BAFTA पुरस्कार 2018,साहित्य अकादमी के वर्ष 2017
- ब्रिटिश अकादमी फ़िल्म ब्रिटिश अकादमी ऑफ फिल्म और टेलीविजन आर्ट्स द्वारा प्रदत्त एक वार्षिक पुरस्कार है .
- वर्ष 1947 से इस अवार्ड शुरुआत हुई है।
- 71वें ब्रिटिश अकादमी फिल्म पुरस्कार 18 फरवरी को प्रस्तुत किए गए थे। विजेताओं की पूरी सूची नीचे दी गई है।
- बेस्ट फ़िल्म: "थ्री बिलबोर्ड आउट एबिंग, मिसौरी"
- सर्वश्रेष्ठ ब्रिटिश फ़िल्म: "थ्री बिलबोर्ड आउटसाईड एबिंग, मिसौरी"
- एक ब्रिटिश लेखक, निर्देशक या निर्माता द्वारा उत्कृष्ट भूमिका: "आई एम नॉट ए विच"
- गैर अंग्रेजी भाषा में सर्वश्रेष्ठ फिल्म: "द हैंडमैडन"
- सर्वश्रेष्ठ वृत्तचित्र: " आई एम नॉट योअर निग्रो"
- सर्वश्रेष्ठ एनिमेटेड फिल्म: "कोको"
- सर्वश्रेष्ठ निदेशक: गिलर्मो डेल टोरो "द शेप ऑफ वाटर"
- सर्वश्रेष्ठ मूल पटकथा: मार्टिन मैकडोनाग"थ्री बिलबोर्ड आउटसाईड एबिंग, मिसौरी"
- सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री: "फ्रांसिस्स मैकडोमांड, "थ्री बिलबोर्ड आउटसाईड एबिंग, मिसौरी"
- सर्वश्रेष्ठ अभिनेता: गैरी ओल्डमैन, "डार्केस्ट आवर"
- सहायक अभिनेत्री: एलीसन जैनी, "आई, टोनिया"
- सहायक अभिनेता: सैम रॉकवेल, "थ्री बिलबोर्ड आउटसाईड एबिंग, मिसौरी"
- मूल संगीत: "द शेप ऑफ वाटर"
- ईई राइजिंग स्टार अवार्ड्स (जनता द्वारा वोट दिया गया): डैनियल कालुया
लता मंगेशकर राष्ट्रीय अलंकरण
सुगम संगीत के क्षेत्र में प्रतिष्ठापित लता मंगेशकर राष्ट्रीय अलंकरण वर्ष 2012 से 2016 के दौरान चयनित कलाकारों को दो-दो लाख रूपए की राशि, सम्मान पट्टिका, शाल-श्रीफल से अलंकृत किया गया ।
लता मंगेशकर राष्ट्रीय अलंकरण सम्मान प्रदान किया गया-
- 2012 के लिये संगीत निर्देशिका सुश्री ऊषा खन्ना
- 2013 के लिये सुप्रसिद्ध गायिका सुश्री अलका याग्निक
- 2014 के लिये संगीत निर्देशक श्री भप्पी लाहिड़ी
- 2015 के लिये सुप्रसिद्ध गायक श्री उदित नारायण
- 2016 के लिये संगीत निर्देशक श्री अनु मलिक
राष्ट्रीय राजा मानसिंह तोमर सम्मान
मध्यप्रदेश सरकार द्वारा दिया जाने वाला राजा मानसिंह तोमर सम्मान इस वर्ष भारतीय शास्त्रीय संगीत, कला एवं संस्कृति के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रही संस्थाओं को राजा मानसिंह राष्ट्रीय सम्मान प्रदान किया गयासम्मान में संस्कृति विभाग स्मृति चिह्न, शॉल, श्रीफल के साथ एक लाख रुपए की धनराशि प्रदान की जाती है।
- गुरू केलुचरण महापात्रा, भुवनेश्वर (वर्ष 2011-2012)
- त्रिवेणी कला संगम, नई दिल्ली ( वर्ष 2012-2013)
- रंगश्री लिटिल बैले ट्रुप, भोपाल ( वर्ष 2013-2014)
- बॉम्बे आर्ट सोसायटी मुंबई( वर्ष 2014-2015)
- श्री इदगुंजी महागणपति यक्षगानमंडली ( वर्ष 2015-2016)
- नांदीकार कोलकत्ता ( वर्ष 2016-2017)
वर्ष 2017 में मध्यप्रदेश को मिले अवार्ड
- पर्यटन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री सुरेन्द्र पटवा हैं।
- मध्य प्रदेश के पर्यटन सचिव श्री हरि रंजन राव हैं।
