भूवैज्ञानिक समय-मान सारणी |Geological time scale with events in HIndi
भूवैज्ञानिक समय-मान सारणी
भूवैज्ञानिक समय-मान सारणी
➽ अपर प्री
कैम्ब्रियन कल्प- स्पंज एवं नर्म शरीर वाले जंतु
➽ कैमिब्रयन
कल्प- समुद्री एल्गी की बाहुल्यता, समुद्री अकशेरूकियों की
बहुलता
➽ ऑर्डोविश्यिन
कल्प- आर्थाेपोड जंतुओ का
प्रभुत्व, प्रथम कशेरूकी का उद्भव
➽ सिल्युरियन
कल्प-- हल्की गर्म वायु, जबड़े युक्त मछलियां, प्रथम थलीय आर्थोपोड़ा
जंतु।
➽ डिवोनियन
कल्प- शुष्क भूमि, मैदानी एवं वनीय पौधों की
बहुलता, प्रथम एम्फीबीयन जंतु
➽ कार्बोनिफेरस
कल्प- नमी युक्त जलवायु, दलदलों एवं पर्वतों को
निर्माण, रेप्टाईल जंतुओ का उद्भव
➽ परमियन
कल्प- सदाबहार पौधों का उद्भव, आधुनिक कीटों का उद्भव।
➽ ट्राइऐसिक
कल्प- शुष्क जलवायु, रेगिस्तानों का निर्माण, छोटे आकार के आरम्भिग
डायनोसोर एवं स्तनधारियों के समान रेप्टाईल जंतुओ का उद्भव।
➽ जुरैसिक
कल्प- पुष्पीय पौधों की उत्पत्ति, कोनिफेरस पौधों का प्रभुत्व
महाकाय रेप्टाईल स्थली एवं समुद्री का प्रभुत्व, स्तनधारियों की उत्पत्ति, दांतधारी पक्षी आर्कियोपटैरिक्स का उद्भव।
➽ क्रिटेसियस
कल्प- पुष्पीय पौधोें का विकास, महाकाय डायनोसोर जंतुओ का
विलोप, स्तनधारी पक्षियों को विलोप, आधुनिक पक्षियों तथा
स्तनधारियों का उद्भव
➽ पेलियोसीन युग- आरंभिक स्तनधारियों को प्रभुत्व, डायनासोर जंतुओ का विलोपन
➽ इयोसीन
युग- भीषण वर्षा, आधुनिक स्तनधारी अस्तित्व
में आए, घोड़ो के प्रथम पूर्वज
➽ ऑलिगोसीन
युग- शीतोष्ण जलवाुय के पौधे, बंदर, कपि, एवं व्हेल का उदभ््ाव।
➽ मायोसीन
युग- घास चरने वाले स्तनधारी, मानव समान बंदर अर्थात
कपियों का विकास।
➽ प्लायोसीन
युग- आधुनिक स्तनधारियों एवं
अकेशरूकी जंतुओ का विकास।
➽ प्लीस्टोसीन
युग- मनुष्य का विकास, महाकाय स्तनधारियों का
विलोप।
➽ आधुनिक
युग- मनुष्य की सभ्यता का विकास, मनुष्य प्रभुत्व
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