मध्य प्रदेश में प्रोजेक्ट टाइगर|Project Tiger in Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश में प्रोजेक्ट टाइगर
विश्व में टाइगर प्रोजेक्ट का जन्मदाता गेनी
मेन फोर्ड है, जबकि भारत में प्राजेक्ट टाइगर के
जन्मदाता कैलाश सांखल्या को माना जाता है। वर्ष 2018-19 की रिपोर्ट के अनुसार
मध्यप्रदेश में बाघों की संख्या 526 है। इस रिपोर्ट के अनुसार मध्य प्रदेश
सर्वाधिक बाघों वाला राजय है।
- प्रतिवर्ष 29 जुलाई को बाघ दिवस मनाया जाता है। वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के अंतर्गत वर्ष 1997 से प्रदेश के सभी टाइगर प्रोजेक्ट्स में टाइगर फाउण्डेशन सोसायटी की स्थापना की गई है। राष्ट्रीय स्तर पर बाघों के संरक्षण हेतु प्रोजेक्ट टाइगर योजना 1 अप्रैल 1973 से लागू की गई थी।
- मध्य प्रदेश में वर्ष 1974 में सर्वप्रथम कान्हा किसली राष्ट्रीय उद्यान को प्रोजेक्ट टाइगर का प्रारंभ किया गया।
- वर्ष 1981 में मध्य प्रदेश सरकार ने दूधराज (शाह ए बुलबुल) को राजकीय पक्षी घोषित किया इसे महारानी हुसैनी बुलबुल व पैराडाइज फ्लाइकेचर के नाम से भी जाना जाता है।
- थिक्रा पक्षी ( पपीहा जैसा दिखने वाला शिकारी पक्षी) मध्य प्रदेश में सर्वाधिक संख्या में पाया जाता है।
- वर्ष 1971 में सर्वप्रथम मध्य प्रदेश के वनों में शिकार करने पर प्रतिबंध लगाया गया तथा 24 अक्टूबर 1989 को अधिसूचना जारी कर वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत सभी प्रकार के वन्य प्राणियों एवं पक्षियों का शिकार पूर्णतः प्रतिबंधित कर दिया गया।
- मध्य प्रदेश में 6 राष्ट्रीय उद्यानों के अतिरिक्त रायसेन स्थित रातापानी अभ्यारण भी प्रोजेक्ट टाइगर के अंतर्गत सम्मिलित है।
मध्य प्रदेश में प्रोजेक्ट टाइगर का विस्तार
- कान्हा किसली
- बांधवगढ़
- पेंच
- पन्ना
- सतपुड़ा
- संजय गांधी
- रातापानी अभ्यारण
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प्रोजेक्ट टाईगर (बाघ बचाओ परियोजना) की शुरुआत ७ अप्रैल 1973 को हुई थी।
ReplyDeleteThe Govt. of India had launched “Project Tiger” on 1st April 1973 to promote conservation of the tiger.
Deleteहां
DeleteThe Govt. of India had launched “Project Tiger” on 1st April 1973 to promote conservation of the tiger.
ReplyDeleteNTCA - TIGERNET Visti Govt Site For Further Details
https://www.tigernet.nic.in/aboutntca.html
Osm
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