- बहादुर शाह जफर
की बेगम जीनत महल ने एक संदेशवाहक के रूप में ब्रिटिशों की सहायता की थी।
- नाना साहब का असली नाम धोंधू पंत था।
- 1856 में अंग्रेजों ने तीन महत्वपूर्ण अधिनियम लागू
किये थे-हिन्दू विधवा पुनर्विवाह अधिनियम, धार्मिक अयोग्यता अधिनियम तथा सामान्य सेना भर्ती अधिनियम।
- 1857 के विद्रोह के शुरू होने के समय ब्रिटिश सेना
में यूरोपीय एवं भारतीय सैनिकों का
अनुपात 1:6 था।
- जनवरी,
1857 में ही सेना में नवीन
एन्फील्ड राइफलों का उपयोग शुरू हुआ। इसे 1856 में ब्राउन बेस बन्दूक के स्थान पर लाया गया था।
- विद्रोह के शुरू
होने के समय कर्नल मिचेल बेहरमपुर का, जनरल हियरसे बैरकपुर का, जनरल हिविट मेरठ का तथा सर ह्यूज व्हीलर कानपुर का कमांडिंग अफसर था।
- निम्नलिखित सैन्य
अफसरों ने विद्रोह स्थलों पर पुनः कब्जा किया-
- दिल्ली: जान
निकोलसन
- कानपुर: कॉलिन
कैम्पबेल (हैवलॉक के पश्चात)
- लखनउ: कॉलिन
कैम्पबेल
- झांसी: ह्यूरोज,
- इलाहाबाद: नील
- ग्वालियर:
ह्यूरोज,
- बरेली: कॉलिन
कैम्पबेल
- आरा: विलियम टेलर
- बनारस: नील
- फैजाबाद में
विद्रोहियों को नेतृत्व प्रदान करने वाला मौलवी अहमदुल्ला मद्रास का मूल निवासी था।
- विद्रोह की लहर
बंगाल, बम्बई एवं दिल्ली
में चली। केवल मद्रास इससे अछूता रहा।
- इस विद्रोह में
किसान, दस्तकार, धर्मगुरु, नौकरीपेशा वाले तथा दूकानदार शामिल हुए परन्तु व्यापारी, शिक्षित लोग तथा भारतीय शासक असंपृक्त रहे।
- करीब आधे भारतीय
सिपाहियों ने विद्रोह को दबाने में अंग्रेजों की सहायता की।
- देश के एक
प्रतिशत प्रमुखों ने ही इस विद्रोह में हिस्सा लिया।
- बहादुरशाह ने
हुमायूँ के मकबरे में शरण ली थी, जहाँ से उसे पकड़ कर रंगून भेज दिया गया।
- जनरल ह्यूरोज ने
रानी लक्ष्मीबाई के संदर्भ में कहा था कि वही विद्रोहियों में एकमात्र मर्द थी।
- विद्रोह को दबाने
में मुख्य रूप से सिंधिया एवं उसके मंत्री सर दिनकर राय, निजाम एवं उसके मंत्री सर सलार जंग, होल्कर, कश्मीर के शासक गुलाब
सिंह, भोपाल की बेगम,
नेपाल के प्रधानमंत्री सर जंग बहादुर, जोधपुर के राजा, राजपुताना के अन्य राजाओं ने अंग्रेजों का साथ
दिया।
- अवध में विद्रोह
के समय वहाँ का चीफ कमीश्नर सर हेनरी लॉरेन्स था।
- विद्रोह के समय
भारत का गवर्नर लार्ड कैनिंग था।
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