Bhopal Gas Tragedy | भोपाल गैस त्रासदी | Bhopal gas tragedy
भोपाल गैस त्रासदी Bhopal gas tragedy
मानव इतिहास की सबसे भयानक औद्योगिक त्रासदी में से एक भोपाल गैस त्रासदी है। 2- 3 दिसंबर 1984
की रात मध्य प्रदेश का भोपाल दुनिया की भीषणतम औद्योगिक त्रासदी की चपेट
में था। यूनियन कार्बाइड कारपोरेशन की सहायक कंपनी यूनियन कार्बाइड इंडिया
लिमिटेड के स्वामित्व वाले कीटनाशक प्लांट में करीब 40 टन मिथाइल आइसोसाइनेट गैस का फैक्ट्री से रिसाव हुआ ।जिसमें करीब 15000 लोगों की मौत और करीब 500000 अन्य लोग हमेशा के लिए प्रभावित हो गए।
भोपाल गैस त्रासदी के प्रमुख घटना क्रम
- 3 दिसंबर 1984 को हादसे की एफ आई आर दर्ज की गई दर्ज की गई आर दर्ज की गई आर दर्ज की गई।
- 4 दिसंबर 1984 को यूजीसी अध्यक्ष वारेन एंडरसन समेत 9 लोग गिरफ्तार मानव हत्या के आपराधिक केस में यूनियन कार्बाइड का नाम अभियुक्त के रूप में दर्ज किया गया।।
- फरवरी 1985 में भारत सरकार ने अमेरिका के एक कोर्ट में यूनियन कार्बाइड के खिलाफ 3.3 अरब डालर के मुआवजे का दावा ठोका।
- 1986 में अमेरिका के डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के कोर्ट के जज ने भोपाल गैस कांड से जुड़े सभी केस भारत में ट्रांसफर कर दिए।
- 1 दिसंबर 1987 को सीबीआई ने वारेन एंडरसन समेत 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की।
- फरवरी 1989 में बार बार समन की अनदेखी करने पर एंडरसन के खिलाफ सीजेएम भोपाल ने गैर जमानती वारंट जारी किया। भारत सरकार और यूनियन कार्बाइड ने कोर्ट के बाहर डील किया यूनियन कार्बाइड 470 मिलियन डॉलर का मुआवजा देने को राजी हुआ।
- फरवरी 1989 में सेटलमेंट से खफा लोगों का विरोध प्रदर्शन दिल के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई।
- 1992 में भारत सरकार ने 470 मिलियन डालर डालर का कुछ हिस्सा गैस पीड़ितों के बीच आवंटित कर दिया।
- 1999 में यूनियन कार्बाइड ने अमेरिका स्थित डाउ केमिकल के साथ विलय का ऐलान का ऐलान कर दिया।
- नवंबर 1999 में इंटरनेशनल पर्यावरण संस्था ग्रीनपीस ने यूनियन कार्बाइड की बंद फैक्ट्री के अंदर और आसपास मिट्टी भूजल और कुएं आदि का टेस्ट किया और 12 हानिकारक ऑर्गेनिक केमिकल और पारे की मात्रा 60 गुना तक ज्यादा पाई गई।
- जून 2002 को पीड़ितों ने नई दिल्ली में विरोध का प्रदर्शन शुरू किया जब उन्हें पता चला कि सरकार एंडरसन के खिलाफ आरोप वापस लेने की योजना बना रही है।
- 19 जुलाई 2004 को सुप्रीम कोर्ट ने सेंट्रल बैंक को पीड़ितों को 15 अरब रुपए 15 अरब रुपए को पीड़ितों को 15 अरब रुपए 15 अरब रुपए देने का आदेश दिया। 25 अक्टूबर 2004 को मुआवजा देने में सरकार की नाकामी के खिलाफ पीड़ितों ने ने प्रदर्शन किया।
- 26 अक्टूबर 2004 को सुप्रीम कोर्ट ने यूनियन कार्बाइड द्वारा स्वीकारें गए 470 मिलन डालर डालर के मुआवजे की राशि का बचा हुआ हिस्सा पीड़ितों को बांटने के लिए 15 नवंबर की समय सीमा तय की।
- 7 जून 2010 को अदालत द्वारा यूज यूनियन कार्बाइड के तत्कालीन चेयरमैन के ताऊ महिंद्रा समेत सभी 8 अभियुक्तों को दोषी ठहरा का सजा सुनाई गई।
भोपाल गैस कांड पर फैसला Decision on Bhopal gas scandal
7 जून 2010 को भोपाल गैस कांड का फैसला सुनाया गया। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मोहन पी तिवारी ने 30 वर्ष की कानूनी लड़ाई के बाद सुनाए गए गए सुनाए गए गए सुनाए गए गए अपने 93 पृष्ठों के फैसले में सभी आठ आरोपियों को दोषी करार दिया । फैसले के तहत यूनियन कार्बाइड इंडिया के पूर्व अध्यक्ष केशव महिंद्रा 85 वर्ष समेत सात दोषियों को दो-दो वर्ष कारावास की सजा मिली और प्रत्येक पर ₹100750 का जुर्माना लगाया गया। आठवें दोषी के तौर पर अमेरिकी कंपनी यूनियन कार्बाइड की भारतीय इकाई पर ₹500000 का जुर्माना लगाया गया। फैसले के कुछ समय बाद ही अदालत ने 25-25 हजार के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के जमानत पर सभी 7 दोषियों को जमानत दे दी।
अदालत ने अपने फैसले में यूनियन कार्बाइड के तत्कालीन चेयरमैन वारेन एंडरसन को पहले ही फरार घोषित किया जा चुका था।
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