अल्बर्ट आइन्सटीन Albert Einstein: इन्होंने सापेक्षता का सिद्धान्त दिया था। इनका जन्म 1879 में जर्मन में हुआ था व मृत्यु 1955 में हुई।
आर्कमिडीज Archimedes: यह यूनानी वैज्ञानिक थे, जिन्होंने द्रवों के उछाल संबंधी नियम का प्रतिपादन किया था, जो कि आर्कमिडीज के सिद्धान्त के नाम से जाना जाता है। इन्होंने आर्कमिडियन-स्क्रू का निर्माण किया। इसके अतिरिक्त इन्होंने लीवर का सिद्धान्त भी दिया।
डॉ. ब्रेन जोसेफसन Brian Josephson: इनका प्रमुख कार्य जोसेफन प्रभाव है। ये इंगलैण्ड के निवासी है। इनकों 1973 में भौतिकशास्त्र के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार मिला।
कॉपरनिकस Nicolaus Copernicus: यह पोलैण्ड के निवासी थे। इनका कार्य क्षेत्र नक्षत्रों से संबंधित था। इन्होंने सौरमण्डल का पता लगाया था।
डॉ. डेनिस गेबर Dennis Gabor: ये एक ब्रिटिश इन्जीनियर हैं, जो आजकल अमरीका में कार्यरत हैं। इन्होंने त्रिविमीय फोटोग्राफ की खोज की है, जिसके लिए इन्हें 1971 में नोबेल पुरस्कार मिला है।
डॉ. एडवर्ड टेलर Edward Teller: यह एक अमरीकन वैज्ञानिक हैं। इन्होंने ही हाइड्रोजन बम का निर्माण किया है।
जी. मारकोनी Guglielmo Marconi: इनका जन्म 1874 में इटली में हुआ था। इन्होंने रेडियो टेलीग्राफी का अविष्कार किया तथा 1901 में संकतों को अटलांटिक महासागर पार भेजने में सफलता पाई। 1909 में भौतिकी के क्षेत्र में इनके अपूर्व योगदान के लिए इन्हें नोबेल पुरस्कार मिला। इनकी मृत्यु 1937 में हुई।
गैलीलियो Galileo Galilei: यह इटली के निवासी थे। इन्होंने टेलिस्कोप का अविष्कार किया। इन्होंने कॉपरनिकस की थ्योरी के विषय में उदाहरण पेश किए।
हेनरी बेक्कुरल Antoine Henri Becquerel: यह फ्रांस के रहने वाले थे। इनका जन्म 1852 में व मृत्यु 1908 में हुई थी। इन्होंने गामा किरणों की खोज की। इन्होंने 1903 में मैडम क्यूरी के साथ मिलकर यूरेनियम की रेडियोएक्टिवता की खोज की, जिसके लिए इन्हें नोबेल पुरस्कार मिला था।
हेनरी कैवेन्डिश Henry Cavendish: इनका जन्म 1731 में ब्रिटेन में हुआ था। इन्होंने हाइड्रोजन की खोज की, जल के अणु की रचनानिर्धारित की तथा पृथ्वी को घनत्व का परिकलन एक प्रयोग के द्वारा किया। इनकी मृत्यु 1810 में हुई।
हेम्फ्री डेवी Humphry Davy: यह ब्रिटिश वैज्ञानिक थे, जिन्होंने सैफ्टी लैम्प का अविष्कार किया। रसायन विज्ञान में भी आपका महत्वपूर्ण योगदान है। इनका जन्म 1778 तथा मृत्यु 1829 में हुई।
डॉ. एच. यूकावा Hideki Yukawa: इन्होंने 1949 में मीसॉन नामक कण की खोज की, जिसके लिए इन्हें नोबेल पुरस्कार मिला। नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने वाले यह प्रथम जापानी वैज्ञानिक थे।
आइजक न्यूटन Isaac Newton: इनका जन्म 1642 में इंगलैण्ड में हुआ था। इन्होंने सर्वप्रथम गुरूत्वाकर्षण का नियम दिया। इन्होंने गणित के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण कार्य किया, जैसे- द्विपद प्रमेय की खोज, अवकलन व समाकलन, गति के नियम इत्यादि। इनकी मृत्यु 1727 में हुई।
जेम्स चैडविक James Chadwick: यह ब्रिटिश वैज्ञानिक थे। इनका जन्म 1891 व मृत्यु 1974 में हुई। इनका परमाणु संरचना के अध्ययन में प्रमुख योगदान है। इन्होंने 1932 में आवेश रहित कण न्यूट्रॉन की खोज की।
