प्रमुख योजना कार्यक्रम एवं मिशन 2020 | Pramukh Scheme Operation evam Mission 2020
भारत के प्रमुख योजना, कार्यक्रम एवं मिशन 2020
कामधेनु दीपावली अभियान Kamdhenu Deepawali Abhiyan
- राष्ट्रीय कामधेनु आयोग (Rashtriya Kamdhenu Aayog- RKA) ने इस वर्ष 2020 दीपावली त्योहार के अवसर पर ‘कामधेनु दीपावली अभियान’ (Kamdhenu Deepawali Abhiyan) मनाने के लिये एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है।
- ‘कामधेनु दीपावली अभियान’ का उद्देश्य गाय के गोबर से निर्मित उत्पादों को बढ़ावा देना है।
- गाय के गोबर से बने उत्पादों में दीपक, मोमबत्तियाँ, अगरबत्ती, पेपरवेट, देवी-देवताओं की मूर्तियाँ आदि शामिल हैं।
- RKA का उद्देश्य इस बार दीवाली पर गोबर से निर्मित 33 करोड़ दीपक जलाने के लिये 11 करोड़ परिवारों तक पहुँचना है।
कपिला’ कलाम कार्यक्रम ‘KAPILA’ Kalam Program
- 15 अक्तूबर, 2020 को केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय (Union Education Minister) ने पूर्व राष्ट्रपति एवं वैज्ञानिक डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम की 89वीं जयंती पर आविष्कारों के पेटेंट के प्रति जागरूकता हेतु बौद्धिक संपदा साक्षरता एवं जागरूकता शिक्षा अभियान (IP Literacy and Awareness Education Campaign) के लिये ‘कपिला’ कलाम कार्यक्रम (‘KAPILA’ Kalam Program) शुरू किया है।
- कपिला (KAPILA), आईपी (बौद्धिक संपदा) साक्षरता एवं जागरूकता के लिये कलाम कार्यक्रम [Kalam Program for IP (Intellectual Property) Literacy and Awareness] का संक्षिप्त नाम है।
- यह कार्यक्रम कॉलेजों एवं संस्थानों को अधिक-से-अधिक छात्रों को पेटेंट फाइल करने के लिये प्रोत्साहित करने की सुविधा प्रदान करेगा।
- इसके साथ ही 15 से 23 अक्तूबर तक 'बौद्धिक संपदा साक्षरता सप्ताह' (Intellectual Property Literacy Week) मनाने का भी निर्णय लिया
मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना
- मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में डोर
स्टेप राशन डिलीवरी योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना का नाम 'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' होगा।
- इस योजना के तहत अब लोगों को राशन
की दुकान पर नहीं जाना पड़ेगा। सरकार के द्वारा लोगों के दरवाजे पर सम्मानपूर्वक
राशन पहुँचाने की व्यवस्था की जाएगी।
- इस योजना के अंतर्गत भारतीय खाद्य निगम के
गोदाम से गेहूँ लिया जाएगा और उसे पिसवाया जाएगा, चावल और चीनी आदि की भी पैकिंग की जाएगी और उसे लोगों के घर-घर तक
पहुँचाया जाएगा।
मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना
आत्मनिर्भर भारत अभियान
- प्रधानमंत्री द्वारा 12 मई 2020 को संबोधित करते हुए 'आत्मनिर्भर भारत अभियान' की चर्चा की गई तथा आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की गई।
- ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण में वैश्वीकरण का बहिष्करण नहीं किया जाएगा अपितु दुनिया के विकास में मदद की जाएगी।
मिशन के चरण: मिशन को दो चरणों में लागू किया जाएगा:
प्रथम चरण:
- इसमें चिकित्सा, वस्त्र, इलेक्ट्रॉनिक्स, प्लास्टिक, खिलौने जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि स्थानीय विनिर्माण और निर्यात को बढ़ावा दिया जा सके।
