Formation of Madhya Pradesh state |मध्य प्रदेश राज्य का गठन
मध्य प्रदेश राज्य का गठन Formation of Madhya Pradesh state
- भारत के केन्द्र में स्थित मध्य प्रदेश चारों सीमाओं से अन्य राज्यों से घिरा हुआ है। अतः मध्य प्रदेश पुर्णतः भू-आवेष्ठित राज्य है। मानवाधिकार आयोग गठित करने तथा मानव विकास रिपोर्ट पेश करने के मामले में देश में मध्यप्रदेश का प्रथम स्थान है।
- सर्वप्रथम पंडित जवाहरलाल नेहरू ने राज्य की मध्यवर्ती स्थिति को देखते हुए इसे मध्यप्रदेश नाम दिया। औपनिवेशिक काल में इस प्रदेश को सेंण्ट्र इण्डिया के नाम से जाना जाता था. जिसमें सेण्ट्रल प्राविंसेस, बरार, महाकौशल के प्रांत तथा बघेलखण्ड एवं छत्तीसगढ़ रियासतों के कुछ भाग सम्मिलित थे।
राज्य का गठन State formation
स्वतंत्रता उपरांत राज्यों के गठन हेतु सेण्ट्रल इंडिया के प्रदेशों को निम्न चार पृथक राज्यों के रूप में गठित किया गया था-
- मध्यप्रदेश
- विंध्यप्रदेश
- मध्यभारत
- भोपाल
मध्यप्रदेश
पूर्व मध्यप्रदेश राज्य का निर्माण सेण्ट्रल प्राविंस और बरार प्रांतों मेें बघेलखण्ड तथा छत्तीसगढ़ की रियासतों को मिलाकर किया गया था। इसकी राजधानी नागपुर बनाकर इसे पार्ट-ए स्टेट राज्यों की श्रेणी में शामिल किया गया।
विंध्य प्रदेश
पार्ट-ए-स्टेट राज्य पूर्व मध्यप्रदेश के उत्तर में स्थित रियासतों को मिलाकर विंध्य प्रदेश का गठन किया। इसे पार्ट-सी स्टेट राज्यों की श्रेणी में रखा गया। रीवा को राजधानी बनाकर विंध्य प्रदेश में 37 रियासतों को सम्मिलित किया गया।
मध्य भारत
पूर्व मध्यप्रदेश राज्य के पश्चिम में स्थित 26 रियासतों को मिलाकर मध्य भारत के रूप में पार्ट-बी श्रेणी का एक नया राज्य बनाया गया। इसी राजधानी छः-छः महीने के लिए ग्वालियर एवं इंदौर बनाई गई।
भोपाल को एक पृथक राज्य बनाकर पार्ट-सी श्रेणी के राज्यों में शामिल किया गया। इसकी राजधानी भोपाल को बनाया गया।
राज्य पुनर्गठन आयोग 1953 State Reorganization Commission 1953
नए राज्यों के गठन की माॅग को देखते हुए 29 दिसम्बर 1953 को राज्य पुनर्गठन आयोग की स्थापना की गई। इस आयोग के अध्यक्ष सैयद फैजल अली तथा सदस्य पं. हृदयनाथ कुंजरू व डाॅ. के.एम. पाणिक्कर थे। इस आयोग ने राज्यों का पुनर्गठन भाषायी आधार पर करने की सिफारिश की ।
आयोग की सिफारिशों के परिणामस्वरूप मध्यप्रदेश की सीमाओं में निम्नलिखित परिवर्तन किए गए-
- अकोला, अमरावती, बुल्ढाना, यवतमाल, वर्धा, चांदा, नागपुर तथा भंडारा जिलोें को तत्कालीन मुम्बई राज्य में मिला दिया गया। इसके अतिरिक्त पूर्व मध्यप्रदेश (पार्ट-ए स्टेट का भाग) के भागों को मध्यप्रदेश में शामिल किया गया।
- मंदसौर जिले की भानपुरा तहसील ( सुनैल टप्पा को छोड़कर ) के अतिरिक्त मध्य भारत (पार्ट-बी स्टेट का भाग) राज्य को मध्यप्रदेश में सम्मिलित कर लिया गया ।
- पार्ट-सी स्टेट के राज्य विंध्य प्रदेश को भी मध्यप्रदेश में मिला लिया गया।
- राजस्थान के कोटा जिले की सिरोंज तहसील को मध्यप्रदेश के विदिशा जिले में जोड़ा गया
उपरोक्त सीमाओं में परिवर्तन के पश्चात्
- 1 नवम्बर, 1956 को मध्य प्रदेश राज्य का गठन हुआ। नवगठित मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल बनाई गई, जो तत्तकालीन समय में सीहोर जिले की एक तहसील थी। गठन के समय मध्यप्रदेश का कुल क्षेत्रफल 443446 वर्ग किमी था तथा इसमें कुल 43 जिले शामिल थे.
