नीति आयोग के बारे में जानकारी | NITI Ayog in Hindi
NITI ( National Institution of Transforming India)
- नीति आयोग का गठन योजना आयोग के स्थान पर 1 जनवरी 2015 को किया गया ।
- नीति आयोग अग्रेजी शब्द NITI ( National Institution of Transforming India) से लिया गया है जिसका हिदी मे मतलब राष्ट्रिय भारत परिवर्तन संस्थान है ।
वर्तमान में नीति आयोग की
संरचना
- अध्यक्ष श्री नरेन्द्र मोदी माननीय प्रधानमंत्री
- उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार
पूर्णकालिक सदस्य
- डॉ. बिबेक देबरॉय
- श्री वी.के. सारस्वत श्री रमेश चंद
पदेन सदस्य
- श्री राजनाथ सिंह गृह मंत्री
- श्री अरूण जेटली, वित्त मंत्रीय कारपोरेट मामलों के मंत्री
- श्री सुरेश प्रभु रेल मंत्री
- श्री राधा मोहन सिंह, कृषि मंत्री
विशेष आमंत्रित
- श्री नितिन गडकरी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रीय और जहाजरानी मंत्री
- श्री थावरचंद गहलोत सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री
- श्रीमती स्मृति जुबिन ईरानी कपड़ा मंत्री।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी
- श्री अमिताभ कांत
नीति आयोग के बारे मे विस्तार से जानकारी
- 1 जनवरी, 2015 को योजना आयोग के स्थान पर केंद्रीय मंत्रिमंडल के एक संकल्प पर नीति आयोग का गठन किया गया। इसमें सहकारी संघवाद की भावना को केंद्र में रखते हुए अधिकतम शासन, न्यूनतम सरकार के दृष्टिकोण की परिकल्पना को स्थान दिया गया।
अध्यक्ष: प्रधानमंत्री
उपाध्यक्ष: प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त
संचालन परिषद: सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रशासित प्रदेशों के
उपराज्यपाल।
क्षेत्रीय परिषद: विशिष्ट क्षेत्रीय मुद्दों को संबोधित करने के लिये प्रधानमंत्री
या उसके द्वारा नामित व्यक्ति मुख्यमंत्रियों और उपराज्यपालों की बैठक की
अध्यक्षता करता है।
तदर्थ सदस्यता: अग्रणी अनुसंधान संस्थानों से बारी-बारी से 2 पदेन सदस्य।
पदेन सदस्यता: प्रधानमंत्री द्वारा नामित केंद्रीय मंत्रिपरिषद के अधिकतम चार
सदस्य।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO): भारत सरकार का सचिव जिसे प्रधानमंत्री द्वारा एक निश्चित कार्यकाल
के लिए नियुक्त किया जाता है।
विशेष आमंत्रित: प्रधानमंत्री द्वारा नामित विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञ।
नीति
आयोग के उद्देश्य
- संघीय सहभागिता की भावना को बढ़ाने के लिये राज्यों को निरंतर संरचित समर्थन तंत्र के माध्यम से सहयोग प्रदान करना।
- ग्रामीण स्तर पर विश्वसनीय योजनाएँ बनाने के लिये तंत्र विकसित करना और सरकार के उच्च स्तरों तक इसे उत्तरोत्तर विकसित करना।
- राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों में आर्थिक रणनीति और नीतियाँ शामिल की गई हैं।
- समाज के उन वर्गों पर विशेष ध्यान देना जो आर्थिक प्रगति से पर्याप्त रूप से लाभान्वित नहीं हैं।
- प्रमुख हितधारकों, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय थिंक टैंक जैसे शैक्षिक और नीति अनुसंधान संस्थानों के बीच भागीदारी को प्रोत्साहित करना।
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों, चिकित्सकों तथा अन्य भागीदारों के सहयोग से ज्ञान, नवाचार और उद्यमशीलता की सहायता प्रणाली बनाना।
- विकास एजेंडा के कार्यान्वयन में तेज़ी लाने के लिये अंतर-क्षेत्रीय और अंतर-विभागीय मुद्दों के समाधान हेतु एक मंच प्रदान करना।
- राज्यों को कला संसाधन केंद्र के रूप में स्थापित करने, शासन पर शोध का केंद्र बनाने एवं सतत और न्यायसंगत विकास में सर्वोत्तम तरीके अपनाने तथा विभिन्न हित धारकों तक उनको पहुँचाना।
- योजना का विकेंद्रीकरण है, लेकिन पंचवर्षीय योजना के भीतर।
- परंपरागत नौकरशाही के स्थान पर विशेषज्ञता और प्रदर्शन के आधार पर ज़िम्मेदारियाँ तय करना।
- नीति आयोग समय के साथ परिवर्तन के एक एजेंट के रूप में उभर सकता है और सार्वजनिक सेवाओं की बेहतर डिलीवरी करने तथा उसमें सुधार के एजेंडे में योगदान दे सकता है।
- नीति आयोग में देश में कुशल, पारदर्शी, नवीन और जवाबदेह शासन प्रणाली का प्रतिनिधि बनने की क्षमता है।
- योजना आयोग की तुलना में नीति आयोग को अधिक विश्वसनीय बनाने के लिये इसे बजटीय प्रावधानों में स्वतंत्रता होनी चाहिये और यह योजना तथा गैर-योजना के रूप में नहीं बल्कि राजस्व और पूंजीगत व्यय की स्वतंत्रता के रूप में होनी चाहिये। इस पूंजीगत व्यय की वृद्धि से अर्थव्यवस्था में सभी स्तरों पर बुनियादी ढाँचे का घाटा दूर हो सकता है।
क्या मटेरियल है भाई एकदम रट लेने योग्य
ReplyDeleteYes I like it
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