Mobile Apps & Portals Launched by Government of India
किसान रथ Kisan Rath
- 17 अप्रैल, 2020 को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय (Union Ministry of Agriculture & Farmers' Welfare) ने कृषि आधारित आपूर्ति श्रृंखलाओं में विघटन (विशेष रूप से खराब होने वाली उपज के लिये) को कम करने के लिये किसान रथ (Kisan Rath) मोबाइल ऐप्लिकेशन लाॅन्च किया।
- इस मोबाइल एप्लिकेशन को राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (National Informatics Centre) द्वारा विकसित किया गया है जो किसानों एवं व्यापारियों को उनकी उपज को स्थानांतरित करने के लिये वाहनों को खोजने में मदद करेगा।
- इस नेटवर्क में प्राथमिक एवं द्वितीयक परिवहन दोनों को शामिल किया गया है।
- प्राथमिक परिवहन में वे वाहन शामिल किये गए हैं जो कृषि उपज को खेत से मंडियों, स्थानीय गोदामों या किसान उत्पादक संगठनों (Farmer Producer Organisations) के संग्रह केंद्रों तक लेकर जाते हैं।
- द्वितीयक परिवहन में वे वाहन शामिल किये गए हैं जो कृषि उत्पादों को स्थानीय मंडियों से लेकर राज्यस्तरीय मंडियों/राज्य के बाहर की मंडियों, प्रसंस्करण इकाइयों, रेलवे स्टेशनों, गोदामों या थोक विक्रेताओं तक लेकर जाते हैं।
आरोग्य सेतु (Aarogya Setu)
केंद्र सरकार ने
COVID-19 के मामलों को
ट्रैक करने हेतु ‘आरोग्य सेतु’ (Aarogya Setu) नामक एक एप लॉन्च किया है।
- आरोग्य सेतु एप को सार्वजनिक-निजी साझेदारी (Public-Private Partnership) के जरिये तैयार एवं गूगल प्ले स्टोर पर लॉन्च किया गया है।
- इस एप का मुख्य उद्देश्य COVID-19 से संक्रमित व्यक्तियों एवं उपायों से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराना होगा।
- यह एप 11 भाषाओं में उपलब्ध है और साथ ही इसमें देश के सभी राज्यों के हेल्पलाइन नंबरों की सूची भी दी गई है।
विशेषताएँ:
- किसी व्यक्ति में कोरोनावायरस के जोखिम का अंदाज़ा उनकी बातचीत के आधार पर करने हेतु आरोग्य सेतु ऐप द्वारा ब्लूटूथ तकनीक, एल्गोरिदम (Algorithm), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का प्रयोग किया जाएगा।
- एक बार स्मार्टफोन में इन्स्टॉल होने के बाद
यह एप नज़दीक के किसी फोन में आरोग्य सेतु के इन्स्टॉल होने की पहचान कर सकता है।
- यह एप कुछ मापदंडों के आधार पर संक्रमण के जोखिम का आकलन कर सकता है।
सहयोग’ (SAHYOG) एप
- भारतीय सर्वेक्षण विभाग (Survey of India-SoI) ने सरकारी एजेंसियों
और स्वास्थ्य देखभाल पेशेवरों को COVID-19 के प्रकोप के दौरान
महत्त्वपूर्ण निर्णय लेने में मदद करने के लिये अनिवार्य आँकड़ों की आवश्यकता को ध्यान
में रहते हुए बुनियादी ढाँचे पर डेटा एकत्र करने हेतु एक नया प्लेटफॉर्म तैयार किया
है। इस प्लेटफॉर्म पर बायोमेडिकल वेस्ट डिस्पोज़ल,
COVID-19 समर्पित अस्पतालों, इंडियन काउंसिल ऑफ
मेडिकल रिसर्च (ICMR) की परीक्षण प्रयोगशालाओं
और क्वारंटाइन शिविरों के संबंध में जानकारी एकीकृत की जाएगी। इस प्लेटफॉर्म का समर्थन
करने के लिये ‘सहयोग’ (SAHYOG) नामक एक मोबाइल एप्लिकेशन
