विनिवेश का अर्थ | विनिवेश के प्रकार Disinvestment in Hindi
विनिवेश क्या होता है What is Disinvestment
विनिवेश का अर्थ Disinvestment
आर्थिक सुुधारों का एक अंग विनिवेश भी है, जिसके अंतर्गत सार्वजनिक क्षेत्र
उपक्रमों के शेयरों को सरकार निजी क्षेत्र को बेचने का प्रावधान है। यह नई
औद्योगिक नीति, 1991
के उद्योगों के अनाक्षरण से संबद्ध है।साथ ही इसका संबंध अर्थव्यवस्था में सरकार
की भूमिका क्या है? इससे भी है।
सरकार द्वारा विनिवेश पर सलाह देने के लिए सी.
रंगराजन की अध्यक्षता 1991 में एक आयोग गठित किया गया, जिसके आलोक में वर्ष 1991 में ही
विनिवेश की प्रक्रिया प्रारंभ की गई। बाद में 1996 में सरकार द्वारा एक विनिवेश
आयोग, विभाग
और पुनः एक मंत्रालय का वर्ष 2000 में गठन किया गया। विनिवेश मंत्रालय को नयी
सरकार द्वारा 2003 के मध्य में बदं कर दिया गया।
विनिवेश के प्रकार
वित्त वर्ष 199-1992 में भार सरकार द्वारा शुरू
की गई विनिवेश प्रक्रिया के दो प्रकार रहे।
1-प्रतीकात्मक विनिवेश Token Disinvestment
ऐसा विनिवेश जिसमें सरकारी कंपनियों का शेयर
महत्तम 40 प्रतिशत तक बेचने का प्रावधान रखा गया। वास्तव में इस दौर में बेचे गए
शेयरों की मात्रा 5-10 प्रतिशत रही। इस शेयर बिक्रीसे सरकार के पास धन तो आया
लेकिन सरकारी उपक्रमों में कोई नए तत्व का समावेश नहीं हो पाया।
2-रणनीतिक विनिवेश Strategic Disinvestment
इस प्रकार के विनिवेश की घोषणा सरकार द्वारा
मार्च 1999 में की गई। यह विनिवेश की व्यापक योजना थी, जिसके अंतर्गत रणनीतिक क्षेत्र को
छोड़कर शेष सभी सरकारी कंपनियों में सरकार ने अपनी शेयरधारिता को कम करके 26
प्रतिशत करने की घोषणा की। अर्थात् परमाणु ऊर्जा, परमाणविक खनिजों से संबंद्ध कार्य, अस्त्र-शस्त्र और रेलवे को छोड़कर सभी
सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों को निजीकृत करेन का उद्देश्य था। इस दौर में जिन
कंपनियों का विनिवेश हुआ वे थीं- माॅर्डन फूड इंण्डस्ट्री लिमिटेड, बाल्को, वी.एस.एन.एल, इत्यादि ।
1999 में हुए विनिवेश के महत्वपूर्ण तथ्य
- सरकारी कंपनियों के कम-से-कम 51 प्रतिशत Shares की ब्रिकी।
- एक रणनीतिक साझेदार को शेयरों की थोक ब्रिकी, जिसके पास संबंधित क्षेत्र का अनुभव हो। से अधिक सार्वजनिक उपक्रमों का विनिवेश किया गया । यह तेजी से अलोकप्रिय हो रहा था। केन्द्र में सत्ता परिवर्तन के साथ इस प्रकार के विनिवेश पर रोक लगायी गयी।
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