निर्वाचन आयोग का गठन मुख्यमंत्री
मुख्य निर्वाचन आयुक्त निर्वाचन आयुक्तों से किया जाता है, जिनकी नियुक्ति
राष्ट्रपति द्वारा की जाती है।
तीनो का कार्यकाल 6 वर्ष या 65 वर्ष जो पहले हो।
पहले चुनाव आयोग एक सदस्यीय आयोग था, परन्तु अक्टूबर, 1993 ई. मेँ तीन
सदस्यीय आयोग बना दिया गया।
निर्वाचन आयोग के मुख्य कार्य निम्न
हैं-चुनाव क्षेत्रोँ का परिसीमन, मतदाता सूचियोँ को तैयार करवाना, विभिन्न राजनीतिक
दलो को मान्यता प्रदान करना, राजनीतिक दलो को आरक्षित चुनाव
चिन्ह प्रदान करना, चुनाव करवाना एवं राजनीतिक दलों के
लिए आचार संहिता तैयार करवाना।
निर्वाचन आयोग की स्वतंत्रता के लिए
संवैधानिक प्रावधान निम्न हैं- निर्वाचन आयोग एक संवैधानिक संस्था है, अर्थात् इसका
निर्माण संविधान मेँ किया है। मुख्य चुनाव आयुक्त महाभियोग जैसी प्रक्रिया से ही
हटाया जा सकता है।
मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव
आयुक्तोँ की नियुक्ति राष्ट्रपति करते हैं, मुख्य चुनाव आयुक्त का दर्जा
सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के समान ही है, नियुक्ति के
पश्चात मुख्य चुनाव आयुक्त एवं अन्य चुनाव आयुक्तोँ की सेवा शर्तोँ मेँ कोई और
अलाभकारी परिवर्तन नहीँ किया जा सकता है, मुख्य चुनाव आयुक्त चुनाव एवं अन्य
चुनाव आयुक्तों का वेतन भारत की संचित निधि मेँ से दिया जाता है।
निर्वाचन आयोगएकस्थायीसंवैधानिकनिकायहै।
निर्वाचनआयोगकीस्थापना 25 जनवरी, 1950 कोकीगईथी।
निर्वाचन आयोगसेजुड़ेउपबंधोंकाउल्लेखसंविधानकेअनुच्छेद 324 मेंहै।
Post a Comment