अक्षांश एवं देशांतर | अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा | मानक समय | Latitude and Longitude, International Date Line, Standard Time
अक्षांश एवं देशांतर
- पृथ्वी के उत्तर में स्थित आधे भाग को उत्तरी गोलार्ध तथा दक्षिण वाले आधे भाग को दक्षिणी गोलार्ध कहा जाता है।
- विषुवत् वृत्त से ध्रुवों तक स्थित सभी समानांतर वृत्तों को अक्षांश (समानांतर) रेखाएँ कहा जाता है। अक्षांशों को अंश में मापा जाता है
- विषुवत् वृत्त शून्य अंश अक्षांश को दर्शाती है।
- विषुवत् वृत्त से दोनों तरफ ध्रुवों के बीच की दूरी पृथ्वी के चारों ओर के वृत्त का एक चौथाई है, अतः इसका माप होगा 360 अंश का 1/4, यानी 90 अंश।
- 90 अंश उत्तरी अक्षांश उत्तर ध्रुव को दर्शाता है तथा 90 अंश दक्षिणी अक्षांश दक्षिण ध्रुव को।
- विषुवत् वृत्त के उत्तर की सभी समानांतर रेखाओं को उत्तरी अक्षांश कहा जाता है तथा विषुवत् वृत्त के दक्षिण स्थित सभी समानांतर रेखाओं को दक्षिणी अक्षांश कहा जाता है।
महत्त्वपूर्ण अक्षांश (समानांतर) रेखाएँ
विषुवत् वृत्त (0°), उत्तर ध्रुव (90°) उ.द्ध तथा दक्षिण ध्रुव (90°) द.द्ध के अतिरिक्त चार महत्त्वपूर्ण
अक्षांश (समानांतरद्) रेखाएँ और भी हैं। ये हैं-
1. उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा (231/2° उ.)
2.दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा (231/2° द.)
3. विषुवत् वृत्त के 661/2° उत्तर में उत्तर धुव वृत्त,
4. विषुवत् रेखा के 661/2° दक्षिण में दक्षिण धुव वृत्त।
2.दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा (231/2° द.)
3. विषुवत् वृत्त के 661/2° उत्तर में उत्तर धुव वृत्त,
4. विषुवत् रेखा के 661/2° दक्षिण में दक्षिण धुव वृत्त।
पृथ्वी के ताप कटिबंध
- कर्क रेखा एवं मकर रेखा के बीच के सभी अक्षांशों पर सूर्य वर्ष में एक बार दोपहर में सिर के ठीक ऊपर होता है। इसलिए इस क्षेत्रा में सबसे अधिक उफष्मा प्राप्त होती है तथा इसे उष्ण कटिबंध कहा जाता है।
- ध्रुव की तरफ सूर्य की किरणें तिरछी होती जाती हैं। इस प्रकार, उत्तरी गोलार्ध में कर्क रेखा एवं उत्तर धुर्व वृत्त तथा दक्षिणी गोलार्ध में मकर रेखा एवं दक्षिण ध्रुव वृत्त के बीच वाले क्षेत्रा का तापमान मध्यम रहता है। इसलिए इन्हें, शीतोष्ण कटिबंध कहा जाता है।
- उत्तरी गोलार्द्ध में उत्तर ध्रुव व्रत एवं उत्तरी ध्रुव तथा दक्षिणी गोलार्द्ध मे दक्षिण ध्रुव वृत्त एव दक्षिणी ध्रुव के बीच के क्षेत्रों मे ठडं बहुत होती है। क्योंकि, यहाँ सूर्य क्षितिज से ज़्यादा ऊपर नहीं आ पाता है। इसलिए ये शीत कटिबंध कहलाते हैं।
देशांतर
- उत्तर ध्रुव को दक्षिण ध्रुव से जोड़ने वाली संदर्भ रेखा देशांतर रेखा कहतें हैं।
- प्रत्येक अंश को मिनट में तथा मिनट को सेकेंड में विभाजित कियाजाता है।
