Famous scientists of the world and India |विश्व एवं भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक
Famous scientists of the world and India
{विश्व एवं भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक} |
विश्व के प्रसिद्ध वैज्ञानिक Famous scientists of the world
आर्किमिडीज़ (187-212 ईसवी पूर्व) - यूनानी गणितज्ञ, आविष्कारक और वैज्ञानिक थे। उन्होंने तैरने वाली वस्तुओं के संबंध
में एक सिद्धांत प्रतिपादित किया, जिसे उन्हीं के नाम पर ‘आर्किमिडीज के सिद्धांत‘ के नाम से जाना जाता है।
सर फ्रेडरिक ग्रांट (1881-1941 ई.)- ये प्रसिद्ध चिचित्सक थे, जिन्होंने इनसुलिन का
आविष्कार किया।
एलेक्जेंडर ग्रैह्म बैल (1849-1922 ई.) -ब्रिटेन के वैज्ञानिक, जिन्होंने टेलीफोन का
आविष्कार किया।
लुई ब्रेल (1809-1852 ई.) -ये फ्रांस के एक अध्यापक थे जो, अंधों को पढ़ाने थे। इन्होंने अंधों के लिए लिखने-पढ़ने की एक नई
पद्धति का आविष्कार किया, जिसे ‘ब्रेल पद्धति' कहा जाता है।
हेनरी कैवेंडिस (1731-1810 ई.)- ये एक अंग्रेज रसायन
शास्त्री और भौतिक वैज्ञानिक थे। इन्होंनें हाइड्रोजन एवं जल के रासायनिक घटकों का
आविष्कार किया।
निकोलस कॉपरनिकस (1473-1543 ई.)- ये पोलिश खगोलशास्त्री थे, जिन्होंने सौर मंडल का पता
लगाया। कॉपरनिकस को आधुनिक खगोल-विज्ञान का पिता कहा जाता है। 1543 में उसकी पुस्तक ‘ कंसर्निग द रिवोल्यूशंस ऑफ
हैवनली बॉडीज'
प्रकाशित हुई। कॉपरनिकस ने
टॉलमी के उस सिद्धांत का स्पष्ट खण्डन किया, जिसमें उसने कहा था कि सौरमण्डल के केन्द्र में पृथ्वी स्थित है तथा
अन्य ग्रह उसकी परिक्रमा करते हैं। उसके टॉलमी के सिद्धांत के विपरीत एक नया
सिद्धांत दिया,
जिसके अनुसार सौरमण्डल के
केंन्द्र में सूर्य है और अन्य ग्रहों की भांति पृथ्वी भी सूर्य की परिक्रमा करती
है।
मेरी स्कलोडोव्सका क्यूरी (1867-1935 ई.)- पोलैंड में जन्मी फ्रैंच
वैज्ञानिक मेरी ने रेडियम की खोज की। 1903 में पियरे क्यूरी तथा हेनरी बेकुरल के साथ संयुक्त रूप से इन्हें
विकिरण संबंधी खोज के लिये भौतिक शास्त्र का नोबेल पुरस्कार दिया गया। 1911 में उन्हें रसायन शास्त्र
का नोबेल पुरस्कार भी मिला। इस प्रकार दो नोबेल पुरस्कार जीतने वाली वे विश्व की
पहली महिला बनीं।
जॉन डाल्टन (1776-1844 ई.)- ये एक ब्रिटिश जीव वैज्ञानिक थे। इन्होंने परमाणु सिद्धांत का
प्रतिपादन किया।
चार्ल्स रॉबर्ट डार्विन ( 1808-1882 ई.)- ये एक ब्रिटिश जीव
वैज्ञानिक थे। इन्होंने विकास का सिद्धांत दिया। ‘ऑरिजिन ऑफ स्पीशिस‘ और ‘ डिस्सेंट ऑफ मैन‘ इनकी प्रमुख कृतियां हैं।
रूडोल्फ डीजल (1858-1913 ई.)- ये एक जर्मन अभियंता थे।
