। ऑस्ट्रेलिया के अन्य प्रसिद्ध जानवरों जैसे- कंगारू आदि के विपरीत प्लैटिपस अपनी एकांत प्रकृति और अत्यधिक विशिष्ट निवास संबंधी आवश्यकताओं के कारण प्रायः कम ही दिखाई देते हैं। इसे IUCN की रेड लिस्ट में निकट संकटग्रस्तश्रेणी में रखा गया है।

 

सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट

  • रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने हाल ही में एकीकृत परीक्षण रेंज चांदीपुर से सॉलिड फ्यूल डक्टेड रैमजेट’ (SFDR) प्रौद्योगिकी पर आधारित फ्लाइट टेस्ट को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। परीक्षण के दौरान बूस्टर मोटर और नोजल रहित मोटर समेत सभी उप प्रणालियों ने अपेक्षा के अनुसार प्रदर्शन किया। ठोस ईंधन आधारित डक्टेड रैमजेट तकनीक के सफल प्रदर्शन ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संस्थान (DRDO) को तकनीकी लाभ प्रदान किया है, जिससे वह लंबी दूरी की हवा-से-हवा में मार करने वाली मिसाइलें विकसित कर पाएगा। वर्तमान में ऐसी तकनीक विश्व के कुछ चुनिंदा देशों के पास ही उपलब्ध है। पिछले महीने DRDO ने स्वदेशी रूप से डिज़ाइन और विकसित वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (VL-SRMAM) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया था। वर्टिकल लॉन्च शॉर्ट रेंज सरफेस टू एयर मिसाइल निकट सीमाओं पर विभिन्न हवाई खतरों से निपटने में सक्षम है। रैमजेट एयर-ब्रीदिंग जेट इंजन का एक रूप है जो घूर्णन कंप्रेसर के बिना आने वाली वायु को संपीडित करने के लिये वाहन की अग्रिम गति का उपयोग करता है। रैमजेट सुपरसोनिक गति पर अधिक कुशलता से कार्य करते हैं किंतु वे हाइपरसोनिक गति में कुशल नहीं हैं।


'बाओ-धान' या 'रेड राइस

  • हाल ही में असम के लाल चावल या 'रेड राइसकी पहली खेप संयुक्त राज्य अमेरिका (USA) के लिये रवाना की गई। आयरन से समृद्ध 'लाल चावल' को असम की ब्रह्मपुत्र घाटी में बिना किसी रासायनिक खाद के प्रयोग के उगाया जाता है। असम में चावल की इस किस्म को 'बाओ-धान' कहा जाता है, जो कि असमिया भोजन का एक अभिन्न अंग है। 'बाओ-धान' या 'रेड राइसके निर्यात में बढ़ोतरी होने से असम के किसान परिवारों की आय में वृद्धि करने में मदद मिलेगी। 'रेड राइसमें एंथोसाइनिन (anthocyanin) नामक पदार्थ होता है, जिसके कारण यह लाल रंग का दिखता है। कई अध्ययनों में यह बात सामने आई है कि रेड राइसखराब कोलेस्ट्रॉल को कम करने और दिल को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है। ज्ञात हो कि बीते दिनों भारत सरकार ने कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण’ (APEDA) के तत्त्वावधान में चावल के निर्यात को बढ़ावा देने के लिये चावल निर्यात संवर्द्धन मंच (REPF) की स्थापना की थी। कृषि तथा प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (APEDA), वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन कार्य करता है और इसका प्राथमिक उद्देश्य निर्यात के लिये अनुसूचित उत्पादों से संबंधित उद्योगों के विकास को बढ़ावा देना है। 


गैरसैंण

  • हाल ही में उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने गैरसैंण (Gairsain) को राज्य का नया प्रशासनिक मंडल घोषित किया है। इसके साथ ही कुमाऊँ और गढ़वाल के बाद यह उत्तराखंड का तीसरा मंडल बन गया है। मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के मुताबिक, गैरसैंण मंडल में चार पहाड़ी ज़िले शामिल होंगे, जिनमें अल्मोड़ा और बागेश्वर (जो कि कुमाऊँ से हैं) तथा रुद्रप्रयाग एवं चमोली (जो कि गढ़वाल से हैं) शामिल हैं। इसी के साथ गैरसैंण मंडल के लिये एक कमिश्नर और एक पुलिस उप-महानिरीक्षक (DIG) की नियुक्ति की जाएगी। बीते वर्ष  4 मार्च को मुख्यमंत्री ने गैरसैंण को राज्य की नई ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाने की घोषणा की थी, ज्ञात हो कि राज्य सरकार के इस प्रस्ताव को राज्यपाल की भी सहमति मिल गई है। वर्तमान में गैरसैंण चमोली ज़िले की तहसील है, जो कि उत्तराखंड की शीतकालीन राजधानी देहरादून से लगभग 270 किलोमीटर दूर स्थित है। 9 नवंबर, 2000 को उत्तराखंड भारत का 27वाँ राज्य बना जिसे उत्तर प्रदेश से अलग करके बनाया गया था। वर्ष 2000 से 2006 तक इसे उत्तरांचल के नाम से जाना जाता था। इसकी सीमाएँ उत्तर में तिब्बत, पूर्व में नेपाल, पश्चिम में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में उत्तर प्रदेश से मिलती हैं।


श्ररब फ्रॉगकी पाँच नई प्रजातियाँ

  • हाल ही में भारत और अमेरिका के शोधकर्त्ताओं द्वारा श्ररब फ्रॉगकी पाँच नई प्रजातियों की खोज की गई है। मेढ़क की ये नई प्रजातियाँ ट्रीफ्रॉग परिवार राकोफोराइडे’ (Rhacophoridae) से संबंधित मानी जा रही हैं। शोधकर्त्ताओं द्वारा खोजी गई नई प्रजातियाँ विभिन्न मापदंडों के आधार पर अन्य प्रजातियों से अलग हैं, जिसमें उनकी आकृति, उनका DNA, कॉलिंग पैटर्न और व्यवहार आदि शामिल हैं। खोजी गई पाँच प्रजातियों हैं- रोरचेस्टेस द्रुताहू (इसे केरल के इडुक्की और पलक्कड ज़िले में खोजा गया), रोरचेस्टेस कक्कायमेंसिस (इसे कक्कायम बाँध के नज़दीक खोजा गया), रोरचेस्टेस कैरासबिनेई (इसे दक्षिणी-पश्चिमी घाट में अगस्त्यमलाई और अन्नामलाई की पहाड़ियों में खोजा गया है), रोरचेस्टेस संजप्पाई (इसे उत्तरी केरल के वायनाड क्षेत्र से खोजा गया है) और रोरचेस्टेस वेल्लिक्कन्नन (इसे साइलेंट वैली नेशनल पार्क के निकटवर्ती क्षेत्र में खोजा गया है)।


मैत्री सेतु

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 9 मार्च, 2021 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भारत और बांग्लादेश के बीच 'मैत्री सेतु' का उद्घाटन करेंगे। 'मैत्री सेतु' पुल फेनी नदी पर बनाया गया है। ये नदी त्रिपुरा और बांग्लादेश में भारतीय सीमा के बीच बहती है। 'मैत्री सेतु' भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ते द्विपक्षीय एवं मैत्रीपूर्ण संबंधों का प्रतीक है। इस पुल का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (NHIDCL) ने 133 करोड़ रुपए की लागत से किया गया है। 1.9 किलोमीटर लंबा पुल भारत के सबरूमको बांग्लादेश के रामगढ़से जोड़ता है। यह भारत और बांग्लादेश के बीच आम लोगों की आवाजाही और द्विपक्षीय व्यापार में एक नया अध्याय जोड़ेगा। इसके साथ ही त्रिपुरा 'गेटवे ऑफ नॉर्थ ईस्ट' बन जाएगा क्योंकि सबरूम से चटगाँव की दूरी मात्र 80 किलोमीटर है। इसके अलावा प्रधानमंत्री कई अन्य परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे, जिसमें सबरूममें एक एकीकृत चेक पोस्ट की स्थापना, राज्य सरकार द्वारा विकसित राज्य राजमार्गों और अन्य ज़िला सड़कों का उद्घाटन और प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 40978 घरों का उद्घाटन आदि शामिल हैं।


अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

  • संपूर्ण मानव जाति के विकास में महिलाओं की भूमिका को रेखांकित करने हेतु प्रत्येक वर्ष 08 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन किया जाता है। यह दिवस लोगों को यह जानने का अवसर प्रदान करता है कि मानव जाति के विकास में अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है और महिलाओं की समान भागीदारी के बिना यह प्राप्त नहीं किया जा सकता है। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 2021 की थीम है- वीमेन इन लीडरशिप: अचीविंग एन इक्वल फ्यूचर इन कोविड-19’। विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने के उद्देश्य से इस दिवस को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। दरअसल वर्ष 1908 के आसपास महिलाओं के बीच उनके उत्पीड़न और असमानता के विषय को लेकर गंभीर बहस शुरू हुई और बदलाव की मुहिम तब और मुखर होने लगी जब 15000 से अधिक महिलाओं ने काम की कम अवधि, बेहतर भुगतान और मतदान के अधिकार को लेकर न्यूयॉर्क शहर से मार्च किया। 28 फरवरी, 1909 को संयुक्त राज्य अमेरिका में पहला राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया। वर्ष 1910 में, कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं का अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया गया और इसी सम्मेलन के दौरान जर्मनी की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की महिला नेत्री  क्लारा ज़ेटकिन द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के आयोजन का सुझाव प्रस्तुत किया गया था। संयुक्त राष्ट्र द्वारा पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का आयोजन वर्ष 1975 में किया गया था।


स्पेस हरिकेन

  • हाल ही में शोधकर्त्ताओं ने अंतरिक्ष में पहली बार स्पेस हरिकेनकी खोज की है। इस स्पेस हरिकेनसे संबंधित सभी सूचना वर्ष 2014 में एकत्र किये गए डेटा के पूर्वव्यापी विश्लेषण से प्राप्त हुई है। इलेक्ट्रॉन की वर्षा वाले इस हरिकेन को पहली बार उत्तरी ध्रुव के ऊपरी वातावरण में रिकॉर्ड किया गया था। वैज्ञानिकों द्वारा खोजा गया यह स्पेस हरिकेनतकरीबन 8 घंटे तक वामावर्त दिशा में घूमता रहा। इस स्पेस हरिकेनका व्यास तकरीबन 1,000 किलोमीटर (621 मील) था। इस खोज से यह ज्ञात होता है कि स्पेस हरिकेनएक सामान्य ग्रहीय घटना हो सकती है। अन्य हरिकेन के विपरीत, ‘स्पेस हरिकेनमें इलेक्ट्रॉनों की वर्षा होती है, जिससे हरिकेन के निचले हिस्से में एक विशाल और चमकदार हरे रंग के ऑरोरा’ (Aurora) का निर्माण होता है। स्पेस हरिकेनका अध्ययन वैज्ञानिकों को महत्त्वपूर्ण अंतरिक्ष मौसम प्रभावों को समझने में मदद करेगा। ज्ञात हो कि अंतरिक्ष में, खगोलविदों ने मंगल, शनि और बृहस्पति ग्रह पर भी हरिकेनदर्ज किये हैं।


दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन

  • हाल ही में दिल्ली मंत्रिमंडल ने दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन’ (DBSE) के गठन को मंज़ूरी दे दी है। नए बोर्ड की घोषणा करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नई व्यवस्था दिल्ली की वर्तमान शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी। प्रारंभिक चरण में राष्ट्रीय के लगभग 20 विद्यालयों को आगामी शैक्षणिक सत्र 2021-2022 में नए बोर्ड से संबद्ध किया जाएगा। नए बोर्ड के संचालक मंडल का नेतृत्त्व दिल्ली के शिक्षामंत्री द्वारा किया जाएगा। दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन का मुख्य उद्देश्य दिल्ली के विद्यालयों में कुछ सर्वोत्तम शिक्षा पद्धतियों को लागू करना है। वर्तमान में दिल्ली में लगभग 1,700 निजी स्कूल और लगभग 1,000 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें से अधिकांश केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) से संबद्ध हैं। नए बोर्ड में शिक्षा के प्रति अधिक व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाया जाएगा और इसमें सीखने पर अधिक ज़ोर दिया जाएगा।


स्मार्टअप-उन्नति

  • महिला उद्यमियों को समर्थन एवं सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से HDFC बैंक ने हाल में 'स्मार्टअप-उन्नति' नाम से एक कार्यक्रम की शुरुआत की घोषणा की है। इसके तहत HDFC बैंक की डोमेन विशेषज्ञ एवं वरिष्ठ महिलाकर्मी आगामी एक वर्ष में महिला उद्यमियों को परामर्श संबंधी सेवाएँ प्रदान करेंगी, ताकि उन्हें अपने लक्ष्य को पूरा करने में सहायता प्रदान की जा सके। ज्ञात हो कि यह कार्यक्रम बैंक के केवल मौजूदा ग्राहकों के लिये उपलब्ध है। स्मार्टअप-उन्नतिकार्यक्रम के तहत प्रारंभ में 3000 महिला उद्यमियों को लक्षित किया जाएगा। स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में महिला उद्यमियों को प्रायः विशिष्ट चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। स्मार्टअप-उन्नतिकार्यक्रम बैंक की विशिष्ट महिला कर्मियों के अनुभव का लाभ प्राप्त करने हेतु एक आदर्श मंच है। यह कार्यक्रम महिलाओं को बेहतर परामर्श प्राप्त कर अपने दृष्टिकोण के विस्तार और कारोबार को बढ़ोतरी करने में सक्षम बनाएगा। इससे पूर्व HDFC बैंक ने अपने स्मार्टअपकार्यक्रम के तहत वर्ष 2018 में बैंकिंग स्टार्टअप हेतु एक ऑनलाइन मेंटरिंग प्लेटफॉर्म लॉन्च किया था। इस कार्यक्रम के तहत उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिये बैंक विभिन्न राज्य सरकारों, इनक्यूबेटरों और एक्सेलेरेटरों के साथ भागीदारी कर रहा है।


टेकभारत-2021

  • हाल ही में केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने टेकभारत-2021 के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। लघु उद्योग भारती और IMS फाउंडेशन ने हेल्थ टेक एवं एडुटेक क्षेत्रों के विभिन्न हितधारकों को आभासी मंच पर एक साथ लाने हुए इस कॉन्क्लेव के दूसरे संस्करण का आयोजन किया है। टेकभारत इन क्षेत्रों में साधन-संपन्न भागीदारी सुनिश्चित करने और विकास को बढ़ावा देने के उद्देश्य से नीति निर्माताओं, सरकार के प्रतिनिधियों, उद्योग जगत के सदस्यों, निवेशकों और स्टार्टअप समेत हज़ारों घरेलू तथा वैश्विक प्रतिभागियों के बीच बातचीत एवं विचार-विमर्श की सुविधा प्रदान करेगा। ज्ञात हो कि नागरिक स्वास्थ्य व देखभाल के लिये वर्ष 2021-22 के बजटीय आवंटन में 137 प्रतिशत की भारी वृद्धि की गई है, जो न केवल देश की स्वास्थ्य संबंधी अवसंरचना को मज़बूत करने में मदद करेगा, बल्कि यह निवारक स्वास्थ्य और समग्र कल्याण के क्षेत्रों पर भी ध्यान केंद्रित करने में सहायक होगा। इसके अलावा कोरोना वायरस महामारी की शुरुआत के बाद से देश भर में एडुटेक क्षेत्र में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली है और टेकभारत-2021 के माध्यम से एडुटेक क्षेत्र के विभिन्न हितधारकों को एक मंच पर लाकर इसके विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा सकेगा।