जोहान्सन केपलर Johannes Kepler: यह जर्मनी के निवासी थे। इनका कार्यक्षेत्र नक्षत्र विज्ञान है। इनका जन्म 1571 में व मृत्यु 1630 में हुई। इन्होंने ग्रहों की गति से संबंधित नियम दिए।
जे. जे. थॉमसन Joseph John Thomson: यह एक ब्रिटिश भौतिकशास्त्री थे। इन्होंने आधुनिक भौतिकी की स्थापना की। इनका जन्म 1856 में व मृत्यु 1940 में हुई। इनका प्रमुख योगदान इलेक्ट्रॉन की खोज है, जो कि भौतिक विज्ञान की शाखा, इलेक्ट्रॉनिक्स का आधार है।
जेम्स वाट James Watt: यह स्कॉटलैण्ड के इंजीनियर थे। इन्होंने सर्वप्रथम स्टीम इंजन बनाया।
प्रो. जॉन वारडीन John Bardeen: इन्होंने सर्वप्रथम अतिचालकता का सिद्धान्त दिया। इस कार्य के लिए इन्हें 1972 में प्रो. कपूर व स्क्रीफर के साथ नोबेल पुरस्कार मिला।
मैडम मेरी क्यूरी Marie Curie: यह पोलैण्ड की महिला वैज्ञानिक थीं, रेडियम की खोज के लिए इन्हें 1903 में नोबेल पुरस्कार मिला था। इनको 1911 में रसायन विज्ञान का दूसरा नोबेल पुरस्कार दिया गया। इनका जन्म 1867 में व मृत्यु 1934 में हुई।
माइकल फैराडे Michael Faraday: यह ब्रिटिश वैज्ञानिक थे। इनका जन्म 1791 में व मृत्यु 1867 में हुई। इन्होंने इलेक्ट्रोलिसिस के नियमों का प्रतिपादन किया। इन्हें प्रत्यावर्ती धारा का जनक भी कहा जाता है। इन्होंने विद्युत चुम्बकीय प्रेरण संबंधी-नियमों का प्रतिपादन किया।
मैक्स प्लांक Max Planck: यह एक जर्मन वैज्ञानिक थे। इन्होंने क्वान्टम सिद्धान्त का प्रतिपादन किया, जिसके लिए इन्हें 1918 में नोबेल पुरस्कार मिला।
प्रो. मुर्रेगैल मान Murray Gell-Mann: ये एक अमरीकन वैज्ञानिक हैं। इन्होंने मूलभूत कणों के विषय में अनेक खोजें कीं। 1969 में इनको नोबेल पुरस्कार मिला।
नील्स बोर Niels Bohr: यह डेनमार्क के वैज्ञानिक थे। इन्होंने परमाणु की संरचना से संबंधित नियम दिए। इनको 1922 में नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ। इनका जन्म 1885 तथा मृत्यु 1962 में हुई।
आटोहान Otto Hahn: यह जर्मनी के वैज्ञानिक थे। इन्हें 1944 में नोबेल पुरस्कार मिला। आपने परमाणु विखण्डन में सफलता प्राप्त की। इन्होंने ही परमाणु बम का निर्माण किया है।
रॉबर्ट बायल Robert Boyle: यह आयरलैण्ड के एक वैज्ञानिक थे, जिन्होंने गैसों के दाब व आयतन से संबंधित बायल का नियम दिया। इनका जन्म 1627 में व मृत्यु 1691 में हुई।
रदरफोर्ड Ernest Rutherford: यह एक ब्रिटिश वैज्ञानिक थे। इन्होंने परमाणु संरचना व रेडियो सक्रियता के विषय में योगदान दिया। इस कार्य के लिए इन्हें नोबेल पुरस्कार मिला। इनका जन्म सन 1871 में व मृत्यु 1937 में हुई।
रॉबर्ट एच. गोडार्ड Robert Hutchings Goddard: यह एक अमरीकन वैज्ञानिक हैं। अन्तरिक्ष क्षेत्र में इन्होंने बहुत योगदान दिया है। इन्होंने चन्द्रमा पर पहुँचने वाले रॉकेट के विषय में सर्वप्रथम जानकारी दी।
रॉबर्ट वाटसन वाट Robert Watson-Watt: यह एक ब्रिटिश वैज्ञानिक थे। इन्होंने रडार का आविष्कार किया था।
एस. एन. बोस Satyendra Nath Bose: यह एक भारतीय वैज्ञानिक थे, जिन्होंने बोसॉन नामक कण की खोज की। आपको 1954 में पदम-विभूषण से सम्मानित किया गया। आपका जन्म 1894 में तथा मृत्यु 1974 में हुई।
