सौरमण्डल (मुखिया सूर्य) का सबसे छोटा ग्रह वरूण (नेप्च्यून) है।
सूर्य से सबसे निकट स्थित ग्रह बुध है।
सूर्य से सबसे दूर स्थित एवं सर्वाधिक ठंडा ग्रह वरूण है।
सर्वाधिक गर्म एवं चमकीला ग्रह शुक्र है।
अरूण (यूरेनस) ग्रह की खोज विलियम हशॅल ने (1781 ई.में.) की थी।
बिना उपग्रहों वाला ग्रह बुध एवं शुक्र है।
सौरमंडल का सबसे भारी ग्रह बृहस्पति है।
पृथ्वी के सबसे निकट स्थित ग्रह शुक्र है।
सर्वाधिक उपग्रहों वाला ग्रह बृहस्पति (63) है।
’लाल ग्रह’ के रूप में मंगल ग्रह को जाना जाता हैं
’नीला ग्रह’ के रूप में पृथ्वी को जाना जाता है।
’हरा ग्रह’ के रूप में अरूण (यूरेनस) को जाना जाता है।
’पीला ग्रह’ बृहस्पति को कहा जाता है।
’जीवाश्म ग्रह’ चन्द्रमा को कहा जाता है।
’लेटा हुआ ग्रह’ अरूण (यूरेनस) को कहा जाता है।
’भोर का तारा/सांझ का तारा’ ’पृथ्वी की बहन’ शुक्र ग्रह को कहा जाता है।
रात्रि में लाल दिखाई देनेे वाला ग्रह मंगल है।
पृथ्वी का एक मात्र उपग्रह चन्द्रमा है।
सौरमंडल का सबसे बडा उपग्रह गेनिमीड (बृहस्पति के उपग्रह) है।
सौरमंडल का सबसे छोटा ग्रह डिमोस (मंगल का उपग्रह) है।
सूर्य का निकटत्तम तारा प्रॉक्सिमा सेन्चुरी (पृथ्वी का निकटतम तारा-सूर्य) है।
सर्वाधिक चमकीला तारा साइरस है।
मंगल ग्रह के लाल होने का कारण ऑयरन-ऑक्साइड है।
शनि (सबसे चपटा ग्रह) का सबसे बडा उपग्रह टिटॉन है।
वलय युक्त ग्रह शनि है।
शनि के रिंग्स (वलय) की खोज गैलीलियो ने की थी।
शनि के चारों और वलयों की संख्या 10 है।
बुध ग्रह का विशिष्ट गुण चुम्बकीय क्षेत्र का होना है।
सबसे कम समय में सूर्य का चक्कर लगाने वाला ग्रह बुध (88 दिन) है।
क्षुद्र ग्रह मंगल और बृहस्प्ति के बीच स्थित होते है।
सबसे बडा क्षुद्र ग्रह सेरेस है।
सबसे अधिक अक्षांशीय वाला ग्रह बुध है।
अंतरिक्ष में कुल तारामंडलों की संख्या 89 है।
सबसे बडा तारामंडल हाइड्रा है।
हैली पुच्छल तारा 76 वर्षाें के बाद (पुनः दिखाई पडेगा सन् 2062 में) दिखता है।
पृथ्वी की घुर्णन दिशा पश्चिम से पूर्व की ओर होती है।
पृथ्वी के दिशा के विपरीत चक्कर लगाने वाला ग्रह शुक्र और अरूण है।
’पृथ्वी गोल है’ पाइथागोरस ने कहा था।
पृथ्वी अपनी धूरी पर घुमती है और ग्रह सूर्य के चारों ओर घुमते है ये सिद्धांत कॉपरनिक्स (पोलैण्ड वासी) का है।
पृथ्वी की अपेक्षा चन्द्रमा का द्रव्यमान 1/81 होता है।
पृथ्वी का काल्पनिक अक्ष पर घुमना घूर्णन (दैनिक गति) है।
पृथ्वी पर दिन-रात घूर्णन का परिणाम है।
सूर्य के चारों ओर पृथ्वी का घुमना परिक्रमण (वार्षिक गति) है।
