भारत में परमाणु ऊर्जा संयंत्र l Nuclear Power Plants in India
- 1940 ई. के दौरान देश के यूरेनियम और बड़ी मात्रा में उपलब्ध थोरियम संसाधनों के प्रयोग के लिए तीन चरण वाले परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम का गठन किया गया।
परमाणु ऊर्जा विभाग के परिवार में पाँच अनुसंधान केंद्र
- भाभा परमाणु अनुसंधान केन्द्र (BARC)- मुंबई, महाराष्ट्र
- इंदिरा गाँधी परमाणु अनुसंधान केंद्र (IGCAR)- कलपक्कम, तमिलनाडु
- उन्नत तकनीकी केंद्र (CAT) – इंदौर
- वेरिएबल एनर्जी साइक्लोट्रॉन केंद्र (VECC) – कोलकाता
- परमाणु पदार्थ अन्वेषण और अनुसंधान निदेशालय (AMD)- हैदराबाद
भारत में परमाणु ऊर्जा संयंत्र
वर्तमान मे कुल 22 परमाणु ऊर्जा संयंत्र कार्यरत हैं जिनकी कुल क्षमता :6780 MWe है ।संयंत्र | यूनिट प्रकार |
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तारापुर परमाणु विद्युत परियोजना (टीएपीएस), महाराष्ट्र | 1-बीडब्ल्यूआर |
तारापुर परमाणु विद्युत परियोजना (टीएपीएस), महाराष्ट्र | 2-बीडब्ल्यूआर |
तारापुर परमाणु विद्युत परियोजना (टीएपीएस), महाराष्ट्र | 3-पीएचडब्ल्यूआर |
तारापुर परमाणु विद्युत परियोजना (टीएपीएस), महाराष्ट्र | 4-पीएचडब्ल्यूआर |
राजस्थान परमाणु विद्युत परियोजना (आरएपीएस), राजस्थान | 1-पीएचडब्ल्यूआर |
राजस्थान परमाणु विद्युत परियोजना (आरएपीएस), राजस्थान | 2-पीएचडब्ल्यूआर |
राजस्थान परमाणु विद्युत परियोजना (आरएपीएस), राजस्थान | 3-पीएचडब्ल्यूआर |
राजस्थान परमाणु विद्युत परियोजना (आरएपीएस), राजस्थान | 4-पीएचडब्ल्यूआर |
राजस्थान परमाणु विद्युत परियोजना (आरएपीएस), राजस्थान | 5-पीएचडब्ल्यूआर |
राजस्थान परमाणु विद्युत परियोजना (आरएपीएस), राजस्थान | 6-पीएचडब्ल्यूआर |
मद्रास परमाणु विद्युत परियोजना (एमएपीएस), तमिलनाडु | 1-पीएचडब्ल्यूआर |
मद्रास परमाणु विद्युत परियोजना (एमएपीएस), तमिलनाडु | 2-पीएचडब्ल्यूआर |
कैगा विद्युत उत्पादन केंद्र (केजीएस), कर्नाटक | 1-पीएचडब्ल्यूआर |
कैगा विद्युत उत्पादन केंद्र (केजीएस), कर्नाटक | 2-पीएचडब्ल्यूआर |
कैगा विद्युत उत्पादन केंद्र (केजीएस), कर्नाटक | 3-पीएचडब्ल्यूआर |
कैगा विद्युत उत्पादन केंद्र (केजीएस), कर्नाटक | 4-पीएचडब्ल्यूआर |
कुडनकुलम नाभिकीय विद्युत परियोजना (केकेएनपीएस), तमिलनाडु | 1- वीवीइआर -1000 (पीडब्ल्यूआर |
कुडनकुलम नाभिकीय विद्युत परियोजना (केकेएनपीएस), तमिलनाडु | 2- वीवीइआर -1000 (पीडब्ल्यूआर |
नरौरा परमाणु विद्युत परियोजना (एनएपीएस), उत्तर प्रदेश | 1-पीएचडब्ल्यूआर |
नरौरा परमाणु विद्युत परियोजना (एनएपीएस), उत्तर प्रदेश | 2-पीएचडब्ल्यूआर |
काकरापार परमाणु विद्युत परियोजना (केएपीएस), गुजरात | 1-पीएचडब्ल्यूआर |
काकरापार परमाणु विद्युत परियोजना (केएपीएस), गुजरात | 2-पीएचडब्ल्यूआर |
1. तारापुर
तारापुर परमाणु विद्युत गृह यह भारत का प्रथम परमाणु विद्युत संयत्र
है इसका निर्माण संयुक्त राज्य अमेरिका की सहायता से 1972 में किया गया था।
स्थिति : तारापुर, महाराष्ट्र
