कुतुबुद्दीन ऐबक महत्वपूर्ण तथ्य | Qutubuddin Aibak Historic Personality
कुतुबुद्दीन ऐबक 1206-1210 ( Qutubuddin Aibak GK)
कुतुबुद्दीन ऐबक मूल रूप से एक गुलाम था उसे
सर्वप्रथम निशापुर के काजी द्वारा खरीदा गया, लेकिन अपने साहस और अन्य गुणों से उसने मोहम्मद गोरी को प्रभावित
किया और बादमें मोहम्मद गोरी ने उसे खरीद लिया।
कुतुबुद्दीन ऐबक के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी
- यह ऐबक जनजाति का एक तुर्क था, तुर्की भाषा में इसका अर्थ ‘चंद्रमा का स्वामी‘ है।
- उसे दिल्ली सल्तनत के संस्थापक के रूप में मान्यता एक औपचारिकता मात्रा थी।
- उसने अपना शासन ‘मलिक‘ और ‘सिपहसलार‘ की साधारण उपाधियों से शुरू किया था, जो मोहम्मद गोरी द्वारा उसे प्रदान की गई थी।
- सत्ता ग्रहण करने के उपरांत कुतुबुद्दीन ऐबक ने पहले लाहौर तथा बाद में दिल्ली को उसने अपनी राजधानी बनाया ।
- चार वर्षों के संक्षिप्त शासनकाल में उसने कोई नई विजय प्राप्त नहीं की , क्योंकि उसका पूरा ध्यान कानून और व्यवस्था बनाए रखने तथा अपनी तुर्की सेना को शक्तिशाली बनाने में ही लगा रहा।
- कुतुबुद्दीन ऐबक अपनी उदारता के लिए प्रसिद्ध था और इसी कारण उसे लाख बख्स (लाखों का दाता) का उपनाम मिला था।
- उसने प्रसिद्ध सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर दिल्ली में कुतुबमीनार की नींव रखी, जिसे इल्तुतमिश ने पूरा किया।
- 1210 ई. में लाहौर में चैगान खेलते समय घोड़े से अचानक गिरने से उसकी मृत्यु हो गयी।
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