MP Ki Puratatvik Virasat | MP Ke Puratatvik Sthal |Archeological heritage of MP
MP Puratatvik Virasat |
मध्यप्रदेश की पुरातात्विक विरासत Archeological heritage of Madhya Pradesh
डांगवाला Dangwala Puratatvik Sthal
- डांगवाला ग्राम उज्जैन से लगभग 32 किमी दूर है।
- यहां से 2000 ई.पू. से परमार का तक के अवशेष प्राप्त हुए हैं।
- यहां ताम्रपाषाण कालीन सामग्री प्राप्त हुई है।
एरण Eran
- सागर जिले से 47 मील उत्तर पश्चिम की ओर एरण नामक स्थान है।
- 1960-1961 में कृष्णदत वाजपेेयी के निर्देशन में उत्खनन किया गया था।
- उत्खनन से प्राप्त सामग्रियों केा आधार पर यहां बसी सभ्यता को चार कालों में विभाजित किया गया है।
इंद्रगढ IndraGarh
- राष्ट्रकूट शासक के इंद्रगढ़ शिलालेख में शिव मंदिर के निमार्ण का उल्लेख है।
- इंद्रगढ़ (मंदसौर) में 1958-59 में उत्खनन कराया गया।
- उत्खनन में स्तम्भ तोरण, नन्दी, भैरव, पार्वती, विष्णु वराह की प्रतिमाएं प्राप्त हुई हैं।
- प्राप्त अवशेष संभवतः 8-12 शताब्दी के हैं।
बेसनगर (विदिशा) Besnagar
- बेसनगर में 1910 में श्री एच एच लेक के नेतृत्व में सर्वप्रथम खामबाबा में उत्खन कराया गया।
- उत्खनन से मिट्टी के बने मनुष्य तथा पशु पक्षी की आकृतियां व खिलौने शंख आदि प्राप्त हुए हैं।
कसरावद Kashravad
- मध्यप्रदेश के पश्चिमी निमाड़ जिले में कसरावद है।
- मेश्वर से 6 मील दूरी पर नर्मदा के तट पर स्थित इकबड़ी नामक टीला है।
- यहां पर उत्खनन से बौद्ध स्तूप तथा निवास गृह, मृदभाण्ड, सिक्के, पत्थर की बनी वस्तुएं तथा शिलालेख एवं अवशेष मिले हैं।
कावथा (कायथा) Kaitha Ujjain
- उज्जैन से 15 मील दूरी पर छोटी काली सिंध नदी पर कायथा ग्राम स्थित हैै।
- कायथा वराहमिहिर की जन्मभूमि हैै।
- यहां पर मृदभाण्डों से लेेकर शुंगकालीन अवशेष प्राप्त हुए हैं।
पिपरिया Pipariya Puratatvik Sthal
- सतना जिले में पिपरिया नामक स्थान पर गुप्तकालीन मंदिर के अवशेष मिले हैं।
- उत्खनन से ज्ञात हुआ है कि यहां एक विष्णु मंदिर का निर्माण 5वीं शताब्दी उतरार्द्ध में किया गया था।
- यह मंदिर भूमरा में स्थित गुप्त मंदिर शैली का है।
नागदा Nagda
- उज्जैन जिले के नागदा नामक स्थान पर चंबल घाटी के तट पर कई टीले हैं
- नब्बे फीट ऊंचे इस टीेले के उत्खनन से प्रारम्भिक लौह संस्कृति के औजार प्राप्त हुए हैं।
पवाया Pavya Puratatvik Sthal
- ग्वालियर के दक्षिण पश्चिम में सिन्धु तथा पार्वती नहीं के संगम पर पवाया है।
- यहां पर प्राचीन पदमावती नगरी के साक्ष्य मिले हैं।
- महाकवि भवभूति ने मालती माधव नाट में इस नगर का वर्णन किया है।
बिलावली Bilawali Puratatvik Sthal
- देवास जिले के उत्तर पूर्व में सिन्धु नदी के तट पर बिलावली है।
- यहां पर उत्खनन से आहत सिक्के एवं मौर्यकालीन साक्ष्य मिले हैं।
त्रिपुरी Tripuri Puratatvik Sthal
- जबलपुर जिे से 9 मील दूरी पर तेवर ग्राम से लगी प्राचीन नगरी त्रिपुरी के भग्नावशेष विद्यमान हैं।
- यहां पर हरियागढ़ टीले पर किए गए उत्खान से यहां पर 1000 ई.पू. बस्ती होने के साक्ष्य मिले हैं।
- यहां के निवासी लघु पाषाण पत्र तथा चित्रित मृदभाण्डों का उपयोग करते थे।
ग्यारसपुर Gyraspur Puratatvik Sthal
- ग्वालियर जिले में स्थित है।
- 10वी शताब्दी के लेख मिले हैं जिसमें शिवगण, चामण्डराय तथा महेन्द्रपाल के नामों का उल्लेख मिला है।
- ग्यासुद्दीन तुगलक के शासन काल के तांबे के सिक्के प्राप्त हुए हैं
अवरा Avra Puratatvik Sthal
- अवरा ग्राम, मंदसौर जिले में स्थित हैं
- यहां पर हुए उत्खनन से मालवा के ताम्रपाषाण युग से गुप्त युग तक के प्राचीन इतिहास का पता चला है।
आमदगढ़ Aadamgarh
- आदमगढ़ होशंगाबाद जिले में नर्मदा नदी के तट पर स्थित है।
- पशुपालन के प्राचीनतम साक्ष्य मिले हैे।
- यहां पर बड़ी संख्या में पाषाणयुगीन औजार, मृदभाण्ड, हड्डियां प्राप्त हुई हैं।
दशपुर Dashpur
- मंदसौर के निकट दशपुर स्थित है।
- गुप्त शासक कुमार गुप्त के शासनकाल के अभिलेख मिले हैं।