द्वितीय चरण:
- इस चरण में रत्न एवं आभूषण, फार्मा, स्टील जैसे क्षेत्रों को प्रोत्साहित किया जाएगा।
आत्मनिर्भर भारत के पाँच स्तंभ:
- अर्थव्यवस्था (Economy):
- अवसंरचना (Infrastructure):
- प्रौद्योगिकी (Technolog):
- गतिशील जनसांख्यिकी (Vibrant Demography):
- मांग (Demand):
हरीथा हरम’ कार्यक्रम
- तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव ने 'हरीथा हरम' (Haritha Haaram) कार्यक्रम के छठे चरण का शुभारंभ किया है।
- हरीथा हरम कार्यक्रम के छठे चरण के दौरान लगभग 30 करोड़ पौधे लगाए जाएंगे।
- राज्य में यह वृक्षारोपण कार्यक्रम बड़े पैमाने पर रोज़गार पैदा करने में भी मदद करेगा, क्योंकि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) के तहत पौधे रोपने हेतु गड्ढे खोदने का कार्य दिया जाएगा।
- तेलंगाना का ‘हरीथा हरम’ कार्यक्रम राज्य सरकार द्वारा कार्यान्वित व्यापक वृक्षारोपण कार्यक्रम है, जिसके तहत राज्य में वृक्षों के क्षेत्र को 24 प्रतिशत से बढ़ाकर 33 प्रतिशत करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- इस कार्यक्रम का शुभारंभ 3 जुलाई, 2015 को तेलंगाना के तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा किया गया था।
- तेलंगाना का गठन एक भौगोलिक और राजनीतिक इकाई के रूप में 2 जून, 2014 को भारत के 29वें राज्य के रूप में किया गया था।
ऑपरेशन वॉर्प स्पीड
- ‘ऑपरेशन वॉर्प स्पीड’ (Operation Warp Speed) संयुक्त राज्य अमेरिका की संघीय सरकार द्वारा COVID-19 से निपटने के लिये शुरू की गई एक सार्वजनिक-निजी साझेदारी पहल है।
- इसका उद्देश्य COVID-19 के टीके, चिकित्साविधान/चिकित्साशास्त्र और नैदानिकी के विकास को सुविधाजनक बनाना एवं उसमें तेज़ी लाना है।
गरीब कल्याण रोज़गार अभियान
- केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के वेब पोर्टल का शुभारंभ किया है।
- गरीब कल्याण रोज़गार अभियान भारत सरकार का समग्र रोज़गार सृजन और ग्रामीण बुनियादी ढाँचा निर्माण कार्यक्रम है।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 जून, 2020 को की गई थी। इस कार्यक्रम का उद्देश्य COVID-19 महामारी के चलते पैदा हुए हालात के कारण अपने गृह क्षेत्र लौटने वाले प्रवासी कामगारों को आगामी चार माह तक रोज़गार उपलब्ध कराना है।
- केंद्र सरकार के इस अभियान के अंतर्गत कुल छ: राज्यों यथा- बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड तथा ओडिशा को शामिल किया गया है। यह 125 दिनों का अभियान है, जिसे मिशन मोड रूप में संचालित किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री मातृ पुष्टि उपहार योजना
- कुपोषण और मातृ मृत्यु दर से मुकाबला करने हेतु त्रिपुरा सरकार ने ‘मुख्यमंत्री मातृ पुष्टि उपहार योजना’ (Mukhyamantri Matru Pushti Uphaar) की शुरुआत की है।
- जिसके तहत राज्य सरकार द्वारा गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को मुफ्त में पोषण किट प्रदान की जाएगी।
- गर्भवती महिलाओं को अपने घर के पास के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में समय-समय पर जाँच करवानी होगी और प्रत्येक जाँच के बाद उन्हें किट प्रदान की जाएगी, इस किट के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिये मूंगफली, सोयाबीन, मिश्रित दालें, गुड़ और घी जैसी खाद्य सामग्री शामिल होंगी।
