Pravasi Bharatiya Divas प्रवासी भारतीय दिवस
प्रवासी भारतीय
प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन: 2021
- 16 वें प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन 9 जनवरी 2021 को किया गया ।
- 16 वें पीबीडी सम्मेलन 2021 का विषय "आत्मनिर्भर भारत में योगदान" है।
- मुख्य अतिथि, सूरीनाम के राष्ट्रपति महामहिम श्री चन्द्रिका प्रसाद संतोखी रहे ।
- युवा पीबीडी भी वर्चुअल प्रारूप में 8 जनवरी 2021 को "भारत और भारतीय डायस्पोरा के युवा अचीवर्स को एक साथ जोड़ना" विषय पर मनाया गया।
- इस दिवस को मनाने की शुरुआत वर्ष 2003 में हुई थी । प्रवासी भारतीय दिवस मनाने सँकल्पना सुप्रसिद्ध न्यायविद लक्ष्मी मल सिंघवी ने की थी।
- वर्ष 2019 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने प्रवासी भारतीय दिवस को द्विवार्षिक आयोजन के रूप में मनाने की घोषणा की थी।
- वर्ष 2019 में आयोजित होने के बाद वर्ष 2020 में यह दिवस आयोजित नहीं किया जाएगा
- 16 वें प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन वर्ष 2021 अभासी तौर पर आयोजित किया गय
- प्रवासी भारतीयों की भारत के प्रति सोच उनकी भावनाओं की अभिव्यक्ति के साथ ही उनकी अपने देशवासियों के साथ सकारात्मक बातचीत के लिए एक मंच उपलब्ध करवाना भी है इस दिवस का एक प्रमुख उद्देश्य है इसके लिए सतत संपर्क की प्रक्रिया भी जारी रखी जाती है।
- भारत वासियों को प्रवासी बंधुओं की उपलब्धियों के बारे में बताना तथा प्रवासियों को देशवासियों की उनसे अपेक्षाओं से अवगत कराना भी इस दिवस का उद्देश्य हैं इससे परस्पर विश्वास बनता है।
- विश्व के 110 देशों में प्रवासी भारतीयों का एक क्षेत्रीय समूह बनाना जिससे उनकी सभी समस्याओं का एक सम्यक रूप से विचार हो सके।
- भारतीय श्रमजीविओं को विदेशों में किस तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है उसके बारे में विचार विमर्श करना क्योंकि ज्यादातर प्रवासी भारतीय श्रम मूलक कामकाज की करते हैं।
- प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर अपने अपने क्षेत्र में विशेष उपलब्धि प्राप्त करने वाले भारतवंशियों का सम्मान किया जाता है तथा उन्हें प्रवासी भारतीय सम्मान प्रदान किया जाता है। यह आयोजन भारतवंशी से संबंधित विषयों और उनकी समस्याओं के चर्चा का मंच भी है।
- प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन वर्ष 2003 से हर साल आयोजित किया जा रहा है। वर्ष 2019 के बाद से यह आयोजन द्विवार्षिक हो गया है। इन सम्मेलनों में प्रवासी भारतीय समुदाय के लिए सरकार पारस्परिक रूप से लाभप्रद गतिविधियों के लिए अपने पूर्वजों की भूमि के लोगों को संलग्न करने के लिए एक मंच प्रदान करती है यह सम्मेलन दुनिया के विभिन्न भागों में रहने वाले प्रवासी भारतीयों के बीच संपर्क बनाने में बहुत उपयोगी होते हैं।
- 2003 से 2019 तक 17 प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन किया जा चुका है।
- अब तक कुल 8 प्रवासी भारतीय सम्मेलन 2003 ,2004, 2007 ,2008, 2010 ,2011, 2014 ,2016 नई दिल्ली में आयोजित हो चुके हैं।
- 2005 में तीसरा प्रवासी भारतीय दिवस मुंबई में आयोजित किया गया था।
- 2006 में चौथा प्रवासी भारतीय दिवस हैदराबाद में आयोजित किया गया।
- वर्ष 2009 में सातवां चेन्नई में हुआ।
- वर्ष 2012 में प्रवासी भारतीय सम्मेलन जयपुर में हुआ।
- वर्ष 2013 में 11 वा प्रवासी भारतीय सम्मेलन तिरुअनंतपुरम में हुआ था।
- वर्ष 2015 में 13वां प्रवासी भारतीय सम्मेलन गांधीनगर में हुआ।
- वर्ष 2017 में प्रवासी भारतीय दिवस बेंगलुरु में आगे किया गया।
- वर्ष 2018 में 16वां सिंगापुर में आयोजित किया गया।
- 2019 में 17 वां प्रवासी भारतीय सम्मेलन वाराणसी में संपन्न हुआ।
9 जनवरी को क्यों मनाया जाता है प्रवासी भारतीय दिवस?
9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत 2003 में हुई थी। इस तिथि के साथ खास बात
यह जुड़ी है कि 1915 में इसी तारीख को महात्मा गांधी
दक्षिण अफ्रीका से स्वदेश लौटे थे। महात्मा गांधी को भारत का सबसे बड़ा प्रवासी
माना जाता है। इसके पीछे एक छोटी सी कहानी है...18वीं शताब्दी में गुजराती व्यापारियों ने केन्या, युगांडा, ज़िम्बाब्वे,
ज़ाम्बिया, दक्षिण अफ्रीका में अपने कदम रखे। इन्हीं
में से एक व्यापारी दादा अब्दुल्ला सेठ के कानूनी प्रतिनिधि के रूप में महात्मा
गांधी मई, 1893 में दक्षिण अफ्रीका के नटाल प्रांत
में पहुँचे। वहाँ रंगभेद नीति के साथ उनका संघर्ष और प्रवासी भारतीय समुदाय के सम्मान
की उनकी लड़ाई सर्वविदित है। अहिंसा और सत्याग्रह जैसे विरोध के बिलकुल नए और
अनजान तरीकों से वह अपने मिशन में कामयाब हुए। 9 जनवरी,
1915 को
महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत वापस लौटे। उनके 22 वर्ष के संघर्षमय प्रवास से प्रेरणा लेकर
इस दिवस को प्रवासी भारतीय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
प्रवासी भारतीय दिवस मनाने का उद्देश्य
- प्रवासी भारतीयों की भारत के प्रति सोच, भावना की अभिव्यक्ति, देशवासियों के साथ सकारात्मक बातचीत के लिये एक मंच उपलब्ध कराना।
- विश्व के सभी देशों में प्रवासी भारतीयों का नेटवर्क बनाना।
- युवा पीढ़ी को प्रवासियों से जोड़ना।
- विदेशों में रह रहे भारतीय श्रमजीवियों की कठिनाइयाँ जानना तथा उन्हें दूर करने की कोशिश करना।
- भारत के प्रति प्रवासियों को आकर्षित करना।
- निवेश के अवसरों को बढ़ाना।
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