जैव विविधता के क्षरण के कारण, जैव विविधता का महत्व

 जैव विविधता के क्षरण के कारण

जैव विविधता क्या है

जैव विविधता से आशय जीवो के मध्य पाई जाने वाली विविधता है जो विभिन्न प्रजातियों के मध्य, प्रजातियों के भीतर एवं पारितंत्र की विविधता को शामिल करते हैं। सर्वप्रथम वाल्टर जी. रासन के द्वारा जैव विविधता शब्द का सबसे पहले प्रयोग किया गया। प्रायः जैव विविधता को तीन भागों में बांटा जाता है-

  1. अनुवांशिक जैव-विविधता: एक ही प्रजाति में पायी जाने वाली एक ही जाति के मध्य विभिन्नता। उदाहरण के लिए एशियाई हाथी और अफ्रीकन हाथी
  2. प्रजातीय जैव-विविधता: प्रजातियों के मध्य पायी जाने वाली विविधता को प्रजातीय जैव-विविधता कहा जाता है। जैसे चारों ओर वृक्षों, पौधों, झाड़ियों और विविध प्रकार के जीव जंतुओं का पाया जाना।
  3.  पारिस्थितिकी जैव-विविधता: विभिन्न पारिस्थितिकी तंत्र में विभिन्न प्रकार के जीवों की उपलब्धता ही पारिस्थितिकी जैव-विविधता कहलाती है। उदाहरण राजस्थान में ऊँट की अधिकता। 

जैव विविधता के क्षरण के कारण

मनुष्य के द्वारा विभिन्न प्रकार की गतिविधियों के द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र में हस्तक्षेप करने से जैव विविधता में लगातार क्षरण हो रहा है जिसे निम्न तरीके से समझा जा सकता है


आवास का नष्ट होना: बढ़ती जनसंख्या के अनुरूप मनुष्य की आवश्यकता के लिए स्थलीय एवं जलीय क्षेत्रों के लगातार अतिक्रमण से इन पर आश्रित जीव जंतु के आवास लगातार नष्ट होते जा रहे हैं।


आवास का विखंडन: लगातार जंगलों और अन्य क्षेत्रों के अतिक्रमण से वन्यजीवों के आवास का विखंडन. 


कीटनाशक और रसायनों का अत्यधिक प्रयोग: कृषि एवं अन्य क्षेत्रों में प्रयुक्त रसायनों,प्लास्टिक इत्यादि के कारण जलीय एवं स्थलीय जीव जंतु समेत जैव विविधता पर व्यापक प्रभाव.


प्रदूषण: अत्यधिक प्रदूषण (जल,वायु और मृदा) के कारण कई सारी प्रजातियां के अस्तित्व पर संकट आ गया है।


पारिस्थितिकी सेवाओं का अत्यधिक दोहन: अत्यधिक चराई, व्यापक मात्रा में शिकार, मत्स्यन वनोन्मूलन इत्यादि से जैव विविधता के अस्तित्व पर संकट


विदेशी प्रजातियों एवं परभक्षी प्रजातियों का प्रवेश: इनके कारण से स्थानीय जैव विविधता को काफी नुकसान होता है. 


अंधाधुंध वनोन्मूलन: जंगल जैव विविधता को बनाए रखने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं लेकिन इनके अंधाधुंध कटाई से संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र प्रभावित हो रही है. 


प्राकृतिक आपदाएं: कभी-कभी प्राकृतिक आपदाएं जैव विविधता को व्यापक रूप से क्षति पहुंचाते हैं। उदाहरण के लिए अमेज़न और ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी आग.



जैव विविधता का महत्व:

जैव विविधता ना केवल पृथ्वी के अस्तित्व के लिए आवश्यक है बल्कि यह मानव के लिए कई सारी गुणवत्तापूर्ण सेवाएं भी उपलब्ध करवाता है। संक्षेप में इसके महत्व को हम निम्न तरीके से समझ सकते हैं-

  • जैव विविधता से हमें विभिन्न प्रकार के उत्पाद प्राप्त होते हैं उदाहरण के लिए भोजन, औषधि, लकड़ी, ईंधन, चारा इत्यादि
  • जैव विविधता कृषि उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ उन्हें रूप प्रतिरक्षी भी बनाता है
  • जैव विविधता के विभिन्न घटक पृथ्वी पर पर्यावरण प्रदूषण को नियंत्रित करते हैं इसके साथ ही वह संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान देती है।उदाहरण के लिए वायु प्रदूषण, मृदा संरक्षण, जल संरक्षण
  • जैव विविधता कार्बन डाइऑक्साइड समेत हरित गैसों के दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है
  • जैव विविधता पृथ्वी पर एक संतुलन बनाए रखती है उदाहरण के लिए खाद्य श्रृंखला और खाद्य जाल के द्वारा पारिस्थितिकी विविधता के साथ-साथ पारिस्थितिकी संतुलन को बनाए रखती है
  • आपदा के समय जय विविधता एक अवरोधक का काम करती है उदाहरण के लिए मैंग्रोव वन
  • जैव विविधता सांस्कृतिक और नैसर्गिक लाभ प्रदान करती है

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