प्रचालक : NPCIL (न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड )
प्रकार : उबलते पानी वाला रिएक्टर (BWR) & दबाव वाले भारी जल रिएक्टर (PHWR)
कार्यरत इकाई : 160 मेगावाट की 2 इकाईयां एवं 540 मेगावाट की 2 इकाईयां
वर्तमान क्षमता : 1,400 मेगावाट
2. रावतभाटा
रावतभाटा परमाणु विद्युत गृह का निर्माण कनाडा के सहयोग से प्रारंभ
किया गया था किन्तु बाद में इसे स्वदेशी तकनीक से पूर्ण किया गया।
स्थिति : रावतभाटा, राजस्थान
प्रचालक : NPCIL
प्रकार : PHWR (दबाव वाले भारी जल रिएक्टर)
कार्यरत इकाई : 100 मेगावाट की 1 इकाई, 200 मेगावाट की 1 इकाई 220 मेगावाट की 4 इकाईयां (विद्युत गृह 1,2,3,4,5,6)
वर्तमान क्षमता : 1180 मेगावाट
3. कुडनकुलम
स्थिति : कुडनकुलम ,तमिलनाडु
प्रचालक : NPCIL (न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड)
प्रकार : जल-जल ऊर्जावान रिएक्टर (WWER or VVER)
कार्यरत इकाई : 1000 मेगावाट की 2 इकाईयां (विद्युत गृह 1,2)
वर्तमान क्षमता : 2000 मेगावाट
4. कैगा
स्थिति : कर्नाटक
प्रचालक :NPCIL
प्रकार : PHWR (दबाव वाले भारी जल रिएक्टर)
कार्यरत इकाई : 220 मेगावाट क्षमता की 4 इकाईयां
वर्तमान क्षमता : 880 मेगावाट
5. काकरापार
स्थिति : गुजरात
प्रचालक :NPCIL
प्रकार : PHWR
कार्यरत इकाई : 220 मेगावाट क्षमता की 2 इकाईयां (विद्युत गृह 1,2)
वर्तमान क्षमता : 440 मेगावाट
6. कलपक्कम (मद्रास) परमाणु संयंत्र
स्थिति : तमिलनाडु
प्रचालक : NPCIL
प्रकार : PHWR
कार्यरत इकाई : 235 मेगावाट क्षमता की 2 इकाईयां (विद्युत गृह 1,2)
वर्तमान क्षमता : 470 मेगावाट
7. नरोरा
स्थिति : उत्तर
प्रदेश
प्रचालक : NPCIL
प्रकार : PHWR
कार्यरत इकाई : 220 मेगावाट क्षमता की 2 इकाईयां
वर्तमान क्षमता : 440 मेगावाट
भारत के कार्यरत एवं निर्माणाधीन परमाणु ऊर्जा संयंत्र |
भारत की
वर्तमान कुल विद्युत उत्पादन क्षमता जो लगभग 368690 मेगावाट है का 2 प्रतिशत से भी कम भाग का उत्पाद परमाणवीय उर्जा द्वारा किया जाता है, कुल उत्पादन क्षमता में
परमाणवीय उर्जा का योगदान बढाने हेतु निम्न योजनाओं पर कार्य चल रहा है-
वर्तमान में भारत में निर्माणाधीन परमाणु ऊर्जा संयंत्र-
- कलपक्कम,
तमिलनाडु
में 700 मेगवाट क्षमता की 2 यूनिट ।
- रावतभाटा, राजस्थान में 500 मेगवाट क्षमता की 1 यूनिट
- काकरापार, गुजरात में 700 मेगवाट क्षमता की 2 यूनिट ।
- कुडनकुलम ,तमिलनाडु में 1000 मेगवाट क्षमता की 2 यूनिट ।
- गोरखपुर, हरियाणा में 700 मेगावाट क्षमता की 2 यूनिट ।
इकाईयां जिनके निर्माण की प्रक्रिया विचाराधीन है-
- कैगा, कर्नाटक में 700 मेगावाट क्षमता की 2 यूनिट।
- कुडनकुलम तमिलनाडु में 1000 मेगावाट क्षमता की 2 यूनिट।
- कलपक्कम तमिलनाडु में 600 मेगवाट क्षमता की 2 यूनिट ।
- तारापुर, महाराष्ट्र में 300 मेगावाट क्षमता की 1 यूनिट।
- गोरखपुर,हरियाणा में 700 मेगावाट क्षमता की ही 2 यूनिट।
भारत के निर्माण हेतु विचाराधीन परमाणु ऊर्जा संयंत्र |
- जैतपुरा महाराष्ट्र में 1650 मेगावाट क्षमता की 6 यूनिट।
- कोव्वाड़ा (Kovvada) आन्ध्रप्रदेश में 1100 मेगावाट क्षमता की 6 यूनिट।
- कावली
