भारत का भौतिक स्वरूप {Geography - Physical Features Of India}
- देश के कुल क्षेत्रफल के 10.7 प्रतिशत भाग पर उच्च पर्वत-श्रेणियॉं हैं, जिनकी ऊॅचाई समुद्रतल से 2,135 मी. या उससे अधिक है।
- 305 मी. से 2,135 मी. की ऊॅचाई वाली पहाडियॉं 18.6 प्रतिशत भू-भाग पर फैली हैं।
- 43 प्रतिशत भू-भाग पर विस्तृत मैदान का विस्तार है।
- भौतिक रचना तथा धरातल के स्वरूप के अनुसार भारत को पॉच भागों में बॉटा गया है। उत्तरी पर्वतीय मैदान, विशाल मैदान, प्रायद्वीपीय पठार, मरुस्थलीय प्रदेश और समुद्रतटीय मैदान।
- भू-वैज्ञानिकों के मतानुसार जहॉ आज हिमालय पहाड़ है, वहा टिथिस नामक उथला समुद्र था।
- हिमालय की उत्पत्ति के संबंध में आधुनिक सिद्धांत प्लेट विवर्तनिकी (प्लेट टेक्टॉनिकस) है।
अरावली की
पहाड़ियाँ
- अरावली की पहाडियॉं राजस्थान राज्य में हैं।
- यह सबसे पुरानी चट्टानों से बनी है।
- इस पहाडी की सबसे ऊॅची चोटी माउण्ट आबू पर स्थित गुरुशिखर है। इसकी ऊॅचाई 1, 722 मी. है।
- अरावली के पश्चिम की ओर से माही एवं लूनी नदी निकलती है। लूनी नदी कच्छ के रण में गायब हो जाती हे।
- अरावली के पूर्व की ओर बनास नदी निकलती है।
- नोट- वैसी नदी जो जमीन में ही लुप्त हो जाती है, उसे ’द रिवर ऑफ इफेमेराल कहते हैं’।
मालवा का पठार
- मालवा का पठार, मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ राज्य में है।
- यह ज्वालामुखीय चट्टानों का बना हुआ है। इससे चम्बल और बेतवा नदी निकलती है।
- विंध्याचल का पठार
- विंध्याचल का पठार झारखंड, उत्तर प्रदेश, एवं छत्तीसगढ राज्य में है।
- यह परतदार चट्टानों का बना है।
- विंध्याचल पर्वतमाला उत्तर भारत को दक्षिण भारत से अलग करता है।
मैकाल पठार
- मैकाल पठार छत्तीसगढ में है।
- मैकाल पहाडी का सर्वाेच्च शिखर अमरकंटक (1036 मी.) है। यह पुरानी चट्टानों का बना एक ब्लॉक पर्वत है।
- इसके पश्चिम की ओर से नर्मदा नदी, उत्तर की ओर से सोन नदी, और दक्षिण की तरफ से महानदी निकलती है।
छोटानागपुर
- छोटानागपुर स्थित रॉची का पठार सम्प्राय मैदान का उदाहरण है।
- छोटानागपुर पठार को ’भारत का रूर’ भी कहा जाता है, क्योंकि खनिज भंडार की दृष्टि से यह भारत का सबसे सम्पन्न प्रदेश है।
- जर्मनी की रूर डिस्ट्रिक्ट यूरोप का सबसे बड़ा एवं विश्वविख्यात कोयला क्षेत्र है।
सतपुडा की
पहाडियॉं
- सतपुडा की पहाडियॉं मध्य प्रदेश राज्य में है।
- ये ज्वालामुखीय चट्टानों से बनी हुई हैं। इनकी सबसे ऊॅची चोट धूपगढी (1350 मी.) है, जो महादेव पर्वत पर स्थित है।
- इसके पूर्वी हिस्से से ताप्ती नदी निकलती है।
पश्चिमी घाट
- पश्चिमी घाट यह पर्वत ताप्ती नदी के मुहाने से लेकर कुमारी अंतरीप तक लगभग 1600 किमी में विस्तृत है।
- इसकी औसत ऊॅचाई 1200 मीटर है।
- पश्चिमी घाट से उत्तर में गुजरात के सौराष्ट्र प्रदेश में गिर की पहाडियॉं मिलती है जो एशियाई सिंह के लिए विख्यात है।
- पश्चिमी घाट पर्वत तापी नदी के मुहाने से शुरू होकर केपकमोरिन (कन्याकुमारी) तक जाता है।
- पश्चिमी घाट पर्वत की लंबाई 1600 किलोमीटर है।
- पश्चिमी घाट पर्वत हिमालय के बाद भारत का दूसरा सबसे लंबा पर्वत है।
