Holkar Vansh ka Itihas होलकर वंश
होलकर वंश - Holkar Vansh ka Itihas
- मुगल साम्राज्य के पतन के बाद मालवा में मराठा राज्य स्थापित हुआ।
- 1727 ई. मल्हाराव होल्कर को मालवा के 5 महलों की सनद प्राप्त हुई।
- 1729 ई. में होल्कर और पँवार की सनदों का निर्धारण हुआ।
- अक्टूबर 1730 में मल्हारराव होलकर मालवा के शासक बने और होलकर वंश की स्थापना की।
- 1731 में मालवा तीन सरदारों होलकर, पँवार और सिंधिया और में बांट दिया।
1732 ई. में मालवा में 5 मराठा राज्यों की नींव पड़ी
- जीवाजी राव वंश (देवास छोटी पांती)
- आनंदराव पंवार (धार)
- सिंधिया (ग्वालियर)
- तुकोजीराव पंवार (देवास बड़ी पांती)
- मल्हारराव की पत्नी गौतमाबाई थी। 1766 ई. में मल्हारराव की मृत्यु आलमपुर में हुई।
- खाण्डेराव का विवाह मानकोजी शिंदे की पुत्री अहिल्याबाई से हुआ।
- परन्तु खाण्डेराव 1754 ई. में कुंभेरी किले की लड़ाई में मारे गये।
- अहिल्या बाई ने पुत्र मालेराव और पुत्री मुक्ताबाई को जन्म दिया। मुक्ताबाई का विवाह यशवंत फडसे से हुआ। पुत्र जन्म के समय मुक्ताबाई का भी निधन हो गया।
- मालेराव भी पिता की तरह दुर्व्यसनी था। 1767 ई. में मालेराव भी मृत्यु को प्राप्त हुआ।
- तब अहिल्या बाई ने 1767 ई. में शासन की बागडोर संभाली और तुकोजीराव को सेनापति नियुक्त किया जिनकी मृत्यु 1797 में पूना में हुई।
- अहिल्या माता ने देशभर में देवालयों, नदी घाट, धर्मशालाओं का निर्माण करवाया और लोककल्याणकारी कार्य किये।
- 13 अगस्त 1795 को 70 वर्ष की आयु में में महेश्वर में अहिल्याबाई ईश्वर चरणों में लीन हुई। जन्म 1735 में चौड़ी गाँव (अहमदनगर, महाराष्ट्र)
- अन्य शासक काशीराव, यशवंत राव हुए।
- अंतिम शासक तुकोजीराव-III ने राज्य का विलय भारत संघ में कर दिया।
- होल्करों ने 200 वर्षों तक शासन किया।
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