भी बनाई गई है। यह एप सामुदायिक कार्यकर्त्ताओं की मदद से स्थान विशिष्ट डेटा एकत्र
करने में मदद करेगा। सरकार द्वारा आवश्यक सूचना मापदंडों को ‘सहयोग’ (SAHYOG) एप में शामिल किया
गया है, जो संपर्क ट्रेसिंग, जन जागरूकता और स्व-मूल्यांकन उद्देश्यों के मामले
में सरकार के आरोग्य सेतु एप (Aarogya Setu) में इज़ाफा करेगा।
मदर्स फॉर स्पोर्ट्स एंड फिटनेस ऐप (Mothers For Sports And Fitness App)
- इस ऐप में सभी खेल के मैदानों एवं मैदानों से संबंधित कर्मचारियों का विवरण होगा।
- यह कोच से संबंधित सभी प्रकार की जानकारी और सरकार द्वारा संचालित खेल के मैदानों में उपलब्ध सुविधाओं के बारे में सूचना प्रदान करेगा।
- यह ऐप खेल के मैदानों की अवस्थिति को प्रदर्शित करेगा ठीक वैसे ही जैसे टैक्सी ऐप (ओला, उबर आदि) उपलब्ध टैक्सी की अवस्थिति को प्रदर्शित करते है।
उमंग एप (Umang App)
- उमंग एप की सहायता से सभी बड़ी सरकारी सेवाओं को एक प्लेटफॉर्म पर एक्सेस करने में आसानी होगी। वर्तमान में इस कार्य के लिये वेब, एस.एम.एस. एवं आई.वी.आर. जैसी व्यवस्थाओं का प्रयोग किया जा रहा है।
- इस एप में आधार, डिजीलॉकर, भारत बिल पेमेंट सिस्टम जैसी बहुत सी महत्त्वपूर्ण सुविधाएँ भी शामिल की गई हैं।
- इतना ही नहीं उमंग एप को कर का भुगतान करने, एल.पी.जी. सिलेंडर की बुकिंग करने तथा पी.एफ. एकाउंट इत्यादि डिजिटल सुविधाओं के संदर्भ में इस्तेमाल किया जा सकता है।
‘प्रगयाम’ एप
- झारखंड सरकार ने राज्य में लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं की डिलीवरी में लगे प्रत्येक व्यक्ति को ई-पास जारी करने के लिये ‘प्रगयाम’ नाम से एक मोबाइल एप शुरू किया है। एंड्रोएड प्लेटफॉर्म पर चलने वाला और स्थानीय तौर पर डिज़ाइन किया गया यह एप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। ज़िला यातायात अधिकारी इस एप पर अपलोड किये गए दस्तावेजों की जाँच के बाद गाड़ियों को ऑनलाइन ई-पास जारी कर सकते हैं। यह एप 21 दिन की लॉकडाउन अवधि के दौरान रोज़मर्रा की मेडिकल, बैकिंग और अन्य आवश्यक सेवाओं तथा आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करेगा। झारखंड सरकार के अनुसार, किसी भी तरह की अनियमितता या नकली पास दिखाने पर व्यक्ति के विरुद्ध सुसंगत धाराओं के तहत आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अधिसूचना के अनुसार, एप के माध्यम से मिलने वाले पास के अप्रूवल के लिये ज़िला स्तरीय पदधिकारियों की विभिन्न टीमें बनाई गई हैं।
दीक्षा पोर्टल (DIKSHA Portal)
- मानव संसाधन विकास मंत्रालय (Ministry of Human Resource Development- MHRD) द्वारा शिक्षकों के लिये राष्ट्रीय डिजिटल माध्यम दीक्षा पोर्टल की शुरुआत की गई।
- दीक्षा पोर्टल की शुरुआत शिक्षक समुदाय को समाचार, किसी प्रकार की घोषणा, आकलन तथा शिक्षक प्रशिक्षण सामग्री उपलब्ध कराने के लिये की गई थी।
- इस पोर्टल पर शिक्षकों को ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से प्रशिक्षण प्राप्त होगा।
