Swantrata ka Dauran MP me gatividhiyan |स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मध्यप्रदेश में विभिन्न गतिविधियां
स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मध्यप्रदेश में विभिन्न गतिविधियां
रतलाम
रतलाम जिले में राष्ट्रीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रणेता स्वामी ज्ञानानंद थे , जिनकी प्रेरणा से वर्ष 1920 में रतलाम कांग्रेस समिति की स्थापना हुई तथा मोहम्मद उमराखान इसके प्रथम अध्यक्ष निर्वाचित हुए। वर्ष 1931 को रतलाम में महिला सेवादल की स्थापना की गई।
वर्ष 1935 में रतलाम में प्रजा परिषद का गठन किया गया। प्रजा परिषद ने किसानों एवं मजदूरों को संगठित करने का प्रयास किया। जवाहरलाल नेहरू की की अध्यक्षता में स्थापित अखिल भारतीय देशी राज्य लोक परिषद से प्रेरित होकर वर्ष 1938 में भोपाल राज्य प्रजामंडल की स्थापना हुई।
भोपाल रियासत
वर्ष 1922 में मध्य प्रदेश की की भोपाल रियासत की सीहोर कोतवाली के सामने विदेशी कपड़ों की होली जलायी गई। वर्ष 1934 में झाबुआ में प्रजामंडल के निर्देशक में शराब बंदी , हरिजन उद्धार एवं विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार आदि आंदोलन किए गए। वर्ष 1934 में भोपाल रियासत में मौलाना तर्जी मशरिकी खान एवं शाकिल अली खां द्वारा अंजुमन - खुद्दाम - ए वतन की स्थापना की गई।
वर्ष 1937 में मास्टर लाल सिंह ने पं. चतुर नारायण मालवीय , डॉ जमुना मोरिया मोबरैय्या , लक्ष्मी नारायण सिंहल तथा पंडित उद्धव दास मेहता आदि के सहयोग से भोपाल राज्य हिंदू सभा का गठन किया गया। वर्ष 1937 में भोपाल राज्य हिन्दू सभा के अधिवेशन में मास्टर लाल सिंह , पं. उद्धव दास मेहता और डॉ. जमुना प्रसाद मुखरैया को गिरफ्तार किया गया।
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