- ये अर्धवृत्त हैं तथा उनके बीच की दूरी ध्रुवों की तरफ बढ़ने पर घटती जाती है एवं ध्रुवों पर शून्य हो जाती है, जहाँ सभी देशांतरीय याम्योत्तर आपस में मिलती हैं।
- अक्षांश (समानांतर) रेखाओं से भिन्न सभी देशांतरीय याम्योत्तरों की लंबाई समान होती है।
अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा-
- 1800 देशांतर को अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा कहते हैं।
- 1884 में वांशिगटन में सपंन्न हुए इंटरनेशलन मेरीडियन कांग्रेस में 180 याम्योत्तर को अंतराष्ट्रीय तिथि रेखा निर्धारित किया गया।
- ग्रीनविच जहाँ ब्रिटिश राजकीय वेधशाला स्थित है, से गुजरने वाली याम्योत्तर से पूर्व और पश्चिम की ओर गिनती शुरू की जाए। इस याम्योत्तर को प्रमुख याम्योत्तर कहते हैं। इसका मान 0° देशांतर है तथा यहाँ से हम 180° पूर्व या 180° पश्चिम तक गणना करते हैं।
- पृथ्वी लगभग 24 घंटे में अपने अक्ष पर 360° घूम जाती है, अर्थात् वह 1 घंटे में 15° एवं 4 मिनट में 1° घूमती है।
भारत का मानक समय
- भारत में 82° 30° पू. को मानक याम्योत्तर माना गया है।
- भारत ग्रीनविच के पूर्व 82° 30 पू. में स्थित है तथा यहाँ का समय ग्रीनिच समय से 5 घंटा 30 मिनट आगे है। इसलिए जब लंदन में दोपहर के 2 बजे होंगे तब भारत में शाम के 730 बजे होंगे।
अक्षांश, देशांतर, अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा व समय भाग 02
अक्षांश Latitude
- भू-पृष्ठ पर विषुवत रेखा के उत्तर या दक्षिण में एक याम्योत्तर पर किसी भी बिंदु की कोणीय दूरी जो पृथ्वी के केन्द्र से नापी जाती है और अंशो, मिनटों व सेकण्डों में व्यक्त की जाती है, अक्षांश कहलाती है। भूमध्यरेखा 0° अंश अक्षांश है।
- अक्षांश भूमध्य रेखा से हर स्थान पर समांतर रह कर धु्रव तक अनेक वृत्तों का निर्माण करता है अक्षांश रेखाएं 0° से 90° अंश तक पायी जाती हैं।
- भूमध्य रेखा से ऊपर 0° अंश से 90° अंश उत्तरी ध्रुव तक उत्तरी गोलार्द्ध और भूमध्य रेखा से नीचे 0° अंश से 90° अंश दक्षिणी धु्रव तक दक्षिणी गोलार्द्ध कहलाता है। इस प्रकार 180 अक्षांश होते हैं।
- उत्तरी गोलार्द्ध में 23.50° अंश उत्तर कर्क रेखा और 66.50° उत्तर उपधु्रव वृत्त दक्षिणी गोलार्द्ध में 23.50° अंश दक्षिण मकर रेखा और 66.50° अंश उपध्रुव वृत्त कहलाते हैं।
- 1° अंश अक्षांशो के चाप की दूरी लगभग 111 किलोमीटर है, जो पृथ्वी की गोलाई के कारण भूमध्य रेखा से धु्रवों तक भिन्न है।
- भूमध्य रेखा से ध्रुवों की ओर जाने पर इन अक्षांशों में दिन और रात की अवधि में परिवर्तन होता है इन अक्षांशों के मध्य रेखा ही वृहत वृत्त होता है अन्य अक्षांश नहीं होते हैं। यह परिवर्ततन पृथ्वी का अपनी अक्षतल पर 23.50° अंश झुके होने के कारण होता है।
देशांतर Longitude
