MP Paryatan Board | मध्य प्रदेश के पर्यटन से संबंधित बोर्ड एवं संस्थान |MP Tourism Board
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मध्य प्रदेश के पर्यटन से संबंधित बोर्ड एवं संस्थान
मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड MP Tourism Board
- मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड का गठन 20 फरवरी 2017 को हुआ। राज्य पचर्यटन विकास निगम के अंतर्गत संचालित पर्यटन संवर्धन इकाई, पब्लिसिटी, योजना एवं साहसिक व जल पर्यटन अब मध्य प्रदेश टूरिज्म बोर्ड के द्वारा की जा रही है।
म.प्र. इको पर्यटन बोर्ड M.P. Eco Tourism Board
- म.प्र. इको पर्यटन बोर्ड एक स्वशासकी संस्थान है जिसका गठन 12 जुलाई 2005 को म.प्र. सोसायटी एक्ट 1973 के अंतर्गत किया गया। बोर्ड के द्वारा 99 मनोरंजन क्षेत्र एवं 13 वन्य प्राणी क्षेत्र सहित 144 क्षेत्र अधिसूचित किये हैं।
म.प्र. पारिस्थितिकी पर्यटन (इको टूरिज्म) M.P. Eco tourism
- पर्यावरण चेतना व पर्यावरण शिक्षा पर आधारित इको टूरिज्म सोसायटी ने ईको टूरिज्म के तहत सम्मिलत किया है- प्राकृतिक सौन्दर्य से समृद्ध स्थलों की सैर, प्रकृति के साथ आदर्श व्यवहार करना, पर्यावरण चेतना स्थानीय संसाधनों और संस्कृति के संरक्षण के लिए आर्थिक गतिविधि को प्रोत्साहन स्थानीय लोगों को सशक्तीकरण स्थानीय संस्कृति और परंपरागत ज्ञान की सुरक्षा और मनुष्य प्रकृति के संबधों को मजबूत करना आदि।
जिला पर्यटन संवर्धन परिषद District Tourism Promotion Council
- पर्यटन नीति के अंतर्गत जिलों में वीकेन्ड एवं स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने, सांस्कृतिक एवं पर्यटन उत्सवों के आयोजन तथा निजी निवेश से स्थानीय स्तर पर पर्यटन स्थलों के विकास एवं संचालन के लिए प्रदेश के सभी जिलों में प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में जिला संवर्धन बोर्ड परिषद गठित की गई है।
मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड Madhya Pradesh Tourism Board
- 4 फरवरी, 2017 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड गठित करने का निर्णय किया गया।
- यह बैठक मशहूर पर्यटन स्थल पंचमढ़ी में हुई।
महत्वपूर्ण तथ्य
- मध्य प्रदेश में पर्यटन के विस्तार एवं प्रोत्साहन करना।
- पर्यटन विभाग के तहत एक पृथक संस्था मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड का गठन कंपनी अधिनियम के तहत गैर लाभकारी संस्था के रूप में किया जाएगा।
- इसी बैठक में पर्यटन बोर्ड के मुख्य कार्य का भी निर्धारण किया गया।
- इसमें पर्यटन नीति, 2016 के सभी दायित्वों का निर्वहन करना, पर्यटन क्षेत्र में निजी निवेश को आकर्षित करना, निवेशकों को नीति के अनुसार अनुदान एवं सुविधाएं उपलब्ध कराना शामिल है।
- इसके अलावा निवेशकों को आकर्षित करने हेतु नई नीतियों पर विचार करना, निजी निवेश से पर्यटन परियोजना की स्थापना को बढ़ावा देने हेतु उपयुक्त स्थल चयन कर भूमि बैंक को निरंतर बढ़ाना भी इसमें शामिल है।
- बोर्ड के संचालक मंडल के अध्यक्ष मुख्यमंत्री और उपाध्यक्ष पर्यटन मंत्री और मुख्य सचिव रहेंगे। वित्त, वन, नगरीय विकास एवं पर्यावरण तथा संस्कृति विभाग के प्रमुख सचिव संचालक होंगे।
म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम M.P. State tourism development corporation
- मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों का विकास करने की दृष्टि से वर्ष 1978 में म.प्र. राज्य पर्यटन विकास निगम का गठन किया गया।
