महमूद बेगड़ा (प्रथम) 1459-1511 | Mahmud Begada
महमूद बेगड़ा (प्रथम) 1459-1511
महमूद बेगड़ा गुजरात का महानतम शासक था। इसने
गुजरात को स्थायित्व प्रदान किया और युद्धों द्वारा अपने राज्य का विस्तार किया।
महमूद बेगड़ा प्रमुख तथ्य
- 1461 में महमूद ने दक्षिण राजस्थान में जालौर के मुस्लिम शासक को पराजित किया तथा उसे अपना अधीनस्थ बना लिया। फिर उसने पश्चिमी तट पर स्थित दमन के बंदरगाह को उसने हिन्दू शासकों से छीन लिया।
- सर्वप्रथम उसने 1466 में गिरनार (जूनागढ़) के यादव राजकुमार से नजराना वसूल किया, लेकिन चार वर्ष बाद उसने गिरनार को जीतकर अपनी सल्तनत में मिला लिया।
- महमूद बेगड़ा ने गिरनार पहाड़ियों की तलहटी में मुस्तफाबाद नामक नगर की स्थापना की
- महमूद ने मिस्र और तुर्की के साथ पुर्तगालियों के विरूद्ध संधि की और मिस्र को नौसेना की मदद से 1508 ई. मेें चोल के निकट पुर्तगाली नौसेना ने बुरी तरह से पराजित किया।
- चंपानेर और गिरनार जीतने के कारण ही उसे बेगड़ा की उपाधि मिली थी
- महमूद के स्वास्थ्य, शरीर और भोजन केक संबंध में अनेक रोचक कथानक प्रसिद्ध हैं।
- पुर्तगाली यात्री डुआर्टे बार्बोसा ने उसके संबंध में लिखा है कि बचपन में उसे विष देकर पाला गया था, जिसके कारण उसका शरीर इतना विषाक्त हो गया था कि यदि कोई मक्खी उसके हाथ पर बैठती थी, तो बैठते ही मर जाती है।
- उसने चंपानेर के निकट एक विशाल बाग-ए-फिरदौस की स्थापना की।
- उसके दरबारी कवि उदयराज ने ‘महमूदरचित‘ नामक काव्य की रचना की।
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