हिन्दी शब्दकोश कैसे देखते हैं |हिन्दी डिक्शनरी देखने का तरीका
हिन्दी शब्दकोश कैसे देखते हैं हिन्दी डिक्शनरी देखने का तरीका
शब्दकोश प्रयोग पद्धति
हिन्दी शब्दकोश देखने के
लिए निम्न बातों का ध्यान रखना जरूरी है
1-अक्षर क्रम
कोश में आदि अक्षरों का
क्रम वही रखा गया है जो देवनागरी वर्णमाला का है, अर्थात् - अ, आ, इ,
ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, औ, क , ख, ग, घ, च, छ, ज, झ, ट, ठ, ड, ढ, त, थ, द, द, ध, न, प, फ, ब, भ, म, य, र, ल, व, श, ष, स ह।
टिप्पणी-
1. अं/अँ, अः को अलग अक्षर नहीं माना गया है, ये दोनों
ध्वनियाॅ अ के पेटे में आयेंगी।
2. ङ ण से कोई शब्द
आरंभ नहीं होते।
How to see Hindi dictionary
दूसरे शब्द निम्नलिखित
क्रम में होंगे
अं/ अँ, अः, अक, अख, अग, अघ, अच, अछ, अज, अझ, अट, अठ,अड, अढ,अत, अथ, अद, अध, अन, अप, अफ, अब, अभ, अम, अय, अर, अल, अव, अश, अष, अस, अह। इस क्रम के
उपरांत उस आदि अक्षर के साथ मात्रायें लगने का क्रम होगा। जैसे-
का, कि, की, कु, कू, के, कै, को, को।
मात्राओं के बाद संयुक्त
अक्षर अपने क्रम में होंगे जैसे
क्क, क्ख, क्च, क्थ, क्न, क्प, क्म, क्य, क्र, क्ल, क्व, क्श, क्ष, क्ष (क्ष) क्स।
टिप्प्पणी- यह कहने की
आवश्यकता नहीं है कि क्ष,
त्र, ज्ञ संयुक्त अक्षर
हैं। अतः क्ष को क के साथ रखा जाता है और त्र को त के साथ और ज्ञ को ज के साथ ।
शब्द के तीसरे, चैथे, आदि अक्षरों का
क्रम दूसरे अक्षर के समान होता है।
2 जिन शब्दों के अर्थ एक से अधिक होते हैं उनके अर्थों को 1,2,3,4, संख्या देकर लिखा
जाता है ताकि पाठक को स्पष्ट रूप में अर्थ की भिन्नता जान पड़े। जहां शब्द के अर्थ
व्याकरण, भाषा स्त्रोत
अथवा वैज्ञानिक शाखा के अनुसार भिन्न हैं वहां अर्थ से पूर्व रोमन I II III आदि लिखा जाता
है। जिससे शब्द का प्रयोग अधिक स्पष्ट हो सके।
3. शब्दकोश में जहां किसी मुख्य शब्द का समानार्थक दूसरा शब्द
होता है उसके आगे = या दे. का प्रयोग किया जाता है उदाहरण के लिए दरशन= दर्शन, दरस इसके अर्थ यह
हुए कि दरशन, दर्शन और तीनों
शब्द का अर्थ समान हैं।
4. शब्द की प्रविष्टि के उपरांत उस भाषा का संकेत दिया जाता है
जिससे वह शब्द हिंदी में ग्रहण किया जाता है, जैसे (सं0) संस्कृत, (अ.) अरबी, (फ्रा.) फारसी, या (अं.) अंग्रेजी से।
5. शब्दकोश में शब्द की व्याकरणिक कोट का संकेत भी दिया जाता
है । शब्द भेद आठ होते हैं- संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण, क्रिया, क्रियाविशेषण, संबंधबोधक, समुच्चयबोधक और विस्मयादिबोधक। हिंदी में संज्ञा या तो
पुल्लिंग होती है या स्त्रीलिंग। हिंदी शब्दकोश में पु. और स्त्री. से समझना चाहिए
कि वे संज्ञा भेद हैं
6. शब्द की प्रविष्ट के अंतर्गत जहां भी उस शब्द का प्रयोग फिर
से किया जाता है उसका संकेत ~ में किया जाता है। उदाहरण के लिए - शब्द है- पुत्र, इस शब्द के अर्थ
के अंतर्गत ‘‘पुत्रवधू‘‘ को इस प्रकार
लिखा जाता हैः- ‘ ~वधू‘
हिन्दी शब्दकोश में शब्दों का क्रम
अ, आ, इ, ई, उ, ऊ, ऋ, ए, ऐ, ओ, और, क, क्ष, ख, ग, घ, च, छ, ज, ज्ञ, झ, ट, ठ, ड, ढ, त, थ, द, ध, न प, फ, ब, भ, म,य, र, ल, व, श, श्र,ष, स, ह
.
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