Punarjagran world history in hindi । Renaissance in hindi। पुनर्जागरण । पुनर्जागरण का अर्थ
विश्व का इतिहास पुनर्जागरण
- पुनर्जागरण शब्द का प्रयोग सीमित अर्थ में प्रायः उस प्रक्रिया के लिया किया जाता है, जिसके माध्यम से यूरोपीय समाज एवं संस्कृति के कई पहलुओं विशेषतः कला, साहित्य, इत्यादि के क्षेत्र में मानवतावादी, तर्कवादी, यथार्थवादी तथा व्यक्तिवादी प्रवृत्तियों का उत्कर्ष हुआ। वस्तुतः यह प्रवृत्तियां प्राचीन यूनानी और रोमन संस्कृतियों में प्रबलता से विद्यमान थी। बड़ी संख्या में पुनर्जागरणकॉलीन कलाकारों और साहित्याकारों ने प्राचीन साहित्य से प्रेरणा ली। यही कारण है कि बाद की सांस्कृतिक चेतना को पुनर्जागरण कहकर पुकारते हैं।
पुनर्जागरण काल से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
- पुनर्जागरण का प्रारंभ इटली के फ्लोरेंस नगर से माना जाता है।
- इटली के महान कवि दॉते (1260-1321) को पुनर्जागरण का अग्रदूत माना जाता है। इनका जन्म फ्लोरेंस में हुआ था।
- दॉंते ने प्राचीन लैटिन भाषा को छोड़कर तात्कालीन इटली की बोलचाल भाषा ‘टस्कन‘ में ‘डिवाइन कॉमेडी‘ नामक काव्य लिखा। इसमें दॉते ने स्वर्ग और नरक की एक काल्पनिक यात्रा का वर्णन किया है।
- दॉते के बाद पुनर्जागरण की भावना का प्रश्रय देने वाला दूसरा व्यक्टि प्रेट्रॉक (1304-1367) था।
- पेट्रॉक का मानववाद का संस्थापक माना जाता है। वह इटली का निवासी था।
- इटालियन गद्य का जनक कहानीकार बोकोशियो (1313-1375 ई.) को माना जाता है।
- कहानीकार बोकोशियो की डेकोमेरॉन प्रसिद्ध पुस्तक है।
- आधुनिक विश्व का प्रथम राजनीतिक चिंतक फ्लोरेंस निवासी मैकियावेली (1469-1567 ई.) को माना जाता है।
- मैकियावेली की प्रसिद्ध पुस्तक है- द प्रिंस, जो राज्य का एक नवीन चित्र प्रस्तुत करती है।
- आधुनिक राजनीतिक दर्शन का जनक मैकियावेली को कहा जाता है।
- पुनर्जागरण की भावना की पूर्ण अभिव्यक्ति इटली के तीन कलाकारों की कृतियों में मिलती है। ये कलाकार थे- लियोनर्दो द विंची, माइकेल एंजेलो, और रॉफेल।
- लयोनार्दो द विंची
- लियोनार्दो द विंची एक बहुमुखी प्रतिभा सम्पन्न व्यक्ति था। वह चित्रकार, मूर्तिकार, इंजीनियर, वैज्ञानिक, दार्शनिक, कवि और गायक था।
- लियोनार्दो द विंची ‘द लास्ट सपर‘ और मोनालिसा नामक अमर चित्रों के रचयिता होने के कारण प्रसिद्ध है।
- माइकल एंजेलो भी एक अदभुत चित्रकार एवं मुर्तिकार था।
- द लास्ट जजमेंट एवं द फाल ऑफ मैन माइकल एंजेलो की कृतियाँ हैं।
- सिस्तान के गिरजा घर की छत में माइकल एंजेलो के द्वारा चित्र बनाए गए हैं।
- राफेल भी इटली का एक चित्रकार था, इसकी सर्वश्रेष्ठ कृति जीसस क्राइस्ट की माता मेडोना का चित्र है।
- पुनर्जागरण काल में चित्रकला का जनक जियाटो को माना जाता है।
- पुनर्जागरण काल का सर्वश्रेष्ठ निबंधकार इंग्लैण्ड का फ्रांसीस बेकन था।
- हॉलैण्ड के इरासमस ने अपनी पुस्तक द प्रेज ऑफ फौली में व्यंगात्मक ढंग से पादरियों के अनैतिक जीवन एवं ईसाई धर्म की कुरीतियों पर प्रहार किया है।
- इंग्लैण्ड के लेखक टॉमस मूर ने अपनी पुस्तक यूटोपिया में आदर्श समाज का चित्र प्रस्तुत किया है।
- मार्टिन लूथर ने जर्मनी भाषा में बाइबिल का अनुवाद प्रस्तुत किया है।
- रोमियो एण्ड जुलियट शेक्सपीयर इंगलैण्ड की अमर कृति है।
- इंग्लैण्ड के रोजर बैंकन को आधुनिक प्रयोगात्मक विज्ञान का जन्मदाता माना जाता है।
- पृथ्वी सौरमंडल का केन्द्र है इस का खंडन सर्वप्रथम पोलैंड निवासी कोपरनिकस ने किया।
- गैलीलियो (1560-1642 ई) ने भी कॉपरनिकस के सिद्धंात का समर्थन किया।
- जर्मनी के प्रसिद्ध वैज्ञानिक केपला या केपलर (1571-1630 ई.) ने गणित की सहायता से बतलाया कि ग्रह सूर्य के चारों ओर किस प्रकार घूमते हैं।
- न्यूटन (1642-1726 ई.) ने गुरूत्वाकार्षण के नियम का पता लगाया।
- धर्म सुधार आंदोलन की शुरूआत 16वीं सदी में हुई।
- धर्म-सुधार आंदोलन का प्रवर्तक मार्टिन लूथर था, जो जर्मनी का रहने वाला था। इसने बाइबिल का जर्मन भाषा में अनुवाद किया।
- धर्म-सुधार की शुरूआत इंग्लैण्ड से हुई।
- जॉन विकलिफ को धर्म सुधार आंदोलन का प्रातः कालीन तारा कहा जाता है। इसके अनुयायी लोलार्डस कहलाते थे।
- अमरीका की खोज क्रिस्टोफर कोलंबस ने की थी।
- अमेरिगो बेस्पुसी (इटली) के नाम पर अमेरिका का नाम अमेरिका पड़ा।
- प्रशांत महासागर का नामकरण स्पेन निवासी मैगलन ने किया।
- समुद्री मार्ग से सम्पूर्ण विश्व का चक्कर लगाने वाला प्रथम व्यक्ति मैगलन था।
पुनर्जागरण सर्वप्रथम इटली में ही क्यों Punarjagarna itly me hi kyon
कारण-
01- यूरोप
के अन्य देशों की तुलना इटली में सामाजिक वर्गों का विकास भिन्न तरीकों से हुआ तथा सामन्वादी व्यस्था का प्रभाव कम था।
02- कस्तुनतुनिया का पतन।
03- प्राचीन रोमन सभ्यता का जन्मस्थल होना।
04- व्यापार और वाणिज्य के विकास के कारण एक नए प्रकार की शिक्षा पर बल जिसमें व्यावसायिक ज्ञान और भौगोलिक ज्ञान को महत्व दिया गया।
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