जिन्होंने डिजल इंजन का आविष्कार किया।
थॉमस अल्वा एडिसन (1847-1931 ई.)- ये एक अमेरिकी
भौतिकशास्त्री थे, जिन्होंने विद्युत बल्ब, फोनोग्राफ, सिनेमैटोग्राफी आदि का आविष्कार किया।
एलबर्ट आइंस्टीन (1879-1967 ई.)- ये एक प्रसिद्ध जर्मन
भौतिकशास्त्री थे। इन्होंने ‘ सापेक्षता का सिद्धांत‘ दिया। इनका मस्तिष्क आज भी सुरक्षित रखा हुआ है। इसका कारण यह है कि
वैज्ञानिक इनके मस्तिष्क का परीक्षण करके यह जानना चाहते हैं कि उनका दिमाग क्यों
इतना तेज था। उर्जा व द्रव्य में संबंध स्थापित करने वाला महत्वपूर्ण समीकरण (E = m c 2 ) आइंस्टीन ने ही दिया था।
इन्हें 1921 में भौतिक विज्ञान का नोबेल
पुरस्कार दिया गया।
एलेक्जेंडर फ्लेमिंग (1881-1939 ई.)- ये एक अंग्रेज जीवाणु
वैज्ञानिक थे,
जिन्होंने पेंसिलीन की खोज
की।
माईकल फैराडे (1791-1867 ई.)- विद्युत और चुम्बकत्व के
क्षेत्र के श्रेष्ठ ब्रिटिश वैज्ञानिक थे। जिन्होंने विद्युत-अपघटन के सिद्धांत का
प्रतिपादन किया।
सिगमंड फ्रायड (1858-1939 ई.)- ये ऑस्ट्रिया के एक
प्रसिद्ध वैज्ञानिक थे, जो मनोविश्लेषण के विज्ञान के लिए प्रसिद्ध हुए।
गैलीलियो गैलिलि (1564-1642 ई.)- ये इटली के वैज्ञानिक और
खगोलशास्त्री थे। इन्होंने दूरदर्शी (टेलिस्कोप) का आविष्कार किया है।
चार्ल्स गुड्ईयर (1800-1860 ई.) -ये एक अमेरिकी आविश्कारक थे, जिन्होने रबर के वल्कनीकरण
की विधि का आविष्कार किया।
विलियम हार्वे (1578-1658 ई.)- ये एक श्रेष्ठ अंग्रेज
चिकित्सक थे। सन् 1616 में इन्होंने रक्त परिसंचरण की खोज की।
हैनरिक हर्ट्ज (1857-1895 ई.)- ये जर्मन भातिकशास्त्री थे, जिन्होंने ध्वनि तरंगों को
रेडियो तरंगों में रूपांरित किया।
जोसफ ग्रीस्टली (1733-1804 ई.)- प्रसिद्ध रसायनशास्त्री, जिन्होंने ऑक्सीजन और गैसों
को एकत्रित करने तरीकों का आविष्कार किया। इन्हें सन् 1968 में बोबेल पुरस्कार से
सम्मानित किया गया।
एडवर्ड जेनर (18749-1824 ई.)- प्रसिद्ध अंग्रेज चिकित्सक, जिन्होंने चेचक के लिए टीके का आविष्कार किया।
ग्रेगरी जॉन मेंडल (1822-1884 ई.)- ये ऑस्ट्रिया की एक चर्च
में पादरी थे। इन्होंने अनुवांशिकता के सिद्धांत का प्रतिपादन किया। अनुवांशिकता
के इतिहास में मेंडल का योगदान सदैव याद किया जायेगा।
सर आइजेक न्यूटन (1642-1727 ई.)- ये एक प्रसिद्ध अंग्रेज
वैज्ञानिरक थे,
जो गुरूत्व-शक्ति और गति के
सिद्धांतों के लिए जाने जाते थे। न्यूटन ने गुरूत्वाकर्षण के सिद्धांत तथा गति के
नियमों का प्रतिपादन किया। इन्होंने गति संबंधी तीन नियम दिये। ‘प्रिंसपिया‘ इनकी प्रमुख पुस्तक है।
जोहानस कैपलर (1571-1633 ई.)- जर्मनी में प्रसिद्ध
खगोलशास्त्री ,