थॉमस एल्वा एडीसन Thomas Alva Edison: यह एक अमरीकी वैज्ञानिक थे। इनका जन्म 1847 व मृत्यु 1931 में हुई। इनके द्वारा किए गए आविष्कारों में विद्युत बल्ब, फोनोग्राफ चलचित्र, टेलीग्राफ इत्यादि प्रमुख हैं।
टिसीओलोवस्की Konstantin Tsiolkovsky: यह एक रूसी अध्यापक हैं। रूस में इन्हें Father of Rocketery के नाम से पुकारा जाता है। इन्होंने अन्तरिक्ष के क्षेत्र में प्रमुख खोजें की हैं।
डॉ. वर्नर वान ब्राउन Wernher von Braun: आप मार्शल स्पेस फ्लाइट सेण्टर अमरीका के डाइरेक्टर थे, जहाँ से अपोलो अभियान प्रारंभ हुआ था। आपके प्रयत्नों से यहाँ सैटर्न ट रॉकेटों का निर्माण हुआ था, जिसके द्वारा अपोलो 11 व 12 छोड़े गए थे।
विलियम ब्रेग William Lawrence Bragg: इनका जन्म 1890 तथा मृत्यु 1971 में हुई। यह ब्रिटेन के भौतिकविद् थे। इन्होंने ब्रेग के नियम का प्रतिपादन किया, जिसके आधार पर R.N.A व D.N.A. क्रिस्टल की संरचना का पता लगाया गया।
डॉ. होमी जहाँगीर भाभा Homi Jehangir Bhabha (1909-66):भारत में परमाणु शक्ति के जनक माने जाते हैं। यह परमाणु शक्ति आयोग के प्रथम अध्यक्ष थे। कॉस्मिक किरणों तथा क्वान्टम थ्योरी पर आपने महत्वपूर्ण शोध कार्य किया है। भारत का प्रथम एटॉमिक रिएक्टर, ट्राम्बे में इन्हीं की देखरेख में स्थापित हुआ था। इनकी मृत्यु वायुयान दुर्घटना में हो गई थी।
डॉ. एस. भगवन्तम Suri Bhagavantam: इनका जन्म 1909 में हुआ। आप भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में से एक हैं, जिसने रेडियो, एस्ट्रोनामी तथा कॉस्मिक रेज पर महत्वपूर्ण कार्य किया है।
डॉ. शान्तिस्वरूप भटनागर Shanti Swaroop Bhatnagar (1878-1955): यह विज्ञान के क्षेत्र में भारत के जाने-माने व्यक्ति रहे हैं। आप वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के अध्यक्ष रहे हैं।
जगदीश चन्द्र बोस Jagdish Chandra Bose (1858-1937): आप वनस्पति विज्ञान के ख्याति प्राप्त वैज्ञानिक हुए हैं। पौधों में चेतनाशक्ति खोज आपकी ही देन है तथा इन्होंने क्रेस्कोग्राफ का आविष्कार किया था।
प्रो. सतीश धवन Satish Dhawan: यह 1920 में जन्मे प्रमुख भारतीय वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान किया है। भारतीय कृत्रिम उपग्रह आर्यभट्ट तथा रोहिणी का प्रक्षेपण आपक अथक प्रयासों का ही प्रतिफल है।
डॉ. के. एस. कृष्णानन Kariamanickam Srinivasa Krishnan(1898-1961): डॉ. कृष्णन ने भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण अनुसंधान कार्य किया है तथा रमन प्रभाव की खोज में डॉ. सी. वी. रमन के सहयोगी के रूप में कार्य किया है। यह राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला, दिल्ली के निदेशक भी रहे हैं।
डॉ. बी. डी. नागचौधरी Basanti Dulal Nagchaudhuri: डॉ. नागचौधरी ने परमाणु विज्ञान पर महत्वपूर्ण शोध कार्य किया है तथा साइक्लोट्रॉन के आविष्कार में डॉ. लारेन्स के सहयोगी रहे हैं। यह साहा न्यूक्लियर इंस्टीट्यूट, कोलकाता के निदेशक भी रहे हैं।
डॉ. एच. एन. सेठना Homi Nusserwanji Sethna: भारत में न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी के विकास में इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। भारत का प्रथम परमाणु परीक्षण इन्हीं की देखरेख में सम्पन्न हुआ था। यह भारत के परमाणु शक्ति आयोग के अध्यक्ष रह चुके हैं। इन्हें 1959 में शान्तिस्वरूप भटनागर पुरस्कार तथा पदमश्री के अलंकरण से सम्मानित किया गया था। 1966 में इनको पदमभूषण से भी सम्मानित किया गया।
