मध्यप्रदेश के ताप विद्युत केन्द्र | Thermal Power Station of Madhya Pradesh
मध्यप्रदेश के ताप विद्युत केन्द्र
राज्य में कोयला आधारित सरकारी ताप विद्युत केन्द्रों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। वर्तमान में प्रदेश में 12 ताप विद्युत कार्यशील हैं तथा कुछ निर्माणाधीन हैं।
चांदनी ताप विद्युत केन्द्र (केप्टिव पावर प्लांट)
- 1953 में स्थापित राज्य के प्रथम ताप विद्युत केन्द्र की क्षमता प्रांरभ में 17 मेगावाट की थी जो अब 177 मेगवाट है। तवा क्षेत्र का कोयला यहां प्रयुक्त किया जाता है। बुरहानपुर एवं नेपानगर कागज मिल को विद्युत आपूर्ति करता है।
अमरकंटक ताप विद्युत केन्द्र
- अनूपपुर में स्थित इस तापीय विद्युत केन्द्र से कुल 490 मेगावाट (अमरकंटक- 1 केंद्र की 50 मेगावाट की ईकाई सहित) विद्युत उत्पन्न होती है। सोन नदी से पानी और सोहागपुर से कोयला मिलता है।
सतपुड़ा सारणी ताप विद्युत केन्द्र
- बैतूल जिले के पाथरखेड़ा कोयला क्षेत्र में स्थित है। जहां का कोयला और तवा नदी का पानी यह उपयोग करता है। यह राजस्थान, मध्य्रपदेश का सम्मिलत उपक्रम है। इसकी क्षमता 1142.5 मेगवाट से बढ़कर 1437 हो गयी है, जिसमें म.प्र. राजस्थान का हिस्सा 3:2 हैं. स्थापना वर्ष 1967 में अमेमरिका के वित्तीय सहयोग से हुआ था।
विध्यांचल वृहद ताप विद्युत केन्द्र
- बैढ़न (सिंगरौली) में स्थित राष्ट्रीय ताप विद्युत गृह की नवी 1982 में इंदिरा गांधी ने रखी थी। यह सिंगरोली का कायेला और रिहिन्द जलाश्य का पानी प्रयुक्त करता हैं प्रथम चरण सोवियत संघ एवं द्वितीय चरण विश्व बैंक की सहायता से पूर्ण हुआ। इसकी कुल क्षमता 4760 मेगवाट है। जबकि 2018 में संचालन क्षमता 3760 मेगावाट थी। म.प्र. स्थित सबसे बड़ा ताप विद्युत गृह है। यह 5 राज्यों एवं दमन-द्वीव को आपूर्ति करता है।
जबलपुर ताप विद्युत केन्द्र
- म.प्र. विद्युत मंडल द्वारा जबलपुर में स्थापित यह केन्द्र जबलपुर का कोयला और नर्मदा का पानी प्रयुक्त करता हैं। इसकी विद्युत उत्पादन क्षमता 151 मेगावाट है।
संजय गांधी ताप विद्युत केन्द्र
- उमरिया के वीरसिंहपुर में 1993 में स्थापित राष्ट्रीय ताप विद्युत गृह हैं यह जोहिला क्षेत्र का कायेला प्रयुक्त करता है। 44-44 मेगावाट की 2 इकाइयां चालू थी जबकि 500 मेगवाट की ईकाई 2007 में चालू हुई है। इसकी कुल क्षमता 1340 मेगावाट है।
पेंच ताप विद्युत केन्द्र
- यह छिंदवाड़ा में है जो वहीं का कोयला प्रयुक्त करता है। इसकी विद्युत उत्पादन क्षमता 588 मेगावाट है। पेंच ताप विद्युत परियोजना निजी क्षेत्र को सौंपी गयी हैं