जिन्होंने ग्रहों की गतियों
के सिद्धांतों की खोज की। इनके ग्रहीय गति के नियम अत्यंत प्रसिद्ध हैं जोहांस
केपलर ने ‘
कॉस्मोग्राफियन‘ नामक पुस्तक लिखी , जिसमें उसने बताया कि ग्रह, सूर्य की परिक्रमा एक परिपथ
में करते हैं और उनका कक्ष वर्तुलाकार न होकर दीर्घवृत्ताकार होता है। उसने
पाइथोगोरस तथा प्लेटो के सिद्धांतों का खण्डन कर नवीन वैज्ञानिक सिद्धांत दिया।
मैक्स प्लैंक (1858-1947 ई.)- ये जर्मनी के प्रसिद्ध
भौतिक शास्त्री थे, जिन्होंने क्वांटम सिद्धांत का प्रतिपादन किया तथा ऊर्जा के विकिरण
पर प्रकाश डाला।
गुगीलैमी मार्कोनी (1822-1884 ई.)- इटली के प्रसिद्ध वैज्ञानिक, जिन्होंने सन् 1896 में बेतार टेलीग्राफी का
अविष्कार किया।
जेम्स वॉट (1736-1819 ई.) -ये मूलतः गणित के उपकरण निर्माता थे। जिन्होंने भाप के इंजन की खोज
की।
रोनाल्ड रॉस (1857-1932 ई.)- प्रमुख अंग्रेज चिकित्सक, जिन्होंने मलेरिया के कारणों का पता लगाया। 1902 में इन्हें चिकित्सा का नोबेल
पुरस्कार प्रदान किया गया।
लुई पास्चर (1822-1895 ई.)- प्रसिद्ध फ्रेंच रसायन-शास्त्री और वैज्ञानिक थे। इन्होंने जलभित्ति, जीवाणु विज्ञान, हैजा आदि के संबंध में
अनुसांधन किया। इन्होंने ही जीवाणुओं या बैक्टीरिया की खोज की।
लॉर्ड रदरफोर्ड (1871-1937 ई.)- इग्लैंड के प्रसिद्ध
भातिकशास्त्री,
जिन्होंने परमाणु के
नाभिकीय सिद्धांत का प्रतिपादन किया एवं परमाणु को तोड़ने में सफलता प्राप्त की।
एच.सी.यूरे.: प्रसिद्ध अमेरिकी रसायनशास्त्री, जिन्होंने भारी पानी (हैवी वाटर) की खोज की।
डब्ल्यु. के. रोंटजन (1845-1923 ई.)- ये जर्मनी के श्रेष्ठ
वैज्ञानिक थे,
जिन्होंने एक्स-किरणों की
खोज की।
बैसैलियसः ये एक महान मानव वैज्ञानिक थे। 1543 में उनकी पुस्तक ‘ कनसर्निग द स्ट्रक्चर ऑफ ह्यूमन बॉडी‘ का प्रकाशन हुआ। बैसैलियस को आधुनिक ‘मानव-शरीर -शास्त्र का जनक‘ की संज्ञा दी गयी है।
देकार्तः देकार्त एक प्रसिद्ध गणितज्ञ एवं वैज्ञानिक थे। वह प्रणाली-विज्ञान
पर गहन चितंन-मनन कर लेखन कार्य कारने वाला विश्व इतिहास का पहला व्यक्ति था।
देकार्त ने ‘डिसकोर्स ऑन मेथड‘ नामक एक पुस्तक लिखी, जिसमें उनके निरपेक्ष
सिद्धांत का समर्थन किया।
रॉबर्ट बॉयल (1927-1691 ई.)- बॉयल 17वीं सदी का एक प्रसिद्ध रसायनशास्त्री था। उसने यह सिद्धांत
प्रतिपादित किया कि ‘गैसों का आयतन दबाव पर निर्भर करता है।
फ्रैकास्टोरो (1778-1533 ई.)- फ्रैकास्टोरो 15वीं-16वीं शताब्दी का यूरोप का
प्रसिद्ध चिकित्साशास्त्री था। उसने इस रूढि़वादी मान्यता को समाप्त किया कि
मनुष्य में उत्पन्न होने वाले रोग शरीर की आंतरिक प्रणाली में गड़बड़ी मात्र से