पृथ्वी के परिक्रमण के कारण ऋतु-परिवर्तन होता है।
पृथ्वी पर सर्वाधिक सूर्य ताप विषुवत रेखा पर होता है।
पृथ्वी अपने अक्ष पर साढ़े तेईस डिग्री झुकी है।
भू-स्थिर उपग्रहों की ऊॅचाई 36000 किमी. है।
पृथ्वी की एक मात्र मंदाकिनी दुग्धमेखला (मिल्की वे) है।
पृथ्वी सूर्य की एक परिक्रमा 365 दिन 6 घंटें में करता है।
पृथ्वी अपने अक्ष पर एक पूरा चक्कर 23 घंटे 56 मिनट 4.09 सेकेण्ड में लगाती है।
पृथ्वी की विषुवतीय व्यास 12756 किमी. है।
पृथ्वी की धु्रवीय व्यास 12713 किमी. है।
पृथ्वी की धु्रवीय व्यास विषुवतीय व्यास से 43 किमी. कम है।
सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी पर पहुॅचने में लगा समय 8.3 मिनट (500 सेकेण्ड) है।
चन्द्रमा के प्रकाश को पृथ्वी पर पहॅंुचने में लगा समय 1.3 सेकेण्ड है।
चन्द्रमा पर दिन का तापमान 100 डिग्री सेलसियस होता है।
चन्द्रमा पर रात का तापमान -180 डिग्री सेलसियस होता है।
सूर्य के बाहरी सतह (तल) का तापमान 6000 डिग्री सेलसियस होता है।
सूर्य के केन्द्र का तापमान 150 एम डिग्री सेलसियस होता है।
सूर्य के काले धब्बे का तापमान 1500 डिग्री सेलसियस होता है।
सूर्य की ऊर्जा का स्त्रोत नाभिकीय संलयन है।
सूर्य के प्रमुख संघटक हाइड्रोजन (69.5 प्रतिशत), हीलियम (28 प्रतिशत) अन्य 2.5प्रतिशत है।
सौर दिवस की अवधि 24 घंटे होती है।
सूर्य और पृथ्वी के मध्य स्थित दो ग्रह शुक्र और बुध है।
चन्द्रमा की सतह व उसकी आंतरिक स्थिति का अध्ययन से संबंधित विज्ञान सेलेनोलॉजी है।
पृथ्वी की धु्रवीय तथा विषुवतीय परिधि क्रमशः 40,008 किमी. तथा 40,075 किमी है।
ब्रह्याण्ड का व्यास 10 की घात 8 प्रकाश वर्ष है।
सूर्य का व्यास 1392000 किमी. है।
पृथ्वी के क्रोड का तापमान 2200 डिग्री से 2750 डिग्री होता है।
आकाश गंगा की आकृति सर्पिलाकार है।
मंगल ग्रह के दो उपग्रह फोबोस एवं डिमोस है।
शनि सूर्य की एक परिक्रमा 29.5 वर्ष में लगाता है।
सूर्य का बाहरी भाग क्रोमोस्फीयर कहलाता है।
सूर्य का केन्द्रीय भाग फोटोस्फीयर कहलाता है।
सूर्य से प्रकार की चाल 3×108 मिटर प्रति सेकेण्ड होती है।
प्रकाश वर्ष (प्रकाश द्वारा एक वर्ष में तय की गई दूरी) दूरी का मात्रक है।
1 प्रकाश वर्ष बराबर 9.461×1012km या9.461×1015m होता है।
दूरी की सबसे बडी इकाई पारसेक है।
एक पारसेक बराबर 3.6 प्रकाश वर्ष होता है।
पृथ्वी का औसत तापमान 15 डिग्री सेलसियस होता है।
शुक्र तथा बुध ग्रह पर 1 दिन बराबर क्रमशः पृथ्वी के 117 दिन तथा 90 दिने के बराबर होते है।
निकटत्तम तारे से पृथ्वी पर प्रकाश 4.2 वर्ष में पहुॅचता है।