संत सिंगाजी ताप विद्युत प्रोजेक्ट (खंडवा)
- संत सिंगाजी ताप विद्युत प्रोजेक्ट (खंडवा) प्रोजेक्ट को सतपुड़ा क्षेत्र से कोयला तथा नर्मदा सुक्ता नदियों से पानी प्राप्त होता है। 2018 600/2 1320 मेगावाट की दो नई इकाईयों द्वारा उत्पादन प्रारंभ किया गया है।
बांधव और मांडू ताप विद्युत केन्द्र- यह मध्यप्रदेश और गुजरात की संयुक्त ताप विद्युत परियोजना है।
दादा धुनीवाले खंडवा ताप या मालवा परियोजना
- मध्यप्रदेश और गुजरात संयुक्त रूप से 2000 मेगवाट की दादा धुनीवाले तापीय विद्युत परियोजना गोराडिया जिला खंडवा में लगायी जा रही है।
बुँदेलखंड सुपर क्रिटिक थर्मल प्रोजेक्ट
- छतरपुर के बरैठी में स्थित थर्मल प्रोजेक्ट की क्षमता 2640 मेगावॉट है। जिसमें सुपर क्रिटिकल टेक्नॉलाजी का उपयोग कर विद्युत का उत्पादन किया जाता है। इस प्रोजेक्ट को छत्तीसगढ़ से कोयला प्राप्त होता है। मझगांव डेम और श्यामरी प्रोजेक्ट से पानी प्राप्त होता है।
गाडरवाड़ा सुपर थर्मल पॉवर प्रोजेक्ट
- यह प्रदेश् के नरसिंहपुर जिले के गॉडरवाड़ा में स्थित है। इसकी कुल क्षमता 1600 मेगवॉट है यहां 800 मेगावाट की दो यूनिट कार्यरत है। इस प्रोजेक्ट को तलाई चिली कोल क्षेत्र से कोयला एवं नर्मदा से जल प्रदाय होता है।
तथ्य
- विध्यांचल (बैढन सिंगरौली) राज्य का सबसे बड़ा ताप विद्युत केन्द्र है। यह एनटीपीसी द्वारा संचालित हैं
- सौर ऊर्जा का अधिक प्रयोग प्रदेश में झाबुआ के ग्रामीण क्षेत्रों में किया जाता हैं
- प्रदेश में सर्वाधिक पवन चक्कियां इंदौर में हैं।
मध्य प्रदेश के ताप विद्युत गृहों की क्षमता Capacity of thermal power houses of Madhya Pradesh
ताप विद्युत गृह | क्षमता/मेगावाट |
---|---|
अमरकंटक अनुपपुर | 1330 |
सतपुड़ा, पाथर खेड़ा (बैतूल)
सतपुडा II (200+210 मे.वा.)
सतपुडा III (2x210 मे.वा.)
सतपुडा IV (2x250 मे.वा.)
| 410 420 500 |
जबलपुर ताप विद्युत केन्द्र | 151 |
संजय गांधी, वीरसिंहपुर (उमरिया)
संजय गॉंधी, बिरसिंहपुर -I (2x210 मे.वा.)
संजय गॉंधी बिरसिंहपुर -II (2x210 मे.वा.)
संजय गॉंधी बिरसिंहपुर -विस्तार (1x500 मे.वा.)
| 420 420 500 |
संत सिंगाजी, डोंगलिया खंडवा
सिंगाजी ता.वि.गृ. दोंगलिया (2x600 मे.वा.)
सिंगाजी ता.वि.गृ. दोंगलिया (2x660 मे.वा.)
द्वितीय चरण
| 1200 1320 |
दादा धूनीवाले खंडवा | 2000 |
विध्यांचल (बैढ़न सिंगरौली) | 4760 |
पेंच ताप विद्युत गृह | 588 |
चाँदनी विद्युत गृह बुरहानपुर | 177 |
Mandu tap vidhyut kendra kahan hai aur ye kis kis rajya ki sanyukt pariyojna hai
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