होते हैं। उसने संक्रामक रोगों पर शोध किया तथा 1546 में इसमें संबंधित एक पुस्तक भी लिखी। सिफिलिस रोग पर उसके द्वारा की
गई खोजों से उन्हें विश्व-प्रसिद्धि प्राप्त हुई।
अल्फ्रेड नोबेल (1833-1896 ई.)- नोबेल 19वीं सदी य का एक प्रसिद्ध
वैज्ञानिक था। उसका जन्म स्वीडन में 21 अक्टूबर, 1833 को हुआ था। इन्होंने ‘डायनामाइट‘ तथा 10 दिसंबर, 1896 को विस्फोटक के परीक्षण के समय नोबेल की मृत्यु हो गई। उसके नाम पर
दिया जाने वाले ‘नोबेल पुरस्कार‘ विश्व का सर्वाधिक ख्याति प्राप्त पुरस्कार है।
पाइथगोरस (582-500 ई. पूर्व)- ये प्राचीन काल के महान गणितज्ञ थे। इनके प्रमेय विश्व प्रसिद्ध हैं।
भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक Famous scientists
of the India
जगदीश चंद्र बोस (1858-1937)- ये भारत के प्रसिद्ध वनस्पतिशास्त्री थे। बोस के प्रकाशनों में ‘रेस्पॉन्स इन द लिविंग एंड
नॉन लिविंग‘
एवं ‘प्लाट रेस्पॉन्स ‘शामिल हैं। इन्होंने पौधों
की चेतना शक्ति की खोज की तथा क्रेस्कोग्राफ का आविष्कार किया।
होमी जहांगीर भाभा (1909-1966): इन्हें ‘भारतीय नाभिकीय विज्ञान का जनक‘ कहा जाता है। इन्होंने क्वांटम सिद्धांत की दिशा में कार्य किया भाभा
परमाणु अनुसांधन केंद्र की स्थापना इन्हीं के मार्गदर्शन में की गयी। सन् 1966 में एक विमान दुर्घटना में
इनकी मृत्यु हो गयी।
डॉ. शातिस्वरूप भटनागर (1894-1955)- ये भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक एवं विज्ञान
प्रशासक थे। इनका सबसे महत्वपूर्ण योगदान राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं की श्रृंखला की
स्थापना करना है।
डॉ.सी.वी. रमन.- ये भारत प्रसिद्ध भौतिक वैज्ञानिक थे। इनकी सबसे महत्वपूर्ण खोज ‘रमन इफेक्ट थी। इन्हें इस
कार्य के लिये 1930
में भौतिकी का नोबेल
पुरस्कार प्रदान किया गया।
डॉ. हरगोविंद खुराना: ये भारत के प्रसिद्ध जीव वैज्ञानिक थे, जिन्होंने बाद में अमेरिका
की नागरिकता ग्रहण कर ली। ‘कृत्रिम जीन का निर्माण‘ इनकी सबसे प्रसिद्ध खोज थी। इसके लिये इन्हें 1968 में चिकित्सा का नोबेल
पुरस्कार प्रदान किया गया।
डॉ. मेघनाद शाहा: इन्होंने स्पेक्ट्रम विश्लेषण तथा परमाणु कॉस्मिक किरणों की दिशा में
कार्य किया। इनकी ख्याति प्रसिद्ध भातिकविद् एवं गणितज्ञ के रूप में थी।
एस.एन.बोस: ये भारत के प्रसिद्ध भौतिक वैज्ञानिक थे, जिन्होंने आइंस्टीन के साथ
कार्य किया। इन्होंने एक नये कण की खोज की, जिसे ‘बोसन कण‘ कहा जाता है।
सतीश धवन: ये भारत के प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक थे, जो बंगलौर के अंतरिक्ष
अनुसांधन संगठन के अध्यक्ष एवं अंतरिक्ष आयोग के अध्यक्ष भी बने। भारत के प्रथम