(Kavali) आन्ध्रप्रदेश में 1000 मेगावाट
क्षमता की 6 यूनिट।
- भीमपुर, मध्यप्रदेश
में 700 मेगावाट क्षमता की 4 यूनिट।
- माही
बांसवाड़ा, राजस्थान में 700 मेगावाट क्षमता की 4 यूनिट।
- चुटका,मध्यप्रदेश में 700 मेगावाट क्षमता की 2 यूनिट।
परमाणु ऊर्जा संयंत्र संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य
- भारत में डा होमी जहाँगीर भाभा की अध्यक्षता में
परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना 1948 में की गई, एवं इसी के साथ भारत में परमाणु
ऊर्जा कार्यक्रम प्रारंभ हुआ।
- वर्ष 1954 में परमाणु ऊर्जा विभाग की गई इस विभाग का कार्य परमाणु ऊर्जा की नीतियों का क्रियान्वित करना
था।
BARC भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर के परमाणु अनुसन्धान रिएक्टर
अप्सरा
|
1956
|
साइरस
|
1960
|
जरलीन
|
1961
|
पूर्णिमा I
|
1972
|
पूर्णिमा II
|
1980
|
ध्रुव
|
1985
|
पूर्णिमा III
|
1990
|
कामिनी
|
1996
|
- 1967 मे मुम्बई में परमाणु ऊर्जा
प्रतिष्ठान ट्राम्बे की स्थापना की गई, जिसे
वर्तमान में भाभा परमाणु अनुसन्धान केन्द्र के नाम से जाना जाता है।
- 1969 में भारत के प्रथम विद्युत् ऊर्जा सयन्त्र तारापुर का व्यावसायिक
परिचालन अमेरिका के सहयोग से प्रारंभ हुआ।
- 18 मई 1974 को भारत द्वारा पोखरण
में प्लूटोनिक परमाणु ईंधन का परीक्षण किया गया जिसकी क्षमता 10.20 किलोटन थी, इस परीक्षण से विश्व के शक्तिशाली
देशों में खलबली मच गई एवं भारत के परमाणु कार्यक्रम पर प्रतिबन्ध लगाने हेतु
अमेरिका एवं अन्य परमाण शक्ति वाले देशों ने हमें परमाणु ईंधन एवं उपकरण की
आपूर्ति करना बंद कर दिया, जिससे देश के परमाणु कार्यक्रम में
कुछ समय के लिये सिथिलता आ गई।
- 1983 में परमाणु ऊर्जा
नियामक बोर्ड की स्थापना हुई।
- 1987 में भारतीय परमाणु विद्युत निगम
लिमिटेड की स्थापना की गई जिसका लक्ष्य था भारत के परमाणु कार्यक्रम का
विस्तार करना।
- वर्ष 1998 में 11 एवं 13 मई को भारत द्वारा
द्वितीय परमाणु परीक्षण किया गया जिसे शक्ति -98 नाम दिया गया.
- राजस्थान परमाणु ऊर्जा सयन्त्र की
यूनिट-5, अगस्त 2012 से प्रारंभ होकर लगातार दो वर्षों
से अधिक समय तक चलने का विश्व रिकार्ड बनाया
- 2014 में भारत एवं ऑस्ट्रेलिया के मध्य
असैन्य परमाणु समझौते पर हस्ताक्षर हुए है । परमाणु अप्रसार सन्धि से बाहर
रहने वाले देशों में भारत अकेला ऐसा देश है, जिसे परमाणु हथियार सम्पन्न देशों
के साथ परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापार करने की सुविधा प्राप्त है ।
- विभिन्न देशों के साथ हुए असैन्य
परमाणु करार के बाद भारत में परमाणु ऊर्जा के विकास की सम्भावनाएँ काफी बढ गई
है । आज अमेरिका सहित कई देशों से परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत को सहयोग
मिल रहा है ।
- पूर्व राष्ट्रपति श्री एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा है, परमाणु ऊर्जा हमारे समृद्ध भविष्य का द्वार है ।
Yes
ReplyDeletetqx..
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