- 26 नवंबर,1972 को भोपाल और राजनान्दगांव दो नए जिले बनने के पश्चात जिलों की संख्या 45 हो गई,
- 25 मई 1998 को वी.आर. दुबे आयोग की अनुशंसा पर 10 नए जिलों का गठन किया गया तथा 10 जून, 1998 को सिंहदेव कमेटी की सिफारिशों के आधार पर 6 नए जिलों का गठन किया गया । इस प्रकार 30 जून 1998 तक मध्यप्रदेश में 12 संभाग तथा कुल 61 जिले शामिल थे। एवं प्रदेश क्षेत्रफल की दृष्टि से देश का सबसे बड़ा राज्य था।
- राज्य गठन के पश्चात पश्चिमी एवं मध्यवर्ती मध्यप्रदेश का अधिक विकास हुआ, क्योंकि पूर्वी मध्यप्रदेश अत्याधिक दुर्गम एवं आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र था।
राज्य पुनर्गठन विधेयक 2000 State Reorganization Bill 2000
- मध्यप्रदेश पुनर्गठन विधेयक 2000 के तहत 1 नवम्बर, 2000 को मध्यप्रदेश से पृथ्क एक नए राज्य छत्तीसगढ़ की स्थापना की गई। अविभाजित मध्यप्रदेश के 61 जिलों में से पूर्वी मध्यप्रदेश के 16 जिलों को नवगठित छत्तीसगढ़ राज्य में शामिल किया गया। छत्तीसगढ़ के गठन के पश्चात विभाजित मध्यप्रदेश में 9 संभाग एवं 45 जिले शेष रह गए.
- क्षेत्रीय विकास के दृष्टिकोण से नए जिलों की मांग उठने के कारण राज्य सरकार ने 15 अगस्त, 2003 को बोस समिति की सिफारिश पर तीन नए जिले बुरहानपुर, अशोकनगर तथा अनूपपुर क्रमशः खण्डवा, गुना, एवं शहडोल जिलों से अलग करके बनाए।
- वर्ष 2008 में अलीराजपुर तथा सिंगरौली नाम दो नए जिले क्रमशः झाबुआ, एवं सीधी जिलों से अलग करके बनाए गए।
- 16 अगस्त, 2013 को शाजापुर की आगर, बड़ौद,सुसनेर, एवं नलखेड़ा तहसीलों को प्रथक करके राज्य का 51वाॅ जिला आगर मालवा बनाया गया।
- इसी क्रम में टीकमगढ़ 01 अक्तूबर 2018 को जिले की तीन तहसीलों निवाड़ी, ओरछा और पृथ्वीपुर को टीकमगढ़ से पृथक कर एक प्रदेश का 52वाॅ जिला निवाड़ी बनाया गया जो क्षेत्रफल की दृष्टि से प्रदेश का सबसे छोटा जिला है।
- इस प्रकार वर्तमान मध्यप्रदेश में 10 संभाग और 52 जिलें है। जिनका कुल क्षेत्रफल 3,08,252 वर्ग किमी है।
Post a Comment