मध्यप्रदेश में पर्यावरण से संबंधित प्रमुख संस्थान |Institutes related to environment in mp
मध्यप्रदेश में पर्यावरण से संबंधित प्रमुख संस्थान
मध्य प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण
बोर्ड Madhya Pradesh Pollution Control Board
- मध्यप्रदेश में प्रदूषण निवारण के उद्देश्य से जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण अधिनियम 1974 के अंतर्गत 23 सितंबर 1974 को मध्यप्रदेश राज्य जल प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण बोर्ड का गठन किया गया था । जिसका नाम 1 नवंबर 1980 को परिवर्तित कर मध्य प्रदेश प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण बोर्ड रखा गया है इसका मुख्यालय भोपाल में है।
पर्यावरण संबंधित प्रमुख अधिनियम
- जल प्रदूषण (निवारण तथा नियंत्रण अधिनियम) 1974
- जल प्रदूषण तथा नियंत्रण उपकर नियम 1977
- वायु प्रदूषण (निवारण तथा नियंत्रण) अधिनियम 1981
- परिसंकटमय
अपशिष्ट (प्रबंधन हथालन और सीमापारिय संचलन )नियम 2008
- परिसंकटमय में रसायनों का विनिर्माण भंडारण और
आयात निगम 19 89
- जैव चिकित्सा प्रबंधन एवं हस्तन नियम 1998 नगरीय ठोस अपशिष्ट प्रबंधन एवं हथालन नियम 2000।
मध्यप्रदेश जैव आनाशय अवशिष्ट (नियंत्रण)
अधिनियम 2004 की धारा 3 में प्रदत शक्तियों के आधार पर
संपूर्ण मध्यप्रदेश में प्लास्टिक थैलियों के उत्पादन एवं विक्रय पर 24 अप्रैल 2017 से पूर्ण प्रतिबंध लागू किया गया है।
पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन Environmental Planning and Coordination Organization
- पर्यावरण नियोजन एवं समन्वय संगठन की स्थापना 5 जून 1981 को आवास एवं पर्यावरण वन विभाग के अंतर्गत एक स्वशासी संस्था के रूप में की गई थी। यह संगठन पर्यावरण से संबंधित परामर्शी कार्य एवं पर्यावरण के क्षेत्र में विकास एवं संस्थाओं के उत्थान के रूप में कार्य करता है।
मध्य प्रदेश झील संरक्षण
प्राधिकरण Madhya Pradesh Lake Conservation Authority
- मध्य प्रदेश में झीलों और अन्य जलाशयों की उचित प्रबंधन एवं संरक्षण के उद्देश्य से 26 मई 2004 को मध्य प्रदेश झील संरक्षण संरक्षण प्राधिकरण का गठन किया गया है।
- जापान बैंक फॉर इंटरनेशनल कोऑपरेटिव की सहायता से भोपाल के बड़े तथा छोटे तालाबों में वर्ष 1995 से वर्ष 2004 तक भोज वेटलैंड परियोजना का क्रियान्वयन किया गया।
- अंतर्राष्ट्रीय रामसर समझौते के अंतर्गत आद्र भूमि की सूची में वर्ष 2002 में राजा भोज झील भोपाल को सम्मिलित किया गया।
मध्यप्रदेश राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन
प्राधिकरण
- पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 3(3) और 14 सितंबर 2006 के अनुसरण में प्रदत्त नियम 1533 E के प्रावधानों के अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य पर्यावरण प्रभाव आकलन प्राधिकरण का गठन 10 अक्टूबर 2017 को किया गया।
मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता विविधता विविधता
बोर्ड
- भारत सरकार द्वारा जैव विविधता अधिनियम 2002 की धारा 63(1 )के अनुसार 17 दिसंबर 2004 को मध्यप्रदेश जैव विविधता नियम अधिसूचित किया गया था ।इसके अंतर्गत 11 अप्रैल 2005 को मध्यप्रदेश राज्य जैव विविधता विविधता बोर्ड का गठन किया गया है.
- इस बोर्ड का मुख्य उद्देश्य जैव विविधता का संरक्षण व संवर्धन सुनिश्चित करना है ।मध्यप्रदेश में जैव विविधता पार्क नागौद सतना , जैव प्रौद्योगिकी पार्क इंदौर तथा जीव ऊर्जा पार्क रीवा में स्थित है।
मध्यप्रदेश में जैव आरक्षित क्षेत्र
- पचमढ़ी होशंगाबाद जिले में स्थित है. 3 मार्च 1999 को केंद्र सरकार द्वारा तथा वर्ष 2009 में यूनेस्को द्वारा जैव आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया
- पन्ना 25 अगस्त 2011 को केंद्र सरकार द्वारा जैव आरक्षित क्षेत्र घोषित किया गया।
- अचानकमार अमरकंटक अनूपपुर में है जिसे 30 मार्च 2005 को केंद्र सरकार द्वारा घोषित किया गया।
मध्य प्रदेश जैव विविधता विरासत स्थल
जीव विविधता अधिनियम 2002 की धारा 37 एवं राज्य जैव विविधता नियम 2004 के अंतर्गत प्रदेश में 2 जीव विविधता विरासत घोषित किए गए हैं।
- पातालकोट छिंदवाड़ा
- नरो पहाड़ सतना
मध्यप्रदेश इको विकास बोर्ड
- मध्य प्रदेश इको पर्यटन बोर्ड मध्य प्रदेश वन विभाग के अंतर्गत एक स्वशासी संस्था है ।जिसका गठन 17 जुलाई 2005 को किया गया था । इस बोर्ड के द्वारा 144 क्षेत्रों को अधिसूचित किया गया है जिनमें 99 मनोरंजन क्षेत्र तथा 13 वन्य प्राणी क्षेत्र सम्मिलित है।
मध्यप्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण
- आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के प्रावधानों के अंतर्गत प्रदेश में मध्य प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का गठन 5 सितंबर 2007 को किया गया।
आपदा प्रबंधन संस्थान
- आपदा प्रबंधन संस्थान का गठन वर्ष 1987 में भोपाल में घटित रासायनिक आपदा (भोपाल गैस त्रासदी) की प्रतिक्रिया स्वरुप किया गया था। यह संस्थान राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को विभिन्न आपदा संबंधी दिशा निर्देशों के निर्माण में तथा आपदा संबंधी नीति निर्धारण में सहयोग प्रदान करता है।
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