- यह पोर्टल शिक्षकों को टीचर एजुकेशन इंस्टीट्यूट (Teacher Education Institutes- TEIs) में शामिल होने के उद्देश्य से शिक्षकों को स्वयं निर्देशित करने में मदद करेगा।
- यह नियमित स्कूल पाठ्यक्रम के बाद, NCERT पाठ्यपुस्तकों और पाठों (lessons) तक पहुँच प्रदान करता है।
उन्नयन:
मेरा मोबाइल मेरा विद्यालय
- बिहार शिक्षा परियोजना परिषद (Bihar Education Project Council-BEPC) ने राज्य के सरकारी स्कूलों में पढने वाले 6वीं से 12वीं तक के छात्रों के लिये ‘उन्नयन बिहार कार्यक्रम’ के तहत ‘उन्नयन: मेरा मोबाइल मेरा विद्यालय’ नामक मोबाइल एप की शुरुआत की है। इस एप के माध्यम से लॉकडाउन के दौरान घरों में रहकर भी छात्र अपनी पढाई कर सकेंगे। इस एप पर 6वीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्र किसी भी विषय विशिष्ट की पुस्तकें डाउनलोड कर उसे पढ़ सकते हैं। इस एप पर पढाई के साथ-साथ प्रश्न भी पूछ सकते हैं। इसके अलावा BEPC ने स्कूली छात्रों के लिये अध्ययन सामग्री के ऑडियो प्रसारण हेतु ऑल इंडिया रेडियो (AIR) के साथ कार्य करने की भी योजना बना रहा है। ध्यातव्य है कि अब तक ‘उन्नयन बिहार कार्यक्रम’ के तहत केवल 8वीं कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक की सामग्री ही उपलब्ध कराई गई थी, किंतु अब इस एप पर 6वीं से लेकर 12वीं तक का कंटेंट अपलोड किया जाएगा। इसके अलावा BEPC कक्षा 4 और 5 के लिये सामग्री उपलब्ध कराने पर भी कार्य कर रहा है, इन कक्षाओं के लिये सामग्री तैयार की जा रही है। उल्लेखनीय है कि कोरोनावायरस के तीव्र प्रसार को रोकने के लिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 21 दिन के लिये देशव्यापी लॉकडाउन की घोषणा की गई थी, जिसे मौजूदा परिस्थिति के मद्देनज़र और अधिक बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है, ऐसी स्थिति में स्कूली छात्रों की पढाई सर्वाधिक प्रभावित हो रही है।
मोबाइल एप कूर्मा Mobile app KURMA
- 23 मई, 2020 को विश्व कछुआ दिवस (World Turtle Day) पर कछुआ संरक्षण के लिये कूर्मा (KURMA) नामक एक मोबाइल-आधारित एप्लिकेशन लॉन्च किया गया था।
- इस एप को ‘टर्टल सर्वाइवल अलायंस-इंडिया’ (Turtle Survival Alliance-India) और ‘वाइल्डलाइफ कंज़र्वेशन सोसाइटी-इंडिया’ (Wildlife Conservation Society-India) के सहयोग से ‘इंडियन टर्टल कंज़र्वेशन एक्शन नेटवर्क’ (Indian Turtle Conservation Action Network- ITCAN) द्वारा विकसित किया गया है।
- यह एप न केवल उपयोगकर्त्ताओं को देश भर में कछुओं की प्रजातियों की पहचान करने के लिये डेटाबेस प्रदान करता है बल्कि निकटतम संरक्षण केंद्र की अवस्थिति भी बताता है।
- यह एक डिजिटल डेटाबेस के रूप में कार्य करता है जिसमें भारत के ताजे जल के कछुओं सहित कछुओं की 29 प्रजातियों को शामिल किया गया है।
- इसमें कछुओं की पहचान, वितरण, स्थानीय नाम एवं खतरों के बारे में जानकारी दी गई है।
पीएम स्व निधि एप
- रेहड़ी-पटरी तथा फेरी लगाने वाले दुकानदारों को आसानी से लघु ऋण की सुविधा देने हेतु प्रधानमंत्री स्ट्रीरट वेंडर्स आत्म़निर्भर निधि (पीएम स्व निधि) योजना का मोबाइल एप जारी किया गया है।
