Charan Paduka Narsanhar mp | चरणपादुका नरसंहार |Charanpaduka massacre
चरणपादुका नरसंहार Charan Paduka Narsanhar
14 जनवरी , 1931 को मकर संक्रांति के दिन छतरपुर जिले में उर्मिला नदी के तट पर स्थित सिंहपुर चरणपादुका मैदान में चल रही जनसभा को ब्रिटिश सैन्य बल ने चारों ओर चारों ओर से गिरकर जनसभा में उपस्थित लोगों पर गोलियां चलाई।
इस नृशंश हत्याकांड में 21 लोगों की मृत्यु हो गई और 26 लोग घायल हुए। शहीद होने वालों में पिपट के सेठ सुंदरलाल वरोहा , छीरू कुर्मी , बंधैया के हलकई अहीर ,खिरवा के धर्मदास और गुना (बुरवा) के रामलाल शामिल थे। इसके पश्चात 21 व्यक्ति गिरफ्तार किए गए जिनमें से सरजू दुउआ को 4 वर्ष और शेष 20 व्यक्तियों को 3 वर्ष की कठोर कारावास की सजा दी गई। चरणपादुका नरसंहार को मध्य प्रदेश के जलियांवाला बाग हत्याकांड की संज्ञा प्रदान की जाती है।
इस नरसंहार ने पूरे बुंदेलखंड में अंग्रेज शासन के विरुद्ध लोगों को और उत्तेजित कर दिया। 1939 ईं में बुंदेलखंड कांग्रेस समिति की स्थापना की गई और राम सहाय तिवारी (हरपालपुर )को इसका अध्यक्ष चुना गया। इस समय सेवाग्राम से 1933 ईं में महात्मा गांधी अपने 10 माह के राष्ट्रव्यापी हरिजन द्वारा कार्यक्रम के अंतर्गत मध्य प्रदेश के अनेक स्थानों पर पहुंचे।
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