जे. वी. नार्लीकर Jayant Vishnu Narlikar: यह 1938 में जन्मे, भारत के युवा वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने ब्रिटिश वैज्ञानिक, होयल के साथ मिलकर गुरूत्वाकर्षण तथा थ्यौरी ऑफ रिलेटीविटी के नवीन सिद्धान्तों का प्रतिपादन किया है।
डॉ. राजा रमन्ना Raja Ramanna: प्रमुख भारतीय वैज्ञानिक हैं। आप परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष रहे हैं। इनका भारत के प्रथम परमाणु परीक्षण में विशेष योगदान रहा है।
डॉ. सी. वी. रमन Chandrasekhara Venkata Raman (1888-1970): भारत के सुविख्यात वैज्ञानिक, जिन्हें 1930 में रमन इफेक्ट की खोज पर नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इन्हें लेनिन पुरस्कार एवं भारत रत्न की उपाधि से भी अलंकृत किया जा चुका है। भौतिक विज्ञान के यह राष्ट्रीय प्रोफोसर थे तथा क्रिस्टल की संरचना पर इनके अध्ययन एवं खोज बड़े ही महत्वपूर्ण सिद्ध हुए हैं।
डॉ. विक्रम साराभाई Vikram Sarabhai (1919-1971): डॉ. साराभाई भारत के अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में प्रसिद्ध वैज्ञानिक रहे हैं। कॉस्मिक रेज के अध्ययन पर भी इनका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। फिजिकल रिसर्च लेबोरेटरी, अहमदाबाद व इण्डियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट की स्थापना में भी इनका सक्रिय योगदान रहा है।
डॉ. मेघनाथ साहा Meghnad Saha (1893-1956): डॉ. मेघनाथ साहा का भौतिकी तथा गणित के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान है। आप विशेष रूप से परमाणु, कॉस्मिक रेज तथा स्पेक्ट्रम एनालिसिस संबंधी अनुसंधान के लिए विख्यात हुए। इनके ही प्रयत्नों के फलस्वरूप इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स की स्थापना हुई। आप लोक सभा के सदस्य भी रहे हैं।
डॉ. सुब्रह्मण्यम चन्द्रशेखर Subrahmanyan Chandrasekhar: अमरीकी नागरिकता प्राप्त भारतीय मूल के वैज्ञानिक हैं। इनका जन्म 1910 में हुआ। जिन्हें 1983 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इनका अध्ययन तथा खोज क्षेत्र खगोल विज्ञान, प्लाविक भौतिकी एवं सामान्य सापेक्षता है। नोबेल पुरस्कार पाने वाले यह चौथे भारतीय हैं। 1967 में खगोल विज्ञान संबंधी अनुसंधान कार्य के लिए अमरीका का सर्वोच्च वैज्ञानिक पुरस्कार नेशनल मैडल ऑफ साइन्स भी इन्हें मिल चुका है।
भास्कर प्रथम Bhāskara I: 7वीं शताब्दी के सुविख्यात खगोलशास्त्री थे। भारत का दूसरा उपग्रह इन्ही के नाम से उनका यशगान करता हुआ अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया था।
भास्कराचार्य द्वितीय Bhāskara II (1114-1185): सुविख्यात गणितज्ञ एवं खगोलशास्त्री थे। इनकी रचना सिद्धान्त शिरोमणि है।
आर्यभट्ट Aryabhata (476-550): सुविख्यात गणितज्ञ एव खगोलशास्त्री, चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के समय में इन्होंने गणित संबंधी महत्वपूर्ण खोज करके भारत का सम्मान बढ़ाया। इन्हीं की कीर्ति का यशोगान करता हुआ प्रक्षेपित हुआ भारत का प्रथम उपग्रह अन्तरिक्ष में भेजा गया।
Post a Comment