- राज्य स्तरीय अवार्ड समारोह 15 अक्टूबर को हनुवंतिया पर्यटन केन्द्र में सम्पन्न हुआ
- विश्व पर्यटन दिवस के मौके पर मध्यप्रदेश को एक साथ 10 राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त हुए।
- मध्यप्रदेश पर्यटन निगम को लगातार तीसरे साल पर्यटन के क्षेत्र में राष्ट्रीय अवॉर्ड प्राप्त हुए हैं।
- मध्यप्रदेश को इस वर्ष लगातार तीसरी बार 'बेस्ट टूरिज्म स्टेट' का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। इस पुरस्कार को लगातार 3 बार पाने वाला मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य है।
- राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित एक गरिमापूर्ण समारोह में मध्यप्रदेश के पर्यटन राज्यमंत्री सुरेन्द्र पटवा को यह पुरस्कार प्रदान किया।
- विश्व पर्यटन दिवस प्रत्येक वर्ष 27 सितंबर को मनाया जाता है। क्योंकि इसी दिन 1970 में विश्व पर्यटन संगठन का संविधान स्वीकार किया गया था
मध्य प्रदेश को मिले 10 नेशनल अवार्ड
- मध्यप्रदेश में आयोजित ‘जल-महोत्सव हनुवंतिया को मोस्ट इनोवेटिव टूरिस्ट प्रोडक्ट’
- मध्यप्रदेश टूरिज्म को हाल ऑफ फेम का
- बेस्ट स्टेट फॉर एडवेंचर टूरिज्म का राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त हुआ
- ‘चंदेरी को बेस्ट हेरिटेज सिटी’,
- खरगौन को सिविक मैनेजमेंट ऑफ टूरिस्ट डेस्टिनेशन ऑफ इंडिया का
- उज्जैन रेलवे स्टेशन को टूरिस्ट फ्रेंडली रेलवे स्टेशन
- इंग्लिश कॉफी टेबल बुक को एक्सिलेंस इन पब्लिशिंग का राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त हुआ।
- बेस्ट फिल्म प्रमोशन फ्रेंडली स्टेट/यूनियन टेराटोरी में फिल्म प्रमोशन पॉलिसी का राष्ट्रीय अवार्ड भी मध्यप्रदेश पर्यटन को प्राप्त हुआ।
- सिंहस्थ 2016 में मध्यप्रदेश पर्यटन द्वारा प्रकाशित हिन्दी ब्रोशर को एक्सीलेंस इन पब्लिशिंग इन हिन्दी ब्रोशर का राष्ट्रीय अवार्ड प्राप्त हुआ।
- बेस्ट वाइल्ड लाइफ गाइड का राष्ट्रीय पुरस्कार पचमढ़ी के श्री सईब खान को प्राप्त हुआ।
- राज्य की साहित्य अकादमी, संस्कृति परिषद्, भोपाल की पुरस्कार योजना में विभिन्न विधाओं में प्रकाशित श्रेष्ठ कृतियों के लिए अखिल भारतीय पुरस्कार एक लाख रुपये एवं प्रादेशिक पुरस्कार रुपये 51 हजार रुपये देती है।
- साथ ही प्रदेश के रचनाकारों को श्रेष्ठ पाण्डुलिपियों को रुपये 20 हजार रुपये अनुदान देती है।
- साहित्य अकादमी के वर्ष 2017 के लिए 5 अखिल भारतीय तथा 9 प्रादेशिक पुरस्कार एवं 40 पाण्डुलिपि सहायता अनुदान देने की की है ।
साहित्य अकादमी के वर्ष 2017 के लिए 5 अखिल भारतीय पुरस्कार
- पं. माखनलाल चतुर्वेदी (निबंध) श्री कृष्णकांत चतुर्वेदी (जबलपुर) को ‘अनुवाक्’,
- गजानन माधव मुक्तिबोध (कहानी) श्रीमती उषा जायसवाल (भोपाल) को ‘चरण स्पर्श’,
- राजा वीरसिंह देव (उपन्यास) श्री जगदीश तोमर (ग्वालियर) को ‘नीलकंठ का स्वप्न’,
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल (आलोचना) डॉ. व्यासमणि त्रिपाठी (अण्डमान) को ‘जगन्नाथ दास रत्नाकर’ और