- कुपोषण (Malnutrition) वह अवस्था है जिसमें पौष्टिक पदार्थ और भोजन, अव्यवस्थित रूप से लेने के कारण शरीर को पूरा पोषण नहीं मिल पाता है और जिसके कारण गंभीर स्थिति पैदा हो जाती है।
मुख्यमंत्री श्रमिक योजना
- भारत सरकार के सामाजिक कल्याण कार्यक्रम मनरेगा (MGNREGA) की तर्ज पर झारखंड सरकार भी शहरी अकुशल श्रमिकों के लिये 100-दिवसीय रोज़गार योजना लॉन्च किया है ।
- जहाँ एक ओर मनरेगा का मुख्य लक्ष्य अकुशल श्रम करने के इच्छुक ग्रामीण वयस्क सदस्यों को कम-से-कम 100 दिन का रोज़गार उपलब्ध कराना है।
- वहीं इसके विपरीत झारखंड सरकार की इस योजना में मुख्य रूप से शहरी गरीबों को लक्षित किया गया है। शहरी गरीबों के लिये आजीविका सुरक्षा बढ़ाने के उद्देश्य से शुरू की जा रही इस योजना का नाम मुख्यमंत्री श्रमिक (SHRAMIK- Shahri Rozgar Manjuri For Kamgar) योजना रखा जाएगा।
- इस योजना के कार्यान्वयन के साथ ही शहरी गरीबों के लिये रोज़गार गारंटी योजना शुरू करने वाला झारखंड देश का दूसरा राज्य बन जाएगा, जबकि इससे पूर्व केवल केरल सरकार द्वारा इस प्रकार की व्यवस्था की गई थी। ध्यातव्य है कि केरल में ‘अय्यनकाली शहरी रोज़गार गारंटी योजना’ (Ayyankali Urban Employment Guarantee Scheme) का कार्यान्वयन किया जा रहा है।
ऑपरेशन ‘समुद्र सेतु’
- अपनी तरह के अब तक के सबसे बड़े निकासी अभियान के तहत भारतीय नौसेना ने विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिये ऑपरेशन समुद्र सेतु की शुरूआत की है।
- इस निकासी अभियान की शुरूआत में नौसेना के INS जलाश्व (INS Jalashwa) और एक अन्य जहाज़ को मालदीव में भेजा गया है।
- भारतीय नौसेना के अनुसार, मालदीव और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में फँसे भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिये नौसेना के तीन युद्धपोतों को रवाना किया गया है। इन युद्धपोतों में INS जलाश्व, INS मगर और INS शार्दुल शामिल हैं।
निगाह’ कार्यक्रम
- हिमाचल प्रदेश सरकार ‘निगाह’ (Nigah) नामक एक नया कार्यक्रम शुरू किया है ‘निगाह’ कार्यक्रम के तहत सामाजिक दूरी बनाए रखने के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिये आशा, आंगनवाड़ी और स्वास्थ्य कार्यकर्त्ताओं को नियुक्त किया जाएगा।
- इस कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य कार्यकर्त्ता राज्य के बाहर से आने वाले व्यक्ति के परिवार के सदस्यों को COVID-19 से संबंधित विभिन्न उपायों का पालन करने हेतु संवेदनशील और जागरूक बनाया जाएगा।
ऑपरेशन संजीवनी’ (Operation Sanjeevani
- भारतीय वायु सेना (Indian Air Force- IAF) ने ‘ऑपरेशन संजीवनी’ (Operation Sanjeevani) के माध्यम से आवश्यक दवाइयों तथा अस्पताल के उपयोग संबंधी 6.2 टन सामग्री को मालदीव पहुँचाया।
- दवाइयों तथा अन्य उपयोगी वस्तुओं को भारत में आठ आपूर्तिकर्ताओं से खरीदा गया था, लेकिन COVID- 19 महामारी के कारण लगाए गए लॉकडाउन के कारण किसी अन्य माध्यम से इन्हे मालदीव ले जाना संभव नहीं हो सकता था।
- मालदीव की सरकार के अनुरोध पर, वायुसेना ने ‘ऑपरेशन संजीवनी’ प्रारंभ किया तथा परिवहन विमान C-130J के माध्यम से मालदीव की उड़ान से पहले नई दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और मदुरै में हवाई अड्डों से इन दवाओं को एयर-लिफ्टिंग की।