- पूरी तरह से केवल भारत में विस्तृत सबसे लंबा पर्वत पश्चिमी घाट पर्वत है।
- पश्चिमी घाट पर्वत को सहयाद्री भी कहते हैं।
दक्कन का पठार
- दक्कन का पठान महाराष्ट्र राज्य में है।
- यह ज्वालामुखीय बेसाल्ट चट्टानों का बना है। यह काली मिट्टी का क्षेत्र है।
- इसके पश्चिमी हिस्से में सहयाद्रि की पहाडी है।
- सहयाद्रि की सबसे ऊॅची चोटी काल्सुबाई है। इस पठार के पूर्वी भाग को विदर्भ कहा जाता है।
- धारवाड का पठार
- धारवाड का पठार कर्नाटक राज्य में है।
- यह परिवर्तित चट्टानों से बना है।
- इस पठार के पश्चिमी भाग में बाबाबुदन की पहाडी तथा ब्रह्मगिरि की पहाडी है।
नीलगिरि की पहाडी
- नीलगिरि की पहाडी तमिलनाडु में है, जो एक ब्लॉक पर्वत है।
- यह मुख्यतः चारनोकाइट पठार से बनी है।
- इसकी सबसे ऊॅची चोटी डोडा बेट्टा है, जो दक्षिण भारत की दूसरी सबसे ऊॅची चोटी है। उटकमंड इसी पहाडी पर है।
- नीलगिरी पर्वत की सबसे ऊंची चोटी डोडाबेटा है।
- डोडाबेटा चोटी दक्षिण भारत का दूसरा सबसे ऊंचा शिखर है।
- प्रसिद्ध पर्यटक स्थल ऊटी उठकमंडल तमिलनाडु में नीलगिरी पर्वत पर है।
- केरल का प्रसिद्ध सदाबहार वन या साइलेंट वैली या शांत घाटी नीलगिरी पर्वत पर है। साइलेंट वैली अपने जैव विविधता तथा घने जंगलों के लिए जाना जाता है।
- नीलगिरी पर्वत के दक्षिण में एक पर्वतीय कैंप है इस ग्रुप को पालघाट दर्रा करते हैं तथा स्थानीय भाषा में पलक्काड़ गैप कहते हैं
पाल घाट
- तमिलनाडु राज्य में नीलगिरि के दक्षिण भाग में पाल घाट है।
- पाल घाट गैप पश्चिम एवं पूर्वी घाट का मिलन-स्थल है। अर्थात पूर्वी घाट एवं पश्चिमी घाट के मिलन स्थल पर नीलगिरी पहाडी स्थित है। इसके पार फैली कार्डामम की पहाडियॉं पश्चिमी घाट का विस्तार मानी जाती है।
अनाईमुदी
- दक्षिण भारत की सबसे ऊॅची चोटी अनैमुदि है, जिसकी ऊॅचाई 2696 मी. है। यह अन्नामलाई की पहाडी पर स्थित है।
- कार्डामम पहाड़ी को इलायची पहाड़ी के पहाड़ी के नाम से भी जाना जाता है।
- पालनी पहाड़ी मुख्य रूप से तमिलनाडु में विस्तृत है प्रसिद्ध पर्यटक स्थल कोडाइकनाल तमिलनाडु में पालनी पहाड़ी पर है।
- अनामलाई एवं कार्डमम पहाड़ी केरल एवं तमिलनाडु के सीमा पर है।
- उत्तर की ओर – अन्नामलाई पहाड़ी
- दक्षिण की ओर – कार्डामम पहाड़ी
- उत्तर पूर्व की ओर – पालनी पहाड़ी
नोटः-
- अनैमुदि तीन पहाडि़यों का केन्द्र बिन्दु है।
- यहॉ से तीन पहाडी श्रृखंलाएॅ तीन दिशाओं में जाती है।
- दक्षिण की ओर इलायची (कार्डामम) की पहाडि़यॉं, उत्तर की ओर अन्नामलाई की पहाडियॉ। तथा उत्तर-पूर्व की ओर पालनी की पहाडियॉं हैं।
- प्रसिद्ध पर्यटन स्थल ’कोडायकनाल’ पालनी पहाडी में ही स्थित है। यह तमिलनाडु में स्थित है।
- आन्ध्र प्रदेश और उड़ीसा के तटीय में महेन्द्रगिरि की पहाडी है।
भारत का पूर्वी
समुद्री तट
- भारत के पूर्वी समुद्री तट को निम्न भागों में बॉटा गया है-
- कन्याकुमारी से कृष्णा डेल्टा तक का तट कोरोमंडल तट
- कृष्णा डेल्टा से गोदावरी डेल्टा तक का तट गोलकुंडा तट
- गोदावरी डेल्टा से लेकर उत्तरी तटीय भाग को उत्तरी सरकार तट कहलाता है।
भारत के पूर्वी
तट पर स्थित प्रमुख बन्दरगाह है-
- पारादीप (उडीसा) कोलकाता (प.बगाल), विशाखापत्तनम (आन्ध्र प्रदेश), चेन्नई, तुतीकोरिन एवं एन्नौर (तमिलनाडु)।