- निगम कार्य पर्यटन स्थलों पर आवासीय, गैर आवासीय इकाइयों का संचालन, पर्यटकों को पर्यटन स्थलों की जानकारी सुलभ कराना, पर्यटन स्थलों पर साहित्य का प्रकाशन तथा पर्यटकों को परिवहन सुविधा उपलब्ध कराना है।
राज्य पर्यटन विकास निगम के कार्य
- आवासीय इकाइयों में आरक्षण, राज्य के बारह निगम के सेटेलाइट कार्यालयों से पर्यटकों के लिए विभिन्न रूचि, अवधि एवं दरों के पैकेज टूरों का संचालन, पर्यटन स्थलों का अखिल भारतीय स्तर पर प्रचार-प्रसार, पर्यटन क्षेत्र से जुड़े ट्रेवल एजेंट्स, लेखक, फोटोग्राफर्स, विशिष्ट व्यक्तियों के लिए टूर का आयोजन, प्रदेश के पर्यटन स्थलों की व्यापक मार्केटिंग तथा प्रचार-प्रसार की दृष्टि से अंतरराष्ट्रीय पर्यटन सम्मेलनों तथा ट्रेवल मार्ट आदि में भागीदारी, पर्यटन विभाग की परामर्शदात्री समिति, संभागीय समिति तथा शासन की पर्यटन संबंधी समितियों द्वारा लिए गए निर्णयों पर कार्रवाई।
- निगम द्वारा प्रदेश के पर्यटन स्थलों पर आवास, खानपान, परिवहन सुविधा आदि उपलब्ध कराई जाती है।
- निगम द्वारा वर्ष 1996 में पर्यटकों को अधिक से अधिक सुविधाएँ मुहैया कराने की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। निगम द्वारा अमरकंटक में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा 30 बिस्तरों की क्षमता वाली इकाई हॉलि डे होम्स लीज पर प्राप्त की गई है। नई पर्यटन नीति के तहत निजी निवेशकों को आकर्षित करने की दृष्टि से राजस्व विभाग द्वारा खजुराहो, ओरछा, बाँधवगढ़, जबलपुर तथा मंदसौर जिले में गाँधी सागर तथा बस्तर जिले में चित्रकूट में आवंटित शासकीय भूमि का आधित्य ग्रहण कर लिया गया है।
- पर्यटकों को पर्यटन स्थलों तक पहुँचाने के लिए भोपाल-इंदौर-भोपाल, भोपाल-पंचमढ़ी-भोपाल, सतना-खजुराहो-सतना, पिपरिया-पंचमढी-पिपरिया, जबलपुर-कान्हा-जबलपुर, जबलपुर-भेड़ाघाट-जबलपुर, भोपाल-साँची-उदयगिरी-भोपाल, इंदौर-महेश्वर-मंडलेश्वर-इंदौर, इंदौर-उज्जैन बस सेवा निगम द्वारा शुरू की गई है।
- निगम द्वारा भोपाल में संचालित जलक्रीड़ा संबंधी संबंधी सुविधाओं में व्यापक विस्तार किया गया है। भोपाल के बोट क्लब में नई स्वान बोट, शिकारा मोटर बोट, पैडल बोट बढ़ाई गई हैं।
- भोपाल-दर्शन, ग्वालियर-दर्शन, पचमढी-दर्शन के अलावा भोपाल से झाँसी-उदयगिरि एवं इंदौर के समीप मुख्य पर्यटन स्थलों के लिए परिचालित भ्रमण शुरू किया गया है।
- नई पर्यटन नीति के तहत हेरिटेज होटल की योजना प्रदेश में लागू की गई है। इस योजना के अंतर्गत पुराने महल, हवेलियाँ तथा किलों को होटलों में परिवर्तित किया जाना है। इनमें छतरपुर स्थित राजगढ़ पैलेस को होटल का स्वरूप दिए जाने का निर्णय लिया जा चुका है।
- इसके अलावा पचमढ़ी स्थित शेखर, सुमन एवं डी.आई.बी.बंगले को हेरिटेज होटल में परिवर्तित किया जाएगा।
- पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निजी निवेशकों की भागीदारी को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। निजी निवेशकों को राज्य शासन की ओर से सरकारी जमीन निर्धारित नियमों के तहत उपलब्ध कराई जाएगी। राजस्व विभाग ने खजुराहो, छिंदवाड़ा, रायपुर, मंदसौर, ओरछा, बॉधवगढ़, चित्रकूट में सरकारी जमीन पर्यटन विकास निगम को दे दी है। इन स्थलों का भूमि आधिपत्य निगम द्वारा ग्रहण किया जा चुका है।
MP Tourism Policy (MP Tourism Policy in hindi)
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