Saatvahan vansh in history of MP | मध्य प्रदेश का इतिहास
सातवाहन Saatvahan vansh
- इस वंश के पराक्रमी शासक शातकर्णी की पूर्वी मालवा पर विजय का वर्णन साँची स्तूप पर उत्कीर्ण हैं जिसमें इसे सिरिसात कहा हैं। पुराणों में इसे कृष्णपुत्र भी कहा गया हैं।
- शातकर्णी की रानी नागनिका के नानाघाट अभिलेख से भी इसकी जानकारी मिलती है।
- गौतमीपुत्र शातकर्णी के सिक्कें उज्जैन से प्राप्त हुए हैं। इसने शक राजा नहपान (नासिक) को हराया और मालवा से महेश्वर तक शासक किया।
- गौतमीपुत्र शातकर्णी का पुत्र वसिष्ठिपुत्र पुलुमावी हुआ जिसने मध्यभारत के बड़े भाग पर अधिकार किया परन्तु रूद्रदामन से हार गया।
- अंतिम सातवाहन राजा यज्ञश्री शातकर्णी के सिक्कें विदिशा, देवास से मिले हैं।
- इसके काल में रोम से व्यापार में वृद्धि होने की पुष्ठि म.प्र. के आवरा (मंदसौर), चकरबेड़ा, बिलासपुर (छ.ग.) से प्राप्त रोम सिक्कों से होती हैं।
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वैदिककाल |
होल्कर वंश |
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