Madhya Pradesh nadi Tantra | नर्मदा नदी तंत्र |चम्बल नदी तंत्र
मध्यप्रदेश का नदी तंत्र
- मध्यप्रदेश के नदी तंत्र में
नर्मदा, चम्बल, ताप्ती, सोन, बेतवा, काली सिंध, तवा, केन
इत्यादि नदियां सबसे प्रमुख हैं। मध्यप्रदेश की नदियों के बारे में सबसे रोचक
बात यह है कि यहां से बहने वाली नदियां प्रायद्वीपीय नदीं तंत्र ( विशेषतः
अरब सागर में गिरने वाली नदियां) तथा गंगा नदी तंत्र दोनों में शामिल हैं।
नर्मदा नदी तंत्र
- भारत की जैविक नदी के नाम से
विख्यात नर्मदा देश की पांचवीं तथा मध्यप्रदेश की सबसे लंबी नदी है।
- रेवा के नाम से सम्बोधित की जाने
वाली नर्मदा का उद्गम अनूपपुर जिले में 1057 मीटर
ऊँचाई पर स्थित अमरकंटक की चोटी से होता है। अमरकंटक मैकल पर्वत श्रृंखला के
अंतर्गत आता है।
- इस नदी की कुल लंबाई 1312 किलोमीटर है तथा मध्यप्रदेश में
इसकी लंबाई लगभग 1069
किलोमीटर है।
- यह नदी मध्यप्रदेश और गुजरात से
बहते हुये अरब सागर के खम्भात की खाड़ी में गिर जाती है। तथा यह अपने मुहाने
पर ज्वारनदमुख का निर्माण करती है।
- इसका बेसिन क्षेत्र मध्यप्रदेश के
साथ ही छत्तीसगढ़ महाराष्ट्र तथा गुजरात में फैला हुआ है।
- यह नदी विंध्य पर्वत तथा सतपुड़ा
पर्वत के मध्य रिफ्ट घाटी में बहती है और पश्चिम दिशा में बहने वाली यह भारत
की सबसे लंबी नदी है।
- नर्मदा नदी मध्यप्रदेश के अनूपपुर, डिंडोरी, मण्डला, जबलपुर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, हरदा, देवास, खंडवा, खरगोन, बड़वानी, धार तथा अलीराजपुर जिले से होकर
प्रवाहित होती है।
- नर्मदा नदी की सबसे लंबी सहायक नदी
तवा है। इनका संगम होशंगाबाद जिले में होता है।
- सुप्रसिद्ध धार्मिक स्थल
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग इसी नदी किनारे अवस्थित है।
नर्मदा की सहायक नदियां
- बायीं छोर से मिलने वाली नदियां - शेर, बंजर, शक्कर, दुधी, गंजल, कुण्डी, गोई, कर्जन
तथा तवा।
- दाईं छोर से मिलने वाली नदियां - हिरन, तेंदोनी, बर्ना, कोलार, मैन, उरी, हटनी, ओरांग तथा लोहार।
नर्मदा नदी पर स्थित प्रमुख बॉध एवं परियोजनायें
- सरदार सरोवर बॉध (राजपिपला-गुजरात, ) महेश्वर बॉध (खरगोन), इंदिरा सागर बॉध (खंडवा), ओंकारेश्वर बॉध (खंडवा) बरगी बॉध (जबलपुर) इत्यादि प्रमुख बॉध हैं जो की नर्मदा पर निर्मित हैं।
नर्मदा के प्रमुख जलप्रपात
कपिलधारा - यह जलप्रपात अनूपपुर में नर्मदा नदी के उद्गम स्थल पर ही स्थित है।
इसकी ऊँचाई लगभग 31 मीटर है। इसका नाम कपिलधारा सांख्य दर्शन के रचयिता सुप्रसिद्ध ऋषि
कपिल के नाम पर रखा गया है।
दूधधारा - कपिलधारा से निकट ही दूध धारा जलप्रपात भी अवस्थित है।
धुआंधार- यह जबलपुर के भेड़ाघाट में स्थित है। इसकी ऊंचाई लगभग 30 मीटर है।
जबलपुर के भेड़ाघाट में बहते हुये नर्मदा नदी
चम्बल नदी तंत्र
- देश की सबसे साफ पानी वाली नदियों
में से एक चम्बल नदी को प्राचीन काल में ‘ चर्मण्वती नदी‘ के
नाम से जाना जाता था।
- इस नदी की लंबाई 995 किलोमीटर है।
- इसका उद्गम महू के निकट जानापाव की
पहाड़ी में स्थित है तथा यह उत्तरप्रदेश में इटावा के निकट यमुना नदी में मिल
जाती है।
- यह नदी मध्यप्रदेश के मालवा
क्षेत्र, दक्षिण-पूर्वी राजस्थान, मध्यप्रदेश के चम्बल क्षेत्र तथा
दक्षिणी उत्तर प्रदेश से होकर बहती है।
- मध्यप्रदेश के चम्बल में इस नदी ने
बड़े-बड़े बीहड़ों का निर्माण किया है। यह क्षेत्र मृदा अपरदन का सबसे
उपयुक्त उदाहरण है।
- यह प्रदेश के धार, उज्जैन, रतलाम और मंदसौर जिले से बहते हुये
चौरासीगढ़ से राजस्थान में प्रवेश करती है।
- इस नदी के किनारे सबसे प्रमुख शहर
कोटा बसा हुआ है।
- देश की बड़ी-बड़ी परियोजनायें
जैसे- गांधी सागर बॉध (मंदसौर- नीमच), राणाप्रताप
सागर बॉध (रावतभाटा,
चित्तौड़गढ), जवाहर सागर बॉध (कोटा), तथा कोटा बैराज (कोटा), इसी नदी पर अवस्थित हैं
बायीं छोर से मिलने वाली प्रमुख नदियां- बनास, मेज, गम्भीर