- पं. भवानी प्रसाद मिश्र (कविता) श्री इंदुशेखर तत्पुरुष (जयपुर) को ‘पीठ पर आँख’ कृति के लिए घोषित हुए हैं।
वर्ष 2017 के लिए कुल 9 प्रादेशिक पुरस्कार
- पं. बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ (उपन्यास) डॉ. मोहन तिवारी (भोपाल) को ‘वैदेही’,
- सुभद्रा कुमारी चौहान (कहानी) श्री गोपाल माहेश्वरी (इंदौर) को ‘पहली वाली बस’,
- श्रीकृष्ण सरल (कविता) श्री राकेश शर्मा (इंदौर) को ‘स्त्री और समुद्र’,
- नंददुलारे वाजपेयी (आलोचना) डॉ. स्मृति शुक्ला (जबलपुर) को ‘हिन्दी साहित्य कुछ विचार’,
- हरिकृष्ण प्रेमी (नाटक/एकांकी) श्रीमती रंजना चितले (भोपाल) को ‘झलकारी’,
- राजेन्द्र अनुरागी (व्यंग्य, ललित निबंध, आत्मकथा, संस्मरण आदि) डॉ. पद्मा सिंह (इंदौर) को ‘आत्मज्ञान में जगत दर्शन’,
- दुष्यंत कुमार (प्रदेश के लेखक की पहली कृति) श्रीमती ममता वाजपेयी (भोपाल) को ‘भाव पंखी हंस’,
- ईसुरी (लोकभाषा विषयक) डॉ. गंगाप्रसाद गुप्त बरसैया (भोपाल) को ‘बुंदेली निबंध’ कृति के लिए और
- जहूर बख्श (बाल साहित्य) डॉ. प्रीति प्रवीण खरे (भोपाल) को ‘निंदिया के पंख लगे’ कृति के लिए घोषित हुए हैं।
वर्ष 2017 के लिए कुल 40 पाण्डुलिपि सहायता अनुदान के तहत
- डॉ. वर्षा चैबे (भोपाल), श्री पुरुषोत्तम तिवारी (भोपाल), डॉ. वेद प्रकाश दुबे (सागर), श्रीमती प्रतिभा द्विवेदी (ग्वालियर), डॉ. शिरोमणि सिंह ‘पथ’(दतिया), श्री सीताराम अहिरवार (विदिशा), श्री हीरालाल पारस (भोपाल), श्री धर्मेन्द्र अहिरवार (भोपाल), श्री सुदर्शन व्यास (सीहोर), श्रीमती रागिनी स्वर्णकार (इंदौर), श्री भाऊराम महंत (बालाघाट), श्री दुष्यंत दीक्षित (भोपाल), श्रीमती जया केतकी (भोपाल), श्री मनीष पारासर (भोपाल), श्री अनुराग तिवारी (भोपाल), सुश्री प्रांजल श्रीवास्तव (भोपाल), श्रीमती रेखा दुबे (विदिशा) श्री रोशन मनीष (ग्वालियर), श्री अनिल शर्मा ‘मयंक’ (भोपाल), श्री प्रदीप सोनी (रायसेन), श्री जगदीश प्रजापति (विदिशा), श्री राजेश ‘अजनवी’(आगर), नीना सिंह सोलंकी (भोपाल), डॉ. विकास दवे (इंदौर), सुश्री सीमा जैन (ग्वालियर), श्री अनिल अग्रवाल (भोपाल), श्री ओमप्रकाश मिश्र (रीवा), श्री राजेश लिटौरिया (दतिया), श्री प्रकाश शर्मा (भोपाल), डॉ. पूजा उपाध्याय (उज्जैन), सौ. ज्योति आजाद खत्री (ग्वालियर), अर्चना मुखर्जी ‘अंश’(भोपाल), श्री रविन्द्र सिंह परमार (दतिया), अनुपमा श्रीवास्तव ‘अनुश्री’(भोपाल), श्री राकेश कुमार श्रीवास्तव (दतिया), डॉ. विनीता राहुरकर (भोपाल), सुश्री कीर्ति प्रदीप वर्मा (बाबई), श्रीमती रश्मिचन्द्र गुप्त (भोपाल), श्री श्यामलाल अहिरवार (दमोह) और सुश्री सरिता अनामिका (भोपाल) को देने की घोषणा हुई है।
साहित्य अकादमी द्वारा दिये जाने वाले पुरस्कार
अकादमी पुरस्कार