- कुछ समय पूर्व ही भारत ने सेना के 14-सदस्यीय मेडिकल दल को एक वायरल परीक्षण प्रयोगशाला स्थापित करने के लिये मालदीव भेजा था। इसके अलावा भारत सरकार द्वारा मालदीव को 5.5 टन आवश्यक दवाएँ उपहार के रूप में भेंट की गईं।
ऑपरेशन नमस्ते
- हाल ही में भारतीय थल सेना ने देश में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिये ‘ऑपरेशन नमस्ते’ लॉन्च किया है। इस ऑपरेशन के तहत सेना भारत सरकार को घातक बीमारी से लड़ने में मदद करेगी। इस ऑपरेशन के तहत थल सेना ने अब तक 8 क्वारंटाइन स्थापित किये हैं। साथ ही, हेल्प लाइन नंबर भी जारी किये गए हैं। सैनिकों के परिवारों के लिये सुविधाओं की व्यवस्था भी की गई है। सेना ने जवानों को सुरक्षित रखने के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किये हैं, क्योंकि परिचालन और सामरिक कारणों से सामाजिक दूरी को बनाए रखना मुश्किल है। भारतीय थल सेना भारतीय सशस्त्र बलों का एक महत्त्वपूर्ण घटक है, जिसकी स्थापना वर्ष 1 अप्रैल, 1895 को ब्रिटिश भारतीय सेना के रूप में की गई थी। भारतीय सेना का प्राथमिक कार्य राष्ट्रीय की सुरक्षा और राष्ट्र की एकता सुनिश्चित करना है।
ऑपरेशन शील्ड (Operation SHIELD)
- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ‘ऑपरेशन शील्ड’ (Operation SHIELD) की घोषणा की है। शील्ड (SHIELD) का अर्थ है- सीलिंग (Sealing), होम क्वारंटाइन (Home Quarantine), आइसोलेशन एंड ट्रेसिंग (Isolation and Tracing), एसेंशियल सप्लाई (Essential supply), लोकल सैनिटेशन (Local Sanitation) और डोर-टू-डोर चेक्स (Door-to-door Checks)। इस ऑपरेशन को राजधानी के 21 नियंत्रण क्षेत्रों में लागू किया जायेगा। इस ऑपरेशन के तहत सभी 21 क्षेत्रों तथा इसके आसपास के क्षेत्र को सील किया जाएगा, इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को होम क्वारंटाइन किया जाएगा, लोगों के प्राथमिक और द्वितीय संपर्क का पता लगाया और उन्हें आइसोलेट किया जाएगा, सरकार ने वस्तुओं की आवश्यक आपूर्ति का आश्वासन दिया है, स्थानीय अधिकारियों द्वारा क्षेत्रों को सैनीटाइज़ किया जाएगा, इन क्षेत्रों में डोर-टू-डोर स्वास्थ्य जाँच की जाएगी। ध्यातव्य है कि दिल्ली सरकार ने इससे पूर्व कोरोनावायरस (COVID-19) महामारी से मुकाबला करने के लिये 5T योजना लागू की थी। 5T योजना में परीक्षण (Testing), ट्रेसिंग (Tracing), टीमवर्क (Team Work), उपचार (Treatment) और ट्रैकिंग (Tracking) शामिल हैं।
सनराइज़ मिशन
- अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) ने सन रेडियो इंटरफेरोमीटर स्पेस एक्सपेरिमेंट मिशन अर्थात् सनराइज़ मिशन (Sunrise Mission) की घोषणा की है।
- नासा के इस मिशन का उद्देश्य सूर्य के विशालकाय सौर कण तूफान का अध्ययन करना और सौर प्रणाली के कार्य को समझना है। यह अध्ययन भविष्य के अंतरिक्ष यात्रियों को मंगल ग्रह की यात्रा करने और सौर तूफानों से बचाने में मदद करेगा।
- इस मिशन के तहत सूर्य के स्पेक्ट्रम का अध्ययन किया जाएगा, ध्यातव्य है कि आयनमंडल के कारण पृथ्वी से सूर्य के स्पेक्ट्रम का अध्ययन करना संभव नहीं हो पाता है।
