MP Ke Pramukh Parvat |Major Mountains of Madhya Pradesh |मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्वत
मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्वत Mountain of Madhya Pradesh
मध्यप्रदेश का अधिकतर भाग दक्कन-पठार के अंतर्गत आता है। यही कारण है कि प्रदेश का आधे से अधिक हिस्सा पठारी है। लेकिन प्रदेश में जगह-जगह ऊँचे-नीचे पर्वत भी पाए जाते हैं।
मध्यप्रदेश के प्रमुख पर्वत
अरावली पर्वत Aravali Mountain Range
- अरावली पर्वत मालवा के उत्तरी-पश्चिमी क्षेत्र में स्थित है। इन पर्वतों के ढाल काफी तीव्र और सिरे चपटे हैं।
- अरावली पर्वत पृथ्वी की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखला मानी जाती है। इसका विस्तार उत्तर-दक्षिण दिशाओं में दिल्ली के पास से गुजरात में अहमदाबाद तक 800 किमी की लंबाई में है।दिल्ली के पास इसे दिल्ली की पहाडि़यों के नाम से जाना जाता है।
- इस पर्वत की सबसे ऊँची चोटी आबू शिखर है जो 1158 मीटर ऊँची है।
विंध्याचल पर्वत Vindhyanchal Mountains
- विंध्याचल पर्वत नर्मदा नदी के उत्तर में पूर्व से पश्चिम की ओर फैला है।
- इसका निर्माण हिमालय से पहले का माना जाता है।
- विंध्याचल पर्वत औसत ऊँचाई 457 मीटर से 610 मीटर तक पाई जाती है। परंतु इसकी सबसे ऊंची चोटी अमरकण्टक है जिसकी ऊँचाई 900 मीटर से भी अधिक है।
- विंध्याचल पर्वत का निर्माण क्वार्ट्ज एवं बालू पत्थरों से हुआ है। इससे निकलने वाली नदियों मेें नर्मदा, सोन, केन एवं बेतवा प्रमुख हैं।
सतपुड़ा पर्वत Satpura Mountains
- इस पर्वत का निमार्ण ग्रेनाइट एवं बेसाल्ट चट्टानों से हुआ है।
- प्रदेश में इसका विस्तार नर्मदा सोन नदी के दक्षिण में विंध्याचल के समानान्तर 1120 किमी की लंबाई में है।
- पूर्व में यह राजपीपला की पहाडि़यों से शुरू होकर पश्चिम में पश्चिमी घाट तक फैला है।
- यह पर्वत 700 मीटर से 1350 मीटर तक ऊँचा है, लेकिन इसकी सबसे ऊँची चोटी धूपगढ़ 1350 मीटर है, जो पचमढ़ी के पास महादेव पर्वत पर स्थित है। प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी इसी पर्वत की महादेव श्रेणी पर स्थित है।
मैकाल-अमरकण्टक श्रेणी Mackle-Amarkantak Mountains
- सतपुड़ा पर्वत के दक्षिण पूर्वी विस्तार को मैकाल-अमरकण्टक श्रेणी कहा जाता है। इसका निर्माण बलुआ पत्थर, क्वार्ट्ज एवं अवसादी चट्टानों से हुआ है।
- इसका विस्तार प्रदेश के शहडोल, मण्डला, एवं डिण्डोरी जिलो में है। नर्मदा नदी का उद्गम इसी क्षेत्र से होता है।
महादेव श्रेणी Mahadev Parvat Shreni
- महादेव श्रेणी सतपुड़़ा पर्वत के पूर्वी विस्तार को कहते हैं।
- प्रदेश में इसका विस्तार छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, सिवनी, तथा होशंगाबाद जिलो में है।
- इसका निर्माण बलुई पत्थर एवं क्वार्ट्ज चट्टानों से हुआ है।
- प्रदेश के प्रसि़द्ध पर्यटन स्थल पचमढ़ी एवं धूपगढ़ इसी श्रेणी पर स्थित हैं। यहाँ उष्णकटिबंधीय वन विस्तृत रूप से पाए जाते हैं
कैमूर-भाण्डेर श्रेणी Kymore Bhander Shreni
- नर्मदा नदी के पूर्वी भाग में स्थित विंध्याचल पर्वत के पूर्वी विस्तार कैमूर-भाण्डेर श्रेणियों के नाम से जाना जाता है।
- इनका निर्माण बलुई पत्थर एवं क्वार्ट्ज चट्टानों से हुआ है।
- इनकी औसत ऊंचाई 450-600 मीटर के मध्य है।
- ये यमुना और सोन नदी की जल विभाजक है।
- प्रदेश में इसका विस्तार सीधी, सतना, रीवा, पन्ना, और छतरपुर जिलों में है।
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