सन् 1954 में अपनी स्थापना के समय से ही साहित्य अकादेमी प्रतिवर्ष अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त भारत की प्रमुख भाषाओं में से प्रत्येक में प्रकाशित सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक कृति को पुरस्कार प्रदान करती है। पुरस्कार की स्थापना के समय पुरस्कार राशि 5,000/- रुपए थी, जो सन् 1983 में बढ़ाकर 10,000/- रुपए कर दी गई, फिर सन् 1988 में बढ़ाकर इसे 25,000/- रुपए कर दिया गया। सन् 2001 से यह राशि 40,000/- रुपए की गई थी। सन् 2003 से यह राशि 50,000/- रुपए की गई तथा सन् 2010 से यह राशि 1,00,000/- रुपए कर दी गई है। पहली बार ये पुरस्कार सन् 1955 में दिए गए।
साहित्य अकादेमी अपने द्वारा मान्य 24 भाषाओं में उत्कृष्ट पुस्तकों तथा उत्कृष्ट अनुवादों के लिए वार्षिक पुरस्कार प्रदान करती है। फिर भी, अकादेमी यह महसूस करती है कि भारत जैसे बहुभाषाई देश में जहाँ कई सौ भाषाएँ और उपभाषाएँ हैं, उसको अपनी गतिविधियों की परिसीमा मान्यता प्राप्त भाषाओं से परे ब़ढानी चाहिए और ग़ैर-मान्यता प्राप्त भाषाओं में भी सृजनात्मक साहित्य के साथ-साथ शैक्षिक अनुसंधान को प्रोत्साहित करना चाहिए। अकादेमी ने इसलिए सन् 1996 में भाषा सम्मान की स्थापना की, ताकि लेखकों, विद्वानों, संपादकों, संग्रहकर्ताओं, प्रस्तोताओं या उन अनुवादकों को, जिन्होंने संबंधित भाषाओं के प्रचार, आधुनिकीकरण या उसके संवर्धान के लिए यथेष्ट योगदान दिया हो, इस सम्मान से विभूषित किया जा सके। सम्मान स्वरूप एक फलक के साथ सृजनात्मक साहित्य के लिए दी जानेवाली पुरस्कार राशि 50,000/-रु. प्रदान की जाती है (वर्ष 2001 में इसकी पुरस्कार राशि 25,000/-रु. से बढ़ाकर 40,000/-रु. कर दी गई थी तथा वर्ष 2003 से 40,000/-रु. की राशि को बढ़ाकर 50,000/-रु. कर दिया गया है, जोकि इस उद्देश्य की सिद्धि में प्रथम चरण है। इस उद्देश्य के लिए गठित विशेषज्ञों की समिति की अनुंशसाओं के आधार पर प्रत्येक वर्ष यह सम्मान 3-4 व्यक्तियों को विभिन्न भाषाओं के लिए दिया जाता है।
साहित्य अकादेमी अनुवाद पुरस्कार
सर्जनात्मक लेखन के लिए दिए जाने वाले पुरस्कारों के अतिरिक्त अकादेमी सन् 1989 से अनुवादों के लिए पुरस्कार प्रदान कर रही है। यह पुरस्कार अकादेमी की मान्यता प्राप्त 24 भाषाओं में विशिष्ट अनुवादकों को दिए जाते हैं। सन् 1989 में इसकी पुरस्कार राशि 10,000/-रु. थी, सन् 2001 में ब़ढाकर इसे 15,000/-रु. कर दिया गया तथा सन् 2003 से यह राशि 20,000/-रु. कर दी गई तथा सन् 2009 में यह राशि 50,000/- रुपए कर दी गई है।
युवा पुरस्कार
साहित्य अकादेमी ने वर्ष 2011 से अपने द्वारा मान्यता प्रदत्त 24 भारतीय भाषाओं में युवा लेखन को प्रोत्साहित करने हेतु युवा पुरस्कार प्रारंभ किया। युवा पुरस्कार के लिए पुस्तकों का चयन संबंधित भाषा चयन समितियों की अनुशंसा के आधार पर किया जाता है। यह पुरस्कार 35 वर्ष तक की आयु अथवा पुरस्कार वर्ष में 1 जनवरी को उससे कम आयु के युवा लेखकों की प्रकाशित पुस्तकों को दिया जाता है। पुरस्कार में एक ताम्रफलक और 50,000/- रुपए की राशि प्रदान की जाती है।
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