- भू वैज्ञानिक दृष्टि से म.प्र. सर्वाधिक प्राचीनतम गोंडवाना लैंड का
भाग है।
- म.प्र. पूर्णतः भू-आवेष्ठित राज्य है जिसकी
सीमा न तो समुद्री और न ही अंतर्राष्ट्रीय सीमा को छूती है।
- म.प्र. की सीमा 5 राज्यों उत्तरप्रदेश , राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और छत्तीसगढ़ की सीमा छूती हैं।
- म.प्र. भारत का कुल भौगोलिक क्षेत्र का 9.38
प्रतिशत है।
- राज्य का कुल क्षेत्रफल 3,08,252 वर्ग किलोमीटर
है।
- म.प्र. में ग्रीष्म ऋतु को उनाला (युनाला), वर्षा ऋतु को चौमासा और शीत ऋतु को सियाला कहते हैं।
- भौतिक संरचना की दृष्टि से मध्यप्रदेश को मुख्य
रूप से तीन भागों में बॉटा गया है। मध्य उच्च प्रदेश, सतपुड़ा मैकाल श्रेणी, पूर्वी पठार (बघेलखण्ड पठार)।
- मध्यप्रदेश में शीतकालीन वर्षा पश्चिमी विक्षोभ का परिणाम है।
- मध्यप्रदेश में पहला जनवरी माह में गिरता है।
मध्य उच्च प्रदेश को पॉच भागों में बॉटा गया
है-
- मध्य भारत का पठार (10.68 प्रतिशत)
- मालवा का पठार (28 प्रतिशत)
- रीवा
पन्ना का पठार (10.37 प्रतिशत)
- बुंदेलखण्ड
का पठार (7.7 प्रतिशत)
- नर्मदा सोन घाटी ( 26 प्रतिशत)।
- मालवा का पठार राज्य का औद्योगिक क्षेत्र एवं
कृषि क्षेत्र भी है।
- मालवा पठार में जनसंख्या घनत्व तुलनात्मक रूप
से अधिक हैं
- फाह्यान ने मालवा के पठार की जलवायु को श्रेष्ठ
जलवायु बताया था।
- मालवा का पठार काली मिट्टी से निर्मित पठार है।
- मालवा के पठार को गेहूॅ की डलिया का जाता है।
- मालवा प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी सिगार चोटी 881
मीटर हैै।
- कर्क रेखा मालवा के पठार के बीचों बीच से
गुजरती है।
- मध्यभारत को सरसों का पठार भी कहा जाता है।
- सतपुड़ा मैकल श्रेणी में प्रसिद्ध हिल स्टेशन
पचमढ़ी है।
- सतपुड़ा एवं म.प्र. की सबसे ऊंची चोटी धूपगढ़
1300 मीटर महादेव की श्रेणी में स्थित है।
- सतपुड़ा मैकाल श्रेणी, राजपीपला श्रेणी, मध्यश्रेणी में विभाजित है।
- रीवा-पन्ना पठार में हीरे एवं चूने के भण्डार
हैं।
- बुंदेलखण्ड की सर्वोच्च चोटी सिद्ध बाबा 1172
मीटर है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से मालवा का पठार सबसे
बड़ा है।
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