इत्यादि।
चम्बल नदी से जुड़ी अन्य रोचक बातें
- भारत में सबसे ज्यादा घडि़याल इसी
नदी में पाए जाते हैं।
- इस नदी पर देश का एकमात्र नदी
अभयारण्य ‘ राष्ट्रीय चम्बल अभयारण्य‘ बनाया गया है, जो कि तीनों राज्यों ( मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तरप्रदेश) में
विस्तृत है।
- इस अभयारण्य की स्थापना 1978 में की गयी थी। इसमें घडि़यालों का
संरक्षण किया जा रहा है।
- यह अभयारण्य मध्यप्रदेश के वन
विभाग द्वारा प्रशासित होता है, जिसका
मुख्यालय मुरैना में अवस्थित है।
- इस नदी पर एक और अभयारण्य जवाहर
सागर अभयारण्य (कोटा) भी स्थित है।
- चम्बल नदी पर राष्ट्रीय वाटर ग्रिड
के तहत पार्वती- काली
सिंध-चम्बल लिंक
प्रस्तावित है।
ताप्ती नदी Tapti Nadi Tantra
- पश्चिम की ओर बहने वाली भारत की
दूसरी सबसे लंबी नदी ताप्ती का उद्गम स्थल सतपुड़ा पर्वत में स्थित है।
- यह नदी बैतूल जिले के मुलताई नामक
स्थान से निकलती है। यह स्थान 762 मीटर
ऊंचाई पर स्थित है।
- यह नदी लगभग 724 किलोमीटर लंबी है।
- इसका मुहाना अरब सागर के खम्भात की
खाड़ी में अवस्थित है। यह नदी अपने मुहाने पर ज्वारनदमुख का निर्माण करती है।
- यह सतपुड़ा पर्वत के दक्षिण तरफ से
बहती है।
- इसका प्रवाह क्षेत्र मध्यप्रदेश के
साथ-साथ महाराष्ट्र और गुजरात में भी स्थित है।
- ताप्ती के बेसिन क्षेत्र का सबसे
अधिक भाग महाराष्ट्र में स्थित है। मध्यप्रदेश में इसका बेसिन क्षेत्र 9804 वर्ग किलोमीटर है।
- गुजरात का सूरत शहर इस नदी पर
अवस्थित सबसे प्रमुख शहर है।
- इसकी सहायक नदियों में पूर्णा, अरूणावती, वाघुर, अनेर, गोमाई , बोरी, नालगंगा, विश्व गंगा, वाकी, पंजारा और गिरना प्रमुख है।
- इस नदी पर गुजरात में काकरापार
सिंचाई परियोजना व परमाणु उर्जा संयंत्र और उकाई जल विद्युत ताप केंद्र की
इकाई स्थित है।
सोन नदी Sone Nadi Tantra
- सोन नदी का उद्गम मैकल पर्वत पर
स्थित अमरकंटक की चोटी से होता है।
- यह दक्षिण की तरफ से गंगा में
मिलने वाली एकमात्र सहायक नदी है। यह ऐसी प्रायद्वीयपीय नदी है जो उत्तर की
ओर बहती है और प्रत्यक्ष रूप से गंगा अपवाह तंत्र का भाग है।
- इसे हिरण्यवाह नदी के नाम से भी
जाना जाता है।
- इसकी लंबाई 784 किलोमीटर है। यह मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, उत्तरप्रदेश,तथा बिहार से होकर बहती है।
मध्यप्रदेश में यह 500
किलोमीटर से
ज्यादा क्षेत्र में बहती है।
- इसकी प्रमुख सहायक नदियां जोहिला, गोपाल, रिहन्द और कुनहड हैं।
- इस नदी पर रीवा में बाणसागर बॉध
परियोजना बनाया गया है।
तवा नदी Tawa Nadi
- नर्मदा की सबसे बड़ी सहायक नदी तवा
का उद्गम स्थल मध्यप्रदेश के सतपुड़ा पहाड़ी के मध्य महादेव की पहाडि़योंमें
स्थित है। यह स्थल होशंगाबाद के पचमढ़ी में स्थित है।
- यह बैतूल और छिंदवाड़ा से बहते
हुये होशंगाबाद के बांद्राभान में नर्मदा नदी से मिल जाती है।
- होशंगाबाद में इस नदी पर तवा बॉध स्थित
है।
- बेतवा नदी
- भोपाल शहर के निकट से निकलने वाली
बेतवा नदी मध्यप्रदेश से बहतें हुये उत्तरप्रदेश के हमीरपुर में यमुना में समाहित
हो जाती है।
- इस नदी की लंबाई 654 किलोमीटर है।
- यह नदी भोपाल, विदिशा, अशोकनगर इत्यादि जिलों से बहते
हुये उत्तरप्रदेश में निकल जाती है।
- राज्य का प्रसिद्ध धार्मिक पर्यटक
स्थल ओरछा इसी नदी की किनारे स्थित है।
काली सिंध
- चम्बल की सहायक नदी काली सिंध
देवास जिले के बगली नमक स्थान से निकलती है। तथा यह राजस्थान के बैरन जिले
में चम्बल नदी में मिल जाती है।
- इसकी लंबाई 278 किलोमीटर है।
- इसकी सहायक नदियों में परबन तथा
निवाज है।
पार्वती
- चम्बल की सहायक नदी पार्वती उत्तरी
विंध्य पर्वतमाला में अवस्थित सीहोर जिले से निकलती है।
- यह नदी राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले में चम्बल से मिल जाती है।
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