- नासा (NASA) संयुक्त राज्य अमेरिका की संघीय सरकार की कार्यकारी शाखा की एक स्वतंत्र एजेंसी है जो नागरिक अंतरिक्ष कार्यक्रम के साथ-साथ वैमानिकी और अंतरिक्ष अनुसंधान के लिये उत्तरदायी है। इसे वर्ष 1958 में स्थापित किया गया था।
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (National Food Security Mission-NFSM)
चावल, गेहूं और दालों के
उत्पादन में बढ़ोतरी करने के लिये वित्तीय वर्ष 2007-08 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा
मिशन (NFSM) की शुरुआत की गई थी।
इस मिशन का उद्देश्य निम्नलिखित
माध्यमों से चावल, गेंहूँ और दाल के
उत्पादन में वृद्धि करना है:
- उत्पादन क्षेत्र का विस्तार और उत्पादकता में वृद्धि
- मिट्टी की उर्वरता को बहाल करना
- रोज़गार के अवसर पैदा करना
- कृषि स्तर की अर्थव्यवस्था को बढ़ाना
- ध्यातव्य है कि मोटे अनाज को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत वर्ष 2014-15 में शामिल किया गया था।
कृषि कल्याण अभियान Krishi Kalyan Abhiyaan
- 23 अप्रैल, 2020 को केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री (Union Minister for Agriculture & Farmers Welfare) ने बताया कि कृषि कल्याण अभियान (Krishi Kalyan Abhiyaan) के तीसरे चरण में किसानों की आय दोगुनी करने हेतु विविध कृषि पद्यतियों के लिये लगभग 17 लाख किसानों को प्रशिक्षित करने की योजना बनाई गई है।
- कृषि कल्याण अभियान को देश के 112 आकांक्षी ज़िलों में लागू किया जा रहा है। कृषि कल्याण अभियान के अब तक दो चरण पूरे हो चुके हैं जिसमें 11.05 लाख किसानों को कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) द्वारा प्रशिक्षित किया गया है।
- केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने तथा कृषि की तकनीकों में सुधार करने के लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए वर्ष 2018 में कृषि कल्याण अभियान (Krishi kalyan Abhiyaan) की शुरूआत की थी।
- कृषि कल्याण अभियान आकांक्षी ज़िलों (Aspirational Districts) के 1000 से अधिक आबादी वाले प्रत्येक 25 गाँवों में चलाया जा रहा है। इन गाँवों का चयन ग्रामीण विकास मंत्रालय ने नीति आयोग के दिशा-निर्देशों के अनुसार किया है।
- जिन ज़िलों में गाँवों की संख्या 25 से कम है, वहाँ के सभी गाँवों को (1000 से अधिक आबादी वाले) इस योजना के तहत कवर किया जा रहा है।
- एक ज़िले के 25 गाँवों में समग्र समन्वय और कार्यान्वयन उस ज़िले के कृषि विज्ञान केंद्र (Krishi Vigyan Kendra) द्वारा किया जा रहा है।
टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना
- हाल ही में खेल एवं युवा मामलों के मंत्री किरण रिजिजू (Kiren Rijiju) ने शुक्रवार को कहा कि केंद्र सरकार जल्द ही वर्ष 2028 तक देश को ओलिंपिक चैंपियन बनाने के उद्देश्य से जूनियर एथलीटों के लिये भी टारगेट ओलिंपिक पोडियम स्कीम (Target Olympic Podium Scheme-TOPS) की शुरुआत करेगी।
- टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना की शुरुआत वर्ष 2014 में राष्ट्रीय खेल विकास कोष (National Sports Development Fund- NSDF) के तहत हुई थी।
- इसका लक्ष्य ओलंपिक खेलों में पदक जीतने की संभावना रखने वाले एथलीटों की पहचान कर उन्हें ओलंपिक की तैयारी के लिये समर्थन तथा सहायता देना है।
