डॉ द्वारकानाथ कोटनिस | Dr Dwarka Nath Kotnis


डॉ द्वारकानाथ कोटनिस

जन्म 10 अक्तूबर 1910 , शोलापुर
मृत्यु 9 दिसम्बर 1940, चाइना  
चीन में इन्हे 'के दिहुआके नाम से जाना जाता है.
  • महाराष्ट्र के कोंकण में जन्मे डॉ. द्वारकानाथ कोटनिस 1937 में रेड क्रॉस मिशन की टीम के सदस्य थे और भारत से चीन गए डॉक्टरों के एक दल का नेतृत्व कर रहे थे।
  • चीन पर जापान के हमले के समय चीन के तत्कालीन जनरल छू ते के अनुरोध पर पंडित जवाहरलाल नेहरू से घायल सैनिकों के इलाज के लिए इंडियन मेडिकल मिशन टु चाइना के तहत डॉ. कोटनिस के नेतृत्व में चिकित्सकों का एक दल चीन भेजा था।
  • डॉ द्वारकानाथ कोटनिस ने द्वितीय विश्व युद्ध और माओ त्से तुंग के नेतृत्व में हुई चीनी क्रांति में महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
  • चीनी क्रांति के दौरान कोटनिस के योगदान की माओ त्से तुंग ने भी प्रशंसा की थी। उनके इसी योगदान को देखते हुए चीन के कई शहरों में उनकी प्रतिमाएं और स्मारक बनाए गए हैं।
  • चीन में इन्हे 'के दिहुआ' के नाम से जाना जाता है और इनके नाम पर शिजियाझुआंग में 1992 में एक मेडिकल कॉलेज के दिहुआ मेडिकल साइंसेज सेकेंडरी स्पेशलाइज्ड स्कूलकी स्थापना हुई थी।
  • इसके अलावा शिजियाझुआंग और तानझियांग में उनके नाम पर कई प्रतिमाएं और स्मारक स्थापित किए गए हैं। चीन में रहने के दौरान डॉ. कोटनिस ने इन दोनों शहरों में चिकित्सकीय सहायता प्रदान की थी।




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