सूर्योदय पश्चिम की ओर एवं सूर्यास्त पूरब की ओर अरूण ग्रह पर होता है।
सूर्य एक तारा है तथा सौरमंडल का मुखिया हैं।
सूर्य में ऊष्मा एवं ऊर्जा का स्त्रोत नाभकीय संलयन की क्रिया हैं।
सूर्य का वह भाग जो हमे दिखाई देता हैं, फोटोस्पियर (प्रकाश मंडल) कहलाता है। फोटोस्पियर से जगह जगह विधुत चुम्बकीय विकिरण निकलते है
सूर्य से निकलने वाले लपटे या ज्वालायें कभी कभी इतनी शक्तिशाली होती हैं कि सूर्य के गुरुत्वाकर्षण शक्ति को पार करके अंतरिक्ष मे प्रवेश कर जाती हैं, ऐसी ज्वालाओं तथा परमाणु आँधियों को सौर ज्वाला कहते हैं।
सौर ज्वाला एक बहुत ही प्रभावशाली विधुत चुम्बकीय विकिरण होता हैं, जो सूर्य के बाहरी सतह अर्थात फोटोस्पियर से निकलता है।
ध्रुवो के पास प्रकाश देखने को मिलती हैं जिसे अरोरा लाईट कहते हैं।
पृथ्वी के उत्तरी ध्रुव पर इसे अरोरा बोरियालिस तथा दक्षिणी ध्रुव पर अरोरा ऑस्ट्रेलिइस कहते हैं।
सूर्य के सतह का वह भाग जहाँ से विधुत चुम्बकीय विकिरण या सौर ज्वालायें उत्पन्न होकर दूर तक चली जाती हैं वहाँ पर काला रंग का धब्बा बन जाता हैं ऐसे काला धब्बा को सौरकलंक कहते हैं।
सूर्य का वह बाहरी भाग जो सूर्यग्रहण के समय अंगूठी की भांति चमकता हुआ दिखाई देता हैं, कैरोना कहलाता है।
किसी भी तारे का जीवनकाल अनुमानतः 10 बिलियन वर्ष हैं। या 10 अरब वर्ष
सूर्य की वर्तमान आयु 5 अरब वर्ष हैं।
ग्रहों के पास अपना उष्मा एवं प्रकाश नही होता बल्कि यह सूर्य के प्रकाश से चमकते है
सूर्य से दूरी के अनुसार – बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण
आकर के अनुसार ग्रह बृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण, पृथ्वी, शुक्र, मंगल, बुध
पृथ्वी के सबसे नजदीक शुक्र है.
आकार में शुक्र लगभग पृथ्वी के समान हैं, इसलिए शुक्र को पृथ्वी का बहन कहा जाता है
आंतरिक ग्रह बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल
बाह्य ग्रह बृहस्पति, शनि, अरुण, वरुण
अधिकांश ग्रह पश्चिम से पूर्व दिशा की ओर चक्कर लगाते हैं परन्तु शुक्र और अरुण पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर चक्कर लगाते हैं।
सभी ग्रहों के पास अपना उपग्रह हैं परंतु बुध और शुक्र के पास कोई उपग्रह नही हैं।
फोबोस, डेमोस(सौरमंडल का सबसे छोटा उपग्रह)
गेनीमेड बृहस्पति का सबसे बड़ा उपग्रह और सौरमंडल का सबसे बड़ा उपग्रह)
शनि का सबसे बड़ा उपग्रह TITAN हैं।
शनि के चारो तरफ तश्तरीनुमा छल्ले पाये जाते हैं जिसे वलय कहते हैं इनकी संख्या 7 हैं।
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