भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड |Animal welfare board of india
भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड
पशुओं के प्रति कू्रता निवारण अधिनियम 1960 के अंतर्गत वर्ष 1962 में भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड का गठन किया गया ।
- इस बोर्ड की स्थापना पशुओं के कल्याण से संबंधित विधियों के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने हेतु पशुओं के प्रति कू्रता निवारण अधिनियम 1960 के अंतर्गत वर्ष 1962 में की गई थी। इसका मुख्यालय चेन्नई में है। श्रीमती रूकमणी अरूण्डेल इसकी संस्थापक तथा 25 वर्षों तक इस बोर्ड की संचालन रही थीं।
भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्डके प्रमुख कार्यक्रम
- पशु कल्याण, पशुओं की देखभाल एवं उनके आवास स्थल से जुड़े कार्यक्रमों का क्रियान्वयन
- संकट में फंसे जानवरों के लिए चिकित्सा सुविधा तथा एंबुलेंस सेवा का प्रावधान करना, प्राकृतिक आपदाओं यथा बाढ़, भूकंप, चक्रवात, तूफान आदि एवं अप्रत्याशित स्थितियों के समय पशुओं को राहत प्रदान करना।
- आवारा कुत्तों के जन्म पर नियंत्रण लगाना तथा उन्हें रोक प्रतिरोधक टीके लगाना।
- निरंतर अध्ययन के तहत पशुओं के खिलाफ हिंसा रोकने वाले भारत में प्रवृत्त कानूनों से अद्यतन रहना और समय-समय पर इनमें संशोधन करने का सरकार को सुझाव देना।
- केंद्र सरकार को पशुओं की अनावश्यक पीड़ा या परेशानी रोकने के संदर्भ में नियम बनाने का परामर्श देना।
- भार ढोने वाले पशुओं के बोझ को कम करने के लिये केंद्र सरकार या स्थानीय प्राधिकरण या अन्य व्यक्ति के माध्यम से पशुओं द्वारा चालित वाहनों के डिज़ाइन में सुधार करना।
- केंद्र सरकार को पशुओं के अस्पताल में प्रदान की जाने वाली चिकित्सकीय देखभाल एवं ध्यान रखने से सम्बद्ध मामलों पर परामर्श देना और जब कभी बोर्ड ज़रूरी समझे पशु अस्पतालों को वित्तीय एवं अन्य मदद मुहैया कराना।
- वित्तीय मदद एवं अन्य तरीके से पिंजरा, शरणगाहों, पशु शेल्टर, अभयारण्य इत्यादि के निर्माण या अवस्थापना को बढ़ावा देना जहाँ पशुओं एवं पक्षियों को उस दौरान शरण मिल सके जब वे वृद्ध हो जाते हैं एवं बेकार हो जाते हैं या जब उन्हें संरक्षण की जरूरत होती है।
- किसी भी ऐसे मामले पर जो पशु कल्याण या पशुओं को अनावश्यक पीड़ा देने एवं हिंसा से संबद्ध हों, केंद्र सरकार को परामर्श देना।
Jay gau mata ke
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