भारत शिक्षा का विकास सामान्य ज्ञान | Bharat Me Shiksha Ka Vikas One Liner GK
भारत में शिक्षा सामान्य ज्ञान
- 1813 के चार्टर एक्ट के तहत एक लाख रुपए भारत में शिक्षा के प्रचार हेतु सुनिश्चित किये गए।
- वुड डिस्पैच में व्यावसायिक शिक्षा के महत्त्व और तकनीकी विद्यालयों की आवश्यकता पर बल दिया गया था। इसके अतिरिक्त शिक्षा के माध्यम के विषय में यह निश्चित किया गया कि उच्च शिक्षा के लिये सबसे उत्तम माध्यम अंग्रेज़ी है ,परन्तु इसमें देशी भाषाओं को भी प्रोत्साहित करने की बात कही गई।
- 1835 ई. में कलकत्ता में चिकित्सा महाविद्यालय (medical college) की स्थापना से चिकित्सा शिक्षा का शुभारंभ हुआ।
- 1917 में कलकत्ता विश्वविद्यालय की समस्याओं के अध्ययन के लिये माइकल सैडलर की अध्यक्षता मंप एक कमीशन नियुक्त किया गया। इस कमीशन में दो भारतीय सदस्य सर आशुतोष मुखर्जी तथा डॉ. जियाउद्दीन अहमद थे।
- राधाकृष्णन आयोग का गठन 1948 में विश्वविद्यालय शिक्षा के संबंध में रिपार्ट देने हेतु किया गया। इसी आयोग की सिफारिशों के आधार पर 1953 में विश्वविद्यालयी अनुदान आयोग का गठन किया गया तथा 1950 में संसद द्वारा कानून बनाकर इसे स्वायत्तशासी निकाय का दर्जा दे दिया गया।
- 1781 में वारेन हेस्टिंग्स ने कलकत्ता मदरसा की स्थापना की।
- वर्ष 1800 में लार्ड वैलेजली ने कंपनी के असैनिक अधिकारियों की शिक्षा के लिये फोर्ट विलियम कालेज की स्थापना की
- 1813 के चार्टर एक्ट में, भारत में स्थानीय विद्वानों को प्रोत्साहित करने तथा देश में आधुनिक विज्ञान के ज्ञान को प्रारंभ एवं उन्नत करने जैसे उद्देश्यों को रखा गया था।
- 1882 में सरकार ने डब्ल्यू.डब्ल्यू. हंटर की अध्यक्षता में एक आयोग का गठन किया, जिसे 1854 के पश्चात देश में शिक्षा की दिशा में किये गये प्रयासों एवं उसकी प्रगति की समीक्षा करना था।
- 1906 में प्रगतिशील रियासत बड़ौदा ने अपनी पूरी रियासत में अनिवार्य प्राथमिक शिक्षा प्रारंभ कर दी।
- 1904 में भारतीय विश्वविद्यालय अधिनियम पारित किया गया।
- 1917 में सरकार ने लीड्स विश्वविद्यालय के उप-कुलपति डा. एम.ई.सैडलर की अध्यक्षता में एक आयोग गठित किया, जिसका कार्य कलकत्ता विश्वविद्यालय की समस्याओं का अध्ययन कर इसकी रिपोर्ट सरकार को देना था।
- शिक्षण संस्थाओं की संख्या में अंधाधुंध वृद्धि के कारण शिक्षा के स्तर में गिरावट आने लगी। शिक्षा में हुये विकास के संदर्भ में रिपोर्ट देने के लिये वर्ष 1929 में सर फिलिफ हर्टोग की अध्यक्षता में एक समिति की नियुक्ति की गयी।
- अक्टूबर 1937 में, कांग्रेस ने शिक्षा पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन वर्धा में आयोजित किया। इस सम्मेलन में पारित किये प्रस्तावों के अंतर्गत, आधार शिक्षा (Basic education) पर राष्ट्रीय नीति बनाने के लिये जाकिर हुसैन की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गयी।
- 1944 केन्द्रीय शिक्षा मंत्रणा मंडल (Central Advisory Board of education) ने शिक्षा की एक राष्ट्रीय योजना तैयार की जिसे, सार्जेन्ट योजना के नाम से जाना जाता है।
- 1948 में राधाकृष्णन आयोग का गठन देश में विश्वविद्यालय शिक्षा के संबंध में रिपोर्ट देने हेतु किया गया था। स्वतंत्र भारत में विश्वविद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में इस आयोग की रिपोर्ट का अत्यंत महत्व है
- 1964 में डाक्टर दी.एस. कोठारी की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय आयोग का गठन किया गया। इसका कार्य शिक्षा के सभी पक्षों तथा चरणों के विषय में साधारण सिद्धांत, नीतियों एवं राष्ट्रीय नमूने की रुपरेखा तैयार कर उनसे सरकार को अवगत कराना था।
- 1887 में रुड़की में अभियांत्रिकी महाविद्यालय की (Engineering College) की स्थापना की गयी तथा 1856 में कलकत्ता अभियांत्रिकी महाविद्यालय अस्तित्व में आया।
आधार शिक्षा (Basic education) पर राष्ट्रीय नीति
अक्तूबर 1937 ई. में, कांग्रेस ने शिक्षा पर वर्धा में एक
राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित किया। इस सम्मेलन में पारित किये प्रस्तावों के अंतर्गत, आधार शिक्षा (Basic education) पर राष्ट्रीय नीति बनाने के लिये ज़ाकिर
हुसैन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया। इस योजना में निम्न प्रावधान
थे-
- 1. पाठ्यक्रम में आधार-दस्तकारी को सम्मिलित किया जाए।
- 2. प्रथम 7 वर्ष निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा दी जाए।
- 3. शिक्षा हस्त उत्पादित कार्यों (manual Productive works) पर आधारित होना चाहिये।
इस योजना की मूल भावना थी कि इससे देश
धीरे-धीरे आत्मनिर्भरता एवं स्वतंत्रता की ओर बढ़ेगा तथा इससे हिंसा रहित समाज का
निर्माण होगा।
शिक्षा से सम्बन्धित आयोग
वुड डिस्पैच - 1854
हंटर कमीशन - 1882-83
सैडलर आयोग - 1917-19
हार्टोग समिति - 1929
सार्जेन्ट योजना - 1944
राधाकृष्णन आयोग -
1948-49
कोठारी आयोग - 1964
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