- यहां पर लाट देश के व्यापारियों द्वारा सूर्य मंदिर के निर्माण का उल्लेख मिलता है।
नवदाटोली Navdatoli
- नवदाटोली खरगोन जिले में हैं
- यह ताम्रपाषाणयुगीन मालवा संस्कृति का प्रमुख केन्द्र है।
- यहां पर 1600 ई.पू. संस्कृति के प्रमाण मिले हैं।
भरहुत Bharhut
- सतना जिले के निकट भरहुत शंुगकालीन स्तूप के लिए प्रसिद्ध है।
- यहां पर बौद्ध स्तूप के साक्ष्य भी मिले हैं।
भूमरा Bhumra
- सतना के निकट भूमरा गुप्तकालीन शिव मंदिर के लिए विख्यात है।
मोड़ी Modi
- मंदसौर के मोड़ी नामक स्थान से शैलकृत निवास एवं पाषाण कालीन मृदभाण्डोें के साक्ष्य मिले हैं।
Ancient History of MP For MP PSC
List of Archeological heritage in MP
स्थल
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विशेषता
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आदम गढ़
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विश्व विख्यात चित्रित शैलकृत गुफाये
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कसरावद
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दूसरी शताब्दी ईसा पूर्व की सभ्यता के अवशेष
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इंद्रगढ़
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राष्ट्रकूट शाशक नत्रप के शासन का अभिलेख
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पवाया
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इसका प्राचीन नाम पद्मावती था
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कायथा
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ताम्र पाषाण युगीन सभ्यता के प्रमाण
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नागदा
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ताम्र पाषाण युगीन सभ्यता के प्रमाण
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नावदा टोली
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ताम्र पाषाण युगीन सभ्यता के प्रमाण
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एरण
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ताम्र पाषाण युगीन सभ्यता के प्रमाण के साथ ही सती प्रथा के
साक्ष्य
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जटकरा
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विशाल मंदिर प्राप्त हुए खुदाई के दौरान
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खलघाट
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ताम्र पाषाण युगीन सभ्यता के अवशेष
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पितनगर ( खरगोन )
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ढाई हजार वर्ष प्राचीन बौद्ध कालीन अवशेष
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निन्नौर गाँव
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गुप्त कालीन वस्तुकला एवं नगर व्यवस्था
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जुना एरवास
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तीन हजार वर्ष प्राचीन सभ्यता के अवशेष
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तादौल
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दो हजार वर्ष पुराना मंदिर
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खेडीनामा
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साढ़े तीन हजार वर्ष प्राचीन ताम्र पाषाण युगीन सभ्यता के प्रमाण
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भीम बैठिका
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पांडव कालीन गुफाये
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त्योंथर ( रीवा )
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नगरीय सभ्यता के प्रमाण
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