स्वाधीनता पुरस्का

  • बांग्लादेश सरकार ने विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले नौ प्रसिद्ध हस्तियों और एक संगठन को सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार स्वाधीनता पुरस्कार 2021’ प्रदान करने की घोषणा की है। चार नागरिकों के  नाम का चयन बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में उनके योगदान के लिये स्वतंत्रता सेनानियों की श्रेणी में पुरस्कार हेतु मरणोपरांत किया गया है। वहीं पाँच नागरिकों को विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, साहित्य, संस्कृति और सामाजिक सेवा आदि श्रेणियों में पुरस्कार के लिये सम्मानित किया गया है। संगठनों की श्रेणी में बांग्लादेश कृषि अनुसंधान परिषद को अनुसंधान और प्रशिक्षण के लिये नामित किया गया है। यह पुरस्कार बांग्लादेश की स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1977 से दिया जा रहा है। इस पुरस्कार के तहत एक स्वर्ण पदक और 5 लाख टका नकद दिया जाता है।


2030 डिजिटल कम्पास

  • हाल ही में यूरोपीय संघ ने ‘2030 डिजिटल कम्पासनाम से एक योजना का अनावरण किया है। इस योजना के तहत यूरोपीय संघ ने इस दशक के अंत तक अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर के वैश्विक उत्पादन के तकरीबन 20 प्रतिशत अथवा पाँचवें हिस्से का उत्पादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके अलावा योजना के तहत यूरोपीय संघ गैर-यूरोपीय प्रौद्योगिकियों पर अपनी निर्भरता में कटौती के प्रयासों द्वारा आगामी पाँच वर्षों में अपना पहला क्वांटम कंप्यूटर बनाएगा। इस योजना के माध्यम से सेमीकंडक्टर के महत्त्व को रेखांकित किया गया है, जिन्हें कनेक्टेड कारों, स्मार्टफोन, इंटरनेट से जुड़े उपकरणों, उच्च प्रदर्शन कंप्यूटरों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) में उपयोग किया जाता है और इनकी वैश्विक आपूर्ति में कमी के कारण विश्व भर में कार कारखाने बंद हो रहे हैं। इस योजना के तहत क्वांटम प्रौद्योगिकियों में निवेश की सिफारिश करते हुए स्पष्ट किया गया है कि यह प्रौद्योगिकी नई दवाओं को विकसित करने और जीनोम अनुक्रमण को गति देने में महत्त्वपूर्ण साबित हो सकती है। यूरोपीय संघ की इस योजना में वर्ष 2030 तक 10,000 जलवायु-तटस्थ केंद्रों की स्थापना का आह्वान किया गया है, ताकि यूरोप में अपने स्वयं की क्लाउड अवसंरचना विकसित की जा सके और इसी अवधि में यूनिकॉर्न कंपनियों (1 बिलियन डॉलर से अधिक मूल्य वाली कंपनियाँ) की संख्या को दोगुना किया जा सके।


केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल

  • प्रधानमंत्री ने 10 मार्च, 2021 को केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) के स्थापना दिवस पर सुरक्षा बल की प्रशंसा करते हुए राष्ट्रीय सुरक्षा और प्रगति में उसके महत्त्वपूर्ण योगदान को रेखांकित किया। केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल 10 मार्च, 1969 को मात्र तीन बटालियनों के साथ अस्तित्व में आया था और इसका प्राथमिक उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) को संपूर्ण सुरक्षा प्रदान करना था, जो कि उस समय देश की संपूर्ण अर्थव्यवस्था के लिये काफी महत्त्वपूर्ण माने जाते थे। वर्तमान में CISF के तहत 12 रिज़र्व बटालियन शामिल हैं। CISF के तहत कुल कर्मियों की संख्या 1,40,000 से भी अधिक है। CISF देश भर में स्थित औद्योगिक इकाइयों, सरकारी अवसंरचना परियोजनाओं तथा अन्य प्रतिष्ठानों को सुरक्षा प्रदान करने का कार्य करता है। इनमंत परमाणु ऊर्जा संयंत्र, खदान, ऑयल फील्ड और रिफाइनरियाँ, हवाई अड्डे, समुद्री बंदरगाह, बिजली संयंत्र, दिल्ली मेट्रो तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम आदि शामिल हैं। नवंबर 2008 में मुंबई में आतंकी हमले के बाद से CISF के कार्यों को और अधिक बढ़ा दिया गया है, जिससे अब यह निजी क्षेत्र को भी प्रत्यक्ष तौर पर सुरक्षा प्रदान कर सकता है।

उडुपी रामचंद्र राव

  • 10 मार्च, 2021 को गूगल ने प्रसिद्ध भारतीय प्रोफेसर और वैज्ञानिक उडुपी रामचंद्र राव के 89वें जन्मदिवस के अवसर पर उन्हें डूडलके माध्यम से श्रद्धांजलि दी। उडुपी रामचंद्र राव जो कि भारतीय अंतरिक्ष वैज्ञानिक और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के अध्यक्ष थे, ने वर्ष 1975 में भारत के प्रथम उपग्रह- आर्यभट्ट के प्रक्षेपण का पर्यवेक्षण किया था। यही कारण है कि प्रायः उडुपी राव को भारत का सैटेलाइट मैनभी कहा जाता है। 10 मार्च, 1932 को कर्नाटक के एक सुदूर गाँव में जन्मे प्रो. राव ने अपना कॅरियर कॉस्मिक-रे भौतिकशास्त्री के रूप में शुरू किया था। डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त करने के बाद प्रो. राव अमेरिका चले गए, जहाँ उन्होंने प्रोफेसर के रूप में काम किया, इसके अलावा अमेरिका में उन्होंने नासा के कार्यक्रमों पर भी कार्य किया। वर्ष 1966 में भारत लौटने पर प्रो. राव ने भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (PRL) में एक व्यापक खगोल विज्ञान कार्यक्रम शुरू किया तथा उन्हीं के पर्यवेक्षण में वर्ष 1972 में भारत के पहले उपग्रह कार्यक्रम की शुरुआत की गई। इसके अतिरिक्त वर्ष 1984 से वर्ष 1994 के बीच प्रो. राव ने इसरो के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया।

वन चिकित्सा केंद्र

  • हाल ही में उत्तराखंड के रानीखेत में देश के पहले वन चिकित्सा केंद्र का उद्घाटन किया गया है। यह वन चिकित्सा केंद्र का विकास उत्तराखंड वन विभाग के अनुसंधान विंग द्वारा वनों के उपचारात्मक गुणों और समग्र स्वास्थ्य एवं कल्याण पर उसके प्रभाव को लेकर किये गए व्यापक शोध के बाद किया गया है। यह केंद्र लगभग 13 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। उत्तराखंड का यह केंद्र प्राचीन भारतीय परंपरा और वन चिकित्सा के लिये जापान की फॉरेस्ट बाथिंग’ (शिन्रिन-योकु) तकनीक पर आधारित है। इस केंद्र के कार्यों में वन वॉकिंग, ट्री-हगिंग और फॉरेस्ट मेडिटेशन जैसी कई गतिविधियाँ शामिल हैं। ज्ञात हो कि कई अध्ययनों में पाया गया है, पेड़ों के विशिष्ट आणविक कंपन पैटर्न के प्रभावस्वरूप ट्री-हगिंग के कारण ऑक्सीटोसिन, सेरोटोनिन और डोपामाइन जैसे हार्मोन के स्तर में वृद्धि होती है, जिससे सुखद प्रभाव उत्पन्न होता है। आइसलैंड जैसे देशों में वन विभाग द्वारा स्थानीय नागरिकों के स्वास्थ्य के लिये इस प्रकार की गतिविधियों को सुविधाजनक बनाने की कोशिश की जा रही है।

 

ईशर सिंह देयोल

  • ध्यानचंद राष्ट्रीय खेल पुरस्कार से सम्मानित और वरिष्ठ भारतीय एथलीट ईशर सिंह देयोल का हाल ही में 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। ईशर सिंह देयोल ने वर्ष 1951 के बाद अपने संपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय कॅरियर के दौरान कई पदक जीते और खेल में उनके आजीवन योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 2009 में ध्यानचंद राष्ट्रीय पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। ज्ञात हो कि ईशर सिंह देयोल बीते 30 वर्ष से पंजाब एथलीट एसोसिएशन के महासचिव और एथलेटिक फेडरेशन ऑफ इंडिया के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य कर रहे थे। ईशर सिंह देयोल ने शुरुआती तीनों एशियाई खेलों में हिस्सा लिया और वर्ष 1954 में फिलीपींस के मनीला में आयोजित दूसरे एशियाई खेलों में उन्होंने कांस्य पदक भी जीता था। वर्ष 1957 में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय एथलेटिक मीट के दौरान ईशर सिंह देयोल ने शॉटपुट में 46 फीट 11.2 इंच की थ्रो के साथ एशियाई रिकॉर्ड स्थापित किया था। इसके अलावा उन्होंने वर्ष 1952 से वर्ष 1957 तक लगातार पाँच वर्ष ऑल इंडिया पुलिस मीट में स्वर्ण पदक जीता था।

तीरथ सिंह रावत

  • उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद हाल ही में गढ़वाल से सांसद तीरथ सिंह रावत ने राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। तीरथ सिंह रावत ने राज्य के 9वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली है। तीरथ सिंह रावत ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता युवा मोर्चा के साथ की थी। बाद में वर्ष 2000 में उत्तराखंड को उत्तर प्रदेश से अलग करके एक अलग राज्य बना दिया गया। वर्ष 1997 में उन्हें उत्तर प्रदेश विधान परिषद के लिये चुना गया, इसके पश्चात् वर्ष 2000 में जब उत्तराखंड एक अलग राज्य बना, तो तीरथ सिंह रावत को नई सरकार में मंत्री बनाया गया। तीरथ सिंह रावत ने उत्तराखंड की पहली सरकार में शिक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया। वर्ष 2012 के उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में तीरथ सिंह रावत को गढ़वाल के चौबट्टाखाल सीट से विधायक चुना गया था। इसके बाद तीरथ सिंह रावत को वर्ष 2019 में लोकसभा के लिये चुना गया।

जी.पी. सामंत

  • हाल ही में केंद्र सरकार ने जी.पी. सामंत को भारत का मुख्य सांख्यिकीविद् नियुक्त किया है। वे सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव का भी कार्यभार संभालेंगे। जी.पी. सामंत को प्रारंभ में दो वर्ष की अवधि के लिये नियुक्त किया गया है। वे देश के पूर्व मुख्य सांख्यिकीविद् छत्रपति शिवाजी का स्थान लेंगे, जो सितंबर 2020 से इस पद का अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे। जी.पी. सामंत वर्तमान में भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के सांख्यिकी एवं सूचना प्रबंधन विभाग में सलाहकार के तौर पर कार्य कर रहे हैं। इससे पूर्व जी.पी. सामंत चेन्नई में रिज़र्व बैंक स्टाफ कॉलेज में निदेशक और संकाय सदस्य के रूप में भी कार्य कर चुके हैं। मात्रात्मक अर्थशास्त्र में उनके उत्कृष्ट योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 2006 में प्रतिष्ठित प्रो. पी.सी. महालनोबिस पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। जी.पी. सामंत ने भारतीय सांख्यिकी संस्थान (ISI) से सांख्यिकी में मास्टर डिग्री और मुंबई विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है। ज्ञात हो कि सांख्यिकी तथा कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के सचिव को भारत का मुख्य सांख्यिकीविद् (CSI) कहा जाता है। भारत का मुख्य सांख्यिकीविद् (CSI) राष्ट्रीय सांख्यिकी संगठन (NSO) के प्रमुख और राष्ट्रीय सांख्यिकी आयोग (NSC) के सचिव के तौर पर भी कार्य करता है। मुख्य सांख्यिकीविद् का प्राथमिक कार्य देश के समक्ष प्रमुख आर्थिक संकेतक और आँकड़े प्रस्तुत करना है।

इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म आर्काइव्स

  • भारत के सुप्रसिद्ध अभिनेता अमिताभ बच्चन को इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म आर्काइव्स’ (FIAF) पुरस्कार 2021 से सम्मानित किया जाएगा। अमिताभ बच्चन इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म आर्काइव्स (FIAF) पुरस्कार से सम्मानित होने वाले पहले भारतीय होंगे। अमिताभ बच्चन को यह पुरस्कार फिल्म विरासत के संरक्षण में उनके योगदान और समर्पण हेतु प्रदान किया जा रहा है। इस पुरस्कार के पूर्व विजेताओं में दिग्गज फिल्मी हस्तियाँ जैसे- मार्टिन स्कॉरसेस (2001), इंगमार बर्गमान (2003), क्रिस्टोफर नोलन (2017) और वाल्टर सेलेस (2020) आदि शामिल हैं। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म आर्काइव्स’ (FIAF) पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 2001 में हुई थी और इसका प्राथमिक उद्देश्य फिल्म तथा फिल्म संस्कृति के संरक्षण में योगदान देने वाले लोगों को मान्यता प्रदान करना है। इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ फिल्म आर्काइव्स (FIAF) एक विश्वव्यापी संगठन है, जिसमें दुनिया भर के फिल्म अभिलेखागार और संग्रहालय शामिल हैं।


राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो 2021

  • 11 मार्च, 2021 को राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने अपना 36वाँ स्थापना दिवस मनाया। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की स्थापना वर्ष 1986 में गृह मंत्रालय के तहत अपराध और अपराधियों से संबंधित सूचनाओं के एक भंडार के रूप में की गई थी, जिसका प्राथमिक उद्देश्य इस प्रकार की सूचनाओं के माध्यम से जाँच में सहायता प्रदान करना था। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में स्थित है। इसकी स्थापना राष्ट्रीय पुलिस आयोग (1977-1981) तथा गृह मंत्रालय के टॉस्क फोर्स (1985) की  सिफारिशों के आधार पर की गई थी, ताकि खोजकर्त्ताओं को अपराध एवं अपराधियों से संबंधित डेटा का मिलान करने  में सहायता मिल सके। इसका गठन पुलिस कंप्यूटर एवं समन्वय निदेशालय (DCPC), CBI की अंतर-राज्य अपराधी डेटा शाखा, CBI के केंद्रीय फिंगर प्रिंट ब्यूरो तथा पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो (BPR&D) की सांख्यिकी शाखा के विलय से किया गया था। NCRB ‘क्राइम इन इंडियारिपोर्ट के माध्यम से देश भर में अपराध संबंधी वार्षिक आँकड़े प्रस्तुत करता है। वर्ष 1953 से प्रकाशित हो रही यह रिपोर्ट देश भर की कानून-व्यवस्था की स्थिति को समझने हेतु एक महत्त्वपूर्ण उपकरण के रूप में कार्य करती है। NCRB को वर्ष 2016 में इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा डिजिटल इंडिया अवार्डसे भी सम्मानित किया गया था।


आज़ादी का अमृत महोत्सव

  • प्रधानमंत्री ने 12 मार्च, 2021 को अहमदाबाद के साबरमती आश्रम में आज़ादी के अमृत महोत्सव’ (India@75) का उद्घाटन किया। आजादी का अमृत महोत्सवभारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ मनाने हेतु भारत सरकार द्वारा आयोजित कार्यक्रमों की एक शृंखला है। यह महोत्सव जनभागीदारी की भावना के साथ जन उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ पर आयोजित किये जाने वाले कार्यक्रमों के बारे में नीतियों और योजनाओं को तैयार करने हेतु गृहमंत्री की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय क्रियान्वयन समिति बनाई गई है। महोत्सव के शुरुआती कार्यक्रम 12 मार्च, 2021 से प्रारंभ होंगे। ध्यातव्य है कि ये कार्यक्रम 15 अगस्त, 2022 से 75 सप्ताह पूर्व आयोजित किये जा रहे हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने साबरमती आश्रम से पदयात्रा (स्वतंत्रता मार्च) भी शुरू की। 241 मील की यह यात्रा 25 दिन में 5 अप्रैल को समाप्त होगी। ज्ञात हो कि 12 मार्च, 1930 को ही महात्मा गांधी ने साबरमती आश्रम से दांडी मार्च की शुरुआत की थी। यह मार्च साबरमती आश्रम से गुजरात के दांडी नामक तटीय कस्बे में पहुँचकर समाप्त होना था। यह पहली राष्ट्रवादी गतिविधि थी, जिसमें महिलाओं ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और यहीं से सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत हुई।


