मध्यप्रदेश उद्योग | Madhya Pradesh Ke Udyog | Industries of MP
औषधी उद्योग
(Pharmaceutical Industry)
- वर्तमान में मध्यप्रदेश में औषधि उद्योग की उद्योग की 33 इकाइयां कार्यरत है , जो मुख्यतः मंडीदीप , पीथमपुर , पीलूखेड़ी (राजगढ़ ) तथा संजवाता (रतलाम ) में स्थित है।
लघु एवं कुटीर उद्योग (Small and
Cottage Industry)
- मध्यप्रदेश में लघु तथा कुटीर उद्योग के विकास के लिए वर्ष 1981 मध्यप्रदेश हस्तशिल्प विकास निगम की स्थापना की गयी थी। वर्ष 1999 में इस निगम को शासन द्वारा हथकरघा संबंधी कार्य सौंपने के पश्चात इसका नाम परिवर्तित करके मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम कर दिया गया। वर्ष 2013 में पुनः इसका नाम परिवर्तित कर संत रविदास मध्यप्रदेश हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम कर दिया गया ।
- वर्ष 1981 में में मध्य प्रदेश विकास निगम की स्थापना की गई । राज्य तथा नरसिंहपुर जिलों जिलों में चमड़े की उपलब्धता अधिक है इसलिए इस क्षेत्र में चर्म शोधन उद्योग की स्थापना की गयी है।
- हथकरघा उद्योग में निर्धन , कुशल तथा कुशल मजदूरों को रोजगार देने की पर्याप्त क्षमता निहित है। यह उद्योग परंपरागत एवं कलात्मक वस्त्रो के उत्पादन के साथ-साथ प्रदेश के बुनकरों को रोजगार उपलब्ध कराता है। वर्तमान में मध्यप्रदेश में 20,004 हथकरघे संचालित है।
पावरलूम उद्योग (Power-loom Industry)
- भोपाल , जबलपुर , ग्वालियर , इंदौर , रीवा ,सतना तथा बुरहानपुर जिलों में वाणिज्य , उद्योग एवं रोजगार विभाग के अंतर्गत पावरलूम उद्योगों की स्थापना की गई है। वर्तमान में लगभग 40,000 पावरलूम इकाइयां कार्यरत है।
रसायन उद्योग
(Chemical Industry)
- वर्ष 2017 के आंकड़ों के अनुसार , मध्यप्रदेश में रसायन उद्योग की लगभग 77 औद्योगिक इकाइयां पंजीकृत है। पीथमपुर , छिंदवाड़ा , मालनपुर एवं मंडीदीप में डिटर्जेंट निर्माण के कारखाने अवस्थित है।
- निजी एवं सार्वजनिक भागीदारी में से रैसलपुर (होशंगाबाद) में उर्वरक तथा कीटनाशक निर्माण का संयंत्र स्थापित किया गया है।
- विजयपुर (गुना) में गैस आधारित संयंत्र की स्थापना की गई है जिसमें यूरिया तथा अमोनिया का उत्पादन होता है अन्य और उर्वरक कारखाने प्रतापपुरा (टीकमगढ़) पीतमपुर ,इंदौर तथा झाबुआ में अवस्थित है।
पेट्रो रसायन उद्योग (Petro-Chemical
Industry)
- मध्यप्रदेश में पेट्रो रसायन आधारित 6 उद्योगो की स्थापना की गई है , जो मुख्यतः भोपाल , मंडला , पीथमपुर (धार) , सीहोर तथा जबलपुर में स्थित है। विजयपुर (गुना) में औद्योगिक गैस प्लांट लगाया गया है इसके अतिरिक्त , प्रदेश में रबर और प्लास्टिक उद्योग की कुल 58 कारखाने पंजीकृत है।
- मध्यप्रदेश में इंदौर एवं पीथमपुर (धार )वाहन उद्योग के मुख्य केंद्र हैं। के मुख्य केंद्र हैं। यहां हिंदुस्तान मोटर्स लिमिटेड, काइनेटिक इंजीनियरिंग , फोर्स मोटर्स तथा बजाज ऑटो इंडस्ट्रीज के उद्योग स्थापित है।
- देवास में 6 वाहन कारखाने कारखाने अवस्थित है तथा मुरैना में कलपुर्जो एवं जबलपुर में सैन्य वाहन निर्माण का कारखाना अवस्थित निर्माण का कारखाना अवस्थित है।
- बेतूल तथा पीथमपुर में टायर व् ट्यूब बनाने के कारखाने अवस्थित हैं , जबकि खरगोन , रीवा , उज्जैन तथा पीथमपुर में विभिन्न उद्योगों में प्रयोग किए जाने वाले उपकरण बनाए जाते हैं ।
- मध्य प्रदेश के सिधौली (ग्वालियर) में देश का एकमात्र रेल स्प्रिंग कारखाना स्थित है। इसके अतिरिक्त वर्ष 2008 में निशातपुरा (भोपाल) में एक रेल कोच फैक्ट्री की स्थापना की गई है।
- भोपाल में राज्य का एकमात्र विद्युत इंजन कारखाना स्थित है , जबकि डीजल इंजन कारखाना , विदिशा तथा इंदौर में स्थित है।
- वर्ष 2012 मैं मध्य प्रदेश का प्रथम डीजल लोकोमोटिव संयंत्र , शेरपुर (सीहोर) में स्थापित किया गया है । यह निजी क्षेत्र का संयंत्र है , जो दौलत राम इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड और अमेरिका की एन. आर.आई.सी. कंपनी का साझा उपक्रम (Joint Venture ) है।
