पृथ्वी का भूवैज्ञानिक इतिहास एवं जीवाश्म रिकार्ड, जैव विकास के प्रमाण {Evidences of evolution}
- जैव विकास के सि़द्धान्त के जनक डार्विन को माना जाता है।
- जीवाश्मों के अध्ययन को जीवाश्म विज्ञान या पैलेन्टोलॉजी कहते हैं।
- पृथ्वी के भूतल के विस्तृत अध्ययन से वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की उत्पत्ति से लेकर आज तक के समय काल को विभिन्न महाकल्पों, कल्पों, एवं युगों में विभक्त किया है।
- पृथ्वी के इस काल विभाजन को भू-वैज्ञानिक कालचक्र कहते हैं।
महाकल्प-
सीनोजाईक या नूतन जीव महाकल्प
मेसोजाइेक या मध्यजीवी महाकल्प
पैलियोजोइक या पुराजीवी महाकल्प
प्रोटीरोजोइक महाकल्प
आर्कियोजाइक
एजोइक महाकल्प
महाकल्प निम्नानुसार कल्प और युगों में बंटे हुए हैं
- सीनोजाईक या नूतन जीव महाकल्प- क्वाटर्नरी, टर्शरी कल्प
- टर्शरी कल्प- प्लायोसीन, मायोसीन, ऑलिगोसीन, इओसीन, पेलियोसीन युग।
- मेसोजाइेक या मध्यजीवी महाकल्प- क्रिटेसियस, जुरैसिक, ट्राइऐसिक कल्प (पीरियड)
- पैलियोजोइक या पुराजीवी महाकल्प- परमियन, कर्बोनिफेरस, डिवोनियन, सिल्युरियन, ऑर्डोविश्यिन, कैम्ब्रियन कल्प
- प्रोटीरोजोइक महाकल्प- अपर प्री कैम्ब्रियन कल्प
- आर्कियोजाइक- लोअर प्री कैम्ब्रिियन कल्प
- एजोइक महाकल्प- कोई जीवाश्म उपलब्ध नहीं है। अनुमान है कि जीवन की उत्पत्ति नहीं हुई थी।
प्रमुख युग और उनकी विशेषताएं-
- लोअर प्री कैम्ब्रियन कल्प कोई जीावश्म उपलब्ध नहीं। हेटरोट्रॉफिक पोषण की संभावना।
- अपर प्री कैम्ब्रियन कल्प- स्पंज एवं नर्म शरीर वाले जंतु
- कैमिब्रयन कल्प- समुद्री एल्गी की बाहुल्यता, समुद्री अकशेरूकियों की बहुलता
- ऑर्डोविश्यिन कल्प- आर्थाेपोड जंतुओ का प्रभुत्व, प्रथम कशेरूकी का उद्भव
- सिल्युरियन कल्प-- हल्की गर्म वायु, जबड़े युक्त मछलियां, प्रथम थलीय आर्थोपोड़ा जंतु।
- डिवोनियन कल्प- शुष्क भूमि, मैदानी एवं वनीय पौधों की बहुलता, प्रथम एम्फीबीयन जंतु
- कार्बोनिफेरस कल्प- नमी युक्त जलवायु, दलदलों एवं पर्वतों को निर्माण, रेप्टाईल जंतुओ का उद्भव
- परमियन कल्प- सदाबहार पौधों का उद्भव, आधुनिक कीटों का उद्भव।
- ट्राइऐसिक कल्प- शुष्क जलवायु, रेगिस्तानों का निर्माण, छोटे आकार के आरम्भिग डायनोसोर एवं स्तनधारियों के समान रेप्टाईल जंतुओ का उद्भव।
- जुरैसिक कल्प- पुष्पीय पौधों की उत्पत्ति, कोनिफेरस पौधों का प्रभुत्व महाकाय रेप्टाईल स्थली एवं समुद्री का प्रभुत्व, स्तनधारियों की उत्पत्ति, दांतधारी पक्षी आर्कियोपटैरिक्स का उद्भव।
- क्रिटेसियस कल्प- पुष्पीय पौधोें का विकास, महाकाय डायनोसोर जंतुओ का विलोप, स्तनधारी पक्षियों को विलोप, आधुनिक पक्षियों तथा स्तनधारियों का उद्भव
- पेलियोसीन युग- आरंभिक स्तनधारियों को प्रभुत्व, डायनासोर जंतुओ का विलोपन
- इयोसीन युग- भीषण वर्षा, आधुनिक स्तनधारी अस्तित्व में आए, घोड़ो के प्रथम पूर्वज
- ऑलिगोसीन युग- शीतोष्ण जलवाुय के पौधे, बंदर, कपि, एवं व्हेल का उदभ््ाव।
- मायोसीन युग- घास चरने वाले स्तनधारी, मानव समान बंदर अर्थात कपियों का विकास।
- प्लायोसीन युग- आधुनिक स्तनधारियों एवं अकेशरूकी जंतुओ का विकास।
- प्लीस्टोसीन युग- मनुष्य का विकास, महाकाय स्तनधारियों का विलोप।
- आधुनिक युग- मनुष्य की सभ्यता का विकास, मनुष्य प्रभुत्व
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