- विशाखापत्तनम बंदरगाह डॉल्फिन नोज पहाडी के पीछे सुरक्षित है।
- पूर्वी तट पर स्थित प्रमुख लैगून है पुलिकट(चेन्नई), चिल्का (पुरी) तथा कोलूरू (आंध्र प्रदेश)।
पूर्वी घाट पर्वत को अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नाम
- नल्लामलाई – आंध्र प्रदेश
- पालकोंडा – आंध्र प्रदेश
- वैलीकोंडा – आंध्र प्रदेश
- शेषाचलम पहाड़ी – तेलांगना
- जावादी – तमिलनाडु
- शेवाराय – तमिलनाडु
- पंचामलाई – तमिलनाडु
- सिरुमलाई – तमिलनाडु
नोटः- लैगून
समुद्र क्षेत्र में तटीय क्षेत्र का पानी स्थल भाग में घुस जाता है और धीरे-धीरे
बालू का अवरोध खडा देने पर स्थलीय क्षेत्र का जलीन भाग समुद्र से अलग हो जाता हे।
इसी जलीय आकृति को लैगून कहते हैं।
भारत के पश्चिमी
तट
- भारत के पश्चिमी तट को निम्न भागों में बॉटा गया है-
- गुजरात से गोवा तक का तटीय क्षेत्र कोंकण तट
- गोवा से कर्नाटक के मंगलौर तक का तटीय क्षेत्र केनरा तट
- मंगलौर से कन्याकुमारी तक का तटीय क्षेत्र मालाबार तट कहलाता है।
- मालाबार तट पर अनेक पश्च जल है, जिसे स्थानीय भाषा में कयाल कहते हैं।
भारत के पश्चिमी
तट पर स्थित प्रमुख बंदरगाह
मुम्बई
(महाराष्ट्र), कांडला (गुजरात),
मार्मागोवा (गोवा), मंगलोर (कर्नाटक), कोच्चि (केरल), न्हावाशेवा
(महाराष्ट्र)।
भारत में द्वीप-समूह
- अंडमान-निकोबार द्वीप-समूह
- लक्षद्वीप द्वीप-समूह।
- समूह बंगाल की खाडी में स्थित है।
- इसमें करीब 247 छोटे-छोटे द्वीप हैं। निकोबार में 19 द्वीप है।
- ये द्वीप वास्तव में समुद्र में डुबे हुए पर्वत के शिखर है। लैंडफॉल
- द्वीप अंडमान-निकोबार द्वीप समूह का सबसे उत्तरी द्वीप है। कोको जलमार्ग इसे म्यांमार के कोको द्वीप से अलग करता है, जहॉं चीन ने निगरानी तंत्र लगाया हुआ है।
- बंगाल की खाडी में नदियों ने जलोढ मिट्टी के निपेक्ष द्वारा कई द्वीपों का निर्माण किया है। हुगली के निकट 20 किमी लम्बा सागर द्वीप है, जिसे गंगासागर के नाम से जाना जाता है। यहॉं न्यू मूर नामक द्वीप का निर्माण हाल ही में हुआ है।
- अंडमान-निकोबार द्वीप समूह
- अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की सबसे ऊॅची पर्वत चोटी सैडल पीक है।
- माउण्ट हेरियट दक्षिण अंडमान में तथा माउण्टथुलियर निकोबार द्वीप समूह में स्थित है।
- केन्द्र शासित प्रदेश का सबसे बडा पतन (बन्दरगाह) पोर्ट ब्लेयर दक्षिणी अंडमान है।
- नेल्लोर के निकट श्रीहरिकोटा प्रवाल निर्मित द्वीप है। पुलीकट झील इसी द्वीप द्वारा समुद्र से विलग है।
- समूह अरब सागर में स्थित है।
- इसमें कुल 36 द्वीप है।
- इसमें केवल दस द्वीप पर ही आबादी है।
- आण्ड्रेट लक्षद्वीप का सबसे बडा द्वीप है।
- पिटली द्वीप, जहॉं मनुष्य का निवास नहीं है, वहॉं एक पक्षी-अभयारण्य है।
- पम्बन द्वीप मन्नार की खाडी में स्थित है।
- भारत में बैरन तथा नारकोंडम नामक दो प्रसिद्ध ज्वालामुखी द्वीप हैं।
- बैरन द्वीप (अंडमान तथा निकोबार द्वीप समूह में) एक सक्रिय ज्वालामुखी है, जबकि नारकोंडम दो सुषुप्त ज्वालामुखी है।
good information for mp psc
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