परीक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण अभियान एवं आंदोलन | Important Indian Abhiyan
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना-त्वरित सिंचाई लाभ कार्यक्रम
(PMKSY-AIBP)
- शुरुआत- 1996-97 में जल संसाधन मंत्रालय द्वारा।
- कार्यान्वयन- सिंचाई परियोजनाओं में तेज़ी लाने के लिये।
- पहले से चल रही तथा नई प्रमुख और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं पर विचार किया जाता है।
- विशेष श्रेणी के राज्य/क्षेत्र की लघु सिंचाई परियोजनाओं पर भी विचार किया जाता है
बचपन बचाओ आंदोलन
- यह बाल अधिकारों के संघर्ष करने वाला देश का सबसे लंबा आंदोलन है।
- नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी द्वारा ने इसकी शुरुआत वर्ष 1980 में की गई थी।
- बच्चों कोबाल सुलभ समाज प्रदान करने के लिये रोकथाम, प्रत्यक्ष हस्तक्षेप, सामूहिक प्रयास और कानूनी कार्रवाई के माध्यम से बच्चों को दासता से मुक्त कराना, उन्हें पुन:स्थापित करना, शिक्षित करना।
- एक गैर-सरकारी संगठन (Non Government Organisation-NGO) है जो मुख्यतः बंधुआ मज़दूरी, बाल श्रम, मानव व्यापार की समाप्ति के साथ- साथ सभी बच्चों के लिये शिक्षा के समान अधिकार की मांग करता है।
- यह ‘विश्व बाल श्रम निषेध दिवस’ (World Day Against Child Labour) यानी 12 जून के दिन ‘बाल पंचायत’ का आयोजन करता है।
- नोबल पुरस्कार विजेता (Nobel Prize Winner): वर्ष 2014 में कैलाश सत्यार्थी एवं मलाला युसुफजई को बाल शिक्षा के क्षेत्र में उनके अतुलनीय योगदान के लिये संयुक्त रूप से शांति के नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
स्वच्छ भारत मिशन 2014
- घर, समाज और देश में स्वच्छता को जीवनशैली का अंग बनाने के लिये, सार्वभौमिक साफ-सफाई का यह अभियान 2014 में शुरू किया गया। जिसे 2 अक्तूबर, 2019 (बापू की 150 वीं जयंती) तक पूरा कर लेना है।
- यह 1986 के केंद्रीय ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम, 1999 के टोटल सेनिटेशन कैंपेन एवं 2012 के निर्मल भारत अभियान से परिवर्द्धित एवं सुस्पष्ट कार्यक्रम है।
उद्देश्य
- भारत में खुले में शौच की समस्या को समाप्त करना अर्थात् संपूर्ण देश को खुले में शौच करने से मुक्त (ओ.डी.एफ.) घोषित करना, हर घर में शौचालय का निर्माण, जल की आपूर्ति और ठोस व तरल कचरे का उचित तरीके से प्रबंधन करना है।
- इस अभियान में सड़कों और फुटपाथों की सफाई, अनधिकृत क्षेत्रों से अतिक्रमण हटाना, मैला ढोने की प्रथा का उन्मूलन करना तथा स्वच्छता से जुड़ी प्रथाओं के बारे में लोगों के व्यवहार में सकारात्मक परिवर्तन लाना शामिल हैं।
ईट राइट इंडिया अभियान
- एफएसएसएआई द्वारा वर्ष 2018 में ‘ईट राइट इंडिया’ अभियान राष्ट्रव्यापी अभियान का प्रारंभ किया गया।
- यह अभियान खाद्य सुरक्षा एवं स्वस्थ आहार की नींव पर आधारित है। इस अभियान की दिशा में ‘ईट राइट जैकेट’ और ‘ईट राइट झोला’ के साथ-साथ ‘खाद्य सुरक्षा मित्र (एफएसएम)’ योजना का भी शुभारंभ। भारतीय रेलवे ने यात्रियों को स्वस्थ एवं सही आहार का विकल्प पेश करने के लिए ‘ईट राइट स्टेशन’ अभियान शुरू किया।