- ऐसे खेल जिनमें भारत की ओलंपिक में पदक जीतने की संभावना है, को उच्च प्राथमिकता वाले खेलों की सूची में रखा गया है, जो इस प्रकार हैं- (1) एथलेटिक्स, (2) बैडमिंटन, (3) हॉकी, (4) शूटिंग, (5) टेनिस, (6) भारोत्तोलन, (7) कुश्ती, (8) तीरंदाजी (9) मुक्केबाज़ी।
- उच्च प्राथमिकता वाले खेलों के अलावा अन्य खेलों को राष्ट्रीय खेल महासंघ (National Sports Federations- NSF) द्वारा सहायता प्रदान की जाती है। ध्यातव्य है कि अब तक यह योजना केवल सीनियर एथलीटों तक ही सीमित थी, किंतु अब सरकार इस योजना का विस्तार जूनियर एथलीट तक करने पर विचार कर रही है।
रोको-टोको अभियान
- कोरोना वायरस (COVID-19) संक्रमण को सीमित करने के लिये मध्यप्रदेश सरकार ने रोको-टोको अभियान (Roko -Toko Campaign) की शुरुआत की है, यह अभियान मुख्य रूप से उन लोगों के लिये संचालित किया जा रहा है, जो घर से बाहर जाते समय मास्क का प्रयोग नहीं करते हैं।
- गौरतलब है कि मध्यप्रदेश में सभी सार्वजनिक स्थानों पर मास्क का उपयोग करना अनिवार्य है। अब इस अभियान के तहत राज्य के चयनित स्वैच्छिक संगठन उन लोगों को मास्क प्रदान करेंगे जो सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनते हैं और उन लोगों से इस संबंध में प्रति मास्क 20 रुपए का शुल्क भी वसूला जाएगा।
- सभी चयनित संगठनों को 'जीवन शक्ति योजना' के तहत बनाए गए 100 मास्क प्रदान किये जाएंगे।
ऑपरेशन नीर (Operation Neer)
- 04 सितंबर 2014 को माले (मालदीव) को अपने मुख्य RO प्लांट के खराब होने से गंभीर पेयजल संकट का सामना करना पड़ा। संयंत्र के पुनः चालू होने तक शहर को प्रतिदिन केवल 100 टन पानी के साथ निर्वाह करना पड़ रहा था।
- मालदीव सरकार के अनुरोध पर, भारतीय वायुसेना ने तीन C-17 तथा तीन IL- 76 विमानों को दिल्ली से अराक्कोनम (Arakkonam) तथा उसके बाद माले तक एयरलिफ्ट करने के लिये तैनात किया गया। 05-07 सितंबर के बीच, IAF ने माले को 374 टन पीने के पानी की आपूर्ति की।
ऑपरेशन कैक्टस (Operation Cactus)
- 3 नवंबर, 1988 की रात को भारतीय वायु सेना ने मालदीव के लिये इस अभियान को शुरू किया।
- मालदीव द्वारा भाड़े के आक्रमणकारियों (Mercenary Invasion) के खिलाफ सैन्य मदद की अपील करने पर IAF के IL-76s, An- 2s, An-32s ने त्रिवेंद्रम से मालदीव के लिये उड़ान भरी, जबकि IAF मिराज 2000s द्वारा आसपास के द्वीपों पर निगरानी की गई। इस ऑपरेशन ने भारतीय वायुसेना की सामरिक एयरलिफ्ट क्षमता को प्रदर्शित किया।
ऑपरेशन राहत (Operation Rahat)
- अरब बलों के गठबंधन (Coalition Arab Forces) ने मार्च 2015 में यमन में हवाई हमले शुरू कर दिये। ऐसे में यमन के विभिन्न स्थानों पर फँसे 4000 से अधिक भारतीय नागरिकों को तत्काल निकाले जाने की आवश्यकता थी।
- भारतीय नागरिकों की निकासी के लिये विदेश मंत्रालय, भारतीय वायुसेना, भारतीय नौसेना और एयर इंडिया की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन को पूरा करने पर कार्य किया।
ऑपरेशन वनीला Operation Vanilla
- भारतीय नौसेना ने मेडागास्कर में चक्रवात डायने (Diane) से प्रभावित लोगों को सहायता और राहत उपलब्ध कराने के लिये ऑपरेशन वनीला (Operation Vanilla) की शुरुआत की। ऑपरेशन वनीला के तहत भारतीय नौसेना के पोत आईएनएस ऐरावत को इस मिशन में लगाया गया है।
प्लाज़्मा दान अभियान
- केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने दिल्ली स्थित एम्स (AIIMS) अस्पताल में ‘प्लाज़्मा दान अभियान’ की शुरुआत की है।