फुगाकूसुपर कंप्यूटर

  • जापान के वैज्ञानिकों ने विश्व के सबसे शक्तिशाली सुपर कंप्यूटर फुगाकूको पूरी तरह से विकसित कर लिया है और अब यह अत्याधुनिक मशीन अनुसंधान के उपयोग हेतु उपलब्ध है। ज्ञात हो कि जापानी वैज्ञानिक अनुसंधान संस्थान रिकेन’ (RIKEN) और फुजिस्तु’ (FUJITSU) ने जापान की कंप्यूटिंग अवसंरचना में वृद्धि करने के उद्देश्य से तकरीबन छह वर्ष पूर्व इस सुपर कंप्यूटर पर कार्य करना शुरू किया था। वैज्ञानिकों के मुताबिक, ‘फुगाकूसुपर कंप्यूटर में जापान के ही के-सुपर कंप्यूटरकी तुलना में 100 गुना अधिक प्रदर्शन क्षमता है और इसे मुख्य रूप से उच्च-रिज़ॉल्यूशन, लंबी अवधि और बड़े पैमाने पर सिमुलेशन को लागू करने हेतु विकसित किया गया है। सुपर कंप्यूटर उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग (HPC) का भौतिक मूर्तरूप है, जो संगठनों को उन समस्याओं को हल करने में सक्षम बनाता है, जिन्हें सामान्य कंप्यूटर द्वारा हल किया जाना असंभव है। विश्व स्तर पर अधिकतम सुपर कंप्यूटरों के साथ चीन दुनिया में शीर्ष स्थान पर है। चीन के बाद अमेरिका, जापान, फ्रांँस, जर्मनी, नीदरलैंड, आयरलैंड और यूनाइटेड किंगडम जैसे देशों का स्थान है।


आइवरी कोस्ट

  • आइवरी कोस्ट के प्रधानमंत्री, हामिद बाकायोका का जर्मनी के एक अस्पताल में निधन हो गया। पूर्व मीडिया कार्यकारी बाकायोका ने सदी के पहले दशक के दौरान आइवरी कोस्ट के गृहयुद्ध में मुख्य मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। आइवरी कोस्ट अथवा कोट डी आइवर पश्चिमी अफ्रीका के तट पर स्थित एक देश है। 1960 में फ्रांँस से आज़ादी प्राप्त करने के बाद से मुख्यतः कोको उत्पादन और निर्यात के कारण आइवरी कोस्ट (कोट डी आइवर) को पश्चिम अफ्रीका में सबसे समृद्ध देशों में से एक माना जाता है। कोटे डी आइवर उत्तर में माली और बुर्किना फासो, पूर्व में घाना, दक्षिण में गिनी की खाड़ी, दक्षिण-पश्चिम में लाइबेरिया और उत्तर-पश्चिम में गिनी के साथ अपनी सीमा साझा करता है। यहाँ कि आधिकारिक भाषा फ्रेंच है, हालाँकि यहाँ अफ्रीका की लगभग सभी भाषाएँ बोलने वाले लोग पाए जाते हैं।


चौथा वैश्विक आयुर्वेद महोत्सव:

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौथे वैश्विक आयुर्वेद महोत्सव को संबोधित करते हुए COVID-19 महामारी के दौरान आयुर्वेद और पारंपरिक दवाओं के महत्त्व को स्पष्ट किया। चौथे वैश्विक आयुर्वेद महोत्सव का आयोजन 16 से 20 मई, 2020 तक किया जाना था, परंतु कोविड-19 महामारी के कारण इसे वर्ष 2021 में स्थानांतरित कर दिया गया और अब इसे 12 से 19 मार्च, 2021 तक वर्चुअल रूप से आयोजित किया जा रहा है। वैश्विक आयुर्वेद महोत्सव में 25 से अधिक देशों के प्रतिभागी भाग ले रहे हैं। इस आयोजन के दौरान 35 अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों और 150 से अधिक भारतीय वैज्ञानिकों के व्याख्यान होंगे। यह महोत्सव भाग लेने वाले देशों के सभी प्रतिबद्ध सदस्यों के प्रयासों को समन्वित कर वैश्विक चिकित्सा प्रणाली  में आयुर्वेद को स्थान दिलाने के लिये एक मंच है जहाँ कई देशों के हितधारक अपने अनुभव, आवश्यकताओं को साझा करेंगे।


कालानमक चावल महोत्सव:

  • उत्तर प्रदेश सरकार सिद्धार्थ नगर ज़िले में तीन दिवसीय कालानमक चावल महोत्सवका आयोजन करेगी। यह महोत्सव 13 मार्च, 2021 से शुरू होगा। यह उत्सव "लखनऊ में जगमग महोत्सव" की शानदार सफलता के बाद आयोजित किया जा रहा है। इस चावल महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन एक जनपद, एक उत्पाद  (ODOP) के तहत चयनित उत्पादों को आत्मनिर्भर भारत अभियानऔर लोकल फॉर वोकलके रूप में बाज़ार में बढ़ावा देने और ब्रांड बनाने के लिये किया जा रहा है। एक जनपद, एक उत्पाद  योजना का उद्देश्य स्थानीय शिल्प का संरक्षण एवं विकास, कला और क्षमता का विस्तार, आय में वृद्धि एवं स्थानीय रोज़गार का सृजन, उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार एवं दक्षता का विकास, उत्पादों की गुणवत्ता में बदलाव, उत्पादों को पर्यटन से जोड़ा जाना, क्षेत्रीय असंतुलन के कारण उत्पन्न होने वाली आर्थिक विसंगतियों को दूर करना और राज्य स्तर पर ODOP के सफल संचालन के बाद इसे राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है।  कालानमक चावल पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में उगाया जाता है। कालानमक चावल को भौगोलिक संकेतक (GI) टैग प्राप्त हुआ है, इसे सिद्धार्थनगर, देवरिया, गोरखपुर, महाराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, संत कबीर नगर, गोंडा, बहराइच, बलरामपुर और श्रावस्ती में ODOP के रूप में उगाया जाता है। कालानमक चावल महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाएंगे, जिसमें स्थानीय कलाकारों एवं छात्रों को अपनी प्रतिभा प्रदर्शन का मौका मिलेगा। इस महोत्सव में कालानमक चावल के विभिन्न व्यंजन प्रदर्शित किये जाएंगे।


झारखंड द्वारा निजी नौकरियों में 75% स्थानीय आरक्षण:

  • झारखंड कैबिनेट ने स्थानीय लोगों के लिये निजी क्षेत्र की इकाइयों में प्रतिमाह 30,000 रुपए तक वेतन वाली 75 प्रतिशत नौकरियों को आरक्षित करने संबंधी रोज़गार नीति को मंज़ूरी दी है। झारखंड से पहले हरियाणा सरकार ने भी इसी तरह की नीति को मंज़ूरी दी थी। झारखंड कैबिनेट ने यह निर्णय झारखंड औद्योगिक और निवेश प्रोत्साहन नीति, 2021 के मसौदे पर चर्चा करने के बाद लिया है। झारखंड राज्य में 32 जनजातियाँ निवास करती हैं। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार, झारखंड में 7,087,068 जनसंख्या जनजाति है जो कुल जनसंख्या का 26.3 प्रतिशत है। वर्तमान में झारखंड में मुंडा, उरांव, संथाल, गोंड, कोल, असुर, बंजारा, चेरो, हो, कोरा, भूमिज आदि 32 आदिवासी समूह हैं।


इसरो द्वारा ध्वनि रॉकेट RH-560 लॉन्च:

  • भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने श्रीहरिकोटा अंतरिक्ष केंद्र से उदासीन वायु और प्लाज़्मा गतिकी में व्यावहारिक भिन्नताओं का अध्ययन करने के लिये एक ध्वनि रॉकेट RH-560 लॉन्च किया है। ISRO ने रोहिणी सीरीज़ में रॉकेटों की एक शृंखला विकसित की है, जिनका नाम RH-200, RH-300 और RH-560 है, ये नाम मिमी. में रॉकेट के व्यास को दर्शाते हैं। ध्वनि रॉकेट एक या दो चरण के ठोस प्रणोदक रॉकेट हैं जिनका उपयोग ऊपरी वायुमंडलीय क्षेत्रों की जाँच और अंतरिक्ष अनुसंधान के लिये किया जाता है। ISRO ने वर्ष 1965 से स्वदेश निर्मित ध्वनि रॉकेटों को लॉन्च करना शुरू कर दिया था। वर्ष 1969 में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) की स्थापना हुई। यह भारत सरकार की अंतरिक्ष एजेंसी है और इसका मुख्यालय बंगलूरू में है। इसे अंतरिक्ष अनुसंधान के लिये देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और उनके करीबी सहयोगी और वैज्ञानिक विक्रम साराभाई के प्रयासों से स्थापित किया गया। इसका प्रबंधन भारत सरकार के अंतरिक्ष विभागद्वारा किया जाता है, जो सीधे भारत के प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करता है। ISRO अपने विभिन्न केंद्रों के देशव्यापी नेटवर्क के माध्यम से इसका संचालन करता है।


चेमनचेरी कुनिरामन नायर

  • 15 मार्च, 2021 को जाने माने कथकली कलाकार चेमनचेरी कुनिरामन नायर का केरल के कोझिकोड में निधन हो गया। 105 वर्षीय नायर‍ अपनी नृत्य मुद्रा और गरिमापूर्ण कला की वजह से कई दशकों तक कथकली प्रेमियों के बीच आकर्षण का केंद्र बने रहे। कथकली विधा में महत्त्वपूर्ण योगदान के लिये वर्ष 2017 में श्री नायर को पद्मश्री पुरस्कार से भी नवाज़ा गया था। इसके अलावा उनकी अद्भुत प्रतिभा के लिये उन्हें केरल संगीत नाटक अकादमी और केरल कलामंडलम पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था। 16 जून, 1916 को केरल में जन्मे, कुनिरामन नायर ने वर्ष 1930 में कीजपेपुर कुनियिल परदेवता मंदिर में अपना पहला नृत्य प्रदर्शन किया था। केरल के प्राचीन नृत्य नाटक कथकली के साथ कुनिरामन नायर की यात्रा की शुरुआत 14 वर्ष की उम्र में तब शुरू हुई, जब उन्होंने गुरु करुणाकरण मेनन द्वारा संचालित कथकली मंडली में शामिल होने के लिये अपना घर छोड़ दिया था। वर्षों के अभ्यास और कड़ी मेहनत के बाद 1945 में उन्होंने भारतीय नाट्यकलाम की स्थापना की, जो पूरे केरल में नृत्य का पहला स्कूल था। कथकली, भारतीय शास्त्रीय नृत्य की एक महत्त्वपूर्ण शैली है। यह दक्षिण भारतीय राज्य केरल में उद्गमित एक नृत्य नाटक कला है।


मिताली राज

  • हाल ही में मिताली राज अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के सभी प्रारूपों में 10,000 रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी बन गई हैं। मिताली राज ने दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध चल रही एकदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सीरीज़ में यह महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। मिताली राज अब ऐसी दूसरी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेटर हैं, जिन्होंने क्रिकेट के सभी प्रारूपों में 10,000 रन बनाए हैं। इंग्लैंड की चार्लोट एडवर्ड्स अब तक एकमात्र ऐसी महिला क्रिकेटर थीं, जिन्होंने यह महत्त्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की थी। 3 दिसंबर, 1982 को जोधपुर राजस्थान में जन्मी मिताली राज ने जून 1999 में एकदिवसीय मैच में आयरलैंड के विरुद्ध अपने अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट कॅरियर की शुरुआत की। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कुल 212 एकदिवसीय मैच खेले हैं और कुल 7 शतक तथा 54 अर्द्ध-शतक लगाए हैं। ज्ञात हो कि मिताली राज टेस्ट क्रिकेट और एकदिवसीय मैचों में भारतीय महिला क्रिकेट टीम की कप्तानी करती हैं।


आत्मनिर्भर निवेशक मित्रपोर्टल

  • वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने हाल ही में निवेशकों को डिजिटल सुविधा प्रदान करने के लिये एक समर्पित पोर्टल स्थापित करने की घोषणा की है। आत्मनिर्भर निवेशक मित्रनामक इस पोर्टल का उद्देश्य घरेलू निवेशकों को आवश्यक समर्थन, मार्गदर्शन और सूचना प्रदान करना है। इस पोर्टल को वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के तहत उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग’ (DPIIT) द्वारा अंतिम रूप दिया जा रहा है। इस पोर्टल के तहत इन्वेस्ट इंडियामें एक समर्पित डिजिटल निवेश प्रोत्साहन और सुविधा टीम स्थापित की जाएगी तथा यह घरेलू निवेशकों को इन्वेस्ट इंडियाके विशेषज्ञों के साथ वार्ता करने की सुविधा प्रदान करेगा, जिससे वे निवेश संबंधी मुद्दों पर चर्चा कर सकेंगे। यह पोर्टल निवेशकों को केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों एवं नई पहलों के बारे में दैनिक रूप से अपडेट करेगा। इस पोर्टल को इन्वेस्ट इंडियाके तहत शुरू किया गया है, जिसे वर्ष 2009 में उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभागके तहत एक गैर-लाभकारी उपक्रम के रूप में स्थापित किया गया था।


इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश की योग्यता में बदलाव

  • अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) ने इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों की प्रवेश-स्तरीय योग्यता में बदलाव करते हुए इच्छुक उम्मीदवारों के लिये फिज़िक्स, रसायन विज्ञान और गणित (PCM) की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया है। अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE) द्वारा की गई घोषणा के मुताबिक, अब छात्रों को स्नातक स्तर पर इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों में प्रवेश पाने के लिये स्कूल में अनिवार्य रूप से इन विषयों का अध्ययन नहीं करना पड़ेगा। ज्ञात हो कि इससे पूर्व नियमों के मुताबिक,  फिज़िक्स, रसायन विज्ञान और गणित (PCM) आदि विषय कंप्यूटर विज्ञान और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे अधिकांश इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के लिये अनिवार्य थे। हालाँकि उपरोक्त नियम राज्य सरकार और इंजीनियरिंग स्कूलों के लिये बाध्यकारी नहीं हैं। नए मानदंडों के तहत एक उम्मीदवार से कुल 14 विषयों की सूची में से किसी भी तीन विषयों में कम-से-कम 45 प्रतिशत स्कोर करने की उम्मीद की गई है।