- भारत सरकार ने 2022 तक खाद्य पदार्थों में से ट्रांस फैट को पूरी तरह खत्म करने का लक्ष्य रखा है। ट्रांस फैट वसा का एक खराब रूप है जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
‘ईट राइट इंडिया’ का महत्व
- भारत में रहने वाले 135 करोड़ लोगों में से “196 मिलियन भूख का शिकार हैं जबकि 180
मिलियन अन्य लोग मोटापे से पीड़ित हैं। 47 मिलियन बच्चों ने विकास को अवरुद्ध किया
है जबकि अन्य 25 मिलियन बर्बाद हो गए हैं। 500 मिलियन में सूक्ष्म पोषक तत्वों की
कमी हैं और 100 मिलियन खाद्य जनित बीमारियों से पीड़ित हैं।”
- इस स्थिति में ‘ईट राइट इंडिया’ पहल या आंदोलन, इन चुनौतियों को रोकने और दूर करने के लिए भोजन और पोषण की आदतों के बारे में भोजन, पोषण और जागरूकता को प्राथमिकता देने पर हमारा ध्यान केंद्रित करेगा। यह भोजन की बर्बादी और भोजन के निपटान की समस्या पर भी जोर देगा।
आत्मनिर्भर भारत अभियान
- मई 2020 में कोरोना महामारी के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज के साथ आत्मनिर्भर भारत अभियान का शुभारंभ किया था ।
- 21वीं सदी के दूसरे दशक में आत्मनिर्भरता की परिभाषा में बदलाव आया है। वर्तमान के वैश्वीकरण के युग में आत्मनिर्भरता, आत्मकेंन्द्रिता से अलग है।
- क्योंकि भारत ऐतिहासिक काल से ही वसुधैव कुटुंबकम की संकल्पना में विश्वास करता आया है। इसलिए आत्मनिर्भर भारत अभियान में वैश्वीकरण का बहिष्करण या संरक्षणवाद को बढ़ावा नहीं दिया जाएगा अपितु दुनिया के विकास में मदद की जाएगी।
- प्रधानमंत्री का मानना है कि भारत दुनिया का ही एक हिस्सा है, अतः भारत प्रगति करता है तो ऐसा करके वह दुनिया की प्रगति में भी योगदान देगा।
आत्मनिर्भर भारत अभियान के पाँच स्तंभ हैं -
- अर्थव्यवस्था (Economy): इसमें बड़ी उछाल (Quantum Jump) आणि चाहिए।
- मांग (Demand): भारत में मांग काफी अधिक है, अतः भारत की मांग और आपूर्ति श्रृंखला की पूरी क्षमता का उपयोग करने पर बल प्रदान किया जाना चाहिये।
- गतिशील जनसांख्यिकी (Vibrant Demography): यह आत्मनिर्भर भारत के लिये ऊर्जा का स्रोत है।
- प्रौद्योगिकी (Technolog): 21 वीं सदी में प्रौद्योगिकी के महत्व को हर क्षेत्र आत्मसात करना होगा ।
- अवसंरचना (Infrastructure): यह आधुनिक भारत के अनुरूप हो ।
स्वच्छ भारत मिशन
- सार्वभौमिक स्वच्छता कवरेज के लक्ष्य को हासिल करने के लिए इसके प्रयासों में तेजी लाने तथा स्वच्छता पर ध्यान केन्द्रित करने हेतु भारत के प्रधानमंत्री ने 2, अक्तूबर,2014 को स्वच्छ भारत अभियान का शुभारंभ किया।
- इस मिशन का उद्देश्य महात्मा गॉधी की 150वीं जयंती के लिए एक उपयुक्त श्रद्धांजलि के रुप में 2019 तक स्वच्छ भारत के लक्ष्य को प्राप्त करना था।
- मिशन के तहत, सम्पूर्ण भारत में 100 मिलियन से अधिक शौचालयों का निर्माण करके 2 अक्टूबर 2019, महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती तक स्वयं को "खुले में शौच से मुक्त" (ओडीएफ) घोषित किया।
- मिशन अब अगले चरण II अर्थात् ओडीएफ-प्लस की ओर अग्रसर है। जिसमें ओडीएफ स्थिति को बनाए रखने और सभी के लिए ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है।
Post a Comment