अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस 1 मई | World Labour day 2020 | Majdur Divas
Labour Day |
- अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस को अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस और मई दिवस के नाम से भी जाना जाता है जो अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक संघ को प्रचारित और बढ़ावा देने के लिये अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाता है.
- इसे पूरे विश्व भर में 1 मई को मनाया जाता है जो यूरोप में पारंपरिक गर्मी के अवकाश के रुप में घोषित किया गया है।
- इसे दुनिया के लगभग 80 देशों में राष्ट्रीय अवकाश के रुप में भी घोषित किया गया है जबकि बहुत सारे देशों में इसे अनाधिकारिक तौर पर मनाया जाता है।
- कई देशों में श्रमिक दिवस अलग-अलग दिनांकों को भी मनाया जाता है-
दिनांक | देश |
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1 मई | 165 |
7 सितम्बर | 9 |
4 मई | 6 |
8 मई | 3 |
23 मई | जमैका |
अंतर्राष्ट्रीय श्रमिक दिवस का इतिहास
- अंतरराष्ट्रीय मज़दूर दिवस विश्व स्तर का एक बड़ा उत्सव है और इसे 4 मई 1886 के दिन को याद करने के लिये मनाया जाता है।
- शिकागो में हेयरमार्केट घटना (हेयरमार्केट हत्याकाण्ड), ये उस वर्ष का एक बड़ा कार्यक्रम था जब मज़दूर अपने आठ घंटे के कार्य-दिवस के लिये आम हड़ताल पर थे और पुलिस आम लोगों को भीड़ से तितर-बितर करने का अपना कार्य कर रही थी। अचानक से, एक अनजाने व्यक्ति के द्वारा भीड़ पर एक बम फेंका गया और पुलिस ने गोली चलाना शुरु कर दिया जिसमें चार प्रदर्शनकारी मारे गये।
- रेमण्ड लेविग्ने के द्वारा एक प्रस्ताव के माध्यम से पेरिस के मीटिंग में (1889 में) मई दिवस के रुप में वार्षिक आधार पर इसे मनाने का फैसला किया गया कि श़िकागों विद्रोह के वर्षगाँठ को मनाने के लिये अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन की जरुरत है।
- वर्ष 1891 में, वार्षिक कार्यक्रम के रुप में मनाने के लिये दूसरे अंतरराष्ट्रीय काँग्रेस के द्वारा मई दिवस को आधिकारिक स्वीकृति मिली थी।
भारत में श्रमिक दिवस का इतिहास
- भारत में श्रमिक दिवस को कामकाजी आदमी व् महिलाओं के सम्मान में मनाया जाता है.
- मजदूर दिवस को पहली बार भारत में मद्रास (जो अब चेन्नई है) में 1 मई 1923 को मनाया गया था।
- इसकी शुरुआत लेबर किसान पार्टी ऑफ़ हिंदूस्तान ने की थी. इस मौके पर पहली बार भारत में आजादी के पहले लाल झंडा का उपयोग किया गया था.
- इस पार्टी के लीडर सिंगारावेलु चेत्तिअर ने इस दिन को मनाने के लिए 2 जगह कार्यक्रम आयोजित किये थे. पहली मीटिंग ट्रिपलीकेन बीच में व् दूसरी मद्रास हाई कोर्ट के सामने वाले बीच में आयोजित की गई थी.
- सिंगारावेलु ने भारत के सरकार के सामने दरख्वास्त रखी थी, कि 1 मई को मजदूर दिवस घोषित कर दिया जाये, साथ ही इस दिन नेशनल हॉलिडे रखा जाये.
मई दिवस क्यों मनाया जाता है?
- आठ घंटे के कार्य-दिवस की जरुरत को बढ़ावा देने के लिये साथ ही संघर्ष को खत्म करने के लिये अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस या मई दिवस मनाया जाता है।
- पूर्व में मजदूरों की कार्य करने की स्थिति बहुत ही कष्टदायक थी और असुरक्षित परिस्थिति में भी 10 से 16 घंटे की कार्य-दिवस था।
- 1860 के दशक के दौरान मजदूरों के लिये कार्यस्थल पर मृत्यु, चोट लगना और दूसरी डरावनी परिस्थिति बेहद आम बात थी और पूरे कार्य-दिवस के दौरान काम करने वाले लोग बहुत क्षुब्ध थे जब तक कि आठ घंटे का कार्य-दिवस घोषित नहीं कर दिया गया।
- मजदूरों की अमेरिकन संघ के द्वारा 1884 में श़िकागो के राष्ट्रीय सम्मेलन में मजदूरों के लिये वैधानिक समय के रुप में आठ घंटे को घोषित किया गया।
- हेयमार्केट नरसंहार की घटना को याद करने के लिये मई दिवस मनाया जाता है।
भारत में मजदूर दिवस समारोह (Labour Day Celebration in India) –
- श्रमिक दिवस को ना सिर्फ भारत में बल्कि पुरे विश्व में एक विरोध के रूप में मनाया जाता है. ऐसा तब होता है जब कामकाजी पुरुष व् महिला अपने अधिकारों व् हित की रक्षा के लिए सड़क पर उतरकर जुलुस निकालते है.
- विभिन्न श्रम संगठन व् ट्रेड यूनियन अपने अपने लोगों के साथ जुलुस, रेली व् परेड निकालते है.
- जुलुस के अलावा बच्चों के लिए तरह तरह की प्रतियोगितायें होती है, जिससे वे इसमें आगे बढ़कर हिस्सा लें और एकजुटता के सही मतलब को समझ पायें.
1 मई महाराष्ट्र दिवस
- 1960 में बम्बई को भाषा के आधार पर 2 हिस्सों में विभाजित कर दिया गया था, जिससे गुजरात व् महाराष्ट्र को इसी दिन (1 मई) स्वतंत्र राज्य का दर्जा प्राप्त हुआ था. इसलिए मई दिवस के दिन महाराष्ट्र दिवस व् गुजरात दिवस के रूप में क्रमशः महाराष्ट्र व् गुजरात में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है.
अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस का थीम
वर्ष
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थीम
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2019
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“सभी के लिए स्थायी पेंशन: सामाजिक
भागीदारों की भूमिका।” |
2018
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सामाजिक और आर्थिक प्रगति के लिए
श्रमिकों को एकजुट करना था। |
2017
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अंतरराष्ट्रीय श्रम आंदोलन मनाना।
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2016
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अंतरराष्ट्रीय श्रम आंदोलन मनाना।
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2015
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“आइये शांति, एकजुटता और अच्छे कार्यों
द्वारा कैमरुन के बेहतर भविष्य का निर्माण करें”। |
2013
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“शुरुआती पूँजी सहायता के साथ बेरोज़गार
को उपलब्ध कराने के द्वारा कार्य को महत्व दिया जाये।” |
2012
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“दूरदर्शी व्यवसायी को मदद के द्वारा
रोजगार को बढ़ावा देना।” |
अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन (ILO)
- अंतरराष्ट्रीय श्रमिक संगठन (ILO) एक एजेंसी है जो संयुक्त राष्ट्र में उपस्थित है, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर श्रमिक मुद्दों को देखने के लिये स्थापित हुयी है।
- इसमें लगभग 185 सदस्य हैं।
- विभिन्न वर्गों के बीच में शांति प्रचारित करने के लिये, मजदूरों के मुद्दों को देखने के लिये, राष्ट्र को विकसित बनाने के लिये, उन्हें तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिये वर्ष 1969 में इसे नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था
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