- इस अभियान की सह-आयोजक दिल्ली पुलिस है और इस दौरान दिल्ली पुलिस के COVID-19 से स्वस्थ हुए 26 पुलिसकर्मियों ने अपनी स्वेच्छा से प्लाज़्मा दान भी किया।
- COVID-19 से ठीक हुए रोगियों से प्राप्त प्लाज़्मा कोरोना वायरस (COVID-19) के लिये सुरक्षात्मक एंटीबॉडी होती है। जब इसे संक्रमित व्यक्ति के शरीर में प्रवेश कराया जाता है तब यह COVID-19 के रोगियों में रोग प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न कर सकता है। इसके संभावित लाभ को ध्यान में रखते हुए, प्लाज़्मा थैरेपी उन रोगियों को प्रदान की जाती है जो पारंपरिक उपचार से ठीक नहीं हो पा रहे हैं।
- कोई भी व्यक्ति जो COVID-19 से ठीक हो चुका है, और उपचार या होम आइसोलेशन के बाद 28 दिन पूरा कर चुका है, वह अपने रक्त प्लाज़्मा को दान कर सकता है।
नेशनल इंटेलिजेंस ग्रिड (National Intelligence Grid- NATGRID)
- NATGRID आतंकवादी गतिविधियों को रोकने के लिये एक कार्यक्रम है। यह किसी संदिग्ध व्यक्ति के आव्रजन (प्रवेश और निकास), बैंकिंग और टेलीफोन विवरण से संबंधित डेटाबेस तक पहुँचने के लिये सुरक्षा तथा खुफिया एजेंसियों हेतु वन-स्टॉप गंतव्य होगा।
- गौरतलब है कि सुरक्षा तथा खुफिया एजेंसियाँ संदिग्ध व्यक्ति से संबंधित जानकारी एक सुरक्षित प्लेटफॉर्म से प्राप्त करने में सक्षम होंगी।
- इस कार्यक्रम को 31 दिसंबर, 2020 तक क्रियान्वित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
- भारत में 26/11 के आतंकवादी हमले के दौरान सूचनाओं के संग्रहण के अभाव की बात सामने आई।
- इस हमले का मास्टरमाइंड डेविड हेडली वर्ष 2006 से 2009 के बीच हमले की योजनाओं को मूर्तरूप प्रदान करने हेतु कई बार भारत आया लेकिन उसके आवागमन की किसी भी सूचना का विश्लेषण नहीं किया जा सका।
- यह संदिग्ध आतंकवादियों को ट्रैक करने और आतंकवादी हमलों को रोकने में विभिन्न खुफिया एवं प्रवर्तन एजेंसियों की सहायता करेगा।
- NATGRID द्वारा बिग डेटा और एनालिटिक्स जैसी तकनीकों का उपयोग करते हुए डेटा का बड़ी मात्रा में अध्ययन एवं विश्लेषण किया जाएगा।
- NATGRID द्वारा प्राप्त सूचनाओं के माध्यम से कानून प्रवर्तन एजेंसियाँ संदिग्ध गतिविधियों की जाँच करने में सक्षम होंगी।
ई-संजीवनी
- ई-संजीवनी एक वेब-आधारित व्यापक टेलीमेडिसिन सेवा है।
- ई-संजीवनी ग्रामीण क्षेत्रों और अलग-थलग पड़े समुदायों में विशेष स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच को जन-जन तक पहुंचाती है।
- ई-संजीवनी का उद्देश्य चिकित्सा सेवाओं की गुणवत्ता बढ़ाने के अलावा, असमान वितरण और बुनियादी ढांचे की कमी के साथ-साथ मानव संसाधनों से संबंधित मुद्दों को संबोधित करते हुए, डिजिटल विभाजन को कम करके स्वास्थ्य सेवाओं को न्यायसंगत बनाना है।
- इस योजना को 16 जून 2009 को प्रारम्भ किया गया था।
- ई-संजीवनी प्लेटफॉर्म ने दो प्रकार की टेली-मेडिसिन सेवाओं को सक्षम बनाया है जैसे डॉक्टर-से-डॉक्टर (ई-संजीवनी) और रोगी-से-डॉक्टर (ई-संजीवनी ओपीडी) टेली-परामर्श।
- ‘ई संजीवनी’ और ‘ई संजीवनी ओपीडी’ द्वारा 23 राज्यों में टेली-परामर्श सेवा लागू की जा चुकी है और अन्य राज्य इसको शुरू करने की प्रक्रिया में हैं
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