मध्य प्रदेश की नदियां एवं अपवाह तंत्र | Rivers of MP and drainage System
मध्य प्रदेश की नदियां एवं अपवाह तंत्र
- निश्चित वाहिकाओं या नदियों के माध्यम से हो रहे जल प्रवाह को अपवाह तथा इन वाहिकाओं या नदियों के जाल को अपवाह तंत्र कहा जाता है। इस प्रकार अपवाह तंत्र से तात्पर्य किसी क्षेत्र की जल प्रवाह प्रणाली से है।
- किसी क्षेत्र का अपवाह तंत्र वहाँ की भू-वैज्ञानिक, समयावधि, चट्टानों की प्रकृति व संरचना स्थलाकृतिक ढाल, बहते हुए जल की मात्रा एवं बहाव की अवधि पर निर्भर करता है।
- एक नदी तंत्र (मुख्य नदी एवं उसकी सहायक नदियों सहित) द्वारा अपवाहित क्षेत्र को अपवाह द्रोणी कहा जाता है। एक अपवाह द्रोणी को दूसरी अपवाह द्रोणी से अलग करने वाली सीमा को जल विभाजक के नाम से जाना जाता है।
- जल विभाजक के रूप में कोई भी ऊँचा क्षेत्र जैसे- पर्वत या उच्च भूमि हो सकता है।
- बड़ी नदियों के जलग्रहण क्षेत्र को नदी द्रोणी जबकि छोटी नदियों व नालों द्वारा अपवाहित क्षेत्र को जल संभर कहा जाता है।
- नदियाँ आदिकाल से ही मानव के जीविकोपार्जन का साधन रही हैं। इसलिए नदियों के किनारे विश्व की अनेक मानव सभ्यताओं एवं संस्कृति का जन्म एवं विकास हुआ है। परिणामस्वरूप नदियों को सभ्यता का पालना कहा जाता है।
- मध्य प्रदेश के आर्थिक विकास में नदियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है, यहाँ लगभग सभी दिशाओं में नदियाँ प्रवाहित होती हैं। परन्तु यहां की अधिकांश नदियां उत्तर-पश्चिम दिशा में प्रवाहित होती हैं। इस राज्य में अधिकांशतः प्रायद्वीपीय नदियां प्रवाहित होती हैं।
- मध्य प्रदेश में स्थित मैकाल पर्वत श्रेणी, विंध्य पर्वत श्रेणी, सतपुड़ा पर्वत श्रेणी से प्रायद्वीपीय भारत की अधिकांश नदियां निकलती हैं। इसलिए मध्य प्रदेश को नदियों का मायका के नाम से जाना जाता है।
- मध्य प्रदेश में सबसे अधिक नदियां मैकाल श्रेणी से निकलती हैं। इसलिए इस श्रेणी को वॉटर शेड के नाम से जाना जाता है। मध्य प्रेदश के अपवाह तंत्र में विंध्य एवं सतपुड़ा श्रेणियाँ जल विभाजक का कार्य करती हैं।
मध्य प्रदेश में अपवाह तंत्र का विभाजन
मध्य प्रदेश में अपवाह तंत्र को छः प्रमुख भागों में बांटा गया है
अपवाह तंत्र | नदियाँ |
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गंगा अपवाह तंत्र | यमुना तंत्र- चंबल, सिंध, जामनी, बेतवा, धसान, केन, पैसुनी, बैािान आदि टोंस तंत्र- बीहर, ओदा, महान आदि सोन तंत्र- जोहिला, बनास, गोपद, रिहंद, कन्हार आदि |
नर्मदा अपवाह तंत्र | बरनार, बंजर, शेर, शक्कर, दूधी, देनवा, तवा, गंजाल हिरण, हथनी, तिन्दोली, बरना, कन्हार, मान, उटी आदि |
ताप्ती अपवाह तंत्र | पूर्णा, गिरना, गोपद, अनेर, अंबोरा, बाकी, बुरई, तितूर, उतावली, कालीभीत आदि |
गोदावरी अपवाह तंत्र |
बेनगंगा उपतंत्र- बाघ, वर्धा, बिजना, बामनथड़ी, थिर्री, ठेल, पेंच, वाम,सामरथावर आदि
पेंच उपतंत्र- कन्हान, कुलबेहरा, बावनथड़ी
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महानदी अपवाह तंत्र | हंसदो, मांड, इब, जोंक, लोंग, तेल आदि |
माही अपवाह तंत्र |
अनस, लरकी, जम्भार, पानम, कून, गोमा आदि
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