ऑटिज़्म की पहचान के लिये रेटिना स्कैन तकनीक

  • हॉन्गकॉन्ग के एक वैज्ञानिक ने प्रारंभिक ऑटिज़्म के खतरे का पता लगाने के लिये मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करते हुए एक विधि विकसित की है। रेटिना स्कैनिंग पर आधारित यह विधि बच्चों में शुरुआती ऑटिज़्म की पहचान कर उपचार परिणामों को बेहतर बनाने में मददगार साबित हो सकती है, जिससे ऑटिज़्म का उपचार प्रारंभिक अवस्था में ही करने की संभावना बढ़ जाती है। इस विधि के तहत नए कंप्यूटर सॉफ्टवेयर के साथ एक उच्च-रिज़ॉल्यूशन कैमरे का उपयोग करते हुए फाइबर परतों और आँख की रक्त वाहिकाओं सहित विभिन्न कारकों के संयोजन का विश्लेषण किया जाता है। परीक्षण के दौरान यह तकनीक 95.7 प्रतिशत तक ऑटिज़्म के खतरों की पहचान करने में सक्षम थी। ऑटिज़्म स्पेक्ट्रम विकार (ASD) अथवा ऑटिज़्म, सामाजिक विकृतियों, संवाद में परेशानी, व्यवहार का दोहराव और व्यवहार का स्टिरियोटाइप पैटर्न द्वारा पहचाना जाने वाला तंत्रिका विकास संबंधी जटिल विकार है। यह एक जटिल मस्तिष्क विकास विकलांगता है जो व्यक्ति के जीवन के पहले 3 वर्षों के दौरान उत्पन्न होती है। हालाँकि इसे मानसिक मंदता की स्थिति नहीं माना जाता, क्योंकि ऑटिज़्म से पीड़ित लोग कला, संगीत, लेखन आदि क्षेत्रों में उत्कृष्ट कौशल दिखा सकते हैं।


लक्ष्मण पाई

  • गोवा के जाने-माने चित्रकार लक्ष्मण पंढरीनाथ पाई का हाल ही में 95 वर्ष की उम्र में गोवा में निधन हो गया है। वर्ष 1926 में गोवा के मडगाँव में जन्मे लक्ष्मण पाई को कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें पद्म भूषण, पद्म श्री, नेहरू पुरस्कार और ललित कला अकादमी पुरस्कार आदि शामिल हैं। लक्ष्मण पाई ने गोवा मुक्ति आंदोलन में भी हिस्सा लिया और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भूमिका के कारण उन्हें जेल भी भेजा गया। उन्होंने मुंबई के जेजे स्कूल ऑफ आर्ट में कला और चित्रकला में डिप्लोमा प्राप्त किया और बाद में वहीं शिक्षण का कार्य भी किया। इसके अलावा वह गोवा कॉलेज ऑफ आर्ट में प्रिंसिपल भी रहे थे। लक्ष्मण पाई अलग-अलग भारतीय रागों पर आधारित अमूर्त चित्रों की अपनी रागमाला शृंखला के लिये काफी प्रसिद्ध थे, इस शृंखला में उन्होंने शास्त्रीय संगीत, ग्रंथों और दर्शन से अपने जुड़ाव को दर्शाया था। लक्ष्मण पाई सितार और बाँसुरी वादन में भी प्रशिक्षित थे।


भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्त्ता: अमेरिका

  • संयुक्त राज्य अमेरिका हाल ही में सऊदी अरब को पीछे छोड़ते हुए भारत का दूसरा सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्त्ता बन गया है, क्योंकि ओपेक द्वारा आपूर्ति में कटौती किये जाने के बाद से भारत ने अमेरिकी से कच्चे तेल के आयात को बढ़ा दिया है। आँकड़ों के मुताबिक, अमेरिका जो कि विश्व का सबसे बड़ा उत्पादक है, से भारत का आयात फरवरी में बीते माह की तुलना में 48 प्रतिशत बढ़कर 545,300 बैरल प्रतिदिन पहुँच गया था, यह भारत के कुल आयात का 14 प्रतिशत है। इसके विपरीत सऊदी अरब से फरवरी माह में कुल तेल आयात बीते माह की तुलना में 42 प्रतिशत कम होकर एक दशक के निचले स्तर तकरीबन 445,200 बैरल प्रतिदिन पर पहुँच गया था। ज्ञात हो कि चीन, अमेरिका के साथ चल रहे व्यापार तनावों के कारण अमेरिका से कच्चा तेल नहीं खरीद सकता है, जिसके चलते अमेरिका के पास भारत के रूप में एकमात्र तेल खरीदार बचता है। भारत, जो कि विश्व का तीसरा सबसे बड़ा तेल आयातक और उपभोक्ता है, वैश्विक आर्थिक रिकवरी के लिये लगातार प्रमुख तेल उत्पादक देशों से आपूर्ति कटौती को रोकने का आग्रह कर रहा है, ताकि वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में बढ़ोतरी को रोका जा सके।


अय्या वैकुंडा स्वामिकल

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महान मानवतावादी और सामाजिक विचारक अय्या वैकुंडा स्वामिकल की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 19वीं शताब्दी के शुरुआती दशकों में  केरल के त्रावणकोर की रियासत में रहने वाले अय्या वैकुंडा स्वामिकल को आज भी भारत के पहले प्रसिद्ध समाज सुधारक के रूप में याद किया जाता है, जिन्होंने जातिगत भेदभाव और धार्मिक पदानुक्रम की आलोचना की तथा अस्पृश्यता के विरुद्ध लड़ाई लड़ी। समथव समजमभारत में पहला सामाजिक सुधार आंदोलन (1836) के संस्थापक होने के नाते अय्या वैकुंडा को भारत में सामाजिक-राजनीतिक क्रांतिकारी आंदोलनों का अग्रणी माना जाता है। उन्होंने 'अय्या वज़ी' नामक आध्यात्मिक विचारों के एक नए मार्ग का प्रतिपादन किया। उनके द्वारा प्रतिपादित पंक्ति एक जाति, एक धर्म, एक गोत्र, एक दुनिया, एक ईश्वरवैश्विक स्तर पर प्रसिद्ध है।


बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान

  • 17 मार्च, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानवाधिकार और स्वाधीनता नायक बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। शेख मुजीबुर रहमान का जन्मा अविभाजित भारत के गोपालगंज ज़िले के तुंगीपारा गाँव में 17 मार्च, 1920 को हुआ था। पूर्वी पाकिस्तातन में पाकिस्तारनी शासकों की दमनकारी नीतियों के खिलाफ उन्होंाने आंदोलन चलाया था और वर्ष 1971 में इसे पाकिस्ताकन से आज़ाद करा लिया। बंगबंधु नाम से विख्यानत शेख मुजीबुर रहमान स्वतंत्र बांग्लादेश के पहले राष्ट्रपति बने। शेख मुजीबुर रहमान को बांग्लादेश का राष्ट्रपिताकहा जाता है और वे बांग्लादेश के लोगों के बीच बंगबंधुके रूप में लोकप्रिय थे। बंगबंधुका शाब्दिक अर्थ है- बंगाल का मित्र। पूर्वी पाकिस्तान के लोकप्रिय नेता मुजीबुर रहमान ने बांग्लादेश की स्वतंत्रता में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। बीते दिनों बांग्लादेश के उच्चत न्या्यालय ने अपने एक निर्णय में जॉय बांग्लाको बांग्लाकदेश का राष्ट्री य नारा घोषित किया था। वर्ष 1971 में पाकिस्तान से बांग्लादेश के स्वतंत्र होने के दौरान यह प्रमुख नारा था। शेख मुजीबुर रहमान ने भी 7 मार्च, 1971 को बांग्लानदेश की स्वतंत्रता के उद्घोष के बाद जॉय बांग्लाके नारे का प्रयोग किया था। वहीं हाल ही में यूनेस्को ने शेख मुजीबुर रहमान के नाम पर रचनात्मक अर्थव्यवस्थाके क्षेत्र में एक अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार की स्थापना करने का निर्णय लिया है।


भारतीय हस्तशिल्प और हथकरघा निर्यात निगम लिमिटेड

  • केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारतीय हस्तशिल्प और हथकरघा निर्यात निगम लिमिटेड को बंद करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है। यह भारत सरकार का एक उपक्रम है और वस्त्र मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण के अधीन आता है। इस संबंध में जारी अधिसूचना के मुताबिक, वर्तमान में निगम में 59 स्थातयी कर्मचारी और छह प्रबंधन प्रशिक्षु सेवारत हैं। इन सभी को सार्वजनिक उपक्रम विभाग के नियमों के अनुरूप स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना के लाभ लेने का अवसर दिया जाएगा। यह निगम वित्त वर्ष 2015-16 से ही लगातार घाटे का सामना कर रहा था। इसे घाटे से उबारने और लाभकारी बनाने की कोई संभावना नज़र नहीं आने के कारण इसे बंद करने का निर्णय लिया गया। केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा दी गई यह मंज़ूरी सरकार के राजस्व पर तनावग्रस्त केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों के दबाव को कम करेगी। ज्ञात हो कि भारतीय हस्तशिल्प और हथकरघा निर्यात निगम लिमिटेड को बंद करने का निर्णय सरकार की उस रणनीतिक विनिवेश नीति के अनुरूप है, जिसके तहत गैर-रणनीतिक क्षेत्रों में दबावग्रस्त सार्वजनिक उद्यमों का निजीकरण किया जाना अथवा उन्हें बंद किया जाना शामिल है।


'UPI-Help' फीचर

  • भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने हाल ही में भारत इंटरफेस फॉर मनी’ (BHIM) एप पर आसान शिकायत निपटान तंत्र उपलब्ध कराने के लिये 'UPI-Help' फीचर लॉन्च किया है। यह फीचर उपयोगकर्त्ताओं को लंबित लेन-देन की स्थिति की जाँच करने और इसके विरुद्ध शिकायत करने में सक्षम बनाएगा। प्रारंभ में यह फीचर केवल भारतीय स्टेट बैंक (SBI), एक्सिस बैंक, HDFC बैंक और ICICI बैंक के लिये उपलब्ध होगा। ज्ञात हो कि डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2017 में भीम’ (BHIM) नाम से एक मोबाइल एप्लीकेशन को लॉन्च किया था। इस एप का पूरा नाम 'भारत इंटरफेस फॉर मनी' है। भीमको नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा विकसित किया गया है। यह एप UPI आधारित भुगतान प्रणाली पर कार्य करता है। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान प्रणाली (NPCI) देश में खुदरा भुगतान और निपटान प्रणाली के संचालन के लिये एक समग्र संगठन है।

पोट्टी श्रीरामुलु

  • 16 मार्च, 2021 को महान स्वतंत्रता सेनानी पोट्टी श्रीरामुलु की जयंती पर उन्हें याद किया गया। 16 मार्च, 1901 को मद्रास (चेन्नई) में जन्मे पोट्टी श्रीरामुलु बॉम्बे से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे में शामिल हो गए। वर्ष 1930 में श्रीरामुलु ने गांधीजी द्वारा शुरू किये गए नमक सत्याग्रह में हिस्सा लेने के लिये अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी, इस सत्याग्रह में हिस्सा लेने के कारण उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। भारत की स्वतंत्रता के लिये संघर्ष करने के साथ-साथ उन्होंने दलित समुदाय के सामाजिक एवं आर्थिक उत्थान पर भी ज़ोर दिया। पोट्टी श्रीरामुलु ने मार्च 1946 में नेल्लोर के श्री वेणुगोपाल स्वामी मंदिर में दलितों के लिये प्रवेश की मांग करते हुए अपना पहला आमरण अनशन किया। अलग आंध्र राज्यी के गठन में पोट्टी श्रीरामुलु का महत्त्वपूर्ण योगदान माना जाता है। इसके लिये उन्होंने 1952 में 58 दिन तक आमरण अनशन किया। 15 दिसंबर, 1952 को अनशन करते हुए पोट्टी श्रीरामुलु की मृत्यु हो गई थी, जिसके बाद कानून व्यवस्था काफी बिगड़ गई और अंततः मद्रास प्रेसिडेंसी से अलग आंध्र प्रदेश राज्यद का गठन किया गया।


विश्व का सबसे ऊँचा रेल पुल

  • हाल ही में केंद्रीय रेल मंत्री ने सूचित किया है कि जम्मू-कश्मीर में चिनाब नदी पर विश्व का सबसे ऊँचा रेल पुल अपने निर्माण के अंतिम चरण में है। जम्मू-कश्मीर के रियासी ज़िले में बनया जा रहा यह रेलवे पुल नदी तल से 359 मीटर ऊँचा होगा और पेरिस के सुप्रसिद्ध आइफिल टावर से भी 30 मीटर ऊँचा होगा। एक बार निर्माण कार्य पूरा होने के बाद यह रेलवे पुल चीन की बीपन नदी पर निर्मित शुआईबाई रेलवे पुल (275 मीटर) का रिकॉर्ड भी तोड़ देगा। तकरीबन 1,250 करोड़ रुपए की लागत वाले इस पुल का निर्माण कार्य वर्ष 2017 में शुरू हुआ था। ज्ञात हो कि यह रेलवे पुल लगभग 8 तीव्रता वाले भूकंप का सामना करने में सक्षम है। यह रेलवे पुल जम्मू-कश्मीर को देश के बाकी हिस्सों से जोड़ने वाली एक महत्त्वाकांक्षी रेलवे परियोजना का हिस्सा है। उत्तर रेलवे दिसंबर 2022 तक ऊधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक के सबसे कठिन 111 किलोमीटर लंबे खंड को पूरा करेगा, जो रेलवे नेटवर्क के माध्यम से कश्मीर को शेष भारत से जोड़ेगा। 272 किलोमीटर लंबी यह रेलवे लाइन उत्तर रेलवे द्वारा अनुमानित 28,000 करोड़ रुपए की लागत से बनाई जा रही है। जम्मू-कश्मीर का समग्र विकास सुनिश्चित करने और वैकल्पिक एवं विश्वसनीय परिवहन प्रणाली उपलब्ध कराने के लिये यह रेल परियोजना काफी महत्त्वपूर्ण है।


कल्याणी राफेल एडवांस्ड सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड

  • भारत के कल्याणी ग्रुप और इज़रायल के राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स के संयुक्त उपक्रम कल्याणी राफेल एडवांस्ड सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड’ (KRAS) ने भारतीय सेना और वायुसेना को मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (MRSAM) किट की डिलीवरी शुरू कर दी है। कल्याणी राफेल एडवांस्ड सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड, भारत की निजी क्षेत्र की इकाई है, जो उन्नत विनिर्माण क्षमताओं और सुविधाओं के लिये विशेष रूप से रक्षा बलों द्वारा प्रयोग किये जा रहे अत्याधुनिक हथियार प्रणालियों की असेम्बलिंग, एकीकरण और परीक्षण (AIT) के लिये समर्पित है। मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल (MRSAM) किट की डिलीवरी भारत के आत्मनिर्भर अभियानकी दिशा में महत्त्वपूर्ण है। ज्ञात हो कि कल्याणी राफेल एडवांस्ड सिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को वर्ष 2019 में 1,000 ‘बराक-8’ मीडियम रेंज सरफेस-टू-एयर मिसाइल किट बनाने के लिये 100 मिलियन डॉलर का ऑर्डर मिला था।


स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड

  • केंद्रीय मंत्री डॉक्टर हर्षवर्द्धन को स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्डका अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। स्टॉप टीबी पार्टनरशिपएक विशिष्ट अंतर्राष्ट्रीय संस्था है, जो दुनिया भर के विभिन्न हितधारकों के साथ मिलकर टयूबरक्लोसिस यानी क्षय रोग के विरुद्ध संघर्ष हेतु अभियान चलाती है। दुनिया के विभिन्न भागों में साझेदारी के चलते इस वैश्विक संगठन की विशिष्ट मान्यता है और इसे टीबी को खत्म करने के लिये चिकित्सा, सामाजिक और वित्तीय विशेषज्ञता की आवश्यकता पड़ती है। स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड के अध्यक्ष के रूप में डॉक्टर हर्षवर्द्धन जुलाई 2021 को अपना पद संभालेंगे और उनका कार्यकाल 3 वर्षों का होगा। डॉक्टर हर्षवर्द्धन को इस संस्था का अध्यक्ष बनाया जाना टीबी को खत्म करने के लिये भारत द्वारा किये गए प्रयासों को मान्यता प्रदान करता है। स्टॉप टीबी पार्टनरशिपका मुख्य उद्देश्य जन स्वास्थ्य की समस्या बन चुके ट्यूबरकुलोसिस को जड़ से खत्म करना है। वर्तमान में इस संगठन के साथ 1500 साझेदार संगठन जुड़े हुए हैं, जिनमें अंतर्राष्ट्रीय, गैर-सरकारी, सरकारी समूह शामिल हैं। संगठन का सचिवालय स्विट्ज़रलैंड के जिनेवा में स्थित है।