उपग्रह आर्यभट्ट एवं रोहिणी के प्रक्षेपण में इनका महत्वपूर्ण योगदान था। 1981 में उन्हें पद्म विभूषण से
सम्मानित किया गया।
डॉ. एस. भगवंतम: ये भारत के प्रसिद्ध अंररिक्ष वैज्ञानिक थे।
डॉ. विक्रम साराभाई: ये भारत के प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक थे।
भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में इन्होंने महत्वपूर्ण योगदान दिया।
ए.पी.जे. अब्दुल कलाम: भारत के मिसाइल कार्यक्रम के जनक डॉ. कलाम ने
अमेरिका से प्रशिक्षण प्राप्त किया था। SLV-3 के साथ देश को अंतरिक्ष युग में ले जाने वाले ये
पहले व्यक्ति हैं। इन्हें ‘मिसाइल मैन‘ की संज्ञा दी गयी है।
डॉ.ए.बी. जेशी: ये भारत के प्रसिद्ध कृषि वैज्ञानिक थे। इन्हें
नॉरमन बोरलॉप पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रो.यू.बी. जेशी: ये भारत के प्रसिद्ध अंतरिक्ष वैज्ञानिक थे। ये
भारतीय अंतरिक्ष अनुसांधन संगठन, इसरो( ISRO ) के निदेशक भी रहे। भारत का पहला उपग्रह आर्यभट्ट उनके निर्देशन में
डिजाइन, निर्मित और प्रक्षेपित किया
गया था।
एम.जी.के .मेनन: वे विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के सचिव और वैज्ञानिक एवं औद्योगिक
अनुसांधन परिषद् के डायेक्टर जनरल रहे।
एस. चंद्रशेखर: ये प्रसिद्ध अंतरिक्ष एवं भौतिक वैज्ञानिक थे, जिन्होंने बाद में अमेरिका
की नागरिकता ग्रहण कर ली थी। इन्होंने तारों की उत्पत्ति की दिशा में कार्य किया, जिसकी वजह से इन्हें नोबेल
पुरस्कार दिया गया।
डॉ.के एस. कृष्णन: ये सी.वी.रमन के सहयोगी थे। रमन इफेक्ट की खोज में
इनकी भी महत्वपूर्ण भूमिका थी।
एम.जी.के.मेनन: ये विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के सचिव तथा वैज्ञानिक अनुसंधान परिषद्
के प्रमुख थे।
डॉ. राजा रामत्रा: ये भारत के प्रसिद्ध परमाणु वैज्ञानिक थे। ये
परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष भी रहे। भारत के प्रथम परमाणु परीक्षण में इनकी
महत्वपूर्ण भूमिका थी।
डॉ. बीरबल साहनी: भारत के प्रसिद्ध वनस्पति वैज्ञानिक थे। ये पैलियो बॉटनी के विशेषज्ञ
थे।
श्रीनिवास बी. रामानुजम (1887-1920)- ये भारत के महान गणितज्ञ थे। अंकों के सिद्धात में
इन्होंने महत्वपूर्ण कार्य किया। इनकी 33 वर्ष की अल्पायु में ही मृत्यु हो गयी थी।
आचार्य पी.सी. रायः ये भारत के महान रसायनशास्त्री थे। भारतीय
रासायनिक उद्योग सदैव इनके कार्यों का ऋणी रहेगा।
जे.वी. नार्लीकर: इन्होंने ब्रह्मांड की उत्पत्ति के नये सिद्धांत का प्रतिपादन किया।
ये ब्रिटिश वैज्ञानिक होयल के
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