Major events in the history of Madhya Pradesh | मध्यप्रदेश के इतिहास की प्रमुख घटनाएं
ऐतिहासिक दृष्टि से मध्यप्रदेश अत्यंत समृद्ध राज्य है। मध्यप्रदेश के इतिहास में कुछ ऐसी महत्वपूर्ण घटनाएं घटित हुई हैं जिनहोंने प्रदेश के भौगोलिक, राजनीतिक, सामाजिक एवं आर्थिक रूप से प्रभावित किया है। प्रमुख घटनाएं निम्नानुसार हैं-
भोपाल राज्य का मध्यप्रदेश में विलय में विलय
1947 में गैर-आधिकारिक बहुमत वाला एक नया मंत्रालय महामहिम द्वारा नियुक्त किया गया था, लेकिन 1948 में महामहिम ने भोपाल को एक अलग इकाई के बनाया जाना प्रस्तावति हुआ। भोपाल राज्य के भारत संघ में, विलय के लिए समझौते पर 30 अप्रैल, 1949 को शासक ने हस्ताक्षर किए थे और राज्य को 1 जून, 1949 को मुख्य आयुक्त के माध्यम से केंद्र सरकार द्वारा ले लिया गया था।
विलय के बाद, भोपाल राज्य को भारतीय संघ के एक भाग राज्य सी ’राज्य के रूप में बनाया गया था। बाद में 1 नवंबर, 1956 को भाषाई आधार पर राज्यों के पुनर्गठन के परिणामस्वरूप, भोपाल सी राज्य या मध्य प्रदेश बन गया। भोपाल जिले को 02-10-1972 में बनाया गया जो राज्य के 45 जिलों में से एक है।
भोपाल राज्य 18 वीं शताब्दी का भारत का एक स्वतंत्र राज्य था, 1818 से 1947 तक भारत की एक रियासत थी, और 1949 से 1956 तक एक भारतीय राज्य था। इसकी राजधानी भोपाल शहर थी।
मध्यप्रदेश विधानसभा गठन Madhya Pradesh Legislative Assembly
मध्य प्रदेश गठन के बाद वर्ष 1957 में राज्य में पहले विधानसभा चुनाव हुए। तत्कालीन चुनाव के सीटों पर दोहरे प्रतिनिधि का प्रावधान था, अर्थात् एक सीट से दो विधायक निर्वाचित होते थे। वर्ष 1957 के पहले चुनाव में राज्य में कुल 288 सीटें थी। इस चुनाव में भारतीय कांग्रेस 232 सीटों पर जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। इनमें अनुसूचित जाति के लिए 43, अनुसूचित जनजाति के लिए 54 सीटें आरक्षित थीं। वर्ष 1976 में विधानसभा की सीटों की संख्या बढ़कर 296 हो गई। मध्य प्रदेश विभाजन के बाद छत्तीसगढ़ राज्य बना तो मध्य प्रदेश के हिस्से में विधानसभा की 230 सीटें आईं। इन 230 सीटों में सामान्य 148 और अनुसूचित जाति के लिए 35 एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 47 आरक्षित हैं। राज्य विधानसभा में एक सदस्य का मनोनयन एंग्लो-इंडियन समुदाय से किया जाता है।
डिस्कवरी ऑफ नर्मदा मैन Discovery of narmada man
भारत का पहला मानव जीवाश्म भूविज्ञानी अरुण सोनकिया द्वारा डिस्कवरी ऑफ नर्मदा मैन की खोज
5 दिसंबर, 1982 भूविज्ञानी अरुण सोनकिया ने ने सीहोर जिले बुदनी के हथनोरा गाँव में नर्मदा के तट पर दुनिया के इस हिस्से से सबसे बड़े जीवाश्म को खोजा था। यह भारत का पहला मानव जीवाश्म था। एक आंशिक मानव खोपड़ी टोपी - जिसने भारत को विश्व जीवाश्म मानचित्र पर रखा और उपमहाद्वीप में शुरुआती मनुष्यों की उपस्थिति को साबित किया। इससे पहले, प्रागैतिहासिक पत्थर के उपकरण पूरे भारत में पाए गए थे, लेकिन कोई भी मानव जीवाश्म नहीं मिला था। नर्मदा मनुष्य, जो होमो इरेक्टस से संबंधित है, लगभग 5 से 6 लाख वर्ष पुराना है।
भोपाल गैस त्रासदी Bhopal gas tragedy
भोपाल गैस त्रासदी के प्रमुख घटना क्रम
- 3 दिसंबर 1984 को हादसे की एफ आई आर दर्ज की गई दर्ज की गई आर दर्ज की गई आर दर्ज की गई।
- 4 दिसंबर 1984 को यूजीसी अध्यक्ष वारेन एंडरसन समेत 9 लोग गिरफ्तार मानव हत्या के आपराधिक केस में यूनियन कार्बाइड का नाम अभियुक्त के रूप में दर्ज किया गया।।
- फरवरी 1985 में भारत सरकार ने अमेरिका के एक कोर्ट में यूनियन कार्बाइड के खिलाफ 3.3 अरब डालर के मुआवजे का दावा ठोका।