ग्रेट इंडियन बस्टर्ड

  • सर्वोच्च न्यायालय ने हाल ही में ग्रेट इंडियन बस्टर्डके संरक्षण हेतु राजस्थान और गुजरात में कम वोल्टेज वाली ट्रांसमिशन लाइनों को भूमिगत (अंडर ग्राउंड) करने और उच्च वोल्टेज वाली ट्रांसमिशन लाइनों में बर्ड डायवर्टर लगाने पर विचार किये जाने का सुझाव दिया है। मुख्य न्यायाधीश एस.ए. बोबड़े की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने ग्रेट इंडियन बस्टर्डकी संख्या में आ रही गिरावट के मामले की सुनवाई करते हुए ये सुझाव दिये। ग्रेट इंडियन बस्टर्ड या सोन चिड़िया विश्व में सबसे अधिक वज़न के उड़ने वाले पक्षियों में से एक है, यह पक्षी मुख्यतया भारतीय उपमहाद्वीप में पाया जाता है। एक समय इस पक्षी का नाम भारत के संभावित राष्ट्रीय पक्षियों की सूची में शामिल था। वर्तमान में विश्व भर में इनकी संख्या 150 के लगभग बताई जाती है। ग्रेट इंडियन बस्टर्ड को वन्यजीव संरक्षण अधिनियम-1972 की अनुसूची-1 में तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (IUCN) की रेड लिस्ट में गंभीर रूप से संकटग्रस्तकी श्रेणी में रखा गया है।


भारत-कुवैत संयुक्त आयोग

  • भारत और कुवैत ने हाल ही में ऊर्जा एवं रक्षा समेत विभिन्न क्षेत्रों में अपने संबंधों को और अधिक मज़बूत करने तथा भविष्य में सहयोग बढ़ाने के लिये रुपरेखा तैयार करने हेतु संयुक्त आयोग के गठन की घोषणा की है। इस संयुक्त आयोग की सह-अध्यक्षता दोनों देशों के विदेश मंत्रियों द्वारा की जाएगी। भारत, कुवैत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है और वित्तीय वर्ष 2019-20 के दौरान दोनों देशों के बीच कुल 10.86 बिलियन डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ था।  मुख्य रूप से भारत का तेल आयात इस अवधि में 9.6 बिलियन डॉलर का था। कुवैत वर्ष 2019-20 के दौरान भारत का 10वाँ सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्त्ता था और भारत की कुल ऊर्जा ज़रूरतों का 3.8 प्रतिशत हिस्सा कुवैत पूरा करता था। कुवैत लगभग 9,00,000 भारतीय प्रवासियों का घर भी है। यह संयुक्त आयोग सभी द्विपक्षीय संस्थागत सहभागिताओं जैसे- विदेशी कार्यालय परामर्श और संयुक्त कार्य समूहों आदि के लिये एक अम्ब्रेला इंस्टीट्यूशन के रूप में कार्य करेगा। यह संयुक्त आयोग ऊर्जा, व्यापार, निवेश, कौशल, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, आईटी, स्वास्थ्य एवं शिक्षा आदि क्षेत्रों में संबंधों को मज़बूत करने का कार्य करेगा। इसके अलावा यह संयुक्त आयोग दोनों देशों के मौजूदा द्विपक्षीय समझौतों की भी समीक्षा करेगा और उनके कार्यान्वयन में मौजूद बाधाओं की पहचान कर समाधान खोजेगा।


सही दिशाअभियान

  • संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) ने ग्रामीण भारत में महिलाओं की आजीविका और उद्यमिता से संबंधित मुद्दों को संबोधित करने के लिये 'सही दिशा' अभियान की शुरुआत की है। यह अभियान उन मुद्दों और बाधाओं को रेखांकित करता है, जो ग्रामीण भारत में महिलाओं के रोज़गार एवं आजीविका तक पहुँचने के अवसरों को प्रभावित करते हैं और बाधा उत्पन्न करते हैं। इसके तहत ऐसे उद्यम स्थापित करने पर ज़ोर दिया जाएगा, जो महिलाओं को अधिक आत्मनिर्भर बनने में मदद कर सकें। सही दिशाअभियान संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (UNDP) और ‘IKEA फाउंडेशनके बीच पाँच साल का सहयोग है और देश के पाँच राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों यथा- दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र और तेलंगाना में कौशल एवं परामर्श सेवाओं के माध्यम से तकरीबन दस लाख महिलाओं को रोज़गार और आजीविका के अवसरों तक पहुँच प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा। UNDP संयुक्त राष्ट्र के वैश्विक विकास का एक नेटवर्क है। इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क में है UNDP गरीबी उन्मूलन, असमानता को कम करने हेतु लगभग 70 देशों में कार्य करता है।


अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन

  • हाल ही में इटली, संशोधित आईएसए फ्रेमवर्क समझौते पर हस्ताक्षर कर अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन (ISA) का हिस्सा बन गया है। ज्ञात हो कि आईएसए के फ्रेमवर्क समझौते में किये गए हालिया संशोधन के लागू होने के बाद अब संयुक्त राष्ट्र के सभी सदस्य देश अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं। ISA भारत के प्रधानमंत्री और फ्राँस के राष्ट्रपति द्वारा 30 नवंबर, 2015 को फ्राँस की राजधानी पेरिस में आयोजित कोप-21 (COP21) के दौरान शुरू की गई पहल है। ISA का उद्देश्य सदस्य देशों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिये प्रमुख चुनौतियों का साथ मिलकर समाधान निकालना है। ISA को वर्ष 2030 तक सतत् विकास लक्ष्यों को हासिल करने और जलवायु परिवर्तन पर पेरिस समझौते के उद्देश्यों को प्राप्त करने की दिशा में कार्य करने वाला एक प्रमुख संगठन माना जाता है। इसका मुख्यालय गुरुग्राम (हरियाणा) में स्थित है। सौर ऊर्जा की वैश्विक मांग को समेकित करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन, सौर क्षमता से समृद्ध देशों को एक साथ लाता है।


डिजिटल ग्रीन सर्टिफिकेट

  • हाल ही में यूरोपीय आयोग ने कोरोना वायरस महामारी के बीच यूरोपीय संघ (EU) के भीतर नागरिकों के सुरक्षित एवं मुक्त आवागमन के लिये एक डिजिटल ग्रीन सर्टिफिकेट का प्रस्ताव रखा है। डिजिटल ग्रीन सर्टिफिकेट इस तथ्य का प्रमाण होगा कि व्यक्ति को या तो कोरोना वायरस वैक्सीन लगाई जा चुकी है, या उसकी परीक्षण रिपोर्ट नकारात्मक है या वह कोरोना वायरस से रिकवरी कर चुका है। इस सर्टिफिकेट की मुख्य विशेषता यह है कि यह सर्टिफिकेट पूर्णतः डिजिटल रूप में होगा और इसे निःशुल्क प्राप्त किया जा सकेगा। यह सर्टिफिकेट अस्पतालों, परीक्षण केंद्रों और स्वास्थ्य अधिकारियों समेत सभी सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जारी किया जा सकेगा। यूरोपीय संघ के सभी नागरिक और किसी अन्य देश के नागरिक जो कानूनी रूप से यूरोपीय संघ में रह रहे हैं, इस डिजिटल सर्टिफिकेट का उपयोग करने में सक्षम होंगे तथा उन्हें स्वतंत्र आवागमन से संबंधित प्रतिबंधों में छूट मिल सकेगी।


 नववर्ष-नवरोज़

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पारसी नववर्ष-नवरोज़ के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी। प्रत्येक वर्ष 21 मार्च अथवा उसके आस-पास मनाया जाने वाला नवरोज़ पारसियों, ज़रथुस्ट्रप पंथ (Zoroastrianism) के अनुयायियों और इस्लाम के विभिन्न संप्रदायों (शिया व सुन्नी दोनों) के लिये नए वर्ष की शुरुआत का एक उत्सव है। 1079 ईस्वी में एक फारसी (ईरानी) राजा जलालुद्दीन मालेकशाह ने राजस्व इकट्ठा करने और लोगों से कर वसूलने के लिये नवरोज़ (नववर्ष) त्योहार की शुरुआत की थी। यह दिवस वसंत ऋतु की शुरुआत और विषुव (Equinox) के दिन को चिह्नित करता है। यह ईरानी कैलेंडर के पहले महीने के पहले दिन मनाया जाता है। यह यूनेस्को के अंतर्गत मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत सूची में अंतर्लिखित है। भारत में इसे जमशेद नवरोज़ (Jamshed Navroz) के नाम से जाना जाता है, जबकि संपूर्ण विश्व में नवरोज़ मार्च माह में मनाया जाता है, किंतु भारत में यह वर्ष में दो बार मनाया जाता है। पहला ईरानी कैलेंडर के अनुसार और दूसरा शहनशाही कैलेंडर के अनुसार, जिसका प्रयोग भारत और पाकिस्तान में किया जाता है।

मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना

  • राजस्थान सरकार 'हेल्थ फॉर ऑल' के लक्ष्य को वास्तविकता में बदलने की दिशा में एक मई से राज्य के सभी परिवारों के लिये सार्वभौमिक स्वास्थ्य योजना के तहत 5 लाख रुपए तक की कैशलेस बीमा योजना शुरू करेगी। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने हाल ही में मुख्यमंत्री चिरंजीवीयोजना की घोषणा की है। यह योजना राज्य में प्रत्येक परिवार को 5 लाख रुपए तक का वार्षिक चिकित्सा बीमा प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा के मुताबिक, इस योजना की शुरुआत 01 मई को अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर की जाएगी। इस योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आने वाले परिवारों को मुफ्त बीमा कवर प्रदान किया जाएगा। इसके अलावा आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना के अंतर्गत आने वाले लोग, संविदाकर्मी और छोटे तथा सीमांत किसान भी मुफ्त में इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। ऐसे परिवार जो उपर्युक्त श्रेणियों में शामिल नहीं हैं, वे भी योजना के लिये पात्र होंगे, हालाँकि उन्हें प्रीमियम की 50 प्रतिशत राशि देनी होगी, जो कि प्रतिवर्ष 850 रुपए के आसपास होगी।


समरअभियान

  • झारखंड सरकार ने हाल ही में राज्य में कुपोषण की समस्या से निपटने के लिये समर’ (स्ट्रेटेजिक एक्शन फॉर एलिवेशन ऑफ मालन्यूट्रिशन एंड एनीमिया रिडक्शन) अभियान शुरू करने की घोषणा की है। अभियान का उद्देश्य एनीमिया से पीड़ित महिलाओं और कुपोषित बच्चों की पहचान करना और इस समस्या से प्रभावी ढंग से निपटने के लिये राज्य के सभी विभागों के साथ समन्वय स्थापित करना है। समरअभियान को 1000 दिनों के लक्ष्य के साथ लॉन्च किया गया है तथा कुपोषण और एनीमिया से निपटने में हुई प्रगति को ट्रैक करने के लिये इसका वार्षिक सर्वेक्षण किया जाएगा। ज्ञात हो कि झारखंड में कुपोषण और एनीमिया प्रमुख स्वास्थ्य चुनौतियों में शामिल हैं। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 द्वारा प्रस्तुत आँकड़ों की मानें तो झारखंड में प्रत्येक दूसरा बच्चा कम वज़न (अंडरवेट), प्रत्येक तीसरा बच्चा स्टंटिंग और प्रत्येक 10वाँ बच्चा निर्बलता (वेस्टिंग) से प्रभावित है, जबकि लगभग 70 प्रतिशत बच्चे एनीमिक हैं। ध्यातव्य है कि कुपोषण (Malnutrition) वह अवस्था है जिसमें अव्यवस्थित रूप से पौष्टिक पदार्थ और भोजन ग्रहण करने के कारण शरीर को पूरा पोषण नहीं मिल पाता है।


आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना गठबंधन (CDRI)

  • हाल ही में 27 सदस्यीय यूरोपीय संघ भारत के आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना गठबंधन (CDRI) पहल में शामिल हो गया है। इसे वर्ष 2019 में संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लॉन्च किया गया था। यह एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है, जिसमें सार्वजनिक और निजी दोनों ही क्षेत्र शामिल हैं और इसका लक्ष्य सतत् विकास का समर्थन करते हुए जलवायु और आपदा जोखिमों के लिये नए एवं मौजूदा बुनियादी अवसंरचना प्रणाली के लचीलेपन को बढ़ावा देना है। ज्ञात हो कि भारत ने सौर ऊर्जा के उपयोग में वृद्धि के लिये भी वैश्विक स्तर पर विभिन्न देशों के गठबंधन के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय सौर ऊर्जा गठबंधन (ISA) का गठन किया है। इस तरह आपदा प्रतिरोधी अवसंरचना गठबंधन (CDRI) और अंतर्राष्ट्रीय सौर ऊर्जा गठबंधन (ISA) जलवायु परिवर्तन जैसी गंभीर चुनौती से निपटने के लिये भारत की महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करते हैं।


अंतर्राष्ट्री य वन दिवस

  • 21 मार्च, 2021 को वैश्विक स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस का आयोजन किया गया। संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 2012 में 21 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय वन दिवस (IDF) के रूप में मनाए जाने की घोषणा की थी। इस दिवस का उद्देश्य वनों के महत्त्व और योगदान के बारे में विभिन्न समुदायों में जन-जागरूकता पैदा करना है। इस दिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष सरकारी तंत्र और निजी संगठन मिलकर लोगों को वनों के महत्त्व और पर्यावरण तथा अर्थव्यवस्था में उनकी भूमिका के बारे में जागरूक करते हैं। इस दिवस का आयोजन संयुक्त राष्ट्र वन फोरम (UNFF) और संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (UNFAO) द्वारा किया जाता है। वर्ष 2021 के लिये इस दिवस की थीम है- वन रेस्टोरेशन: ए पाथ टू रिकवरी एंड वेल-बीइंग। इस वर्ष की थीम इस बात पर ज़ोर देती है कि वनों की बहाली और सतत् प्रबंधन किस प्रकार जलवायु परिवर्तन एवं जैव विविधता के संकट से मुकाबला करने में मददगार साबित हो सकते हैं। स्वतंत्रता के बाद से भारत की आबादी में तीन गुना वृद्धि दर्ज की गई है, हालाँकि इसके बावजूद भारत के कुल भूमि क्षेत्र के पाँचवें हिस्से पर वन मौजूद हैं। वन स्थिति रिपोर्ट, 2019 की मानें तो वर्ष 2017 से वर्ष 2019 के बीच भारत के वन आवरण क्षेत्र में 3,976 वर्ग किमी. अथवा 0.56 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई है।


उस्ताशद बिस्मिल्लाहह खां

  • 21 मार्च, 2021 को विश्व प्रसिद्ध शहनाई वादक उस्ताेद बिस्मिल्लाकह खां को उनकी जयंती पर याद किया गया। 21 मार्च, 1916 को बिहार में संगीतकारों के परिवार में जन्मे उस्ताजद बिस्मिल्लायह खां ने संगीत की प्रारंभिक शिक्षा अपने चाचा अली बख्श 'विलायती' से प्राप्त की थी। शहनाई को विश्व पटल पर ले जाने में बिस्मिल्लाकह खां का अतुलनीय योगदान माना जाता है। उन्हें शहनाई की लय साधने के लिये जाना जाता है। बिस्मिल्लाअह खां ने सर्वप्रथम वर्ष 1938 में लखनऊ के ऑल इंडिया रेडियो पर शहनाई वादन किया था। बिस्मिल्लािह खां को संगीत के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिये पद्मश्री, पद्म भूषण और पद्म विभूषण जैसे राष्ट्रीरय पुरस्का रों से नवाज़ा गया है। वर्ष 2001 में उस्तादद बिस्मिल्लाषह खां को राष्ट्रर का सर्वोच्चो नागरिक पुरस्कार भारत रत्न प्रदान किया गया था। भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले पर शहनाई वादन के लिये उन्हें आमंत्रित किया गया था। उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय वाराणसी में व्यतीत किया और सात दशकों से अधिक समय तक संगीत की सेवा करने के बाद 21 अगस्त, 2006 को वाराणसी में अंतिम साँस ली।

