MP me mahakavya kal |महाकाव्य काल | मध्यप्रदेश का इतिहास


महाकाव्य काल  मध्यप्रदेश का इतिहास

महाकाव्य काल-मध्यप्रदेश का इतिहास 

  •  रामायण काल में प्राचीन म.प्र. में दण्डकारण्य व महाकांतर के घने वन थे। विन्ध्य, सतपुड़ा, यमुना का दक्षिण भाग, गुर्जर प्रदेश इसमें शामिल थे।
  • यदुवंशी राजा मधु इस क्षेत्र के शासक थे, जो अयोध्या के राजा दशरथ के समकालीन थे।
  • भगवान राम के बनवास का कुछ समय दण्डकारण्य में बीता।
  • राम के पुत्र कुश दक्षिण कौशल के राजा हुए।
  • राम के भाई शत्रुघ्न का पुत्र शत्रुघाती ने दशार्ण (विदिशा) पर शासन किया जिनकी राजधानी कुशावती थी।
  • यमुना से गोदावरी तक का क्षेत्र राजनीतिक दृष्टि से अयोध्या का भू-भाग था।
  • रावण का राज्य अमरकंटक अथवा जबलपुर क्षेत्र बताया गया है।
  • वाल्मीकि आश्रम में माता सीता ने लव-कुश को जन्म दिया था। यह आश्रम तमसा (टोंस) नदी के तट पर था।
  • रामायणकालीन त्रेतायुग के बाद महाभारतकालीन द्वापर युग प्रारंभ हुआ।
  • महाभारत युद्ध में बुंदेलखंड और बघेलखंड ने पाण्डवों की मदद् की
  • (वत्स, वेदि, काशी, दशार्ण (विदिशा), मत्स्य जनपद)
  • कौरवों की मदद् महिष्मति (राजा नील), अंवति, भोज, विदर्भ निषाद राज्यों ने की।
  • महाभारत में महिष्मति, उज्जैयिनी, कुंतलपुर, विराटपुरी (सोहागपुर) को म.प्र. के प्रमुख नगर बताया गया है। 

Also Read.....
वैदिककाल
होल्कर वंश


No comments:

Post a Comment

Powered by Blogger.