म.प्र. का गठन, संभाग और जिले |Formation of MP , Division and Districts of MP
म.प्र. का गठन, संभाग और जिले
- प्रदेश का नाम मध्यप्रदेश भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिया।
- म.प्र. देश के मध्य में स्थित है, इसलिए इसे हृदय प्रदेश भी कहा जाता है।
- इसे हृदय प्रदेश, लघु भारत, मध्यभारत, सोया स्टेट, टाइगर स्टेट, नदियों का मायका, हीरा राज्य, सेंट्रल प्राविंसेस एवं बरार अन्य नाम से जाना जाता है।
- ब्रिटिशकाल में म.प्र. नाम से काई राज्य नहीं था परन्तु सेंट्रल प्रोविन्स एवं बरार के नाम से जाना जाता था।
- पार्ट ए सेट्रल प्राविन्स राजधानी नागपुर एवं क्षेत्र प्रमुख पंडित रविशंकर शुक्ल
- पार्ट बी पूर्व मध्यप्रदेश के पश्चिम राजधान इंदौर, ग्वालियर क्षेत्र प्रमुख लीलाधर सेठ।
- पार्ट सी उत्तर में स्थित रियासतें राजधानी रीवा एवं क्षेत्रप्रमुख पं. शंभुनाथ शुक्ल।
- भोपाल स्टेट राजधानी भोपाल क्षेत्र प्रमुख डॉं. शंकरदयाल शर्मा
- 29 दिसम्बर 1953 को फजल अली की अध्यक्षता में गठित राज्य पुनर्गठन आयेाग की अनुश्ंसा पर 1 नवंबर 1956 को नवी राज्य म.प्र. का गठन हुआ।
- बुलढाना, अकोला, अमरावती, यवतमाल, वर्धा, नागपुर, भंडारा, चाँदा को तत्कालीन मुंबई राज्य (महाराष्ट्र) में मिला दिया गया | शेष पार्ट – A का भाग वर्तमान म.प्र. का भाग बना |
- मंदसौर जिले की भानपुरा तहसील के सुनेल टप्पा को छोड़कर शेष भाग को म.प्र. में मिला लिया गया |राजस्थान के कोटा जिले की सिरोंज तहसील को म.प्र. के विदिशा जिले में लाया गया |
- शेष पार्ट- B का हिस्सा वर्तमान म.प्र. का अंग है |
- पार्ट-C स्टेट (विंध्यप्रदेश) का पूरा-पूरा भाग वर्तमान म.प्र. में मिलाया गया |
- भोपाल राज्य भी वर्तमान म.प्र. का अंग बना |
नवनिर्मित मध्यप्रदेश 1 नवम्बर 1956
- राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिशों के आधार पर वर्तमान मध्यपद्रेश का गठन हुआ।
- समस्त परिवर्तन सहित 1 नंवबर 1956 को म.प्र. का गठन हुआ।
- म.प. की राजधानी भोपाल रखी गई जो सिहोर जिले की तहसील थी।
- नवनिर्मित मध्यप्रदेश में 43 जिले एवं 8 संभाग थे।
- 26 जनवरी 1972 को भोपाल, राजनंदगांव दो नए जिले बनाये गये, जिलों की संख्या 45 हो गई।
- 1980 में चंबल एवं बस्तर संभाग का गठन किया गया।
- बाद में होशंगाबाद संभाग का गठन किया गया। इस प्रकार 45 जिले एवं 12 संभाग हो गए।
- 1982 में बी आर दुबे की अध्यक्षता में जिला पुनर्गठन आयोग का गठन किया गया।1998 में 10 नये जिलों का निर्माण हुआ।
- 1998 में एम.एमस सिंहदेव समिति की सिफारिश पर 6 जिलों को निर्माण हुआ इस प्रकार कुल 61 जिले हो गए।
- 31 अक्टूबर 2000 को म.प्र से छत्तीसगढ़ के अलग होने से 3 संभाग और 16 जिले नवीन राज्य में चले गए। इस प्रकार 9 संभाग व 45 जिले शेष बचे। (84 संविधान संशोधन)
- 15 अगस्त 2003 में बुरहानपुर खंडवा से, अनूपपुर शहडोल से, अशोकनगर गुना से अलग कर 3 नए जिले बनाए गए थे।
- 17 मई,2008 को अलीराजपुर, 24 मई 2008 को सिंगरौली, व 16 अगस्त 2003 को आगर मालवा नए जिलों का निर्माण किया गया।
- निवाड़ी जिला टीकमगढ़ जिले का एक हिस्सा हुआ करता था और 1 अक्टूबर 2018 को इसे अलग कर एक नए जिले में बनाया गया था। यह राज्य का 52 वां जिला बना इस प्रकार जिलों की संख्या 52 हो गई।
- शहड़ोल नया संभाग बनाया
गया।
- होशंगाबाद संभाग का नाम नर्मदापुरम किया गया।
- वर्तमान में संभागों की संख्या 10 है।
- म.प्र. को 1956 से पूर्व ‘मध्यभारत‘ कहा जाता था।
- म.प्र. का पुर्नजन्म 1956 में भाषायी आधार पर हुआ था।
- म.प्र. में जिलों का निर्माण बी.आर. दवे आयोग की अनुशंसा के अनुसार हुआ।
- अलीराजपुर जिले के भाबरा का नाम फरवरी 2010 में चंद्रशेखर आजाद नगर घोषित किया गया।
OLD MP MAP |
मध्य प्रदेश के संभाग और जिले
वर्तमान मध्य प्रदेश 10
संभागों और 52 जिलों में बंटा हुआ है | ये संभाग और जिले इस प्रकार हैं :-
- चंबल संभाग (3) – श्योपुर, मुरैना, भिण्ड
- ग्वालियर संभाग (5) – ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया
- उज्जैन संभाग (7) – उज्जैन, देवास, रतलाम, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच
- इन्दौर संभाग (8) – इन्दौर, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, खरगौन, बड़वानी, खण्डवा, बुरहानपुर
- भोपाल संभाग (5) – भोपाल, सीहोर, रायसेन, राजगढ, विदिशा
- होशंगाबाद / नर्मदापुरम संभाग (3) – होशंगाबाद, बैतूल, हरदा
- सागर संभाग (6) – सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ,निवाड़ी
- जबलपुर संभाग (8) – जबलपुर, कटनी, नरसिंहपुर, छिन्दवाड़ा, सिवनी, मण्डला, बालाघाट, डिंडौरी
- रीवा संभाग (4) – रीवा, सिंगरौली, सीधी, सतना
- शहडोल संभाग (3) – शहडोल, उमरिया, अनूपपुर |
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Thanks sir for information
ReplyDeleteIt's incomplete...plz update it.
ReplyDeleteआपने बहुत अच्छा दिया है धन्यवाद आपका
ReplyDeleteVery good
ReplyDeleteबहुत जरूरी सिलसिलेवार तरीक़े से जानकारी उपलब्ध कराने के लिए हार्दिक आभार।
ReplyDeleteBhut hi shandaar sir ji
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