ग्राम उजालायोजना

  • केंद्रीय राज्य मंत्री आर.के. सिंह ने हाल ही में एक वर्चुअल समारोह में ग्राम उजालाकार्यक्रम की शुरुआत की है। इस योजना के पहले चरण के तहत कन्वर्जेंस एनर्जी सर्विसेज़ लिमिटेड (CESL) द्वारा पुराने कार्यशील तापदीप्त बल्बों के बदले प्रत्येक ग्रामीण परिवार को केवल 10 रुपए में LED बल्ब प्रदान किये जाएंगे। योजना के तहत प्रत्येक परिवार को अधिकतम पाँच LED बल्ब ही मिलेंगे। ग्राम उजालाकार्यक्रम का भारत द्वारा जलवायु परिवर्तन की दिशा मंु किये जा रहे प्रयासों पर एक महत्त्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। अनुमान के अनुसार, यदि भारत में सभी 30 करोड़ बल्बों को बदल दिया जाए तो प्रत्येक वर्ष 40,743 मिलियन किलोवाट ऊर्जा की बचत होगी। इससे कार्बन डाइऑक्साइड में कटौती करने में भी मदद मिलेगी। ग्राम उजालायोजना न केवल ऊर्जा दक्षता को बढ़ाकर जलवायु परिवर्तन के विरुद्ध लड़ाई को गति देगी, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों के नागरिकों के लिये जीवन के बेहतर मानक, वित्तीय बचत और बेहतर सुरक्षा भी प्रदान करेगी। इस कार्यक्रम के पहले चरण में आरा (बिहार), वाराणसी (उत्तर प्रदेश), विजयवाड़ा (आंध्र प्रदेश), नागपुर (महाराष्ट्र) और पश्चिमी गुजरात के गाँवों में 1.5 करोड़ LED बल्बों का वितरण किया जाएगा।


विश्व गौरैया दिवस

  • 20 मार्च, 2021 को दुनिया भर में विश्व गौरैया दिवस (World Sparrow Day) मनाया गया। इस दिवस का आयोजन आम लोगों में गौरैया के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से किया जाता है। इसके अलावा शहरी वातावरण में रहने वाले आम पक्षियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी इस दिवस को मनाने का एक उद्देश्य है। गौरैया की लगातार कम होती जा रही तादाद के मद्देनज़र वर्ष 2010 में पहली बार यह दिवस मनाया गया था। 2012 में दिल्ली सरकार ने गौरैया को दिल्ली का राजकीय पक्षी घोषित किया था। ब्रिटेन की 'रॉयल सोसायटी ऑफ प्रोटेक्शन ऑफ बर्ड्स' ने भारत से लेकर विश्व के विभिन्न हिस्सों में अनुसंधानकर्त्ताओं द्वारा किये गए अध्ययनों के आधार पर गौरैया को 'रेड लिस्ट' में शामिल किया है। गौरैया की संख्या में यह कमी शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में देखी गई है। गौरैया 'पासेराडेई' परिवार की सदस्य है। दुनिया भर में गौरैया की 26 प्रजातियाँ हैं, जिसमें से 5 भारत में पाई जाती हैं।


बिहार दिवस

  • 22 मार्च, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार दिवस के अवसर पर राज्यं के सभी लोगों को शुभकामनाएँ दी। यह दिवस राज्य के गठन का प्रतीक है। बिहार दिवस उस तारीख को चिह्नित करता है, जब ब्रिटिश शासन के दौरान बिहार एक प्रांत के रूप में अस्तित्व में आया था। वर्ष 1912 में बिहार को बंगाल से अलग किया गया था। बिहार दिवस की शुरुआत वर्ष 2005 में तत्कालीन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा की गई थी। बिहार का उल्लेख वेदों, पुराणों, महाकाव्यों आदि में मिलता है। भारतीय संघ के प्रमुख राज्यों में से एक, बिहार उत्तर में नेपाल, पूर्व में पश्चिम बंगाल, पश्चिम में उत्तर प्रदेश और दक्षिण में झारखंड के साथ अपनी सीमा साझा करता है। बिहार में कई नदियाँ मौजूद हैं, जिनमें सबसे महत्त्वपूर्ण गंगा नदी है। अन्या नदियाँ हैं- सोन, पुनपुन, फल्गुं, कर्मनाशा, दुर्गावती, कोसी, गंडक, घाघरा आदि। बिहार का कुल भौगोलिक क्षेत्र लगभग 93.60 लाख हेक्टेयर है, जिसमें से 55.54 लाख हेक्टेयर पर खेती होती है। राज्य के प्रमुख पर्यटन स्थलों में: राजगीर, नालंदा, वैशाली, पावापुरी (जहाँ भगवान महावीर ने अंतिम साँस ली और निर्वाण प्राप्त किया), बोधगया, विक्रमशिला (उच्चल शिक्षा के बौद्ध विश्वविद्यालय के अवशेष), पटना (पाटलिपुत्र का प्राचीन नगर) और सासाराम (शेरशाह सूरी का मकबरा) तथा मधुबनी (प्रसिद्ध मधुबनी चित्रकला का केंद्र) आदि शामिल हैं।


67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

  • हाल ही में वर्ष 2019 के लिये 67वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की घोषणा की गई है। प्रियदर्शन द्वारा निर्देशित मलयालम फिल्मु मरक्केर: अरबिक्काीडिलिनते सिम्हदमको सर्वश्रेष्ठन फिल्म  के पुरस्कार के लिये चुना गया है। वहीं सर्वश्रेष्ठ हिंदी फिल्म का पुरस्कार छिछोरेफिल्म को दिया जाएगा। संजय पूरन सिंह चौहान को उनकी हिन्दीे फिल्म् बहत्तर हूरेंके लिये सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का पुरस्कार दिया जाएगा। अभिनेता मनोज बाजपेयी को हिन्दीु फिल्मर भोंसलेऔर धनुषको तमिल फिल्मअ असुरनके लिये सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का पुरस्कार दिया जाएगा। अभिनेत्री कंगना रनौत को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार देने की घोषणा की गई है। साथ ही फिल्मों के प्रति सबसे संवेदनशील राज्य का पुरस्कार सिक्किम को मिला है। सिनेमा पर सर्वश्रेष्ठ पुस्तक का पुरस्कार संजय सूरी की ए गांधीयन अफेयर: इंडियाज़ क्यूरियस पोर्ट्रेयल ऑफ लव इन सिनेमाको प्रदान किया गया है। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की शुरुआत वर्ष 1954 में की गई थी। उस समय देश के राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद थे और सूचना प्रसारण मंत्री बी.वी. केसकर थे। इन राष्ट्रीय पुरस्कारों को तब राजकीय फिल्म पुरस्कार कहा जाता था।


डॉ. राम मनोहर लोहिया

  • 23 मार्च, 2021 को प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता सेनानी और समाजवादी नेता डॉ. राम मनोहर लोहिया को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी। राम मनोहर लोहिया का जन्म 23 मार्च, 1910 को ब्रिटिशकालीन भारत में संयुक्त प्रांत के अकबरपुर (फैजाबाद ज़िले) में हुआ था। भारतीय समाजवादी राजनीति और स्वतंत्रता संग्राम के संघर्ष में डॉ. लोहिया का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। वर्ष 1934 में डॉ. लोहिया भारतीय राष्ट्रीय कॉन्ग्रेस (INC) के अंतर्गत एक वामपंथी समूह कॉन्ग्रेस सोशलिस्ट पार्टी (CSP) में शामिल हुए और उन्होंने पार्टी की कार्यकारी समिति में कार्य करने के साथ-साथ उसकी साप्ताहिक पत्रिका का संपादन भी किया। उन्होंने ब्रिटेन द्वारा द्वितीय विश्व युद्ध में भारत को शामिल करने के निर्णय का कड़ा विरोध किया, जिसके कारण उन्हें 2 बार क्रमशः वर्ष 1939 और वर्ष 1940 में जेल जाना पड़ा। इसके बाद वर्ष 1942 और वर्ष 1944-46 में उन्हें ब्रिटिश सरकार विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के कारण फिर से जेल जाना पड़ा। वर्ष 1948 में लोहिया एवं अन्य CSP सदस्य कॉन्ग्रेस से अलग हो गए तथा वर्ष 1952 में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य बने, किंतु वर्ष 1955 में कुछ मतभेदों के कारण उन्होंने यह पार्टी भी छोड़ दी। वर्ष 1963 में लोहिया लोकसभा के लिये चुने गए और 12 अक्तूबर, 1967 में उनका निधन हो गया।


विश्व मौसम विज्ञान दिवस

  • पृथ्वी के वातावरण की रक्षा में आम लोगों की भूमिका के महत्त्व को उजागर करने के लिये प्रत्येक वर्ष 23 मार्च को विश्व मौसम विज्ञान दिवस का आयोजन किया जाता है। यह दिवस 23 मार्च, 1950 को विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) की स्थापना को चिह्नित करता है, जो कि 23 मार्च, 1950 को स्थापित एक अंतर-सरकारी निकाय है। यह दिवस समाज की सुरक्षा एवं भलाई के लिये राष्ट्रीय मौसम विज्ञान एवं जल विज्ञान सेवाओं के आवश्यक योगदान को दर्शाता है। विश्व मौसम विज्ञान दिवस 2021 की थीम द ओशियन, अवर क्लाइमेट एंड वेदरहै। यह विषय सतत् विकास हेतु महासागर विज्ञान के संयुक्त राष्ट्र के दशक की शुरुआत को दर्शाता है, जो समुद्र विज्ञान हेतु समर्थन जुटाने और सतत् विकास में महासागर विज्ञान की भूमिका को समझने पर केंद्रित है। ज्ञात हो कि महासागर पृथ्वी की सतह का 70 प्रतिशत हिस्सा कवर करता है और जलवायु परिवर्तन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।


वॉल्कैनिक बाॅण्ड

  • डेनिश रेड क्रॉस, ज्वालामुखी विस्फोटों के लिये विश्व का पहला वॉल्कैनिक बाॅण्डप्रस्तुत करेगा, जिसे तीन महाद्वीपों में 10 ज्वालामुखियों के विस्फोट के बाद मानवीय राहत के प्रावधान और दक्षता में सुधार करने के लिये डिज़ाइन किया गया है। इस प्रकार के बाॅण्ड का उद्देश्य ज्वालामुखी विस्फोट के बाद सहायता के लिये निवेशकों से 3 मिलियन डॉलर तक का फंड जुटाना है। इस बाॅण्ड का उद्देश्य वैश्विक पूंजी बाज़ारों से सहायता जुटाकर आपदा सहायता प्रदान करने की संपूर्ण पद्धति में बदलाव लाना है। ब्लॉकचेन तकनीक और एडवांस मॉडलिंग का उपयोग करके इस बाॅण्ड के माध्यम से मानवीय सहायता हेतु एडवांस में धन जुटाया जाएगा और निवेशकों के लिये असंबद्ध रिटर्न की पेशकश करते हुए आपदा के समय सहायता को और अधिक तेज़ी से तथा प्रभावी रूप से जारी करने का प्रयास किया जाएगा। वॉल्कैनिक बाॅण्डके लिये चयनित 10 ज्वालामुखियों को उनके कारण उत्पन्न मानवीय खतरे के आधार पर चुना गया है, इसमें मुख्यतः वे ज्वालामुखी शामिल हैं, जिनमें संभावित विस्फोट क्षेत्र के 60 मील (100 किलोमीटर) के दायरे में रहने वाले व्यक्तियों की संख्या कम-से-कम 700,000 है।


स्थायी सिंधु आयोग

  • वर्ष 2018 के बाद भारत और पाकिस्तान के सिंधु आयुक्तों के बीच वार्षिक स्थायी सिंधु आयोग की बैठक का आयोजन किया जा रहा है। भारतीय दल का नेतृत्त्व सिंधु जल आयुक्त प्रदीप कुमार सक्सेना द्वारा किया जा रहा है, साथ ही इसमें केंद्रीय जल आयोग, केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण और राष्ट्रीय जल-विद्युत निगम के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। सिंधु जल संधि (IWT) दोनों देशों के आयुक्तों के लिये वर्ष में कम-से-कम एक बार बैठक का आयोजन करना अनिवार्य बनाती है, यह बैठक भारत और पाकिस्तान में बारी-बारी से आयोजित किया जाता है। हालाँकि विगत वर्ष की बैठक मार्च 2020 में नई दिल्ली में आयोजित होनी थी, लेकिन महामारी के मद्देनज़र इसे रद्द कर दिया गया था और संधि के अस्तित्व में आने के बाद यह पहली बार था, जब बैठक को रद्द किया गया था। अंतिम बैठक अगस्त 2018 में लाहौर में आयोजित की गई थी। ज्ञात हो कि सिंधु प्रणाली में मुख्यतः सिंधु, झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलज नदियाँ शामिल हैं। इन नदियों के बहाव वाले क्षेत्र (Basin) को प्रमुखतः भारत और पाकिस्तान साझा करते हैं। इसका एक बहुत छोटा हिस्सा चीन और अफगानिस्तान को भी मिला हुआ है। 19 सितंबर, 1960 को भारत और पाकिस्तान के बीच इन नदियों के जल के विभाजन को लेकर समझौता हुआ। इसे ही 1960 की सिंधु जल संधि कहते हैं।


देश का प्रथम पशु चिकित्सा एम्बुलेंस नेटवर्क

  • आंध्र प्रदेश में पशुपालन और पशु चिकित्सा क्षेत्र को और अधिक बढ़ावा देने के लिये राज्य सरकार ने जानवरों हेतु संचालित भारत के पहले पशु चिकित्सा एम्बुलेंस नेटवर्ककी स्थापना का निर्णय लिया गया है। राज्य के पशुपालन विभाग को प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक मोबाइल एम्बुलेंस पशु चिकित्सा क्लिनिक की स्थापना करने का निर्देश दिया गया है। राज्य के लोगों को घर पर पशु चिकित्सा सेवा उपलब्ध कराने की तर्ज पर सभी विधानसभा क्षेत्रों में कुल 175 मोबाइल एम्बुलेंस (पशु चिकित्सा) क्लीनिक स्थापित किये जाएंगे। ये मोबाइल एम्बुलेंस पशु-चिकित्सा प्राथमिक उपचार सेवाएँ प्रदान करेंगी और इसमें आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिये भी सुविधाएँ मौजूद होंगी। प्रत्येक मोबाइल एम्बुलेंस में एक पशु चिकित्सक और एक पैरा-पशु चिकित्सा कार्यकर्त्ता को तैनात किया जाएगा। इन एम्बुलेंस में चौबीसों घंटे टोल-फ्री कॉल सेंटर भी मौजूद होगा।


फ्लेक्सिबल फ्यूल व्हीकल (FFV)

