सर्वप्रथम अर्नस्ट हेकेल ने 1869 में ईकोलॉजी (पारिस्थितिकी)शब्द का प्रयोग किया था।
अर्नस्ट हेकेल के अनुसार वातावरण एवं जीव समुदाय के पारस्परिक संबंधो के अध्ययन को पारिस्थतिकी कहा जाता है।
सरंचना के आधार पर पर्यावरण दो भौतिक और जैविक कारकों मंे विभाजित किया जाता है।
पारिस्थतिकी तंत्र ईकोसिस्टम शब्द का सर्वप्रथम उपयोग एजी टेन्सले ने 1955 में किया था।
पारिस्थितिकी तंत्र एक खुला तंत्र होता है जिसमें उर्जा एवं पदार्थों का सतत आगम तथा निर्गम होता है।
परितंत्र का विकास विभिन्न अवस्थाओं मंे होता है, अनुक्रमों की संक्रमणशील अवस्थाओं को सेरे कहते हैं।
पारिस्थतिकी तंत्र के दो प्रमुख घटक है- जैविक घटक और अजैविक घटक
जैविक घटक दो प्रकार के स्वपोषी और परपोषी या परजीवी होते हैं।
अजैविक घटक तीन प्रकार के अकार्बनिक, कार्बनिक एवं भौतिक होते हैं।
खाद्य श्रृखंला- पारिस्थतिकी तंत्र में विभिन्न प्रकार के जीवधारियों का क्रम जिसमें जीवधारी भोज्य एवं भक्षक के रूप में संबंधित होते हैं।
खाद्य श्रृखंला में उर्जा का प्रवाह सदैव एक ही दिशा में होता है।
प्राथमिक उत्पाद अर्थात हरे पौधे, प्रथम द्धितीय, एवं तृतीय श्रेणी के उपभोक्ता एवं अपघटनकर्ता अर्थात कवक और जीवाणु आपस में मिलकर खाद्य श्रृखंला का निर्माण करते हैं।
पारिस्थितिकी तंत्र में तीन प्रकार की भोजन श्रृखंला पाई जाती है- परभक्षी, परपोषी एवं मृतजीवी।
बायोम- जब पारिस्थितिक रूप में समस्त पदापों तथा प्राणियों का सम्मिलित रूप से अध्ययन किया जाता है तो उसे बायोम या जीवोम कहा जाता है।
पारिस्थितिक अनुक्रम- किसी विशिष्ट क्षेत्र में पारिस्थतिक समुदाय की स्थापना को पारिस्थितिक अनुक्रम कहते हैं।
प्रमुख पर्यावरणीय दिवस, प्रमुख दिवस,पर्यावरण एवं जैव विविधता
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