वन संबंधी प्रमुख अधिनियम |Major Forest Act
वन संबंधी प्रमुख अधिनियम
- वन्य प्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972
- भारतीय वन अधिनियम, 1927 (1927 का 16)
- पशु अतिचार अधिनियम, 1871
- वन (संरक्षण) अधिनियम, 1980
- मध्य प्रदेश काष्ठ चिरान (विनियमन) अधिनियम, 1984
- मध्य प्रदेश वन उपज के करारों का पुनरीक्षण
अधिनियम, 1987
- मध्य प्रदेश वन भूमि शाश्वत पट्टा प्रतिसंहरण
अधिनियम, 1973
- मध्य प्रदेश वृक्षों का परिरक्षण (नगरीय
क्षेत्र) अधिनियम, 2002
- मध्य प्रदेश तेंदू पत्ता (व्यापार विनियमन)
अधिनियम, 1964
- मध्य प्रदेश वन उपज (व्यापार विनियमन) अधिनियम, 1969
- मध्य प्रदेश, आदिम जनजातियों का संरक्षण (वृक्षों में हित) अधिनियम, 1999
- अनुसूचित जनजाति तथा वन में परम्परा से रहने
वाले वनवासियों के (वन अधिकारों की मान्यता) अधिनियम, 2006
भारतीय वन अधिनियम 1927 Indian Forest Act 1927
- यह अधिनियम वनों, वन-उपज के अभिवहन और इमारती लकड़ी और अन्य वन-उपज पर उद्ग्रहणीय शुल्क से संबंधित है। जिसे 1927 के अधिनियम संख्याक 16 द्वारा 21 सितंबर 1927 को अधिनियमित किया गया था। वनों की उपज के अभिवहन एवं शुल्क से संबंधित यह अधिनियम राज्य में 01 नवंबर 1956 से लागू है। इसके अतिरिक्त, वन संरक्षण एवं प्रबंधन हेतु मध्य प्रदेश ग्राम वन अधिनियम 2015 तथा मध्य प्रदेश संरक्षित वन अधिनियम 04 जून 2015 से लागू हैं।
वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972
- यह अधिनियम देश की पारिस्थितिकीय एवं पर्यावरण सुरक्षा सुनिश्चत करने तथा वन्य जीवों, पक्षियों और पादपों के संरक्षण एवं आनुषांगिक विषयों पर उपबंध करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय स्तर पर 9 सितंबर 1972 को लागू किय गया था। जिसे मध्य प्रदेश में 15 नवंबर 1974 को लागू किया गया।
मध्य प्रदेश काष्ठ चिरान (विनियमन) अधिनियम1984
- यह अधिनियम , वनों एवं पर्यावरण की सुरक्षा तथा संरक्षण के लिए आरा मिलों की स्थापना और प्रवर्तन-सक्रिय तथा काष्ठ चिरान के व्यापार को लोकहित में विनियमित करने के उद्देश्य से 15 दिसम्बर 1983 को लागू किया गया था।
वन सरंक्षण अधिनियम 1980
- यह अधिनियम वनों के संरक्षण तथा उनसे जुडत्रे विवादों के लिए अथवा उसके सहायक या आनुषंगिक विषयों के लिए उपबंध करने हेतु 25 अक्टूबर 1980 को लागू किय गया था।
मध्य प्रदेश वन उपज (व्यापार विनियमन) अधिनियम 1969
- यह अधिनियम, इमारती लकड़ी को छोड़कर समस्त वन उपज के व्यापार विनियमन के उद्देश्य से 01 नवंबर 1969 को लागू किया गया था।
मध्य प्रदेश तेंदूपत्ता (व्यापार विनियमन)
अधिनियम 1964
- यह अधिनियम, तेंदूपत्ता के व्यापार को लोकहित में विनियमित करने तथा तेंदूपत्ता व्यापार में राज्य का एकाधिकार स्थापित करने के उद्देश्य से 28 नवंबर 1964 को लागू किया गया था।
मध्य प्रदेश वन भूमि शाश्वत पट्टा प्रतिसंहरण
अधिनिपयम 1973
- यह अधिनियम मध्यप्रदेश में वन भूमि के समस्त शाश्वत पट्टों का प्रतिसंहरण करने तथा उससे संबंधित विषयों के लिए 1 अक्टूबर 1973 को लागू किया गया था।
मध्य प्रदेश लोक वानिकी अधिनियम 2001
- यह अधिनियम प्रदेश में निजी और राजकीय वृक्ष आच्छादित क्षेत्रों के प्रबंधन तथा आनुषंगिक विषयों को विनियमित करने के उद्देश्य से 12 अप्रैल 2001 को लागू किया गया था।
जैव विधिता अधिनियम 2002
- यह अधिनियम जैविक संसाधनों के अनुसंधान एवं जैव सर्वेक्षण को सहज एवं सुलभ बनाने के उद्देश्य से 21 नवंबर 2014 को लागु किया गया था।
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