मध्यप्रदेश की प्रमुख नहरें | Major canals of Madhya Pradesh
मध्यप्रदेश की प्रमुख नहरें
मध्यप्रदेश में सिचाई के विभिन्न साधन नहर, तलाब, एवं अन्य स्त्रोत उपलब्ध हैं।
जिनमें प्रमुख रूप से नहरें सम्मिलत हैं। राज्य में नहरों के माध्यम से
सर्वाधिक सिंचाई चम्बल घाटी क्षेत्र, मध्य
मालवा एवं पूर्वी सतपुड़ा क्षेत्र में की जाती है।
वेनगंगा नहर Venganga Canal
- मध्य प्रदेश में सर्वप्रथम वर्ष 1923 में वेनगंगा नदी पर 45 किमी लंबी नहर का निर्माण किया गया है तथा इसमें दो अन्य 35 किमी लंबी शाखाएं निर्मित की गई हैं। प्रदेश के बालाघाट जिले और महाराष्ट्र के भंडारा जिले का क्षेत्र इस नहर द्वारा सिचिंत होता है।
हलाली
नहर
- यह नहर बेतवा नदी पर विदिशा जिले मे निर्मित की गई है।
- इससे विदिशा एवं रायसेन जिले का 73.5 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित की जाती है।
चम्बल
नहर
- यह नहर चम्बल नदी पर निर्मित की गई है।
- इससे प्रदेश के भिण्ड, मुरैना, शिवपुरी, मंदसौर, नीमच आदि जिलों की कुल 2.50 लाख हेक्टेयर भूमि को सिचित किया जाता है।
तवा नहर
- यह नहर तवा नदी पर होशंगाबाद जिले मे निर्मित की गई है।
- इससे होशंगाबाद जिले की लगभग 03 लाख हेक्टेयर भूमि सिचित की जाती है।
बारना
नहर
- यह रायसेन जिले की प्रमुख नहर है जो बारना नदी पर निर्मित की गई है।
- इससे रायसेन एवं सिहारे जिले का 64,400 हेक्टेयर भूमि सिंचित की जाती है।
देजला देवड़ा नहर
- यह नहर कुंदा नदी पर खरगोन जिले मे निर्मित की गई थी।
साटक नहर
- यह नहर साटक नदी पर खरगोन जिले में निर्मित की गई है।
माही नहर
- यह नहर माही नदी पर धर जिलें में निकाली गई है। इससे धर एवं झाबुआ जिले लाभान्वित होते है।
नर्मदा नहर
- नर्मदा नदी पर इससे खण्डवा, खरगोन, बड़वानी जिले लाभान्वित होते है।
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