- किसी स्थान की कोणीय दूरी जो प्रधान याम्योत्तर ( 0 अंश या ग्रीनविच) के पूर्व या पश्चिम में होती है देशांतर कहलाती है। यह इन दोनों में से किसी भी दिशा में 180 अंश तक ही मापी जा सकती है। भूमध्यरेखा एक वृत्त की परिधि है जिसमें 360 अंश हैं।
- 1° देशांतर की भूमध्य रेखा पर दूरी 111.32 किलोमीटर है जो ध्रुवों की ओर कम होती है। ध्रुवों पर 0 किमी हो जाती है। अतः देशांतर रेखाएं 360° अंश होती हैं। इन्हे वृहत्त वृत भी कहते हैं। इंगलैण्ड के ग्रीनविच स्थान से गुजरने वाली रेखा को 0 अंश देशांतर रेखा या ग्रीनविच रेखा कहते हैं। इसके पूर्व में 180 अंश तक सभी देशांतर पूर्वी देशांतर और ग्रीनविच देशांतर से पश्चिम की ओर सभी देशांतर पश्चिमी देशांतर कहलाते हैं।
गोलार्द्ध
- ग्रीनविच से 180° अंश पूर्व तक पूर्वी गोलार्द्ध और 180° अंश पश्चिम तक पश्चिमी गोलार्द्ध कहलाता है। चूंकि पृथ्वी की आकृति लगभग गोलाकार है और वृत्त को 360° अंश में विभाजित किया जाता है इस प्रकार 360° अंश घूमने में पृथ्वी को एक दिन एक रात अर्थात् 34 घण्टे लगते हैं। अतः 1 अंश की दूरी तय करने में पृथ्वी को 4 मिनट का समय लगता है।
समय निर्धारण
- चूंकि सूर्य पूर्व उदय होता है और पृथ्वी पश्चिम से पूर्व और अपनी धूरी पर घूम रही है अतः पूर्व का समय आगे और पश्चिम का समय पीछे रहता है, इसी कारण पृथ्वी के सभी स्थानों पर भिन्न-भिन्न अक्षांशो पर समय भी अलग होता है। 15 अंश देशांतर पर पर 1 घण्टे का अंतर आ जाता है। 90 अंश देशांतर पर 6 घण्टे का अंतर और 180 अंश देशांतर पर 12 घण्टे का अंतर और 360 अंश देशांतर पर 24 घण्टे अर्थात 1 दिन 1 रात का अंतर हो जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा
- पृथ्वी पर 180 अंश याम्योत्तर के लगभग साथ-साथ स्थल खण्डों को जोड़ते हुए एक काल्पनिक रेखा निर्धारित की गई है इसे अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा कहते हैं। इस रेखा को पार करते समय एक दिन बढ़ा अथवा घटाकर तिथि परिवर्तन किया जाता है जब कोई जलयान पश्चिम की ओर जाता है एक दिन छोड़ दिया जाता है। जैसे सोमवार के स्थान पर पर बुधवार एवं तिथि 27 के स्थान पर 29 मानेगा और जब पूर्व दिशा में यात्रा की जाती है तो एक दिन जोड़ दिया जाता है और वहाँ सोमवार के स्थान पर दूसरा दिन भी सोमवार ही होता है और तिथि 27 ही रहती है।
- पृथ्वी पर किसी स्थान विशेष पर सूर्य की स्थिति से परिकलित समय स्थानीय समय कहलाता है। स्थानीय मध्यान्ह समय उस क्षण को मानते हैं जब सूर्य आकश में अपनी उच्चतम स्थिति पर पहुॅच जाता है और भूमि पर किसी वस्तु की छाया लघुत्तम होती है, जबकि किसी देश के मध्य से गुजरने वाली याम्योत्तर का मध्य प्रामाणिक समय होता है, जो स्थानीय समय की असुविधा के कारण संपूर्ण देश के लिए प्रस्तुत होता है जैसे भारत के लिए 82.50° अंश (इलाहबाद का देशांतर) याम्योत्तर का समय प्रमाणिक समय माना गया है।
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