  • सरकार जल्द ही सभी प्रकार के वाहनों में जैव ईंधन का उपयोग सुनिश्चित करने के लिये फ्लेक्सिबल फ्यूल व्हीकलके उपयोग को बढ़ावा देने हेतु नियम बनाने पर विचार कर रही है। फ्लेक्सिबल फ्यूल व्हीकल, वाहनों का एक संशोधित संस्करण है, जिसे पेट्रोल और इथेनॉल दोनों के साथ प्रयोग किया जा सकता है। वर्तमान में इसे ब्राज़ील में सफलतापूर्वक उपयोग किया जा रहा है और यह कीमत और सुविधा के आधार पर लोगों को ईंधन (पेट्रोल और इथेनॉल) में परिवर्तन करने का विकल्प प्रदान करता है।  ब्राज़ील में बेचे जाने वाले अधिकांश वाहन फ्लेक्सिबल फ्यूल व्हीकल हैं। मौजूदा नियम पेट्रोल में 10 प्रतिशत तक इथेनॉल मिलाने की अनुमति देते हैं। हालाँकि कम आपूर्ति और अन्य परिवहन चुनौतियों के कारण 10 प्रतिशत मिश्रित पेट्रोल केवल 15 राज्यों में ही उपलब्ध हो पाता है, जबकि अन्य राज्यों में यह मात्रा 0 से 5 प्रतिशत के बीच है।

 

विश्व क्षयरोग दिवस

  • प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को दुनिया भर में विश्व क्षयरोग दिवस का आयोजन किया जाता है। इस दिवस का प्राथमिक उद्देश्य क्षयरोग/तपेदिक से स्वास्थ्य, समाज और अर्थव्यवस्था को होने वाले नुकसान के प्रति जागरूकता बढ़ाना तथा इस वैश्विक महामारी की रोकथाम के लिये किये जा रहे प्रयासों में तेज़ी लाना है। गौरतलब है कि वर्ष 1882 में क्षय रोग (TB) के जीवाणु की खोज करने वाले डॉ. रॉबर्ट कोच की स्मृति में प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को विश्व क्षयरोग दिवस मनाया जाता है, 24 मार्च 1882 में ही डॉ. रॉबर्ट कोच ने टीबी बैक्टीरिया की खोज की थी। क्षयरोग विश्व में सबसे घातक संचारी रोगों में से एक है। टीबी या क्षय रोग बैक्टीरिया (माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस) के कारण होता है जो फेफड़ों को सबसे अधिक प्रभावित करता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आँकड़ों की मानें तो अकेले वर्ष 2019 में दुनिया भर में क्षयरोग (टीबी) के कारण कुल 1.4 मिलियन लोगों की मृत्यु हुई थी। इस तरह क्षयरोग विश्व भर में होने वाली मौतों के प्रमुख 10 कारणों में से एक है। इस वर्ष विश्व  क्षयरोग दिवस का विषय है- द क्लॉक इज़ टिकिंग’, जो कि इस ओर इशारा करता है कि क्षयरोग को समाप्ति करने के लिये वैश्विक प्रतिबद्धताओं को पूरा करने का समय बीतता जा रहा है।


मुत्थुस्वामी दीक्षितर

  • 24 मार्च, 2021 को कर्नाटक संगीत के महान संगीतज्ञ मुत्थुस्वामी दीक्षितर की जयंती मनाई गई। बहुमुखी प्रतिभा के धनी मुत्थुस्वामी दीक्षितर एक कवि, गायक और वीणावादक भी थे। उनकी 500 से अधिक ज्ञात शास्त्री य संगीत रचनाओं में देवी-देवताओं और मंदिरों का काव्यात्मक चित्रण मिलता है, मुत्थुस्वामी दीक्षितर की अधिकांश रचनाओं को संगीत समारोहों में गाया जाता है। उनकी अधिकांश रचनाएँ संस्कृत में हैं। मुत्थुस्वामी दीक्षितर ने अपनी कुछ कृतियों की रचना संस्कृत और तमिल भाषाओं के संगम मणिप्रवालम में भी की है। मुत्थुस्वामी दीक्षितर का जन्म 24 मार्च, 1776 को तमिलनाडु के तंजावुर ज़िले के तिरुवरूर शहर में हुआ था। मुत्थुस्वामी दीक्षितर को संस्कृत भाषा, धार्मिक ग्रंथ और मौलिक संगीत के ज्ञान की प्रारंभिक शिक्षा अपने पिता से प्राप्त हुई, जो कि स्वयं एक प्रख्यात विद्वान थे। मुत्थुस्वामी दीक्षितर ने अपनी संगीत रचनाओं में विभिन्न मंदिरों के इतिहास और उनकी पृष्ठभूमि को भी उजागर किया है, इस प्रकार उन्होंने इन पुराने मंदिरों में कई रीति-रिवाजों के संरक्षण हेतु महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। कर्नाटक संगीत की रचना में मुत्थुस्वामी दीक्षितर का नाम प्रमुखता से लिया जाता है।


असम राइफल

  • 24 मार्च, 2021 को गृहमंत्री ने असम राइफल के 186वें स्थापना दिवस के अवसर पर कर्मियों और उनके परिजनों को बधाई दी। असम राइफल्स भारत के सबसे पुराने अर्द्ध-सैनिक बलों में से एक है जिसे वर्ष 1835 में ब्रिटिश भारत में सिर्फ 750 सैनिकों के साथ कछार लेवीके रूप में स्थापित किया गया था। इस सैन्य बल को वर्ष 1870 में कुछ अतिरिक्त बटालियनों के साथ असम सैन्य पुलिस बटालियन में परिवर्तित कर दिया गया। प्रथम विश्व युद्ध के बाद इन बटालियनों का नाम बदलकर असम राइफल्स कर दिया गया। वर्ष 1962 में चीनी आक्रमण के बाद असम राइफल्स बटालियन को सेना के संचालन नियंत्रण में रखा गया था। अब तक इस बल ने दो विश्व युद्धों और वर्ष 1962 के भारत-चीन युद्ध में हिस्सा लिया है, साथ ही इसने पूर्वोत्तर में आतंकवादी समूहों के विरुद्ध चलाए गए अभियानों में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। स्वतंत्रता के बाद से असम राइफल्स ने 188 सेना पदकों के अलावा 120 शौर्य चक्र, 31 कीर्ति चक्र, पाँच वीर चक्र और चार अशोक चक्र जीते हैं।


व्यास सम्मान

  • जाने माने हिंदी लेखक प्रोफेसर शरद पगारे को उनके उपन्यास पाटलिपुत्र की साम्राज्ञीके लिये वर्ष 2020 के व्यासस सम्माोन हेतु चुना गया है। यह पुरस्कार के.के. बिरला फाउंडेशन की ओर से 10 वर्ष की अवधि में प्रकाशित सर्वश्रेष्ठ हिंदी की साहित्यिक कृति को दिया जाता है। इस पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 1991 में की गई थी तथा इसमें 4 लाख रुपए, प्रशस्ति पत्र और एक प्रतीक चिह्न प्रदान किया जाता है। शरद पगारे के ऐतिहासिक उपन्यास 'पाटलिपुत्र की सम्राज्ञी' का प्रकाशन वर्ष 2010 में हुआ था। मध्य प्रदेश के खंडवा में जन्मे प्रोफेसर शरद पगारे के अन्य प्रमुख उपन्यासों में गुलारा बेगम, गंधर्वसेन, बेगम जैनाबादी, उजाले की तलाश और ज़िंदगी एक सलीब-सी आदि शामिल हैं। ज्ञात हो कि वर्ष 2019 में हिंदी की उत्कृष्ट साहित्यकार नासिरा शर्मा को उनके उपन्यास कागज़ की नावके लिये व्यास सम्मानहेतु चुना गया था।


ट्यूलिप गार्डन

  • केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर स्थित एशिया के सबसे बड़े ट्यूलिप गार्डन को आम जनता और पर्यटकों के लिये खोला गया है। श्रीनगर के इस ट्यूलिप गार्डन में इस समय विभिन्न रंगों के लाखों ट्यूलिप फूल मौजूद हैं। विश्व प्रसिद्ध डल झील के किनारों पर ज़बरवान पहाड़ियों की घाटी में स्थित गार्डन में  ट्यूलिप के रंग-बिरंगे फूलों का इंद्रधनुष लोगों के आकर्षण का केंद्र बना है। कश्मीर के इस प्रतिष्ठित ट्यूलिप गार्डन में 1.5 मिलियन से अधिक ट्यूलिप पौधे मौजूद हैं। ज़बरवान पहाड़ियों की तलहटी पर स्थित यह एशिया का सबसे बड़ा ट्यूलिप गार्डन है। ट्यूलिप गार्डन में इस वर्ष 64 से अधिक किस्में मौजूद हैं। लगभग 30 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्यूलिप गार्डन को वर्ष 2007 में कश्मीर घाटी में फूलों की खेती और पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित गया था। इस गार्डन में ट्यूलिप के अलावा फूलों की कई अन्य प्रजातियाँ जैसे- जलकुंभी, डैफोडिल्स और रेननकुलस आदि भी मौजूद हैं। ट्यूलिप उत्सव एक वार्षिक उत्सव है, जिसका उद्देश्य जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा पर्यटन प्रयासों के एक हिस्से के रूप में बगीचे में फूलों की शृंखला का प्रदर्शन करना है। यह कश्मीर घाटी में वसंत के मौसम की शुरुआत के दौरान आयोजित किया जाता है।


यूएस-इंडिया होमलैंड सिक्योरिटी डायलॉग

  • हाल ही में भारत और अमेरिका ने साइबर सुरक्षा, आधुनिक प्रौद्योगिकी और अतिवाद जैसे मुद्दों पर केंद्रित यूएस-इंडिया होमलैंड सिक्योरिटी डायलॉगको पुनः शुरू करने की घोषणा की है। यूएस-इंडिया होमलैंड सिक्योरिटी डायलॉगओबामा प्रशासन द्वारा शुरू की गई एक पहल है और इस प्रकार का पहला डायलॉग मई 2011 में आयोजित किया गया था। वर्ष 2013 में आयोजित दूसरे यूएस-इंडिया होमलैंड सिक्योरिटी डायलॉगके बाद से इस प्रकार के मंत्रिस्तरीय संवाद का आयोजन नहीं किया गया है, हालाँकि संवाद के हिस्से के रूप में स्थापित कार्य समूह विभिन्न विषयों पर कार्य कर रहे हैं। राष्ट्रपति जो बाइडेन के शासन की शुरुआत के बाद से ही भारत और अमेरिका के संबंधों में लगातार सकारात्मक वृद्धि देखने को मिल रही है। ज्ञात हो कि हाल ही में क्वाड देशों (अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया) के पहले शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया था। उभरती हुई प्रौद्योगिकी पर चार क्वाड देशों के बीच सहयोग में बढ़ोतरी पहले क्वाड शिखर सम्मेलन का प्राथमिक विषय रहा।


भारतीय तटरक्षक जहाज़ वज्र

  • भारतीय तटरक्षक जहाज़ वज्रको चेन्नई में औपचारिक रूप से सेवा में शामिल कर लिया गया है। यह तटरक्षक जहाज़ लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड द्वारा निर्मित सात ऑफशोर पेट्रोल वेसल (OPV) की शृंखला में छठे स्थान पर है। 98 मीटर के इस तटरक्षक जहाज़ को अत्याधुनिक नेविगेशन एवं संचार उपकरण, सेंसर और मशीनरी आदि से सुसज्जित किया गया है। यह जहाज़ अत्याधुनिक सुविधा से सुसज्जित है और इसे एक ट्विन-इंजन हेलीकॉप्टर तथा चार तीव्र गति वाली नौकाओं को ले जाने के लिये डिज़ाइन किया गया है। जहाज़ का उपयोग खोज एवं बचाव, कानून प्रवर्तन और समुद्री गश्त में भी किया जा सकता है। यह जहाज़ समुद्र में तेल रिसाव की स्थिति में प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकरण ले जाने में भी सक्षम है। वज्रतटरक्षक जहाज़ को मुख्य तौर पर भारतीय तटीय क्षेत्र में अनन्य आर्थिक क्षेत्र (EEZ) की निगरानी के लिये नियुक्त किया जाएगा। विदित हो कि अनन्य आर्थिक क्षेत्र, किसी देश की बेसलाइन से 200 नॉटिकल मील की दूरी तक फैला होता है। इसमें तटीय देशों को सभी प्राकृतिक संसाधनों की खोज, दोहन, संरक्षण और प्रबंधन का संप्रभु अधिकार प्राप्त होता है।


डॉ. विवेक मूर्ति

  • भारतीय मूल के अमेरिकी डॉक्टर विवेक मूर्ति को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के सर्जन जनरल के रूप में नियुक्त किया गया है। विदित हो कि डॉ. विवेक मूर्ति इससे पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान भी सर्जन जनरल का पदभार संभाल चुके हैं, हालाँकि उन्हें वर्ष 2017 में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कार्यकाल के दौरान पद से हटा दिया गया था। डॉ. विवेक मूर्ति पब्लिक हेल्थ सर्विस कमीशन कोर में एक प्रतिष्ठित चिकित्सक और पूर्व वाइस एडमिरल रह चुके हैं। सर्जन जनरल के रूप में डॉ. विवेक मूर्ति का प्राथमिक कार्य अमेरिका में कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव को सीमित करना होगा। 10 जुलाई, 1977 को हडर्सफील्ड (यॉर्कशायर) में जन्मे डॉ. मूर्ति का पालन-पोषण फ्लोरिडा के मियामी में हुआ था। इससे पूर्व नवंबर 2020 मंव राष्ट्रपति जो बाइडेन ने डॉ. विवेक मूर्ति को अपने कोविड-19 सलाहकार बोर्ड का सह-अध्यक्ष बनाने की घोषणा की थी।


महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार

  • सुप्रसिद्ध पार्श्वगायिका आशा भोसले को महाराष्ट्र सरकार द्वारा हाल ही में वर्ष 2020 के लिये राज्य के सर्वोच्च सम्मान महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अध्यक्षता में एक समिति ने वर्ष 2020 के लिये आशा भोसले का चयन किया है। ज्ञात हो कि आशा भोसले की बहन लता मंगेशकर को वर्ष 1997 में महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया था। इसके अलावा आशा भोसले को प्रतिष्ठित दादा साहब फाल्के पुरस्कार और पद्म विभूषण से भी सम्मानित किया गया है। वर्ष 2011 में आशा भोसले ने आधिकारिक तौर पर संगीत इतिहास में सबसे अधिक बार रिकॉर्ड होने वाली कलाकार का खिताब हासिल किया था और उनका नाम गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया था। उन्होंने 20 से अधिक भाषाओं में गाया है। उनकी रचनाओं में फिल्म संगीत, गज़ल, भजन, पारंपरिक भारतीय शास्त्रीय संगीत, लोकगीत, कव्वाली और रवींद्र संगीत आदि शामिल हैं। महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार की शुरुआत वर्ष 1996 में राज्य सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में राज्य के प्रतिष्ठित व्यक्तियों की उपलब्धियों और कार्यों को पहचान प्रदान करने के लिये स्थापित किया गया था, इस पुरस्कार के तहत 10 लाख रुपए का नकद पुरस्कार और एक प्रशस्ति पत्र प्रदान किया जाता है।


विश्व रंगमंच दिवस

  • आम लोगों को रंगमंच के विभिन्न पहलुओं और इसके महत्त्व के बारे में जागरूक करने के लिये प्रत्येक वर्ष 27 मार्च को विश्व रंगमंच दिवस का आयोजन किया जाता है। विश्व रंगमंच दिवस की स्थापना इंटरनेशनल थियेटर इंस्टीट्यूट (ITI) द्वारा की गई थी और इस दिवस का आयोजन पहली बार 27 मार्च, 1962 को पेरिस में किया गया था। प्रथा के अनुसार, इस दिन किसी थियेटर के किसी प्रसिद्ध व्यक्ति द्वारा रंगमंच की मौजूदा स्थिति पर विचार व्यक्त करते हुए संदेश दिया जाता है। वर्ष 1962 में पहला विश्व थियेटर दिवस संदेश जीन कोक्टयू द्वारा दिया गया था। वर्ष 2002 में यह संदेश भारत के सबसे प्रसिद्ध थियेटर कलाकार गिरीश कर्नाड ने दिया था। नाटक अथवा थियेटर रंगमंच से जुड़ी एक विधा है, जिसे अभिनय करने वाले कलाकारों के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है। नाटक की परंपरा बहुत प्राचीन है। इस संदर्भ में शेक्सपियर की निम्नलिखित पंक्तियाँ उल्लेखनीय हैं-

