Kepler Ke Graho Ki Gati Ke Niyam। Kepler's laws of planetary motion । केप्लर के ग्रहीय गति के नियम
केप्लर के तीन नियम क्या हैं |
केप्लर के ग्रहीय गति के नियम (Kepler's laws of planetary motion)
जोहान्स
केप्लर जर्मनी के महान खगोलिक वैज्ञानिक थे, डेनिश वैज्ञानिक टाइको बेह द्वारा खगोल
विज्ञान सम्बन्धि अनेक प्रयोग किये गये, इन्हीं प्रयोगों का अध्ययन कर केप्लर ने
ग्रहों की गति सम्बन्धि तीन नियम दिये, प्रथम दो नियम 1609
में तथा तृतीय नियम 1618
में दिया गया जो इस प्रकार हैं-
प्रथम नियम अथवा कक्षाओं का नियम (Law of Orbits)
''सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर
दीर्घवृत्ताकार कक्षाओं में गति करते है तथा सूर्य इस दीर्घवृत्त के किसी एक फोकस
पर होता है।''
The orbit of a planet is an ellipse
with the Sun at one of the two foci.
Kepler's First Law |
द्वितीय नियम अथवा क्षेत्रीय चाल का नियम (Law of Areal Velocity)
''ग्रह को सूर्य से जोड़ने वाली रेखा समान समयान्तराल
में समान क्षेत्रफल तय करती है।''
A line segment joining a planet and the Sun sweeps out equal areas
during equal intervals of time
Kepler's Second law |
इस
नियमानुसार उपरोक्त चित्र में किसी निश्चित समयान्तर T पर
क्षेत्रफल OAB = क्षेत्रफल
OXY
तृतीय नियम अथवा परिक्रमण काल का नियम (Law of orbital Period)
''ग्रह
द्वारा सूर्य की परिक्रमा के कक्षीय अवधि का वर्ग, अर्ध-दीर्घ-अक्ष
(semi-major
axis) के घन के समानुपाती होता है।''
किसी ग्रह की कक्षीय
अवधि का वर्ग उसकी कक्षा के अर्ध-प्रमुख अक्ष के घन के सीधे आनुपातिक है।
The square of the orbital
period of a planet is directly proportional to the cube of the semi-major axis
of its orbit.
जहां
T कक्षीय अवधि
एवं r कक्षा की अर्ध-प्रमुख अक्ष है।
T कक्षीय अवधि
एवं r कक्षा की अर्ध-प्रमुख अक्ष है।
वास्तव
में ये नियम किन्ही भी दो आकाशीय पिण्डों की गति का वर्णन करते हैं जो एक-दूसरे का
चक्कर काटते हैं।
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