भारी विद्युत उपकरण
- वर्ष 1956 में ब्रिटेन की सहायता से भोपाल में हेवी इलेक्ट्रिकल्स (इंडिया) लिमिटेड की स्थापना हुई, जिससे वर्ष 1960 में उत्पादन प्रारंभ हुआ। वर्ष 1964 में भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (BHEL) नामक एक अन्य कंपनी की स्थापना की गई।
- वर्ष 1974 में हेवी इलेक्ट्रिकल्स (इंडिया) लिमिटेड का भेल (BHEL) में विलय कर दिया गया तथा वर्ष 1991 में भेल को सार्वजनिक उपक्रम का दर्जा दिया गया।
- भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड में विद्युत उपकरण बनाए जाते है। इसमें मुख्य रूप से ट्रांसफार्मर , विद्युत मोटर, स्विचगियर्स , ब्वॉयलर , टरबाइन , रेलवे विद्युत प्रणाली आदि सम्मिलित है।
- सूक्ष्म , लघु एवं मध्यम उद्योग (MSME) को आर्थिक विकास के इंजन के रूप में जाना जाता है। इन उद्योगों के विकास के लिए मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 5 अप्रैल 2016 को सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योग विभाग की स्थापना की गई है।
- इसका मुख्य उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक विकास के साथ रोजगार के अवसरों का सृजन करना है। वैश्वीकरण के इस युग में सबसे बड़ी चुनौती राष्ट्रीय एवं वैश्विक बाजार तब अपनी पहुंच सुनिश्चित करना है।
- वर्ष 2017-18 में 2,06,142 सूक्ष्म , लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना हुई थी , जबकि वर्ष 2018 -19 (दिसंबर तक) में 1,80,414 उद्योगों की स्थापना हो चुकी है , जो पिछले वर्ष की तुलना में 136.75% अधिक है।
- वर्ष 2018-19 के अंत तक सूक्ष्म , लघु एवं मध्यम उद्योगों में 13,224 करोड़ रुपए का निवेश किया गया है , जो पिछले वर्ष की तुलना में 50.85% अधिक है।
- वर्ष 2018-19 के अंत सूक्ष्म , लघु एवं मध्यम उद्योगों की में 7,18,709 रोजगार सृचित किए गए हैं, जो वर्ष 2017-18 से 20.38% अधिक है।
- विशेष आर्थिक क्षेत्र (Special Economic Zone) उस औद्योगिक क्षेत्र को कहते हैं , जहां की व्यवसायिक गतिविधियां मुख्य रूप से निर्यात केंद्रित होती है। इस क्षेत्र में व्यावसायिक गतिविधियों गतिविधियों व्यावसायिक गतिविधियों गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार द्वारा कुछ विशेष सुविधाएं , जैसे- सड़क, भूमि ,विद्युत की उपलब्धता एवं कर की दरो मैं भी छूट दी जाती हैं।
- चीन में विशेष आर्थिक क्षेत्र की विशेष आर्थिक क्षेत्र की सफलता के पश्चात भारत सरकार ने 1 अप्रैल , 2000 को विशेष आर्थिक क्षेत्र को व्यवस्थित रूप से लागू करने के लिए एक प्रस्ताव पारित किया , जिससे विदेशी प्रत्यक्ष निवेश को आकर्षित किया जा सके। वर्ष 2005 में संसद द्वारा पारित इस अधिनियम को 10 फरवरी , 2006 से संपूर्ण देश में लागू कर दिया गया है।
मध्यप्रदेश में SEZ स्थिति
- मध्य प्रदेश में अबतक 10 विशेष आर्थिक क्षेत्रों को अधिसूचित (Notify) किया गया है। इनमें से 2 क्षेत्रों की स्थापना हो चुकी है , जबकि अन्य निर्माणाधीन अथवा प्रस्तावित है।
- धार जिले में स्थित पिथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में बहुत्पाद तथा इंदौर में सूचना प्रौद्योगिकी एवं वस्त्र आदि के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र की स्थापना की गयी है।
- जबलपुर में खनन उद्योग तथा सिंगरौली में केंद्र सरकार की सहायता से एल्यूमीनियम उत्पाद तथा सूचना प्रौद्योगिकी के लिए विशेष आर्थिक क्षेत्र का निर्माण किया जा रहा है।
भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा
पीथमपुर औद्योगिक क्षेत्र में ऑटो क्लस्टर का निर्माण किया जा रहा है।
गारमेंट क्लस्टर , जबलपुर
भारत सरकार के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय
द्वारा वर्ष 2008 में जबलपुर में गारमेंट क्लस्टर की क्लस्टर की स्थापना की गई है।
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