यह दुनिया एक रंगमंच है और सभी स्त्री-पुरुष सिर्फ पात्र हैं


अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग एंड कॉम्प्लेक्स स्कीम

  • उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही छात्रों, शहरों में रहने वाले गरीब लोगों और शहरी प्रवासियों के लिये एक किफायती किराए के आवास की योजना शुरू करेगी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में राज्य मंत्रिमंडल ने अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग एंड कॉम्प्लेक्स (ARHC) स्कीम के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी है। राज्य सरकार की इस आवासीय योजना के तहत छात्र, शहरी प्रवासी, गरीब मज़दूर, आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (EWS) और निम्न आय वर्ग के लोगों को शामिल किया जाएगा। योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़े वर्ग, विधवाओं, कामकाजी महिलाओं और अल्पसंख्यक समुदाय से संबंधित लोगों को वरीयता प्रदान की जाएगी। योजना को मुख्यतः दो मॉडलों में लागू किया जाएगा। पहले मॉडल के तहत केंद्र या राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित खाली मकानों को योजना में शामिल किया जाएगा, जबकि दूसरे मॉडल के तहत सार्वजनिक/निजी संस्थाओं द्वारा अपनी उपलब्ध खाली भूमि पर मकानों का निर्माण, संचालन और रखरखाव किया जाएगा। योजना के तहत केवल 25 वर्ष के लिये ही मकान किराये पर दिया जाएगा।


इथेनॉल उत्पादन संवर्द्धन नीति, 2021

  • हाल ही में बिहार मंत्रिमंडल ने इथेनॉल उत्पादन संवर्द्धन नीति, 2021 नामक अपनी स्वयं की इथेनॉल नीति को मंज़ूरी दे दी है, जिससे बिहार इस प्रकार की नीति बनाने वाला देश का पहला राज्य बन गया है। बिहार सरकार की इस नई नीति के तहत जैव ईंधन पर राष्ट्रीय नीति (2018) और राष्ट्रीय जैव ईंधन समन्वय समिति द्वारा स्वीकृत सभी प्रकार के फीडस्टॉक से इथेनॉल के उत्पादन को मंज़ूरी दी गई है। बिहार की इथेनॉल उत्पादन संवर्द्धन नीति, 2021 के तहत नई इथेनॉल विनिर्माण इकाइयों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिये उन्हें संयंत्र और मशीनरी की लागत का अधिकतम 5 करोड़ तक 15 प्रतिशत अतिरिक्त पूंजीगत सब्सिडी प्रदान करने की व्यवस्था की गई है। यह पूंजीगत सब्सिडी, बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 के तहत मौजूदा प्रोत्साहन के अतिरिक्त होगी।


शहीद अशफाक उल्ला खान चिड़ियाघर

  • मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाल ही में गोरखपुर में शहीद अशफाक उल्ला खान चिड़ियाघर (गोरखपुर चिड़ियाघर) का उद्घाटन किया है। यह राज्यफ के पूर्वांचल क्षेत्र में पहला और सबसे बड़ा तथा उत्तर प्रदेश में तीसरा चिड़ियाघर है। इस परियोजना की परिकल्पना तकरीबन एक दशक पूर्व मई 2011 में की गई थी, किंतु राज्य की राजनीतिक इच्छाशक्ति के अभाव में इस परियोजना को पूरा नहीं किया जा सका। वर्ष 2017 में इस परियोजना के कार्य को पुनः शुरू किया गया। पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ यह चिड़ियाघर पूर्वांचल क्षेत्र में रोज़गार सृजन में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस संबंध में जारी अधिसूचना के मुताबिक, गोरखपुर चिड़ियाघर में अधिकांश जानवरों को लखनऊ और कानपुर के चिड़ियाघर से लाया गया है। साथ ही इस चिड़ियाघर में इज़रायल से ज़ेबरा लाए गए हैं, जो कि पर्यटकों के लिये आकर्षण का प्राथमिक केंद्र होगा। अब तक इस चिड़ियाघर में कुल 151 जानवरों को लाया गया है और इस संख्या को 400 तक पहुँचाने का प्रयास किया जा रहा है। ज्ञात हो कि इस चिड़ियाघर का नाम क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानी अशफाक उल्ला खान के नाम पर रखा गया है। 22 अक्तूबर, 1900 को उत्तर प्रदेश के शाहजहाँपुर में जन्मे अशफाक उल्ला खान को काकोरी डकैतीमें शामिल होने के चलते राम प्रसाद 'बिस्मिल’, राजेंद्र लाहिड़ी तथा रोशन सिंह के साथ मौत की सज़ा दी गई थी।


माउंट मेरापी

  • इंडोनेशिया के सबसे सक्रिय ज्वालामुखी माउंट मेरापीमें हाल ही में पुनः विस्फोट हुआ है। 2,968 मीटर (9,737 फुट) ऊँचा यह ज्वालामुखी इंडोनेशिया के घनी आबादी वाले द्वीप जावा और वहाँ के प्राचीन शहर याग्याकार्टा के पास है। माउंट मेरापी इंडोनेशिया में स्थित दर्जनों ज्वालामुखियों में सबसे अधिक सक्रिय ज्वालामुखी है और बीते कुछ वर्षों के दौरान इसमें लगातार विस्फोट होता रहा है। वर्ष 2010 में माउंट मेरापी में हुए बड़े विस्फोट में 347 लोगों की मौत हुई थी। इंडोनेशिया 270 मिलियन लोगों की आबादी वाला एक द्वीपसमूह है, जिसके रिंग ऑफ फायरया परिप्रशांत महासागरीय मेखला में अवस्थित होने के कारण यहाँ कई सक्रिय ज्वालामुखी पाए जाते हैं और यह क्षेत्र भूकंप प्रवण क्षेत्र के अंतर्गत आता है। रिंग ऑफ फायरप्रशांत महासागर के चारों ओर का एक ऐसा क्षेत्र है जहाँ विवर्तनिक प्लेटें आपस में मिलती हैं। ध्यातव्य है कि इससे पूर्व माउंट मेरापी में इसी वर्ष जनवरी माह में विस्फोट देखा गया था।


मिताली एक्सप्रेस

  • हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री और उनकी बांग्लादेशी समकक्ष शेख हसीना द्वारा संयुक्त तौर पर बांग्लादेश की राजधानी ढाका को भारत के न्यू जलपाईगुड़ी से जोड़ने वाली एक नई यात्री ट्रेन का उद्घाटन किया गया है। दोनों पड़ोसी देशों (भारत और बांग्लादेश) के बीच चलने वाली मैत्री एक्सप्रेस’ (ढाका-कोलकाता) और बंधन एक्सप्रेस’ (खुलना-कोलकाता) के बाद यह तीसरी यात्री ट्रेन है। मिताली एक्सप्रेसनामक यह ट्रेन बांग्लादेश के सीमावर्ती रेलवे स्टेशन, चिल्हाटी से होते हुए पश्चिम बंगाल की ढाका छावनी और न्यू जलपाईगुड़ी के बीच संचालित की जाएगी। ढाका और चिल्हाटी के बीच की दूरी लगभग 453 किलोमीटर है और चिल्हाटी से न्यू जलपाईगुड़ी की दूरी लगभग 71 किलोमीटर है। दोनों देशों के बीच चलने वाली इस द्वि-साप्ताहिक ट्रेन से दोनों देशों में पर्यटन को काफी अधिक बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। ज्ञात हो कि इससे पूर्व बीते वर्ष भारत और बांग्लादेश ने 55 वर्षों से अधिक के अंतराल के बाद मालगाड़ियों की आवाजाही के लिये हल्दीबाड़ी-चिलाहाटी मार्गपर परिचालन शुरू किया था।


भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग

  • प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002 के उल्लंघन के मामले में भारतीय प्रतिस्पर्द्धा आयोग (CCI) ने व्हाट्सएप की नई गोपनीयता नीतिकी जाँच का आदेश दिया है। आयोग के मुताबिक, व्हाट्सएप की मौजूदा नीति उपयोगकर्त्ताओं को यह विकल्प चुनने की अनुमति देती है कि वे अपना डेटा व्हाट्सएप और फेसबुक के साथ साझा करना चाहते हैं अथवा नहीं, किंतु नवीनतम गोपनीयता नीति फेसबुक के साथ इस तरह के डेटा साझाकरण को अनिवार्य बनाती है। व्हाट्सएप की नई नीति नेफेसबुक के साथ उपयोगकर्त्ता द्वारा डेटा को साझा करने की सहमति देना व्हाट्सएप की सेवा प्राप्त करने हेतु एक पूर्व शर्त बना दिया है, जो कि प्रतिस्पर्द्धा अधिनियम, 2002 की धारा 4 का उल्लंघन करती है। इसके अलावा आयोग ने कंपनी द्वारा किये जा रहे डेटा संग्रहण को लेकर भी चिंता ज़ाहिर की है। नई नीति के मुताबिक, व्हाट्सएप भुगतान, भाषा तथा समय क्षेत्र, डिवाइस संचालन और उपयोगकर्त्ता के स्थान आदि से संबंधित सूचना एकत्र करेगा।

 

राजस्थान दिवस

  • 30 मार्च, 2021 को राष्ट्रपति ने राजस्थान के स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य के लोगों को बधाई दी। राजस्थान दिवस का आयोजन राज्य के गठन के उपलक्ष्य में प्रत्येक वर्ष 30 मार्च को किया जाता है। राजस्थान, आधिकारिक तौर पर 30 मार्च, 1949 को तब अस्तित्व में आया, जब इस राजपूताना क्षेत्र को भारत में शामिल किया गया था। ज्ञात हो कि क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान भारत का सबसे बड़ा राज्य है।  सातवीं शताब्दी में यहाँ चौहान राजपूतों का प्रभुत्व बढ़ने लगा और बारहवीं शताब्दी तक उन्होंने एक साम्राज्य स्थापित कर लिया था। वर्ष 1857 के विद्रोह के बाद लोग स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने के लिये महात्मा गांधी के नेतृत्व में एकजुट हुए और वर्ष 1935 में अंग्रेज़ी शासन वाले भारत में प्रांतीय स्वायत्तता लागू होने के बाद राजस्थान में नागरिक स्वतंत्रता तथा राजनीतिक अधिकारों के लिये आंदोलन और तेज़ हो गया। वर्ष 1948 में बिखरी हुई विभिन्न रियासतों को एक करने की प्रक्रिया शुरू हुई, जो वर्ष 1956 में राज्य में पुनर्गठन कानून लागू होने तक जारी रही। राजस्थान की पश्चिमी सीमा पर पाकिस्तान है, जबकि उत्तर में पंजाब, उत्तर-पूर्व में हरियाणा, पूर्व में उत्तर प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में मध्य प्रदेश और दक्षिण-पश्चिम में गुजरात है। राजस्थान भौगोलिक रूप से कुल 9 क्षेत्रों में विभाजित है और ये सभी क्षेत्र विरासत और कलात्मक दृष्टि से काफी समृद्ध हैं। राज्य में कुल दो नेशनल टाइगर रिज़र्व हैं- सवाई माधोपुर में रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान और अलवर में सरिस्का टाइगर रिज़र्व। राजस्थान का इतिहास प्रागैतिहासिक काल से शुरू होता है। ईसा पूर्व 3000 से 1000 के बीच यहाँ की संस्कृति सिंधु घाटी सभ्यता जैसी थी।


रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र

  • भारत के विदेश सचिव हर्षवर्द्धन शृंगला ने सूचित किया है कि भारत, बांग्लादेश को दी गई क्रेडिट लाइन के हिस्से के रूप में रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र के लिये ट्रांसमिशन लाइनों के विकास में सहायता करेगा। रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र की ट्रांसमिशन लाइनों को भारतीय कंपनियों द्वारा क्रेडिट लाइन के तहत विकसित किया जाएगा। इन ट्रांसमिशन लाइनों का मूल्य लगभग 1 बिलियन डॉलर से अधिक होगा। ज्ञात हो कि बांग्लादेश की सरकार, पद्मा नदी के पूर्वी हिस्से में स्थित रूपपुर में अपना पहला परमाणु ऊर्जा संयंत्र बना रही है। इस परमाणु ऊर्जा संयंत्र में दो इकाइयाँ शामिल होंगी, रूपपुर यूनिट-1 और रूपपुर यूनिट-2, और इन दोनों की क्षमता 1.2GW होगी। रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र परियोजना की शुरुआत वर्ष 2013 में हुई थी और इसका निर्माण कार्य वर्ष 2017 में शुरू हुआ था। इस परियोजना का कार्यान्वयन बांग्लादेश परमाणु ऊर्जा आयोग द्वारा किया जा रहा है। यह नया संयंत्र बांग्लादेश की बिजली उत्पादन क्षमता को बढ़ाएगा और उसे ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में मदद करेगा। साथ ही इस परियोजना में भारत की हिस्सेदारी दोनों देशों के संबंधों को और अधिक मज़बूत करेगी।


ट्राइबल टीबीपहल

  • केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने हाल ही में टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य की प्राप्ति के लिये ट्राइबल टीबीपहल की शुरुआत की है। विदित हो कि भारत में 104 मिलियन से अधिक जनजातीय आबादी रहती है, इसमें 705 जनजातियाँ शामिल हैं और यह देश की कुल जनसंख्या का 8.6 प्रतिशत है। 177 जनजातीय ज़िलों की पहचान उच्च प्राथमिकता वाले ज़िलों के रूप में की गई है, जहाँ की आबादी कुपोषण, जीवन की बदहाल स्थिति और जागरुकता के अभाव के कारण टीबी के प्रति काफी संवेदनशील है। इस पहल के तहत प्रारंभ में 18 चिह्नित राज्यों के 161 ज़िलों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इन ज़िलों में उन्नत संवेदनशीलता मैपिंग तकनीक, स्वच्छता संगठन और वॉलंटियर्स के लिये क्षमता निर्माण का आयोजन, समय-समय पर टीबी के सक्रिय मामलों की खोज हेतु अभियान, संवेदनशील आबादी की पहचान के लिये टीबी प्रिवेंटिव थैरेपी के प्रावधान लागू करने और संवेदनशीलता को कम करने हेतु दीर्घकालिक तंत्र विकसित करने आदि पर ज़ोर दिया जाएगा।


एकोऔर बीफरोस्टअंडरवाटर केबल परियोजना

  • दिग्गज सोशल मीडिया कंपनी फेसबुक और गूगल दक्षिण-पूर्व एशिया को उत्तरी अमेरिका से जोड़ने के लिये दो नए अंडरवाटर इंटरनेट केबल स्थापित करने की योजना बना रहे हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य सिंगापुर और इंडोनेशिया में और अधिक तेज़ गति से इंटरनेट की सुविधा प्रदान करना है। इसमें पहली अंडरवाटर केबल परियोजना- एकोहै, जो कि सिंगापुर को प्रत्यक्ष तौर पर अमेरिका से जोड़ेगी। इस परियोजना में फेसबुकऔर गूगलद्वारा संयुक्त रप से निवेश किया जाएगा, जबकि दूसरी अंडरवाटर केबल परियोजना- बीफरोस्टहै, जो कि दक्षिण-पूर्वी एशियाई क्षेत्र को अमेरिका के पश्चिमी तट से जोड़ेगी। इस परियोजना को फेसबुकद्वारा क्षेत्रीय कंपनियों के सहयोग से पूरा किया जाएगा।

 

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