- पीएम स्वतनिधि मोबाइल एप का उद्देश्य छोटे दुकानदारों के लिये ऋण आवेदन की प्रक्रिया को आसान बनाना और संबंधित संस्थाानों तक सरल पहुँच प्रदान करना है।
- इस मोबाइल एप के माध्यम से योजना को बेहतर तरीके से लागू करने में मदद मिलेगी और लघु ऋण तक छोटे दुकानदारों की पहुँच आसान होगी।
ASPIRE
- ‘इंटरनेशनल सेंटर ऑफ ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी’ (International Centre of Automotive Technology- ICAT) ऑटोमोटिव इंडस्ट्री के लिये एएसपीआईआरई (ASPIRE - ऑटोमोटिव सॉल्यूशंस पोर्टल फॉर इंडस्ट्री, रिसर्च एंड एजुकेशन) नामक टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म विकसित कर रहा है।
- इस पोर्टल का मुख्य उद्देश्य भारतीय मोटर वाहन उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने की सुविधा प्रदान करना है।
- इस मिशन के उद्देश्य को विभिन्न संबद्ध तरीकों से हितधारकों को एक साथ ला कर नवाचार एवं वैश्विक तकनीकी प्रगति को अपनाने में सहायता करके प्राप्त किया जाएगा।
ATL App Development Module
- नीति आयोग (NITI Aayog) के अटल इनोवेशन मिशन ने देशभर में स्कूली छात्रों के लिये ‘एटीएल एप डवलपमेंट मॉड्यूल’ (ATL App Development Module) लॉन्च किया।
- यह एप डवलपमेंट मॉड्यूल भारतीय स्टार्टअप प्लेज़्मो (Plezmo) के सहयोग से लॉन्च किया गया है।
- इसका उद्देश्य अटल इनोवेशन मिशन के प्रमुख कार्यक्रम ‘अटल टिंकरिंग लैब्स’ के तहत आने वाले समय में स्कूली छात्रों के कौशल में सुधार करना है और उन्हें एप उपयोगकर्त्ता से एप निर्माणकर्त्ता बनाना है।
- ‘एटीएल एप डवलपमेंट मॉड्यूल’ एक ऑनलाइन कोर्स है जो पूरी तरह निःशुल्क है।
- इसमें 6 प्रोजेक्ट-आधारित लर्निंग मॉड्यूल और ऑनलाइन पाठ्यक्रम सत्रों के माध्यम से युवा नवोन्मेषी विभिन्न भारतीय भाषाओं में मोबाइल एप बनाना सीख सकते हैं और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकते हैं।
- इसके अतिरिक्त स्कूली शिक्षकों में एप विकसित करने की क्षमता एवं कौशल निर्माण के लिये अटल इनोवेशन मिशन एप विकास पाठ्यक्रम पर आवधिक शिक्षक प्रशिक्षण सत्र आयोजित करेगा।
असीम ASEEM
- 10 जुलाई, 2020 को भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (Ministry of Skill Development and Entrepreneurship) ने असीम (ASEEM) पोर्टल लॉन्च किया।
- असीम (ASEEM) पोर्टल का पूर्ण रूप 'आत्मनिर्भर कुशल कर्मचारी-नियोक्ता मानचित्रण (Aatamanirbhar Skilled Employee Employer Mapping) है।
- असीम पोर्टल जो मोबाइल एप के रूप में भी उपलब्ध है, को बंगलुरु स्थित कंपनी बेटरप्लेस के सहयोग से राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (National Skill Development Corporation) द्वारा विकसित एवं प्रबंधित किया गया है।
- इस पोर्टल का उद्देश्य असीम पोर्टल पर उपलब्ध डेटा का विश्लेषण करके नीति निर्धारण में सहायता प्रदान करना है।
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