- 1986 में अमेरिका के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के कोर्ट के जज ने भोपाल गैस कांड से जुड़े सभी केस भारत में ट्रांसफर कर दिए।
- 1 दिसंबर 1987 को सीबीआई ने वारेन एंडरसन समेत 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
- फरवरी 1989 में बार बार समन की अनदेखी करने पर एंडरसन के खिलाफ सीजेएम भोपाल ने गैर जमानती वारंट जारी किया। भारत सरकार और यूनियन कार्बाइड ने कोर्ट के बाहर डील किया यूनियन कार्बाइड 470 मिलियन डॉलर का मुआवजा देने को राजी हुआ।
- फरवरी 1989 में सेटलमेंट से खफा लोगों का विरोध प्रदर्शन दिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई।
- 1992 में भारत सरकार ने 470 मिलियन डालर डालर का कुछ हिस्सा गैस पीड़ितों के बीच आवंटित कर दिया।
- 1999 में यूनियन कार्बाइड ने अमेरिका स्थित डाउ केमिकल के साथ विलय का ऐलान का ऐलान कर दिया।
- नवंबर 1999 में इंटरनेशनल पर्यावरण संस्था ग्रीनपीस ने यूनियन कार्बाइड की बंद फैक्ट्री के अंदर और आसपास मिट्टी भूजल और कुएं आदि का टेस्ट किया और 12 हानिकारक ऑर्गेनिक केमिकल और पारे की मात्रा 60 गुना तक ज्यादा पाई गई।
- जून 2002 को पीड़ितों ने नई दिल्ली में विरोध का प्रदर्शन शुरू किया जब उन्हें पता चला कि सरकार एंडरसन के खिलाफ आरोप वापस लेने की योजना बना रही है।
- 19 जुलाई 2004 को सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल बैंक को पीड़ितों को 15 अरब रुपए 15 अरब रुपए को पीड़ितों को 15 अरब रुपए 15 अरब रुपए देने का आदेश दिया। 25 अक्टूबर 2004 को मुआवजा देने में सरकार की नाकामी के खिलाफ पीड़ितों ने ने प्रदर्शन किया।
- 26 अक्टूबर 2004 को सुप्रीम कोर्ट ने यूनियन कार्बाइड द्वारा स्वीकारें गए 470 मिलन डालर डालर के मुआवजे की राशि का बचा हुआ हिस्सा पीड़ितों को बांटने के लिए 15 नवंबर की समय सीमा तय की।
- 7 जून 2010 को अदालत द्वारा यूज यूनियन कार्बाइड के तत्कालीन चेयरमैन के ताऊ महिंद्रा समेत सभी 8 अभियुक्तों को दोषी ठहरा का सजा सुनाई गई।
भोपाल गैस कांड पर फैसला Decision on Bhopal gas scandal
7 जून 2010 को भोपाल गैस कांड का फैसला सुनाया गया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मोहन पी तिवारी ने 30 वर्ष की कानूनी लड़ाई के बाद सुनाए गए गए सुनाए गए गए सुनाए गए गए अपने 93 पृष्ठों के फैसले में सभी आठ आरोपियों को दोषी करार दिया । फैसले के तहत यूनियन कार्बाइड इंडिया के पूर्व अध्यक्ष केशव महिंद्रा 85 वर्ष समेत सात दोषियों को दो-दो वर्ष कारावास की सजा मिली और प्रत्येक पर ₹100750 का जुर्माना लगाया गया। आठवें दोषी के तौर पर अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड की भारतीय इकाई पर ₹500000 का जुर्माना लगाया गया। फैसले के कुछ समय बाद ही अदालत ने 25-25 हजार के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के जमानत पर सभी 7 दोषियों को जमानत दे दी।
अदालत ने अपने फैसले में यूनियन कार्बाइड के तत्कालीन चेयरमैन वारेन एंडरसन को पहले ही फरार घोषित किया जा चुका था।
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ReplyDeleteSir very notes plz pdf send me
ReplyDeleteThanks
ReplyDeleteNice note
ReplyDeletegood
ReplyDeletehow download data from this site because any data is not downloading this site.
ReplyDeleteis there any english source available?
ReplyDeleteYou can translate it in english..😇
DeleteYou can translate it in english..��
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Deletevery nice
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